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  • भाई-भतीजे के चक्कर में राजनीतिक हाशिये पर पहुंचे शिवपाल यादव! 

    भाई-भतीजे के चक्कर में राजनीतिक हाशिये पर पहुंचे शिवपाल यादव! 

    चरण सिंह राजपूत 

    शिवपाल सिंह यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बनाकर फिर से अच्छा खासा वजूद हासिल कर लिया था। उनकी पार्टी को उत्तर प्रदेश की राजनीति में अहमियत भी मिलने लगी थी।  उनके प्रवक्ताओं को टीवी चैनल डीबेट में भी बुलाने लगे थे। उत्तर प्रदेश के चुनाव में शिवपाल यादव को एक कद्दावर नेता के रूप में देखा जा रहा था। शिवपाल यादव को क्या सूझा कि निकल पड़े भतीजे को फिर से मुख्यमंत्री बनवाने के लिए। भतीजे ने क्या किया सीटें मांगी थे 65 और दी मात्र एक। वह भी शिवपाल यादव की परंपरागत जसवंतनगर । अब शिवपाल यादव जसवंतनगर सीट से अखिलेश यादव के साथ प्रतियोगिता बता रहे हैं। उनका दर्द है कि जिस पार्टी में अधिकतर सीटें उनकी सहमति पर दी जाती थी उस पार्टी में उन्हें एक ही सीट मिली है। शिवपाल यादव चाहते हैं कि जसवंत नगर से उनकी इतनी बड़ी जीत हो कि करहल से अखिलेश यादव की जीत फीकी पद जाये। वह चाहते हैं कि लोग अभी भी उन्हें अखिलेश यादव से बड़ा नेता मानें।

    दरअसल शिवपाल यादव का कार्यकर्ताओं से बातचीत का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह सिर्फ एक सीट मिलने को लेकर अपना दर्द बयां कर रहे हैं। जसवंतनगर में एक होटल में कार्यकर्ताओं की बैठक में उन्होंने मन की बात बताई और यहां तक कहा कि पार्टी कुर्बना करके उन्हें क्या मिला? उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप तो देख ही रहे हैं कि मैंने पार्टी का बलिदान कर दिया। नहीं तो प्रसपा अपने दम पर पूरे प्रदेश में चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुकी थी। 100 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा भी हो गई थी। मगर, भाजपा को हराने के लिए गठबंधन स्वीकार किया।
    शिवपाल यादव ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि अखिलेश से शुरू में 65 सीटें मांगीं, तो कहा गया कि ये ज्यादा हैं। फिर उन्होंने 45 सीटें मांगी, मगर तब भी कहा गया कि ज्यादा है। उन्होंने कहा है कि आखिर में 35 सीटों का प्रस्ताव दिया। मगर उन्हें एक ही सीट मिली है। शिवपाल यादव एक सीट पर इतनी बड़ी जीत हासिल करना चाहते हैं कि उनका कद राजनीति फिर से बढ़ जाये। शिवपाल यादव कम से कम 50 सीट चाहते  थे और अपने चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ना चाहते थे।  प्रसपा ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर तो लिया, लेकिन अंदरखाने बताया जा रहा है कि वे इससे संतुष्ट नहीं हैं। वे अपने बेटे को भी चुनाव लड़ाना चाहते थे लेकिन उसे भी टिकट नहीं मिला।”

