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  • गोवा और उत्तराखंड में टीएमसी से अलग, कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ेगी एनसीपी

    गोवा और उत्तराखंड में टीएमसी से अलग, कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ेगी एनसीपी

    नई दिल्ली, विपक्षी एकता नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस की तनातनी के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने गोवा और उत्तराखंड में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से अलग कांग्रेस पार्टी के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है। एनसीपी में मंगलवार को हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला किया। पार्टी ने निर्णय लिया है कि फिलहाल राष्ट्रीय स्तर पर जब तक पार्टी में पूरी तरीके से सहमति नहीं बन जाती उससे पहले, गोवा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एनसीपी कांग्रेस के साथ चुनाव प्रचार करेंगी।

    गौरतलब है कि एनसीपी की बैठक मंगलवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार की अध्यक्षता में दिल्ली में बुलाई गई थी। बैठक में शरद पवार ने कहा कि एनसीपी ने हमेशा किसान आंदोलन का समर्थन किया है।

    एनसीपी नेता व प्रवक्ता नवाब मलिक के अनुसार कार्यकारिणी की बैठक में पांच राज्यों के चुनाव पर चर्चा हुई। यह स्थानीय नेतृत्व को गैर-भाजपा दलों के साथ गठबंधन करने का अधिकार देता है। उत्तर प्रदेश में एनसीपी समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश से बातचीत करेगी। वहीं उत्तराखंड, गोवा में कांग्रेस से बातचीत चल रही है। गोवा में एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल और कांग्रेस गोवा प्रभारी दिनेश गुंडुराव के बीच बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया।

    नवाब मलिक ने अनुसार एनसीपी की ओर से कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों को साथ लाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा की शरद पवार पिछले साल से स्पष्ट कर रहे हैं कि यूपीए में कांग्रेस के साथ सभी दल नहीं हैं। यूपीए के बाहर भी कई धर्मनिरपेक्ष दल है जो विपक्ष के साथ आना चाहते हैं। एनसीपी उन को साथ लाने के प्रयास में जुटी है।

    इसके साथ ही बैठक में एमएसपी के लिए कानून की गारंटी देने और किसान आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई । बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, कच्चे तेलों के दाम पर चिंता जाहिर करते हुए विरोध प्रदर्शन का प्रस्ताव रखा गया।

    बैठक में एनसीपी के संगठनात्मक चुनावों पर भी चर्चा हुई है और फैसला लिया गया कि अगले साल राष्ट्रीय अधिवेशन 9 और 10 जून को दिल्ली में बुलाया जाएगा। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राष्ट्रीय कार्यकारिणी का चुनाव 9 जून को होगा। इसके बाद 10 जून को अधिवेशन होगा। संगठनात्मक चुनावों के लिए सदस्य पंजीकरण अभियान अगले साल मार्च के अंत तक पूरा हो जाएगा। इस अधिवेशन में रखे जाने वाले प्रस्तावों के लिए पीतांबरन मास्टर की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है।

  • इस्लाम धर्म छोड़कर वसीम रिजवी ने अपनाया हिंदू धर्म

    इस्लाम धर्म छोड़कर वसीम रिजवी ने अपनाया हिंदू धर्म

    गाजियाबाद, अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले वसीम रिजवी ने इस्लाम छोड़ गाजियाबाद में आज हिंदू धर्म अपना लिया। यति नरसिंहानंद गिरि महाराज ने उन्हें पूरे धार्मिक रीति रिवाज से सनातन धर्म में शामिल कराया है। वहीं धर्म परिवर्तन होने के बाद वसीम रिजवी अब त्यागी हो गए हैं। गाजियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर में अपना धर्म परिवर्तन करने के बाद वह अब त्यागी बिरादरी में शामिल हुए और जानकारी के अनुसार उनका नया नाम ‘जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी’ रखा गया है।

    इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, हिंदू होना एक जीवन शैली है। कानूनी तरीके से कोई भी अपना धर्म आसानी से बदल सकता है लेकिन किसी मंदिर में जाकर किसी खास संस्कार या प्रक्रिया के तहत पूरी तरह से हिंदू बनना संभव नहीं है। इसके लिए एक पूरी प्रक्रिया को अपनाना होता है।

    दरअसल हाल ही में हरबीर नारायण सिंह त्यागी (वसीम रिजवी) काफी सुर्खियों में रहे थे जब उन्होंने कुरान से 26 आयतें हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

    इसके बाद उन्होंने काफी धमकियां भी मिली और मुस्लिम समाज के लोगों ने इसपर आपत्ति दर्ज कराई थी। हालांकि अदालत में सुनवाई के दौरान उनकी याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया था।

    उनके मुताबिक, हर दिन उन्हें जान से मारने की धमकियां मिलती रहती थी और इस्लाम से निकाल ही दिया गया था और हिंदू धर्म में जितनी अच्छाइयां हैं वह किसी और धर्म में नहीं पाई जाती।

    धर्म परिवर्तन करने के बाद उन्होंने मीडिया से आगे बात करते हुए कहा कि, आज से वह सिर्फ हिंदुत्व के लिए काम करेंगे। वहीं मुसलमानों का वोट किसी भी सियासी पार्टी को नहीं जाता है। मुसलमान केवल हिंदुत्व के खिलाफ और हिंदुओं को हराने के लिए वोट करते हैं।

    इससे पहले उन्होंने एक ऐलान भी किया था, जिसमें अपने मरने के बाद उन्होंने हिंदू रीति रिवाज के तहत अंतिम संस्कार कराने की इच्छा जाहिर की। साथ ही उनकी चिता को यति नरसिम्हानंद ही अग्नि देने की भी बात कही थी।

    दरअसल उनको इस बात का डर था कि कई लोग उनके मरने के बाद उनके शरीर को दफनाने नहीं देंग,े जिसके बाद उन्होंने इस बात का ऐलान किया था।

  • उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने का दावा ढोक रहे सभी दल

    उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने का दावा ढोक रहे सभी दल

    उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के चलते द न्यूज १५ ने नोएडा के सेक्टर २७ स्थित स्टेडियम में चुनावी संग्राम कार्यक्रम किया। इस अवसर पर सपा, काग्रेस, आप और माकपा के नेताओं ने अपनी-अपनी बातें रखीं। सभी दलों ने महंगाई, बेरोजगारी और कानून व्यवस्था को लेकर प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधा। भाजपा कार्यक्रम से नदारद रही।

  • 16 दिसंबर को राहुल गांधी देहरादून में करेंगे जनसभा

    16 दिसंबर को राहुल गांधी देहरादून में करेंगे जनसभा

    नई दिल्ली, उत्तराखंड में जोर शोर से चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने के लिए, पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के पहले चुनावी दौरे की तैयारी कर ली है। 16 दिसंबर को राहुल गांधी देहरादून पहुंचकर एक जनसभा को संबोधित करेंगे।

    गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शनिवार को देहरादून में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी के इस चुनावी दौरे के कुछ दिन बाद ही राहुल गांधी का दौरा पार्टी की ओर से तय किया गया है। पार्टी के अनुसार राहुल गांधी का यह दौरा बांग्लादेश युद्ध में पाकिस्तान पर एक निर्णायक जीत के लिए विजय दिवस पर शहीदों के परिजनों के सम्मान और शहीदों को श्रद्धांजलि देने के रूप में दर्शाया जा रहा है लेकिन चुनाव से ठीक पहले राहुल गांधी का यह पहला दौरा होगा।

    पार्टी के अनुसार राहुल इस दौरान जहां देहरादून में सैनिकों को सम्मान और शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए नजर आएंगे। वहीं दूसरी तरफ वो एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। हालांकि पार्टी ने अभी तक जनसभा के लिए स्थान निर्धारित नहीं किया है।

