Tag: RBI

  • RBI का बड़ा ऐलान,चौथी बार बढ़ सकता है Repo Rate

    RBI का बड़ा ऐलान,चौथी बार बढ़ सकता है Repo Rate

     

    Harsh Pathak/Delhi

    इन दिनों महंगाई दिन प्रति दिन बढ़ रही हैं। RBI (Reserve Bank Of India) के तय लक्ष्य से महंगाई लागातार 8वीं बार अपने सबसे ऊंचे स्तर पर हैं। इसे लेकर RBI ने बड़ा ऐलान किया हैं। आइए जानते हैं पूरी कहानी?

    RBI pics

    RBI का बड़ा ऐलान

    लोग महंगाई से इन दिनों बहुत परेशान हैं। हर महीने लोगों को महंगाई बढ़ने के कारण नई चीजे खरीदने के बारे में बहुत सोचना पड़ता हैं। महंगाई को कम करने के लिए RBI एक बार फिर Repo Rate बढ़ाने के बारे में विचार कर रहा हैं। Repo Rate इससे पहले तीन बार बढ़ चुका हैं और इस समय 5.40 प्रतिशत पर स्थिर हैं। अगर चौथी बार यह रेट 0.50 प्रतिशत बढ़ता हैं तो 5.90 प्रतिशत हो जायेगा।

    repo rate pics

    कैसे बढ़ती हैं मंहगाई?

    जैसा कि आप सभी जानते ही होंगे कि इन दिनों लगातार त्यौहारों का माहोल बना हुआ हैं और त्यौहारों में लोग बहुत खरीदारी करते हैं। आपको बता दें कि महंगाई बढ़ने का मुख्य कारण लोगों की बढ़ती Demand हैं। महंगाई तभी बढ़ती हैं जब Demand ज्यादा और Supply कम होती हैं। इसीलिए लोगों की demand कम करने के लिए RBI Repo Rate में वृद्धि कर सकता हैं जिससे EMI बढ़ेगी तो लोग Demand कम करेंगे और Supply बढ़ेगी तो महंगाई कम हो जाएगी। विशेषज्ञों की माने तो Repo Rate का बढ़ना लग-भग तय माना जा रहा हैं।

    Inflation pics

    Repo Rate se महंगाई का संबंध?

    Repo Rate के बढ़ने से Bank Reserve Bank Of India(RBI) से कम लोन लेंगे जिससे वो लोगों को कम लोन दे सकेंगे और जब लोगों के पास पैसा ही नहीं होगा तो लोग demand कम करेंगे और  इससे महंगाई को कम करने में मदद मिलेगी।

    क्या हैं Repo Rate?

    Repo Rate वो रेट होता है जिस rate पर RBI बैंकों को लोन देता है और Reserve Repo Rate वह रेट होता है जिस रेट पर बैंक अपना Surplus Amount रिजर्व बैंक(RBI) में रखते हैं और RBI उन्हें उस पैसे पर ब्याज देता है।

    repo rate and reverse repo rate pics

     

     

  • BANK BHARTI 2022: सरकारी बैंकों  में जल्द शुरू होने वाली है भर्तियां

    BANK BHARTI 2022: सरकारी बैंकों में जल्द शुरू होने वाली है भर्तियां

    BANK BHARTI 2022: इन दिनों देश में कई अहम मुद्दे चर्चा का विषय बने हुए हैं। लेकिन सबसे बड़ा अहम मुद्दा इस वक्त बेरोजगारी का हैं। हमारे देश का युवा इस बात को लेकर चिंतित हैं कि उसे नौकरी कब मिलेगी। सरकारी नौकरी (Government Job)का सपना देखने वाले बच्चों के लिए आखिर कब (BANK BHARTI 2022)भर्तियां निकलेगी?

    आज के दिनों में पहले तो भर्तियां ही नहीं निकाली जाती और (BANK BHARTI 2022) भर्तियां निकलती भी हैं तो पेपर नहीं होते या Cancel हो जाते हैं या तो फिर लीक हो जाते हैं। ऐसे में सिर्फ और सिर्फ युवा ही शिकार बनता हैं। कभी-कभी तंग आकर कुछ गलत कदम उठाने पर मजबूर हो जाता हैं। तो आपको बता दें कि सरकार ने इस बेरोजगारी के मुद्दे पर ध्यान देना शुरू कर दिया हैं। ऐसा कहा जा रहा हैं कि भारत में (BANK BHARTI 2022) भर्तियों की बहाली आने वाली हैं। तो आइए जानते हैं कैसे?