    दरअसल शिवपाल यादव अपने बड़े भाई और सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का सम्मान करते करते पहुंचे हैं। इसमें दो राय नहीं कि शिवपाल यादव ने हमेशा एक छोटे भाई का कर्त्तव्य निभाया है पर मुलायम सिंह यादव ने क्या किया ?
     जिस राजनीति में इमोशनल की कहीं जगह न हो। सम्मान स्वार्थ और दबाव में किया जाता हो उस राजनीति में एक ऐसे नेता ने भाई की आज्ञा को कभी नहीं ठुकराया जिस पर समय-समय पर विभिन्न आरोप लगते रहे हैं। इस नेता के लिए भाई का आदेश और सम्मान सर्वोपरि रहा है। यहां तक खुद का राजनीतिक करियर चौपट हो गया बेटे का करियर भी दांव पर लग गया पर भाई का सम्मान नहीं गिरने दिया। यहां तक कि भतीजे के तमाम अपमानित करने के बावजूद फिर से उसे मुख्यमंत्री बनवाने के लिए निकल पड़े। अपना सम्मान, वजूद और यहां तक पार्टी तक लगा दिया।
    बात हो रही है समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के अनुज और अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव की। कभी पार्टी में दूसरे नंबर की हैसियत रखने वाले शिवपाल सिंह यादव का कद उस समय घटा जब मुलायम सिंह यादव ने पुत्र मोह के चलते 2012 पार्टी के प्रचंड बहुमत आने के बाद अपने बेटे अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बना दिया।
    मुख्यमंत्री बनने के बाद मुलायम सिंह यादव की राजनीतिक विरासत को लेकर विवाद होना स्वभाविक था जो हुआ। मुलायम सिंह यादव ने दिखावे में न केवल राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव का निष्कासन किया बल्कि अखिलेश यादव का भी। वह बात दूसरी है कि कुछ ही समय बाद यह निष्कासन वापस ले लिया गया। शिवपाल यादव के साथ मिलकर मुलायम सिंह यादव अलग पार्टी भी बनवाने निकल गये पर उनकी सहानुभूति शिवपाल यादव से ज्यादा अपने बेटे अखिलेश यादव के साथ रही। जो राजनीतिक गलियारे में गूंजा भी। अब जब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा-रालोद गठबंधन और भाजपा के बीच की टक्कर मानी जा रही है तो शिवपाल यादव फिर से अखिलेश यादव से मिले हैं। उनका कहना है कि अखिलेश यादव को फिर से मुख्यमंत्री बनवाना है। वह बात दूसरी है कि उनकी बात को कोई तवज्जो न मिलने का दर्द उन्हें है।
  • BJP लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022 में जाने युवाओं के लिए क्या होगा खास

    BJP लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022 में जाने युवाओं के लिए क्या होगा खास

    द न्यूज़ 15
    नई दिल्ली। मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह ने बीजेपी का ‘लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022’ जारी किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, अनुराग ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ दिनेश शर्मा, संकल्प पत्र समिति के अध्यक्ष सुरेश खन्ना सहित अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। इस घोषणा पत्र में बीजेपी ने किसान, रोजगार, कानून-व्यवस्था, व्यवसाय,महिला सशक्तिकरण और युवाओं पर खास जोर दिया है।
    भाजपा घोषणा पत्र
    अगले 5 वर्षों में हर परिवार में कम से कम एक रोजगार अथवा स्वरोजगार का अवसर प्रदान करेंगे। प्रदेश सरकार की सभी विभागीय रिक्तियों को शीघ्रता से भरने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
    ‘लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022’ में रोजगार के लिए क्या है खास-
    हर घर में एक युवा को सरकारी या स्वरोज़गार का अवसर दिया जाएगा।
    2 करोड़ टैबलेट और स्मार्टफोन बांटेंगे।
    प्रति व्यक्ति आय दोगुनी करेंगे।
    खेलों के लिए एकेडमी बनाई जाएगी।
    सरकारी विभागों के खाली पद भरे जाएंगे।
    प्लेयर्स को मुफ्त स्पोटर्स किट देंगे।
    यूपीएससी, यूपीपीएससी, एनडीए, सीडीएस, जेईई, एनआईआईटी, टीईटी, क्लैट एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग व्यवस्था।
    प्रत्येक ग्राम पंचायत में जिम एवं खेल मैदान स्थापित करेंगे।
    हर ब्लॉक में क्रिकेट प्रशिक्षण की व्यवस्था।
    साल 2017 में बीजेपी ने किया था हर युवा को रोजगार का वादा
    5 साल में 70 लाख रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा करने, 90% नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को आरक्षण देने, प्रदेश के सभी सरकारी रिक्त पदों पर सरकार बनने के 90 दिन के भीतर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने, सभी युवाओं को कॉलेज में दाखिला लेने पर मुफ्त लैपटॉप और हर महीने एक जीबी डेटा मुफ्त देने का भी वादा संकल्प पत्र में था।

  • शिवपाल यादव ने क्यों कहा कि अखिलेश से है प्रतियोगिता ?

    शिवपाल यादव ने क्यों कहा कि अखिलेश से है प्रतियोगिता ?

