Tag: Russia Ukraine war

  • पुतिन के खिलाफ बग़ावत होने के बाद यूक्रेन युद्ध में आया मोड़ !

    पुतिन के खिलाफ बग़ावत होने के बाद यूक्रेन युद्ध में आया मोड़ !

    wholesale wigs
    nfl jerseys
    nike air max 90 colorways
    nfl seahawks
    nike air max 95 men
    afro wig
    custom jersey
    cowboys jersey
    nike air max 97
    custom jersey
    custom softball jerseys
    adidas yeezy shoes
    nfl pittsburgh steelers
    sex toys for women
    sex toys for women

    पुतिन के खिलाफ छिड़ा विद्रोह अब शांत होता दिख रहा हैं, वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोजिन का कहना हैं की उन्होंने रूस या पुतिन के खिलाफ कोई भी विद्रोह नहीं छेड़ा था, रूसी मीडिया के अनुसार इस विद्रोह के पीछे अमेरिकन एजेंसी CIA का हाथ बताया जा रहा हैं ! साथ ही इस घटना के बाद NATO देश भी युद्ध से दूरी बनाते दिख रहे हैं !

    CIA का हाथ पुतिन के खिलाफ !

    बीते दिनों में रूस में तख्तापलट की खबरों के बिच अब तस्वीर साफ होती दिख रही हैं, रूसी मीडिया की रिपोर्ट्स की माने तो रूस के तख्तापलट के पीछे अमेरिका की खुफ़िआ एजेंसी CIA का हाथ बताया जा रहा है,मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वैगनर ने अचानक ही पुतिन के खिलाफ मोर्चा नहीं खोला था बल्कि बताया ये जा रहा है की CIA और वैगनर ग्रुप के बिच एक गुप्त मीटिंग हुई जिसमे इस तख्तापलट की प्लानिंग की गयी , साथ ही NATO देशो की भी इसके अंदर मिलीभगत थी ,लेकिन अब लगता है की उनका पासा यूक्रेन के हक्क में न गिरते हुए रूस के हक्क में गिर गया हैं, पुरे यूरोप मे अब यूक्रेन को मदद न करने की मांग उठ रही हैं ,इस विद्रोह की वजह से वैगनर पर अमेरिका मेहरबान नज़र आ रहा हैं उसने वैगनर को कई तरह की रिआयत भी प्रदान करी !

    चीफ येवगेनी प्रिगोजिन vs पुतिन
    चीफ येवगेनी प्रिगोजिन vs पुतिन

    यूरोप और अमेरिका के हटते कदम !

    रूस और यूक्रेन के युद्ध को शुरू हुए 16 महीने से ज़्यादा हो चुके है इसी बीच पुतिन के खिलाफ बग़ावत होने के बाद यूक्रेन युद्ध में आया है बड़ा मोड़ कई नाटो देश अब युद्ध से पीछे हटते दिख रहे हैं, वही कई देश जो युद्ध में यूक्रेन को मदद कर रहे थे अब उन्होंने मदद करने से पीछे हटता देखा जा रहा हैं , वही यूरोप के देश नीदरलैण्ड में भारी विद्रोह देखा जा रहा हैं वहा की जनता मांग कर रही हैं की यूक्रेन को युद्ध में मदद न की जाये, वही जर्मनी ने यूक्रेन को तय वादे के अनुसार F-16 जेट फाइटर प्लान देने से इंकार कर दिया हैं! वही अमेरिकन संसद में भी यूक्रेन की मदद करने के खिलाफ आवाज उठी हैं, अमेरिका ने अपने सबसे मजबूत ड्रोन में से एक ‘ग्लोबल हॉक’ को यूक्रेन की निगरानी के काम पर लगया हैं,खबरों की माने तो अमेरिका ने Black Sea में 4, RE-4 ‘ग्लोबल हॉक’ को तेहनात किया हैं,ये जानकारी सार्वजनिक नहीं हैं की वो जानकारी यूक्रेन को दे रहा हैं या वह खुद ही रूस के सैना पर नज़र रखे हुए हैं !