    Govt. jobs

    हाल ही में मिली जानकारी के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने सरकारी बैंकों में रिक्त स्थानों के लिए भर्ती की योजना बनाने के लिए उच्च स्तरीय बैठक बुलाई हैं। इस बैठक में बैंकों की भर्ती को लेकर खास चर्चा होनी हैं। अगर सब कुछ ठीक रहा तो बहुत जल्द बैंको के रिक्त स्थानों के लिए भर्तियां (BANK BHARTI 2022) निकाली जाएंगी। इस बैठक में सभी सरकारी बैंकों के प्रमुख उपस्थित रहेंगे। यह बैठक 21 सितंबर को होनी हैं।

    ये भी पढ़ें: Urfi Javed: बिना मेकअप के उर्फी जावेद कैमरे को देखकर घबराई ,छुपा लिया मुंह

    finance jobs

    सरकारी बैंकों के अलावा और भी सरकारी संस्थान हैं जिनकी (Govt Jobs)भर्तियां निकाली जानी हैं लेकिन इनको लेकर अभी कुछ भी कहा नहीं जा सकता क्योंकि सरकार ने इसे लेकर कोई बात स्पष्ट नहीं की हैं। जल्द ही इस पर भी विचार होना हैं क्योंकि जैसा की आप सभी जानते ही होंगे की कई राज्यों में Election होने वाले हैं तो यह आशा जताई जा रही हैं कि इसे लेकर भी जल्द फैसला होगा।

    government jobs

    बेरोजगारी एक अहम मुद्दा

    आपको बता दें कि यह बैठक ऐसे समय पर होने वाली है जब देश में बेरोजगारी एक अहम मुद्दा बना हुआ हैं। ऐसे में सरकार प्रयास कर रही हैं कि सभी रिक्त पदों पर उचित(BANK BHARTI 2022) भर्तियां हो क्योंकि बताया जा रहा हैं कि इन दिनों बैंकों में स्टाफ की कमी काफी हैं। एक सर्वे में पता चला हैं कि प्राइवेट बैंकों की तुलना में शहरी इलाकों के ब्रांचों में सरकारी बैंकों में कम कर्मचारी हैं। पिछले 10 साल में शहरी ब्रांचों की संख्या 28 फीसदी बढ़ी है, जबकि कर्मचारियों की संख्या कम हुई है।

    ये भी पढ़ें: जानिए आखिर कहा से शुरू हुआ Hat Trick शब्द का चलन

    – HARSH PATHAK 

  • Repo Rate increase by RBI : जनता के ऊपर महंगाई की चौतरफा मार, EMI हो सकती है महंगी

    Repo Rate increase by RBI : जनता के ऊपर महंगाई की चौतरफा मार, EMI हो सकती है महंगी

    Repo Rate increase by RBI –

    Repo Rate increase by RBI: महंगाई डायन खाई जात है ये गाना भले ही पुरानी हो मगर देश में महंगाई नए नए रूप दिखती रहती है, कभी पेट्रोल महंगा, कभी सब्जी महंगी तो कभी नीम्बू पानी महंगा हर जनता की जेबों पर ही पड़ती है मार खैर महंगाई और जनता का पुराना  रिश्ता है पर महंगाई पर आज जो कुछ भी हुआ इससे लोगों के पैरो तले जमीन खिसक गई, इस बीच RBI ने Repo Rate को बढ़ा दिया (Repo Rate increase by RBI) तो चलिए जानते है आम जनता पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।

    RBI गवर्नर शक्तिकांत दास अचानक एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बेंचमार्क पॉलिसी रेट (Policy Rate Hiked) बढ़ा दिया। आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (RBI MPC) ने रेपो रेट में 40 बेसिस पॉइंट या 0.4% की बढ़ोतरी (RBI Increase Repo Rate) की गई है। यानी अब रेपो रेट 4.4% हो गया है। गवर्नर दास ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध का असर महसूस हो रहा है और युद्ध के प्रभाव को इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड ने भी समझा है। वहीं, बढ़ती महंगाई को देखते हुए आरबीआई अपने ‘accommodative stance’ यानी उदार रुख को छोड़ते हुए अब बेंचमार्क रेट को बढ़ा रही है।

    Repo Rate increase by RBI
    Repo Rate increase by RBI

    RBI की इस घोषणा के बाद घरेलू शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आ गई है, देखते है RBI के इस फैसले से शेयर बाजार पर क्या प्रभाव रहा।