    द न्यूज़ 15
    जसवंतनगर। प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने अपने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि जसवंतनगर सीट से उन्हें रिकॉर्ड वोट से जितावाएं क्यूंकि उनका कहना है की उनका कंपटीशन अखिलेश यादव से है| सपा के साथ गठबंधन के बाद महज एक सीट मिलने पर अपना दर्द जाहिर कर चुके शिवपाल यादव ने यह भी कहा कि इस बात की प्रतिस्पर्धा है कि करहल से ज्यादा बड़ी जीत मिलती है या जसवंतनगर से।
    शिवपाल यादव ने कहा, ”यूपी की जनता ने गठबंधन की सरकार बनाने व अखिलेश के नेतृत्व में गठबंधन को जितवाने का फैसला किया है। अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाना है।” जसवंतनगर से रिकॉर्ड जीत की अपील को लेकर उन्होंने कहा, ”जसवंत नगर से तो मिलती रही है। करहल से भी बड़ी जीत होनी है, कंपटीशन है जसवंत नगर और करहल में कौन आगे जाएगा।”
    वहीं, शिवपाल यादव का कार्यकर्ताओं से बातचीत का वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें वह सिर्फ एक सीट मिलने को लेकर अपना दर्द बयां कर रहे हैं। जसवंतनगर में एक होटल में कार्यकर्ताओं की बैठक में उन्होंने मन की बात बताई और यहां तक कहा कि पार्टी कुर्बना करके उन्हें क्या मिला? उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप तो देख ही रहे हैं कि मैंने पार्टी का बलिदान कर दिया। नहीं तो प्रसपा अपने दम पर पूरे प्रदेश में चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुकी थी। 100 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा भी हो गई थी। मगर, भाजपा को हराने के लिए गठबंधन स्वीकार किया।
    शिवपाल यादव ने कहा, ”अखिलेश से शुरू में 65 सीटें मांगीं, तो कहा गया कि ज्यादा हैं। फिर हमने 45 सीटें मांगी, मगर तब भी कहा गया कि ज्यादा है। उन्होंने कहा कि आखिर में 35 सीटों का प्रस्ताव दिया। मगर, आपको तो पता ही है मिली कितनी सिर्फ एक। अब सारी सीटों की कसर इसी सीट पर जीत का रिकॉर्ड बनाकर पूरी करनी है। अपनी बात रखते हुए शिवपाल ने यह भी कहा कि कम से कम 50 सीट तो मिलनी ही चाहिए थी। दरअसल, प्रसपा ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर तो लिया, लेकिन अंदरखाने बताया जा रहा है कि वे इससे संतुष्ट नहीं हैं। वे अपने बेटे को भी चुनाव लड़ाना चाहते थे लेकिन उसे भी टिकट नहीं मिला।”

  • नोएडा वासियों की पहली पसंद बनते जा रहे हैं सपा प्रत्याशी सुनील चौधरी : गंगेश्वर दत्त शर्मा  

    नोएडा वासियों की पहली पसंद बनते जा रहे हैं सपा प्रत्याशी सुनील चौधरी : गंगेश्वर दत्त शर्मा  

    सुनील चौधरी ने  किया झुंडपुरा, हरौला, नयाबांस, छालेरा आदि दर्जनों गांवों में सघन प्रचार, लोगों से की वोट देने कीअपील 

    द न्यूज 15 
    नोएडा। समाजवादी पार्टी से नोएडा विधानसभा प्रत्याशी सुनील चौधरी ने आज झुंडपुरा हरौला, नयाबांस, छालेरा आदि दर्जनों गांवों में सघन प्रचार अभियान किया और लोगों से वोट देने की अपील किया। स्थानीय लोगों ने सपा प्रत्याशी का जगह- जगह जोरदार स्वागत कर जीत का आशीर्वाद दिया।
     वही सीपीआईएम, जनवादी महिला समिति, सीटू  के कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह जनसंपर्क कर सुनील चौधरी के लिए वोट मांगे। जनसंपर्क अभियान के दौरान सीटू जिलाध्यक्ष व सीपीआईएम जिला प्रभारी गंगेश्वर दत्त शर्मा ने कहा कि सपा प्रत्याशी जिस तरह मजदूरों किसानों पथ विक्रेताओं व आम जनता के ज्वलंत मुद्दों को उठा रहे हैं और उनका समाधान कराने का आश्वासन दे रहे हैं उसके चलते नोएडा वासियों को विधायक के रुप में पहली पसंद बनते जा रहे हैं और इस बार आम जनता ने उन्हें विधायक बनाने का मन बना लिया है।
     वही प्रेस क्लब सेक्टर- 29, नोएडा में प्रेस कॉन्फ्रेंस में सपा प्रत्याशी सुनील चौधरी ने भाजपा नेता श्री राजनाथ सिंह व पंकज सिंह पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि भाजपा के लोग सत्ता का दुरुपयोग कर चुनाव में लोकतांत्रिक मूल्यों का गला घोट रहे हैं और हमारा और हमारे कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न किया जा रहा है पुलिस और भाजपा के गुंडे उन्हें धमका रहे हैं उन्होंने आशंका जाहिर किया कि नोएडा में निष्पक्ष चुनाव नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि यदि उत्पीड़न नहीं रुका तो वह परिवार सहित आत्महत्या कर लेंगे जिसके लिए राजनाथ सिंह व पंकज सिंह पूर्ण रूप से  जिम्मेदार होंगे।
  • भाजपा को हराने का काम करेगा संयुक्त किसान मोर्चा : डॉ. सुनीलम

