Tag: taliban

  • तालिबान ने विश्वविद्यालयों में महिलाओं के प्रवेश पर लगाई रोक, इसलामिक देश भी कर रहें हैं निंदा

    तालिबान ने विश्वविद्यालयों में महिलाओं के प्रवेश पर लगाई रोक, इसलामिक देश भी कर रहें हैं निंदा

    अगस्त, 2021 में सत्ता पर कब्जा करते ही, तालिबान ने शुरु में महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान करने की बात कर अच्छे शासन का वादा किया था । लेकिन एक के बाद एक एसा फैसला लिया जिससे ये साफ है कि, महिलाओं के अधिकार का कैसे हनन हो रहा है तालिबान के अफगानिस्तान में । हालफिलहाल में लिए गए महिलाओं की शिक्षा को लेकर किए गए फैसले के बाद, अफगानिस्तान में दर्जनभर महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया ।

    हाल ही में तालिबान ने अफगानिस्तान में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाई है । तालिबान के इस कदम की आलोचना विश्व भर में की जी रही है । एसे में तालिबान, जिन्होंने दावा किया था शरिया के हिसाब से शासन करने का, उन्हें महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाने के लिए इसलामिक देश भी निंदा कर रहें है ।

    Taliban

    क्या है पुरा मामला

    दरअसल, 20 दिसंबर को तालिबान के अधिकारियों ने अफगान की लड़कियों के लिए विश्वविद्यालय शिक्षा पर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था । अफगानिस्तान के उच्च शिक्षा मंत्रालय ने सभी सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों को पत्र जारी कर इस फैसले के बारे में सूचित किया था । पत्र में लिखा था कि सभी विश्वविद्यालयों को अगली सूचना तक महिलाओं की शिक्षा निलंबित करने के उल्लिखित आदेश को लागू करना होगा । अफगानिस्तान के उच्च शिक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जियाउल्लाह हाशमी ने न्यूज़ एजेंसी एएफपी को एक टेक्स्ट संदेश के साथ खबर की पुष्टि की थी ।

    Afghanistan taliban

    विश्व भर में कई देशों द्वारा हो रहा है विरोध

    अफगानिस्तान में मौजूदा तालिबान सरकार द्वारा इस फैसले का विरोध, विश्व के बहुत से देश कर रहें हैं । भारस, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान और ब्रिटेन सहित कई देशों ने विश्वविद्यालयों में महिलाओं के प्रवेश पर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध लगाने के तालिबान सरकार के फैसले की कड़ी निंदा की है ।

    इसलामिक देश भी कर रहे विरोध

    अफगानिस्तान के इस महिला विरोधी फैसले का इस्लामिक देश तुर्की और सऊदी अरब भी कर रहें हैं तालिबान प्रशासन की कड़ी निंदा । तुर्की के विदेश मंत्री मेवलट कावुसोगलु ने यह तक कहा कि यह पाबंदी न तो ‘इस्लामिक है और न ही मानवीय।’ तुर्किये ने अफगानिस्तान के इस फैसले को वापस लेने की मांग तक की है । वहीं इस फैसले को वापस लेने की मांग को लेकर, सऊदी अरब ने कहा कि यह फैसला ‘सभी इस्लामी देशों में आश्चर्यजनक है।’

    Afghanistan women education protest

    अफगानिस्तान की महिलाओं ने किया विरोध प्रदर्शन

    अफगानिस्तान में तालिबान के इस फैसले के खिलाफ अफगानिस्तान की सड़कों पर, 22 दिसंबर को दर्जनो महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया । इसी के साथ – साथ अफगानी क्रिकेटरों ने विश्वविद्यालय में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाने के फैसले की कड़ी निंदा की है ।

    इस फैसले पर तालिबान का क्या कहना है

    22 दिसंबर, गुरुवार को तालिबान के उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि अफगानी विश्वविद्यालयों में महिलाओं के प्रवेश पर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध इसलिए लगाया है क्योंकि छात्राएं उचित ड्रेस कोड सहित निर्देशों का पालन नहीं कर रही हैं । उच्च शिक्षा मंत्री नेदा मोहम्मद नदीम ने सरकारी टेलीविजन पर एक interview में कहा कि, “जो छात्राएं घर से विश्वविद्यालयों में आ रही थीं, वे भी हिजाब के निर्देशों का पालन नहीं कर रही थीं…वे ऐसे कपड़े पहन रही थीं, जैसे किसी शादी में जा रही हों ।”

