द न्यूज 15
स्वराज इंडिया पार्टी ने बुराड़ी अस्पताल में ओ.पी. डी और इमरजेंसी सेवाओं को तुरंत खोलने की मांग को ले कर बुराड़ी में मार्च निकाला और अस्पताल के बाहर धरना प्रदर्शन किया। पार्टी की वार्ड न. 7 की महिला अध्यक्ष राधिका यादव ने कहा कि इस क्षेत्र में 850 बेड का अस्पताल होने के बावजूद यहां कि जनता को इमरजेंसी की स्तिथि में और ओ.पो.डी में इलाज के लिए बहुत दूर दूसरी विधानसभा के अस्पतालो में भटकना पड़ता है, इस कारण बुराड़ी की जनता बहुत ज़्यादा परेशान है।
स्वराज इंडिया के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष नवनीत तिवारी ने कहा कि इस अस्पताल के उद्घाटन को लगभग 2 साल का समय हो चुका है लेकिन आज भी इस अस्पताल में केवल कोरोना बेड है जो पूरी तरह से खाली पड़े है और इसके इलावा कोई सुविधा उपलब्ध नही है। इस अस्पताल में ओ.पी.डी और इमरजेंसी सेवाओं को तुरंत खोलने की मांग को ले कर हमने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को चिट्ठी लिखी थी लेकिन आज तक इस संधर्ब में कोई कार्यवाही नही की गई है।
10 लाख की बड़ी आबादी वाले क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को ले कर केजरीवाल सरकार कितनी गंभीर है यह इस सरकार के सुस्त रवैये से पता चलता है और इसका सीधा भुगतान बुराड़ी की जनता को अपनी जान से करना पड़ रहा है जो की इमरजेंसी की स्तिथि में स्वास्थ्य सेवा न मिलने के कारण हो रहा है। यह जानकारी मीडिया सेल के प्रभारी देवेंद्र शर्मा ने दी है।
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स्वराज इंडिया ने बुराड़ी अस्पताल में ओ.पी.डी और इमरजेंसी सेवाओं को तुरंत खोलने की मांग को लेकर बुराड़ी अस्पताल के बाहर किया धरना-प्रदर्शन
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स्वराज इंडिया ने हिजाब पहनने वाली छात्राओं को प्रवेश न देने की निंदा की
कर्नाटक की शैक्षणिक संस्थाओं में हिजाब पहनने वाली छात्राओं नहीं दिया जा रहा है प्रवेश
द न्यूज 15नई दिल्ली। स्वराज इंडिया कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा कॉलेजों में हिजाब पहनने वाले छात्राओं को प्रवेश से वंचित करने की कार्यवाही की निंदा करता है। उडुपी, कर्नाटक में इस तरह के एक मामले से शुरुआत के बाद, राज्य के कई कॉलेजों ने हिजाब पहनने वाली छात्राओं को प्रवेश से वंचित कर दिया है। यह इस तथ्य के बावजूद है कि हिजाब कॉलेजों में ड्रेस कोड का हिस्सा है। छात्राओं के एक समूह के लिए शैक्षणिक संस्थानों के गेट बंद किए जाने की तस्वीरें, सत्ताधारी दल द्वारा अपनाई जा रही नफरत और भेदभाव की नीति के प्रभाव की दुखद याद दिलाती है।
हिजाब पहनने या न पहनने का फैसला पूर्णतया छात्राओं के व्यक्तिगत अधिकार क्षेत्र में आता है। भारत में हर नागरिक को अपने धर्म व उसके विभिन्न पहलुओं को मानने की आजादी है, जिस पर कोई भी सांस्थानिक या व्यक्तिगत रोक नहीं लगाई जा सकती। भारतीय संविधान के प्रावधान व मूल्यों के अनुसार हर नागरिक (इसमें धर्म, लिंग, जाति, क्षेत्र के आधार पर अंतर नहीं किया जा सकता) खुद ही तय कर सकता है कि वह क्या पहने या न पहनें।
हम सत्तारूढ़ दल के प्रयासों, और उसकी घृणा और भेदभाव की नीति के खिलाफ खड़े हैं, जो छात्रों के बीच वैमनस्य पैदा करना चाहता है, और उन्हें शिक्षा के साथ-साथ धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित करता है। #hijab #swarajindia #karnatka