    भाजपा को हराने का काम करेगा संयुक्त किसान मोर्चा : डॉ. सुनीलम

    किसान नेता का दावा-फिर से शुरू होगा किसान आंदोलन
    मोदी सरकार से विश्वासघात का बदला लेंगे किसान

    द न्यूज 15 
    नई दिल्ली। संंयुक्त किसान मोर्चा के नेता और किसान संघर्ष संघर्ष समिति मध्य प्रदेश के अध्यक्ष डॉ. सुनीलम ने उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में भाजपा का विरोध जताते हुए कहा कि किसान आंदोलन फिर से शुरू होगा। किसान मोदी सरकार और भाजपा को उनके साथ किये गये विश्वासघात का सबक सिखाकर ही रहेंगे। उनका कहना था भाजपा को सबक सिखाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों को हराने का काम करेगा। मोदी सरकार लगातार किसानों के साथ मक्कारी कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे ने अपनी गाड़ी से कुलचकर तीन किसानों की हत्या कर दी। यह हत्या उनके बेटे ने उनके उकसावे के दिये गये बयान के बाद ही की है। यह मोदी सरकार की मनमानी ही है कि न तो टेनी को मंत्रिपद से हटाया गया और न ही उनके खिलाफ कोई जांच बैठाई गई।
    दरअसल टेनी ने किसानों को सुधर जाओ नहीं तो सुधार दिया जाओगे बयान दिया था। उसके बाद ही उनके बेटे ने यह कृत्य किया। डॉ. सुनीलम ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर अब भी नये कृषि कानूनों को किसानों के हित के बता रहे हैं। फिर से लागू करने की बात कर रहे हैं। इसका मतलब यह है कि चुनाव के बाद भाजपा फिर से किसान कानून देश पर थोप सकती है। संसद में कृषि मंत्री चुनाव के बाद एमएसपी पर काम करने की बात कर रहे हैं पर इन लोगों की नीयत ठीक नहीं है। पूंजीपीतियों की गोद में बैठकर सरकार चलाने वाले भाजपाई किसान और मजदूर का कोई भला नहीं करने वाले हैं। किसानों के साथ ही छोटे व्यापारियों को बर्बाद करने वाली भाजपा पर कोई विश्वास नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा हिन्दू-मुस्लिम कार्ड खेल रही है। अब उत्तर प्रदेश के लोग इनके बहकावे में नहीं आने वाले हैं।
    डॉ. सुनीलम ने बजट को भी किसानों के साथ विश्वासघात बताया था और इसका बदला लेने की बात कही थी। डॉ. सुनीलम ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि केंद्र सरकार ने आंदोलनकारी किसानों को परेशान करने के लिए ये बजट बनाया है। किसान विधानसभा चुनावों में सरकार से बदला लेंगे। किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष और पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम बजट से असंतुष्ट नजर आए थे और बजट को किसानों को परेशान करने वाला बताया था। उन्होंने कहा कि बजट को देखते हुए ऐसा लगता है कि मोदी सरकार ने आंदोलन करने वाले किसानों को सबक सिखाने के लिए बजट तैयार कराया है। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री कहते रहे हैं एमएसपी थी ,है और रहेगी लेकिन किसानों को एमएसपी दिलवाने के लिए बनाई गई स्कीम आशा का आवंटन घटाकर पिछले साल 400 करोड़ रुपये किया गया था जो इस बार नाम मात्र के लिए सिर्फ 1 करोड़ रूपये कर दिया गया है।
    किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुनीलम ने कहा था कि बजट में पिछले वर्ष की तुलना में गेहूं और चावल की खरीद के लिए 2.37 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया है जो कि पिछले वर्ष 2.48 लाख करोड़ था एमएसपी के संबंध में भी गलत जानकारी दी गई है। इस साल 2.37 लाख करोड़ रुपये की एमएसपी पर खरीद पिछले साल 2.84 लाख करोड़ रुपये की खरीद से भी कम है। पिछले साल 1286 लाख टन खरीदी हुई थी जबकि इस साल 1208 लाख टन। पिछले साल 1.97 करोड़ किसानों को फायदा हुआ था इस साल सिर्फ 1.63 करोड़  किसानों को फायदा होगा। जबकि महंगाई 40% बढ़ी है। इसके अनुपात में आवंटन बढ़ाया जाना चाहिए था। सरकार ने केवल 4 प्रतिशत वृद्धि की थी। सरकार ने पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 7% कम गेहूं और चावल की खरीद की है और 17% कम किसानों से खरीद की गई है।
    डॉ. सुनीलम ने कहा था कि सरकार द्वारा खाद्य सब्सिडी 25% कम कर दी गई है। प्रधानमंत्री किसान योजना के आवंटन में 9% की कमी की गई है। प्रधानमंत्री किसान योजना जब शुरू की गई थी तब कहा गया था कि उसे 12 करोड़ परिवारों से 15 करोड़ परिवारों तक बढ़ाया जाएगा, लेकिन इस दावे के अनुपात में आवंटन नहीं किया गया है। महंगाई बढ़ने के कारण किसान सम्मान निधि का पैसा 15% घट गया है, उसे बढ़ाने के बारे में बजट कुछ नहीं कहा गया है। मनरेगा में पिछले साल 97,034 करोड़ रुपये खर्च हुए थे लेकिन इस साल मात्र 72,034 करोड़ रुपये का बजट है। मनरेगा में राज्यों के पास फंड खत्म हो गया है उसे पूरा करने के बारे में कुछ नहीं बोला। किसान संघर्ष समिति मानती है कि किसान ड्रोन योजना का वही हाल होगा जो कि किसान रेलवे और फसल बीमा का हुआ है। किसान संघर्ष समिति ने कहा कि देश के किसानों के लिए सम्पूर्ण कर्जा मुक्ति सबसे बड़ा सवाल है परंतु सरकार किसानों को अधिक कर्जदार बनाने की नीति पर काम कर रही है।
    डॉ सुनीलम ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भी कहा था कि आगामी विधानसभा चुनावों में उत्तरप्रदेश और 4 राज्यों के किसान भारतीय जनता पार्टी से बजट के माध्यम से किये गए अपमान का बदला लिया जायेगा।