    पुतिन और रूस के रक्षामंत्री Sergei Shoigu
    पुतिन और रूस के रक्षामंत्री Sergei Shoigu

    कितना है पुतिन की कुर्सी को खतरा ?

    यूरोप की मीडिया के द्वारा दवा किया जा रहा हैं, की पुतिन की ताकत कम होती जा रही हैं, क्योकि ऐसा पहली बार हुआ हैं की पुतिन के खिलाफ किसी ने तख्तापलट की कोशिश की हैं, ये भी कहा जा रहा हैं की यदि पुतिन अगर कमजोर होते तो वो सिर्फ 18 घंटो में विद्रोह को कैसे शांत करा देते, दूसरी और ये भी कयास लगाए जा रहे हैं की दूसरी बार भी विद्रोह हो सकता हैं क्योकि वैगनर के चीफ येवगेनी प्रिगोजिन रूस को छोड़ कर उसी के पड़ोसी देश बेलारूस चले गए हैं और अनुमान ये लगाया जा रहा हैं की वो वह से ही पुतिन के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं,साथ ही जो सैनिक विद्रोह में शामिल थे उन्मे से किसी भी सैनिक पर मुकदमा नहीं चले गा ! रूस के रक्षामंत्री Sergei Shoigu जिनको लेकर माना जा रहा हैं जिनकी वजह से इस विद्रोह की शुरूआत हुई थी,उन पर बार-बार ये आरोप लगता रहा हैं की वो सेना को ठीक से मैनेज नहीं कर पा रहे हैं,पुतिन ने उन्हें हटाया नहीं हैं !

  • पुतिन ने की परमाणु युद्ध की तैयारी ? बेलारूस में तेहनात कि मिसाइल्स ?

    पुतिन ने की परमाणु युद्ध की तैयारी ? बेलारूस में तेहनात कि मिसाइल्स ?

    रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने परमाणु युद्ध की तैयारी करते हुए, बेलारूस में तेहनात की परमाणु बम की मिसाइल्स , जिनका कंट्रोल रूस के पास ही होगा बता दे की ऐसा 32 साल बाद पहली बार हुआ है की रूस ने अपने परमाणु मिसाइल्स कही और तेहनात की हैं !

    Russia-Ukraine war, Europe, Russia, Ukraine

    पुतिन का परमाणु खेल !

    रूस(Russia) और बेलारूस की दोस्ती का नया रंग दुनिया के सामने आ रहा हैं, हाल ही की तजा खबरों के मुताबिक रूस ने अपने कई टैक्टिक्स (Tactics) परमाणु मिसाइल्स बेलारूस में लगा दी हैं, जिनका मुँह यूक्रेन की तरफ कर दिया हैं, बता दे की 15 महीने पहले भी रूस (Russia) ने बेलारूस को ही रूस-यूक्रेन युद्ध में लॉन्च पैड की तरह इस्तेमाल किया था,क्युकी बेलारूस की सीमा रूस(Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के साथ की लगती हुई हैं ,ये खबर तब सामने आयी जब बेलारूस (Belarus) के राष्ट्रपति ने बेलारूस (Belarus) के सरकारी न्यूज़ चैनल से हुए इंटरव्यू में कहा की इन हथियारों को रखने के लिए सोवियत संघ के समय के छह परमाणु ठिकानों को ठीक किया गया हैं । लुकाशेंको ने ये भी कहा हैं कि वो रूस के परमाणु हथियारों को अपने बॉर्डर वाले इलाकों पर तैनात करेंगे। लुकाशेंको ने कहा, अगर जरूरत पड़ी तो हम इन हथियारों का इस्तेमाल करने से हिचकिचाएंगे नहीं। इसकी मंजूरी के लिए मुझे सिर्फ पुतिन (Putin)  को फोन करने की जरूरत होगी ! पुतिन ने एक सम्हारो के वक़्त कहा की ‘यह उन सभी लोगों के खिलाफ एक निवारक उपाय है जो रूस और उसकी रणनीतिक हार के बारे में सोचते हैं ‘ !