    तालिबान करेगा प्रेस कॉन्फ्रेंस

    तालिबान ने अपने इस रुढ़ीवादी फैसले पर देश- विदेश से हो रही निंदा के बारे में अभी तक सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा, लेकिन अफगानिस्तान के उच्च शिक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जियाउल्लाह हाशमी ने 22 दिसंबर, गुरुवार को ट्वीट किया कि इस कदम पर सफाई देने के लिए इस सप्ताह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया जाएगा।

     

     

     

  • अफगान महिलाओं ने सरकारी नौकरी, प्रतिनिधित्व की मांग की

    अफगान महिलाओं ने सरकारी नौकरी, प्रतिनिधित्व की मांग की

    द न्यूज 15 
    काबुल | काबुल में सभी क्षेत्रों की दर्जनों अफगान महिलाओं ने तालिबान से सरकारी नौकरी और समाज में समान प्रतिनिधित्व की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।

    टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार के विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाली कुछ महिलाएं स्वतंत्र प्रशासनिक सुधार और सिविल सेवा आयोग की पूर्व कर्मचारी थीं, जिन्होंने पिछले अगस्त में तालिबान पर अफगास्तान के कब्जे के बाद अपनी नौकरी खो दी थी।

    ऐसे ही एक प्रतिभागी, फिरोजान अमीरी ने कहा, “स्वतंत्र प्रशासनिक सुधार और सिविल सेवा आयोग में काम करने वाली हम महिलाओं और सरकारी विभाग के 28 प्रतिशत कमचारियों को इस्लामिक गणराज्य अफगानिस्तान के पतन के साथ बड़ी क्षति हुई है।”

    प्रदर्शनकारियों ने एक प्रस्ताव भी जारी किया जिसमें पांच बिंदु शामिल थे – महिलाओं को काम करने की अनुमति , महिलाओं के मामलों के बारे में सरकार के निर्णय लेने वाले निकाय में महिलाओं का सार्थक समावेश, महिलाओं के अधिकारों का समर्थन करने के लिए नीतियों का गठन, महिलाओं के पदों का संरक्षण, और महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण का निर्माण करना शामिल है।

    टोलो न्यूज ने एक अन्य प्रदर्शनकारी खुजस्टा के हवाले से कहा, “महिलाएं (स्वतंत्र प्रशासनिक सुधार और सिविल सेवा आयोग) में नौकरियों को लेकर चिंतित हैं।”

    इस बीच तालिबान के अधिकारियों ने कहा है कि सरकारी ढांचे से महिलाओं को बाहर करने का कोई फैसला नहीं किया गया है।

  • तालिबान सरकार को विमानन क्षेत्र में प्रशिक्षित करेगा पाकिस्तान

    तालिबान सरकार को विमानन क्षेत्र में प्रशिक्षित करेगा पाकिस्तान

    नई दिल्ली | अफगानिस्तान के विमानन कर्मचारियों को पाकिस्तान सुरक्षा, यातायात नियंत्रण, अग्निशमन, वायु पूवार्नुमान और हवाईअड्डा प्रबंधन के क्षेत्रों में पेशेवर प्रशिक्षण प्रदान करेगा। खामा प्रेस ने इसकी जानकारी दी है। पाकिस्तान में अफगान दूतावास के एक बयान में कहा गया है कि इस संबंध में द्विपक्षीय समझौता अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की देश में यात्रा के दौरान हुआ था।

    काबुल और इस्लामाबाद भी दोनों राजधानियों के बीच हर हफ्ते दस उड़ानें संचालित करने पर सहमत हुए, उनमें से दो बड़े विमानों द्वारा और बाकी छोटे विमानों द्वारा की जाएगी।

    बयान में कहा गया है, “सीटों की संख्या 1,000 से बढ़ाकर 1,500 की जाएगी और विमान पाकिस्तान के किसी भी हवाई अड्डे से काबुल, मजार-ए-शरीफऔर कंधार के लिए उड़ान भर सकेंगे।”

    रिपोर्ट में कहा गया, इस बीच, अफगानिस्तान के विमानों को भी इस्लामाबाद, क्वेटा और पेशावर के हवाई अड्डों के लिए उड़ान भरने की अनुमति दी जाएगी।

    अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की पाकिस्तान यात्रा का उद्देश्य न केवल ट्रोइका प्लस में भाग लेना था, बल्कि व्यापार, पारगमन और पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बिंदुओं को पार करने की कठिनाइयों के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करना था।