  • लखनऊ में अखिलेश यादव की वर्चुअल रैली को संबोधित करने जाएंगी ममता बनर्जी

    लखनऊ में अखिलेश यादव की वर्चुअल रैली को संबोधित करने जाएंगी ममता बनर्जी

    द न्यूज़ 15
    लखनऊ। आज लखनऊ में अखिलेश यादव के साथ बीजेपी के खिलाफ वर्चुअल रैली करने पहुचेंगी पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी। पिछले साल जब पश्चिम बंगाल में चुनाव था तो अखिलेश यादव ने भी सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा और सपा राज्य सभा सदस्य जया बच्चन को ममता बनर्जी के लिए प्रचार करने के लिए भेजा था। जनवरी में उन्होंने ममता बनर्जी को उत्तर प्रदेश आने का न्योता दिया था।
    अब तक के ओपिनियन पोल के मुताबिक यूपी में मुख्य रूप से सपा और भाजपा आमने सामने हैं।
    ममता बनर्जी पहली बार सपा का प्रचार करने नहीं जा रही हैं बल्कि साल 2017 में भी वह लखनऊ में प्रचार करने पहुंची थीं। समजावादी पार्टी भी कई साल से टीएमसी के लिए प्रचार करती रही है। सपा नेता ने कोलकाता में मीडिया को बताया, ‘अखिलेश यादव चाहते हैं कि ममता बनर्जी उनके लिए प्रचार करें क्योंकि उनकी छवि पूरे देश में भाजपा विरोधी है। चुनाव आयोग ने फिजिकल कैंपेनिंग पर रोक लगा दी। ऐसे में वर्चुअल मीटिंग ही एक चारा बचा है।’
    टीएमसी के एक वरिष्ठ नेताा ने बताया कि 8 फऱवरी को ममता बनर्जी लखनऊ में रह सकती हैं औऱ वह अखिलेश यादव के लिए वर्चुअल रैली भी कर सकती हैं। वह वाराणसी भी जा सकती हैं। अखिलेश य़ादव से उनकी मुलाकात होगी उसके बाद रैली का समय पता चल पाएगा। इसके बाद मंगलवार को वे दोनों संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। बनर्जी इस चुनाव में सपा का सहयोग करना चाहती हैं।

     