    Putin planting missiles
    Putin planting missiles

    32 साल बाद बेलारूस की धरती पर फिर परमाणु बम !

    राष्ट्रपति पुतिन (Putin) के बयांन से इस बात पर मोहर मानी जा रही हैं, की बेलारूस कि धरती पर रूस (Russia) की परमाणु बम का ज़खीरा पहुंच गया हैं ,1991 के बाद पहली बार रूस (Russia) ने विदेशी धरती पर परमाणु हथियार तैनात किए हैं, लुकाशेंको (Lukashenko) की बात करें तो वह लगभग 30 साल (1994) से सत्ता में बने हुए हैं. 2020 में लुकाशेंको लगातार छठवीं बार बेलारूस के राष्ट्रपति चुने गए थे, हालांकि उनके इस चुनाव को लेकर बहुत विवाद हुआ और जनता में आक्रोश भी देखने को मिला था , साथ इस परमाणु मिसाइल्स को लेकर बेलारूस की Opposition की नेता स्वेतलना ने कहा की “रूस के लोगो ने एक पागल सनंकी को अपने देश की सत्ता दे दी हैं, जो दुनिया को मिटने की सनक रखता हैं” 1991 अलेक्जेंडर लुकाशेंको (Aleksandr Lukashenko) एक लोते ऐसे नेता थे जो सोवियत संघ (Soviet Union) से टूटने के विरोधी थे !

    American nuclear weapon in europe
    American nuclear weapon in europe

    और कहा-कहा मौजूद हैं परमाणु मिसाइल्स ?

    जब सोवियत संघ (Soviet Union) एक था, तो उसके परमाणु हथियार सदस्य देशों में तैनात थे. 1991 में सोवियत संघ (Soviet Union) के टूटने के बाद यूक्रेन, बेलारूस (Belarus) और कजाकिस्तान समेत बाकी सदस्यो ने अपने परमाणु हथियार वापस दे दिए थे, जिसके बाद रूस की सीमा से बाहार कभी भी अपने परमाणु बम नहीं भेजे थे ,परमाणु अप्रसार संधि पर सोवियत संघ ने भी दस्तखत किए थे. ये संधि कहती हैं कि कोई परमाणु संपन्न देश किसी गैर-परमाणु देश को न तो परमाणु हथियार दे सकता हैं और ना ही उसकी टेक्नोलॉजी दे सकता हैं, रूस (Russia) का इस पर कहना हैं की उसने किसी भी प्रकार की संधि का उलंधन नहीं किया हैं, उन मिसाइल्स को वहा प्लांट किया गया हैं जिसका रिमोर्ट सिर्फ और सिर्फ रूस के पास ही होगा ! वही अमेरिका ने भी यूरोप (Europe) के कई देश जैसे इटली, जर्मनी, तुर्की, बेल्जियम और नीदरलैंड्स में अपनी मिसाइल्स प्लांट की हैं, न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इन हथियारों का वजन 0.3 से लेकर 170 किलो टन तक हैं , वही बता दे की जो बम जापान में 1945 को डाला गया था , वह केवल 15 kg ton का था ! बता दे की ये सभी मिसाइल्स टेस्टिकल्स (Tactics) हैं !

    cold war के बाद अमेरिका और रूस (Russia) , दोनों ने ही अपने परमाणु हथियारों की संख्या कम की थी, लेकिन अब भी दुनिया में सबसे ज्यादा हथियार इन्हीं दोनों देशों के पास है , फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट का अनुमान है कि रूस के पास 5,977 और अमेरिका के पास 5,428 परमाणु हथियार हैं !

  • NATO ने बढ़ाया दोस्ती का हाथ  NATO की टेक्नॉलजी देगा अमेरिका !

    NATO ने बढ़ाया दोस्ती का हाथ NATO की टेक्नॉलजी देगा अमेरिका !