    पॉलिसी रेट में बढ़ोतरी के बाद घरेलू शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आ गई है. सेंसेक्स इसके बाद 1,200 अंकों तक की गिरावट दर्ज कर रहा था। वहीं, निफ्टी 400 अंकों तक गिर गया था। दोपहर 2.30 बजे बीएसई सेंसेक्स में 860.66 अंकों या 1.51% की गिरावट आ चुकी थी और इंडेक्स 56,115.33 के स्तर पर था। वहीं, एनएसई निफ्टी 253.45 अंकों या 1.48% की गिरावट के साथ 16,815.65 के स्तर पर था।

    अब बात आती है रेपो दर है क्या और ये RBI और बैंकों बीच काम कैसे करती है?

    रेपो दर पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये कर्ज देता है, जबकि रिवर्स रेपो दर के तहत बैंकों को अपना पैसा रिजर्व बैंक के पास रखने पर ब्याज मिलता है। अचानक हुई एमपीसी की बैठक के बाद RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास दास ने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव की वजह से मुद्रास्फीति बढ़ रही है। नीतिगत दर में वृद्धि का मकसद मध्यम अवधि में आर्थिक वृद्धि संभावना को मजबूत और सुदृढ़ करना है।

    जानए क्या है खुदरा महगाई दर और क्या है ये WPI जिसका बढ़ना चिंताजनक है

    उन्होंने बताया कि खाद्य महंगाई में और बढ़ोतरी दर्ज होगी। बता दें कि पिछले दो सालों से आरबीआई ने उदार नीति बरकरार रखी थी। अप्रैल, 2022 तक इसके पहले की मौद्रिक नीति समिति की पिछली 11 बैंकों से पॉलिसी रेट यथावत रखे गए थे। अभी इसी महीने की शुरुआत में हुई बैठक में एमपीसी ने नीतिगत दर रेपो को 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत पर बरकरार रखा था।

    RBI के द्वारा रेपो रेट काफी दिनों बाद बढ़ाया गया है, लगभग पौने चार साल बाद आरबीआई ने बढ़ाए रेट।

    इसके पहले कब बढ़े थे दाम?

    आरबीआई ने पौने चार साल बाद पॉलिसी रेट बढ़ाए हैं। रिजर्व बैंक ने अगस्त, 2018 के बाद पहली बार नीतिगत दर में बढ़ोतरी की है। और अब RBI द्वारा रेपो रेट (RBI Increase Repo Rate) को बढ़ाया गया। आर बाी आई गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने ही अपने उदार रूख को वापस लेने के इरादे की घोषणा की थी।

    Repo Rate increase by RBI
    Repo Rate increase by RBI

    उनकी इस घोषणा के बाद अनुमान जताया जा रहा था कि आरबीआई जून में ही बेंचमार्क रेट में वृद्धि कर सकती है। खुदरा मुद्रास्फीति पिछले तीन महीने से लक्ष्य की उच्चतम सीमा छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई दर लक्ष्य की ऊपरी सीमा छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। अप्रैल महीने में भी इसके ऊंचे रहने की संभावना है। मार्च महीने में खुदरा मुद्रास्फीति 6.9 प्रतिशत थी।

    उम्मीद है कि आपको ये खबर सरल और पसंद आई होगी और आपको RBI द्वारा बनाए गए रेपो रेट (Repo Rate increase by RBI) का सारा कच्चा चिट्ठा समझ आ गया होगा। आपके लिए इस खबर को हमारे वरिष्ठ सहयोगी मिथिलेश जी ने लिखा था। यहां क्लिक कर आप देश और दुनिया की अन्य खबरों के लिए आप The News 15 के YouTube चैनल पर जा सकते है ।  

  • इस महीने अगले 11 दिन तक बंद रहेंगे बैंक, अपने बैंक ब्रांच जाने से पहले चेक करें लिस्ट

    इस महीने अगले 11 दिन तक बंद रहेंगे बैंक, अपने बैंक ब्रांच जाने से पहले चेक करें लिस्ट