  • UP से जीत हासिल कर, क्या योगी तोड़ पाएंगे 18 साल पुराना रिकॉर्ड

    UP से जीत हासिल कर, क्या योगी तोड़ पाएंगे 18 साल पुराना रिकॉर्ड

    द न्यूज़ 15
    नई दिल्ली। यूपी के मौजूदा CM योगी आदित्यनाथ अगर इस बार फिर यूपी की सत्ता हासिल करने में कामयाब रहते हैं तो 15 साल पुराने रिकॉर्ड को ध्वस्त कर देंगे। वे 15 साल में सूबे के पहले सीएम होंगे अगर वे गोरखपुर से चुनाव जीतने में कामयाब हो जाते हैं।
    उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहले चरण के मतदान के लिए तमाम दल अंतिम चुनाव प्रचार में डटे हैं। मुकाबला भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच है। हालांकि ये देखने वाली बात होगी कि जनता का आशीर्वाद किसे मिलता है और कौन सत्ता पर काबिज होता है। यूपी का चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल कह सकते हैं। यूपी के परिणाम आगे की तस्वीर साफ कर देगी। इसलिए सत्ताधारी भाजपा के लिए ये लड़ाई करो या मरो की है। उधर, सपा सत्ता हासिल करके एक बार फिर यूपी में वापसी को बेताब है।
    भाजपा ने यूपी चुनाव 2022 के रण में योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर सीट से मैदान में उतारा है। अगर योगी यहां चुनाव जीत जाते हैं और सत्ता हासिल कर लेते हैं तो वो 18 सालों में पहले विधायक होंगे जो सीएम बनेगा। 2017 में योगी आदित्यनाथ को भाजपा ने लोकसभा सांसद से सीएम की कुर्सी पर बैठाया था। उन्होंने उपचुनाव लड़ने के बजाय विधान परिषद सदस्य बनना चुना। उनसे पहले अखिलेश यादव और मायावती भी ऐसा ही कर चुके हैं।
    योगी आदित्यनाथ ने एक रिकॉर्ड पहले ही अपने नाम कर लिया है। पहली विधानसभा के गठन के बाद से अब तक यूपी ने लगभग 70 वर्षों में 21 सीएम देखे हैं, हालांकि इनमें से केवल तीन ने ही पांच साल का पूरा कार्यकाल पूरा किया है। इन तीन में से योगी भी एक हैं। बाकी दो बसपा सुप्रीमो मायावती (2007-2012) और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (2012-2017) हैं।

  • उत्तर प्रदेश का चुनाव तय करेगा कि देश में लोकतंत्र या संविधान बचेगा कि नहीं : अरुण श्रीवास्तव 

    उत्तर प्रदेश का चुनाव तय करेगा कि देश में लोकतंत्र या संविधान बचेगा कि नहीं : अरुण श्रीवास्तव 

    संविधान बचाओ, देश बचाओं अभियान के संयोजक ने कहा- भाजपा सरकार लोकतांत्रिक संस्थाओं को ध्वस्त करने पर तुली हुई है 
    उत्तर प्रदेश को सबसे बड़ी जरूरत सांप्रदायिक सद्भाव की बहाली एवं जातीय उत्पीड़न को समाप्त करने की है : ओंकार सिंह 
    उत्तर प्रदेश के किसान अपमान का बदला वोट की चोट देकर लेंगे : डॉ. सुनीलम 