    भारत और अमेरिका की दोस्ती में चढ़ा नया रंग,मोदी और बिडेन की मीटिंग में हो सकते है कई एहम समझौते ! 

    भारत को NATO प्लस बनाना चाहता था अमेरिका

    मोदी जी के अमेरिका (America) दौरे से पहले यही माना जा रहा है की कई बड़े समझौते संभव है,बताया जा रहा है की अमेरिका जो टेक्नोलॉजी (Technology) NATO देशो के साथ साझा करता है वही वह भारत के साथ साझा करना चाहता है , जैसे स्पेस और परमाणु तकनीक ! अमेरिका के संसद में एक समिति ने हिदुस्तान को नाटो प्लस (NATO PLUS) बनाने की मांग की है ,बताते चले की नाटो प्लस है क्या , इसमे वे देश रहते है जो कार्य-नीति-सम्बन्धी से ना जुड़ कर अपने आप को निष्पक्ष रह कर साझेदारी कायम करना चाहते है ! 6जी टेक्नोलॉजी (6G Tenchology) जैसे एडवांस सर्विलांस  जो की समुद्र और जमीने सुरक्षा को बढ़ाते है , एडवांस AI तकनीक जो अन्य कार्यो में लाभकारी है इसी के साथ क्वांटम टेक्नोलॉजी (Quantum technology) जो अभी के समय की सबसे तेज कंप्यूटर तकनीक है , NASA और ISRO की मैत्री ट्रेनिंग भी शामिल है ! लेकिन भारत ने साफ़ शब्दों मे कहा की वह किसी भी ऐसे संगठन का हिंसा नहीं बनेगा क्यूकि भारत एक गुट निरपेक्ष देश है !

    India US Relations
    India US Relations

    भारतीय NSA और अमेरिकन NSA की होगी मुलाकात

    भारत के राष्ट्र सुरक्षा सलहाकार अजित डोवाल (Ajith Doval) और अमेरिकी सलहाकार जैक सुलीवन (Jack sullvian) के बिच 12-13 जून को एक महवपूर्ण मीटिंग होगी , इससे पहले भी कई अधिकारियो की मीटिंग अमेरिकन अधिकारियो के साथ हो चुके है जैसे अमेरिकन विदेश मंत्री लॉयड आउस्टिंन भारत के दौरे पर आये भारतीय विदेश सचिव पीके मिश्रा (P K Mishra) अमेरिका गए थे वह वे वाणिज्य मंत्री जिना रैमोंडा से मिले थे !

    NATO क्या है?

    NATO का मतलब है नार्थ एटलांटा ट्रीटी आर्गेनाइजेशन (North Atlantic Treaty Organization) यह संस्था 4 अप्रैल 1949 को बानी थी इसके 30 सदस्य थे जो की अब 2023 में बढ़ कर 31 हो गए अभी नया सदस्य फ़िनलैंड (Finland) बना है , इसके मुखिया सदस्य अमेरिका,ब्रिटैन,फ्रांस आदि है , इसका मुख्या कार्य सोवियत संघ की बढ़ती ताकत को रोकना था और मुकाबला करना था, अब यह अपने आप को लोकतंत्र के रक्षक बताते है , NATO के किसी भी सदस्य पर हमला होता है , तो वो सभी देश पर हमला माना जाता है,यदि अभी के समय की बात करे तो नाटो के 31 सदस्य है पर जब इसकी संस्थापना की गयी थी तब इसके केवल 12 ही सदस्य थे,रूस-यूक्रेन के युद्व मे यूक्रेन (Ukraine) नाटो (NATO) का सदस्य बनाना चाहता है !