    द न्यूज़ 15
    नई दिल्ली। इस महीने फरवरी के अगले 19 दिन में कई दिन बैंक बंद (Bank band) रहने वाले हैं। बैंक हड़ताल (Bank strike) और ऑफिशियल छुट्टियों को मिलाकर कुल 11 दिन बैंकों में कामकाज बंद होंगे। दरअसल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से जारी लिस्ट के मुताबिक, फरवरी में 11 दिन में 9 दिन बैंकों की छुट्टियां (Bank holidays) रहेंगी। इन छुट्टियों में दूसरे व चौथे शनिवार और रविवार की साप्ताहिक अवकाश भी शामिल हैं। ये छुट्टियां सभी राज्यो में लागू नहीं होंगी। इसके अलावा इस महीने दो दिन हड़ताल भी है जिसके चलते बैंक ब्रांच में काम नहीं होने वाला है। ऐसे में बैंकों का कामकाज निपटाने के लिए घर से निकलने से पहले बैंकों की छुट्टियों की लिस्ट जरूर देख लें।
    नए साल की शुरुआत में सेंट्रल ट्रेड यूनियन (CTU) और कुछ अन्य संगठनों ने मिलकर 23 और 24 फरवरी को बैंक हड़ताल करने की घोषणा की थी। इसमें देशभर के सभी सरकारी और प्राइवेट बैंकों के कर्मचारी 23 और 24 फरवरी को एक बार फिर हड़ताल करने वाले हैं। यानी इस दिन बैंकों में कामकाज नहीं होंगे।
    RBI की ऑफिशियल वेबसाइट पर दी गई छुट्टियों की लिस्ट (Bank Holidays List 2022) के मुताबिक, 16 फरवरी को गुरू रविदास जयंती और 18 फरवरी फरवरी को डोलजात्रा समेत कई छुट्टियां पड़ेंगी, इस अवसर पर अलग-अलग राज्यों में बैंक बंद (Bank Band) रहेंगे। ग्राहक इस दौरान एटीएम, इंटरनेट बैंकिंग, नेट बैंकिंग और अन्य सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं।
    15 फरवरी: मोहम्मद हजरत अली जन्मदिवस/लुई-नगाई-नी (इंफाल, कानपुर, लखनउ में बैंक बंद)
    16 फरवरी: गुरू रविदास जयंती (चंडीगढ़ में बैंक बंद)
    18 फरवरी: डोलजात्रा (कोलकाता में बैंक बंद)
    19 फरवरी: छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती (बेलापुर, मुंबई, नागपुर में बैंक बंद)
    12 फरवरी: महीने का दूसरा शनिवार (साप्ताहिक अवकाश)
    13 फरवरी: रविवार (साप्ताहिक अवकाश)
    20 फरवरी: रविवार (साप्ताहिक अवकाश)
    26 फरवरी: माह का चौथा शनिवार (साप्ताहिक अवकाश)
    27 फरवरी: रविवार (साप्ताहिक अवकाश)

  • बैंकों को पूंजी की स्थिति और मजबूत करने की जरूरत : आरबीआई

    बैंकों को पूंजी की स्थिति और मजबूत करने की जरूरत : आरबीआई

    नई दिल्ली (द न्यूज़ 15)| भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को कहा कि बैंकों को संभावित गिरावट को रोकने के साथ-साथ क्रेडिट प्रवाह को बनाए रखने के लिए अपनी पूंजी की स्थिति को और मजबूत करने की जरूरत है, खासकर जब मौद्रिक और राजकोषीय उपायों में ढील दी गई हो। आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट ‘ट्रेंड एंड प्रोग्रेस इन बैंकिंग इन इंडिया 2020-21’ में कहा, “हालांकि 2020-21 के दौरान बैंकों द्वारा ऋण उठाव जोखिम से बचने और मौन मांग की स्थिति में वश में रहा, 2021-22 की दूसरी तिमाही में एक पिकअप शुरू हो गया है, अर्थव्यवस्था कोविड-19 की दूसरी लहर की छाया से बाहर निकल चुकी है।”

    “बैंक बैलेंस शीट में पुनरुद्धार समग्र आर्थिक विकास के आसपास टिका है, जो महामारी के मोर्चे पर होने वाली प्रगति पर निर्भर है।”

    रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हालांकि अधिकांश नियामक छूट उपायों ने अपना काम कर लिया है, लेकिन बैंकिंग पर उनके प्रभाव की पूरी सीमा अभी तक सामने नहीं आई है।

    इसके अलावा, आरबीआई ने कहा, “बैंकों को तेजी से गतिशील और अनिश्चित आर्थिक वातावरण में लचीला बनाने के लिए अपने कॉर्पोरेट प्रशासन प्रथाओं और जोखिम प्रबंधन रणनीतियों को मजबूत करने की जरूरत होगी।”

    रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि बैंकों को अपने आईटी बुनियादी ढांचे के उन्नयन और ग्राहक सेवाओं में सुधार को प्राथमिकता देनी होगी, साथ ही ऐसे समय में अपनी साइबर सुरक्षा को मजबूत करना होगा, जब डिजिटल भुगतान परिदृश्य में तेजी से तकनीकी प्रगति हो रही है और फिनटेक पारिस्थितिकी तंत्र में नए प्रवेशकों का उदय हो रहा है।

    “बैंकिंग की बदलती प्रकृति – विशेष रूप से प्रौद्योगिकी का बढ़ता उपयोग – एक समावेशी और साउंड बैंकिंग क्षेत्र के लिए चुनौतियों के साथ-साथ अवसर भी प्रस्तुत करता है। नियामक और पर्यवेक्षी कार्य की गति बनाए रखने की जरूरत है।”

    इसके अलावा, आरबीआई ने कहा कि जहां देश में क्रेडिट ऑफटेक मंद रहा, वहीं देनदारियों के पक्ष में बढ़ी हुई जमा वृद्धि (डिपोजिट ग्रोथ) परिसंपत्तियों में निवेश बढ़ने से मेल खाती है।

  • आरबीआई ने अक्टूबर 2022 से एनबीएफसी के लिए पीसीए ढांचे की घोषणा की

    आरबीआई ने अक्टूबर 2022 से एनबीएफसी के लिए पीसीए ढांचे की घोषणा की

    नई दिल्ली| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) ढांचा पेश किया और यह 31 मार्च 2022 को या उसके बाद एनबीएफसी की वित्तीय स्थिति के आधार पर 1 अक्टूबर, 2022 से लागू होगा। केंद्रीय बैंक ने कहा, “एनबीएफसी आकार में बढ़ रहे हैं और वित्तीय प्रणाली के अन्य क्षेत्रों के साथ पर्याप्त रूप से जुड़े हुए हैं। एनबीएफसी पर लागू होने वाले पर्यवेक्षी उपकरणों को और मजबूत करने के लिए एनबीएफसी के लिए एक पीसीए फ्रेमवर्क स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।”

    पीसीए फ्रेमवर्क की समीक्षा तीन साल के संचालन के बाद की जाएगी।

    यह उपाय सभी जमा स्वीकार करने वाली एनबीएफसी (सरकारी कंपनियों को छोड़कर) पर लागू होता है, सभी गैर-जमा लेने वाली एनबीएफसी ‘मध्य, ऊपरी और शीर्ष परतों’ में।

    सीआईसी (मुख्य निवेश कंपनी) के लिए ढांचे के तहत निगरानी के लिए पूंजी, उत्तोलन और परिसंपत्ति गुणवत्ता प्रमुख क्षेत्र होंगे।

    “‘एनबीएफसी-डी’ और ‘एनबीएफसी-एनडी’ के लिए, ट्रैक किए जाने वाले संकेतक कैपिटल टू रिस्क वेटेड एसेट रेशियो (सीआरएआर), टियर क कैपिटल रेशियो और नेट एनपीए रेशियो (एनएनपीए) होंगे। आरबीआई ने कहा, ‘समायोजित नेट वर्थ या कुल जोखिम भारित संपत्ति’, ‘लीवरेज अनुपात’ और ‘एनएनपीए’ हो।

    एनबीएफसी को आम तौर पर लेखा परीक्षित वार्षिक वित्तीय परिणामों या आरबीआई द्वारा किए गए पर्यवेक्षी मूल्यांकन के आधार पर पीसीए फ्रेमवर्क के तहत रखा जाएगा। हालांकि, केंद्रीय बैंक एक साल के दौरान किसी भी एनबीएफसी पर पीसीए लगा सकता है, अगर परिस्थितियां अनुकूल होती हैं।

  • प्रधानमंत्री ने आरबीआई की 2 ग्राहक केंद्रित योजनाएं लॉन्च कीं

    प्रधानमंत्री ने आरबीआई की 2 ग्राहक केंद्रित योजनाएं लॉन्च कीं

    नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को आरबीआई की दो ग्राहक केंद्रित योजनाओं- खुदरा प्रत्यक्ष योजना और रिजर्व बैंक-एकीकृत लोकपाल योजना की शुरूआत की। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि ये योजनाएं, पूंजी बाजार को आसानी से सुलभ और निवेशकों के लिए अधिक सुरक्षित बनाने के साथ-साथ देश में निवेश के दायरे का विस्तार करेंगी।

    उन्होंने कहा कि खुदरा प्रत्यक्ष योजना ने देश में छोटे निवेशकों को सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश का एक सरल और सुरक्षित माध्यम दिया है।