    द न्यूज 15 
    नई दिल्ली/लखनऊ। समाजवादी पार्टी एवं राष्ट्रीय लोक दल के गठबंधन के समर्थन में आज राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव ओंकार सिंह, संविधान बचाओ, देश बचाओं अभियान के संयोजक अरूण श्रीवास्तव , पूर्व विधायक (सपा) एवं किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष  डॉ सुनीलम ने अलीगढ़ में  गठबंधन के प्रत्याशियों के पक्ष में प्रेस वार्ता को संबोधित किया।
    संयोजक अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि उत्तर प्रदेश का चुनाव तय करेगा कि देश में लोकतंत्र या संविधान बचेगा कि नहीं?उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग सहित सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं को भाजपा सरकार ध्वस्त करने को तुली हुई है तथा देश के संवैधानिक मूल्यों पर नित नए तरीके से हमले किए जा रहे हैं। समाजवादी नेता अरुण कुमार ने कहा कि सभी छोटे बड़े भा ज पा विरोधी दल गठबंधन के उम्मीदवारों का समर्थन करें ताकि वोटों का बंटवारा रोककर भा ज पा की हार सुनिश्चचित किया जा सके। उन्होंने मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि लोकतंत्र और संविधान बचाने के लिए गठबंधन के पक्ष में मतदान करें।
    राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव ओंकार सिंह ने कहा कि योगी सरकार ने पिछले चुनाव में जनता से किए गए सभी वायदों को तोड़ा है तथा प्रदेश में जाति और धार्मिक उन्माद पैदा करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि इस समय उत्तर प्रदेश को सबसे बड़ी जरूरत सांप्रदायिक सद्भाव की बहाली एवं जातीय उत्पीड़न को समाप्त करने की है। उन्होंने कहा कि वे लगातार पश्चिमी उत्तर प्रदेश का दौरा कर रहे हैं जिससे उन्हें लगता है कि उत्तर प्रदेश के मतदाता भाईचारा कायम करने के लिए बदलाव करने का मन बना चुके है। किसान नेता, पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी ने किसानों के बिना मांगे जो काले कानून थोपे थे उनके परिणाम स्वरुप किसानों को 380 दिन आंदोलन चलाना पड़ा तथा 715 किसानों की शहादतें हुईं। डॉ सुनीलम ने कहा कि उत्तर प्रदेश सहित देशभर के किसान लखीमपुर में आंदोलनरत किसानों को रौंदते हुए किसानों के नरसंहार को कभी नहीं भूल सकते, जिसके मुख्य षड्यंत्रकर्ता अजय मिश्र टेनी को मोदी सरकार ने अभी भी गृह राज्य मंत्री बनाए रखा है।
    किसान नेता डॉ. सुनीलम ने कहा कि किसान योगी-मोदी सरकार से अपमान का बदला वोट की चोट देकर लेंगे। उन्होंने कहा कि जिस तरह मनोहर लाल खट्टर के चुनौती देने के बावजूद जिस तरह से पंजाब के किसानों के नेतृत्व में 380 दिन आंदोलन चलाया था, उसी तरह उत्तर प्रदेश के किसानों को गर्मी उतारने की जो धमकी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी है उसका जवाब उत्तर प्रदेश के किसान देकर उन्हें वापस मठ में भेजने को तैयार दिखलाई दे रहे हैं।
    डॉ सुनीलम ने कहा कि पहले चरण में मतदान का जो माहौल बना है उससे यह स्पष्ट हो गया है कि अब योगी सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। डॉ सुनीलम ने कहा कि किसान और युवा बेरोजगार मिलकर सरकार पलटेंगे।  डॉ सुनीलम ने कहा कि बुलंदशहर में पिंकी के साथ हाथरस की घटना की पुनरावृत्ति से साफ हो गया है कि सरकार महिला उत्पीड़न को लगातार संरक्षण दे रही है तथा कानून व्यवस्था की स्थिति ध्वस्त हो चुकी है।
    अलीग इन में संयुक्त किसान मोर्चा के  अलीगढ़ के किसान संगठनों के साथ बैठक हुई। ओल्ड बॉयज एसोसिएशन के मुख्य कार्यालय में छात्र नेताओं और बुद्धजीवियों के साथ संवाद आयोजित किया गया ,जिसका संयोजन हुसैन वहीद पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष ,अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
    द्वारा किया गया।
    गठबंधन के उम्मीदवारों के समर्थन में अण्डला ,जरारा ,खैर ,राजपुर एवम उसरम ,गोंडा और इगलास गांव में जन संपर्क किया तथा नुक्कड़ सभाओं को संबोधित किया।