    Dr. S.Jaishankar
    Dr. S.Jaishankar

    विदेश मंत्री S. जय शंकर ने दिया अमेरिका को साफ़ जवाब

    मोदी जी के अमेरिकन दौरे से पहले जो की 21 से 24 जून को है विदेश मंत्री S. जय शंकर (Dr S.Jaishankar)  ने अमेरिका को साफ़ शब्दों मे कहा है NATO सैन्य संगठन भारत के लिए उपयुक्त नहीं है की उन्होंने ऐसे समय मे ऐसा फैसला आया है जब खुद अमेरिकन कांग्रेस ने मोदी जी को उनकी अध्यक्ष्ता के लिए बुलाया था मगर भारत किसी भी संगठन का हिंसा नहीं बने गए क्यूकि भारत एक गुट निर्पेक्ष देश है और वो किसी भी ऐसे संगठन का साथ नहीं देगा जो किसी भी मामले को सैन्य बल से सँभालने की इच्छा रखता हो,उनका कहना साफ़ है की NATO भारत के लिए उपयुक्त नहीं है!

  • BBC के दिल्ली दफ्तर पर आयकर विभाग का छापा,सर्वे के लिए पहुंची 60 से 70 लोगों की टीम

    BBC के दिल्ली दफ्तर पर आयकर विभाग का छापा,सर्वे के लिए पहुंची 60 से 70 लोगों की टीम

    BBC के दिल्ली दफ्तर पर आयकर विभाग ने छापेमारी की है।कुछ दिनों पहले BBC डॉक्यूमेंट्री को लेकर विवाद हुआ था। दरसअल मंगलवार 14 फरवरी को अधिकारी मीडिया संस्थान के राजधानी दिल्ली स्थित दफ्तर पर सर्रच ऑपरेशन करने पहुंचे। फिलहाल, जांच जारी है। कहा जा रहा है कि अधिकारी कुछ जानकारियों को वेरिफाई करने के लिए पहुंचे हैं। हाल ही के दिनों में बीबीसी गुजरात दंगों और रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बनाई गई वीडियो सीरीज के चलते चर्चा में रही थी। इस दौरान जितने भी कर्मचारी ऑफिस पहुंचे थे सबके फोन आयकर विभाग ने जब्त र लिये।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आयकर विभाग के अधिकारियों ने दफ्तर को पूरी तरह सील कर दिया है। वहीं, यह भी कहा जा रहा है कि सभी कर्मचारियों को घर जाने से मना कर दिया है। हालांकि कुछ ऐसे कर्मचारी भी थे जो आज दफ्तर नहीं आये थे। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि इनकम टैक्स की इस कार्रवाई के बारे में मीडिया संस्थान के लंदन स्थित कार्यालय को भी जानकारी दे दी गई है। जल्द ही इस पर रिस्पॉन्स देखने को मिल सकता है। इस सर्च अभियान को BBC डॉक्यूमेंट्री के साथ जोड़ा जा रहा है। BBC डॉक्यूमेंट्री को लेकर आपकों जता हें विवाद इतना बढ़ गया था कि इसको बैन करने की मांग की जा रही थी। इसके अलावा कई जगहों पर इसको लेकर प्रदर्शन भी किए गए थे। हालांकि अभी तक इस पर आयकर विभाग ने आफिशियल स्टेटमेंट नहीं दिया है कि ये एक छापेमारी है या फिर एक सर्वे है।

    मुंबई दफ्तर पर भी सर्च ऑपरेशन जारी

    दिल्ली के अलावा आयकर विभाग के अधिकारी सर्वे के लिए मुंबई स्थित दफ्तर भी पहुंचे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि कर्मचारियों के फोन ले लिए गए हैं। सूत्रों से मिलीं जानकारी के मुताबिक आयकर विभाग की 60 से 70 लोगों की टीम सर्वे के लिए पहुंची है। इस दौरान ञफिस में पुराने खातों को खंगाला जा रहा है। आयकर विभाग की टीम ने कर्मचारियों के फोन बंद करा दिए गए हैं और साथ ही किसी को व्यक्ति को आने-जाने से रोक दिया है. आईटी विभाग की इंटरनेशनल टैक्सेशन विंग बीबीसी पर सर्वे कर रही है. अंतर्राष्ट्रीय कराधान और मूल्य निर्धारण अनियमितताओं के लिए दिल्ली और मुंबई समेत 20 कार्यालयों में सर्वेक्षण किया जा रहा है।