    इसी तरह, उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में ‘एक राष्ट्र, एक लोकपाल प्रणाली’ को एक आकार देने के रूप में एकीकृत लोकपाल योजना का हवाला दिया।

    इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने इन योजनाओं की नागरिक केंद्रित प्रकृति पर जोर दिया।

    उन्होंने कहा कि किसी भी लोकतंत्र की सबसे बड़ी कसौटी उसकी शिकायत निवारण प्रणाली की ताकत होती है।

    इसके अलावा, उन्होंने बताया कि खुदरा प्रत्यक्ष योजना मध्यम वर्ग, कर्मचारियों, छोटे व्यापारियों और वरिष्ठ नागरिकों को उनकी छोटी बचत के साथ सीधे और सुरक्षित रूप से सरकारी प्रतिभूतियों में लाएगी।

    उन्होंने कहा कि चूंकि सरकारी प्रतिभूतियों में गारंटी के साथ निपटान का प्रावधान है, इससे छोटे निवेशक को सुरक्षा का आश्वासन मिलता है।

    बैंकिंग क्षेत्र पर, प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले सात वर्षों में, समाधान और वसूली पर ध्यान देने के साथ एनपीए की पहचान की गई है।

    उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का पुनर्पूजीकरण किया गया है, वित्तीय प्रणाली और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में एक के बाद एक सुधार किए गए हैं।

    इसके अतिरिक्त, मोदी ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र को और मजबूत करने के लिए सहकारी बैंकों को आरबीआई के दायरे में लाया गया है।

    इससे इन बैंकों का गवर्नेस भी सुधर रहा है और जमाकर्ताओं का इस सिस्टम पर भरोसा और भी मजबूत हो रहा है।

    इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘यूपीआई’ ने बहुत कम समय में भारत को डिजिटल लेनदेन के मामले में दुनिया का अग्रणी देश बना दिया है।

    केवल सात वर्षो में, भारत ने डिजिटल लेनदेन के मामले में 19 गुना छलांग लगाई है।

  • पीएम मोदी शुक्रवार को आरबीआई की दो अभिनव उपभोक्ता केंद्रित पहलों का शुभारंभ करेंगे

    पीएम मोदी शुक्रवार को आरबीआई की दो अभिनव उपभोक्ता केंद्रित पहलों का शुभारंभ करेंगे

    नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की दो अभिनव उपभोक्ता केंद्रित पहलों का शुभारंभ करेंगे। इन पहलों में भारतीय रिजर्व बैंक की खुदरा प्रत्यक्ष योजना और रिजर्व बैंक-एकीकृत लोकपाल योजना शामिल हैं।

    भारतीय रिजर्व बैंक खुदरा प्रत्यक्ष योजना का उद्देश्य है कि सरकारी प्रतिभूति बाजार में खुदरा निवेशकों की पहुंच बढ़ाई जाए। इसके तहत खुदरा निवेशकों के लिए भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा जारी प्रतिभूतियों में सीधे निवेश करने का रास्ता खुल जाएगा।

    निवेशक भारतीय रिजर्व बैंक के हवाले से ऑनलाइन सरकारी प्रतिभूति खाते आसानी से खोल सकते हैं और उन प्रतिभूतियों का रख-रखाव कर सकते हैं। यह सेवा निशुल्क होगी।

    भारतीय रिजर्व बैंक – एकीकृत लोकपाल योजना का उद्देश्य है कि शिकायतों को दूर करने वाली प्रणाली में और सुधार लाया जाए, ताकि संस्थाओं के खिलाफ ग्राहकों की शिकायतों को दूर करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक नियम बना सके। इस योजना की केंद्रीय विषयवस्तु ‘एक राष्ट्र-एक लोकपाल’ की अवधारणा पर आधारित है।

    इसके तहत एक पोर्टल, एक ई-मेल और एक पता होगा, जहां ग्राहक अपनी शिकायतें दायर कर सकते हैं। ग्राहक एक ही स्थान पर अपनी शिकायतें दे सकते हैं, दस्तावेज जमा कर सकते हैं, अपनी शिकायतों-दस्तावेजों की स्थिति जान सकते हैं और फीडबैक दे सकते हैं। इस संबंध में बहुभाषी टोल-फ्री नंबर भी दिया जाएगा, जो शिकायतों का समाधान करने तथा शिकायतें दायर करने के बारे में सभी जरूरी जानकारी प्रदान करेगा।

    कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर भी उपस्थित रहेंगे।