  • हार के डर से मुहूर्त निकाल कर नामांकन कर रहे हैं  सीएम : चंद्रशेखर आजाद

    हार के डर से मुहूर्त निकाल कर नामांकन कर रहे हैं  सीएम : चंद्रशेखर आजाद

    द न्यूज 15 
    लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ गोरखपुर सदर सीट से चुनाव लड़ रहे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद बीजेपी पर जमकर निशाना साध रहे हैं। एक टीवी चैनल से हो रही बातचीत के दौरान चंद्रशेखर आजाद से पूछा गया कि क्या सीएम योगी अपनी जाति का इस्तेमाल कर चुनाव लड़ रहे हैं तो इसका जवाब दिया।
    आज तक न्यूज़ चैनल से बातचीत के दौरान रिपोर्टर के एक सवाल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सरकारी मशीनों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर इन्होंने 5 साल काम किया है तो फिर इन्हें नामांकन में बीजेपी की पूरी फौज क्यों उतारनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि मुहूर्त निकाल कर सीएम नामांकन कर रहे हैं क्योंकि उनके अंदर डर है।
    अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि मुझे इस बात का डर है कि कहीं सीएम योगी आदित्यनाथ आपने पद और धनबल का दुरुपयोग करके मेरा नामांकन न रद्द करा दें। नामांकन रद्द कराने की शंका का क्यों है? इस सवाल पर आजाद ने कहा कि मैंने चुनाव आयोग को एक लेटर लिखा था। जिसमें मैंने वहां के एसएसपी के बारे में बताया था जो बीजेपी सांसद के दामाद हैं।  चंद्रशेखर आजाद से पूछा – राम मंदिर के पास घूमती है पूरी इकोनॉमी तो क्यों आपको दिक्कत है? इस सवाल पर भीम आर्मी चीफ़ ने इस अंदाज़ में दिया था जवाब
    चंद्रशेखर आजाद ने सीएम योगी पर आरोप लगाया कि क्षेत्र के बहुत सारे लोग मुझे फोन करके कहते हैं कि हम आप के समर्थन में आना चाहते हैं लेकिन अगर मुख्यमंत्री यह जान जाएंगे तो हम पर रासुका लगा देंगे। उन्होंने कहा कि सीएम योगी ने अपनी जाति के लोगों को वहां बैठाकर चुनाव जीतने का हथकंडा अपनाया है। इसके साथ उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी की ओर से काम किया गया है तो मुख्यमंत्री सही तरीके से चुनाव लड़े।
    रिपोर्टर ने उनसे पूछा कि क्या मुख्यमंत्री अपनी जाति का इस्तेमाल करके चुनाव लड़ रहे हैं? भीम आर्मी चीफ ने कहा कि
    मुख्यमंत्री अपने जाति के अधिकारियों और कर्मचारियों का इस्तेमाल कर रहे हैं और वह इसे करते आए हैं। सीएम योगी पर तंज कसते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि वह किसी भी मुहूर्त में नामांकन कराने लेकिन जीतने वाले नहीं हैं।

  • राष्ट्रवादी नहीं, लेकिन देशभक्त हैं ओवैसी, बस हिंदू-मुस्लिम DNA पर हैं मतभेद : सुब्रमण्यम स्वामी 

    राष्ट्रवादी नहीं, लेकिन देशभक्त हैं ओवैसी, बस हिंदू-मुस्लिम DNA पर हैं मतभेद : सुब्रमण्यम स्वामी 

    द न्यूज 15 
    नई दिल्ली। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी पर हुए हमले की बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने तीव्र आलोचना की है। हमले की आलोचना करते हुए स्वामी ने कहा है कि ओवैसी राष्ट्रवादी भले ही नहीं हैं, लेकिन वो देशभक्त हैं। उन पर हमला कट्टरवादी सोच का ही शख्स कर सकता है।
    स्वामी ने शनिवार को ट्वीट करके ये बातें कही है। उन्होंने ट्वीट कर कहा- “केवल तर्कहीन कट्टरपंथी ही ओवैसी की हत्या करना चाहेंगे। ओवैसी राष्ट्रवादी न होते हुए भी देशभक्त हैं। अंतर यह है कि ओवैसी हमारे देश की रक्षा करेंगे, लेकिन वह नहीं मानते हैं कि हिंदू-मुस्लिम का डीएनए एक ही है। हमें उनके तर्कों को प्रखरता से जवाब देना चाहिए न कि बर्बरता से”।
    बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए गुरुवार को मेरठ पहुंचे ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर दिल्ली वापसी के समय हमला किया गया था। उनके काफिले पर फायरिंग की गई थी। ओवैसी ने इस घटना को लेकर संसद में सरकार पर भी हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि इस हमले से साफ हो गया है कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति कैसी है।
    ओवैसी पर यह हमला हापुड़ के छाजरसी टोल के पास हुआ था। ओवैसी की कार पर गोलियां चलाई गईं थी। बाद में इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। हमले के बाद ओवैसी को जेड प्लस सुरक्षा की पेशकश की गई थी, जिसके लिए उन्होंने इनकार कर दिया है। उन्होंने मांग की है कि आतंकवाद विरोधी कानून के तहत आरोपियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया कि उन्होंने गुस्से में ओवैसी पर हमला किया था। आरोपी ओवैसी के बयानों से नाराज थे। मेरठ के आईजी प्रवीण कुमार पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं और उनके द्वारा जांच की निगरानी की जा रही है। दोनों आरोपितों के परिजनों से भी पूछताछ की जा रही है।