    वहीं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश रावत के अनुसार राज्य में परिवर्तन यात्रा का तीसरा चरण जल्दी ही शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि अगर उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार आती है तो कहा कि युवाओं, महिलाओं और अन्य वर्गों के लिए कई पेंशन योजनाएं शुरू की जाएंगी। युवाओं को पहले साल से ही नौकरी और बेरोजगारी भत्ता देंगे। लड़कियों-महिलाओं को भी अधिक संख्या में पुलिस में भर्ती दी जाएगी।

    उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में महज एक महीने का ही वक्त शेष है इसे देखते हुए सभी राजनीतिक दलों के राष्ट्रीय नेताओं का उत्तराखंड दौरा जारी है। बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस चुनावी तैयारियों में जोर-शोर से जुटी है। कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी देवेंद्र यादव के अनुसार पार्टी कार्यकर्ता लगातार पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के उत्तराखंड दौरे की मांग कर रहे थे। इसे देखते हुए राहुल गांधी के इस चुनावी दौरे की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के देहरादून पहुंचने से ना सिर्फ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को बल मिलेगा बल्कि आगामी चुनाव को कांग्रेस पार्टी एक नई दिशा दे पाएगी।

    उम्मीद लगाई जा रही है कि इसी माह पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी उत्तराखंड में एक जनसभा को संबोधित कर सकते हैं।

  • केंद्र के पास प्रदर्शन में मारे गए किसानों का आंकड़ा नहीं, तो गलती कैसे मानी : राहुल गांधी

    केंद्र के पास प्रदर्शन में मारे गए किसानों का आंकड़ा नहीं, तो गलती कैसे मानी : राहुल गांधी

    नई दिल्ली, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र पर आरोप लगाया कि वह किसानों को मुआवजा नहीं देना चाहती। केंद्र के पास प्रदर्शन में मारे गए किसानों का आंकड़ा नहीं है, तो प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी गलती कैसे स्वीकार ली।

    कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर कहा कि कुछ दिन पहले संसद में आंदोलन में मृत 700 किसानों को मुआवजे को लेकर सवाल पूछा गया था, जिस पर सरकार ने जवाब दिया कि जब रिकॉर्ड ही नहीं है तो फिर मुआवजा कैसा।

    राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस के पास जान गंवाने वाले 503 किसानों की सूची है, जबकि सरकार ने कहा है कि उसके पास ऐसा कोई आंकड़ा नहीं है। सरकार चाहे तो हमसे आंकड़ा ले सकती है और ऐसे परिवारों की मदद कर सकती है।

    कांग्रेस सांसद ने कहा हमने इस पर कुछ काम किया और पंजाब के करीब 500 किसानों की सूची सरकार को दे दी। पंजाब में इनके परिजनों को मुआवजा भी दे दिया गया है। पंजाब में 152 मृत किसानों के परिजनों को नौकरी भी दी गई है। राहुल ने सूची दिखाते हुए कहा कि इसमें फोन नम्बर भी हैं। पीएम चाहें तो फोन कर इनके यहां बात कर सकते हैं।

    राहुल ने कहा, “सरकार के पास मृत किसानों की सूची है, लेकिन मंशा नहीं। पीएम ने गलती मानी है, लेकिन उनकी इस गलती के चलते 700 किसानों की जान चली गई।”

    राहुल ने कहा कि लाखों लोग कोविड से मर गए, लेकिन सरकार के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। मुआवजा देना पंजाब सरकार की जिम्मेदारी नहीं थी लेकिन पंजाब में किसानों की मृत्यु के बाद पंजाब सरकार ने किसानों के मुआवजे का ऐलान किया।

    राहुल गांधी ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा, “देश में पैसे की कोई कमी नहीं है पेट्रोल-डीजल के माध्यम से केंद्र सरकार ने आम जनता से लाखों रुपए वसूले हैं। किसान, मजदूरों के लिए केंद्र सरकार के पास पैसे नहीं है लेकिन उद्योगपतियों की मदद के लिये सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं है..।”

    राहुल गांधी ने कहा कि मुझे लगता है कि मानवता के आधार पर केंद्र सरकार को किसानों को यह मुआवजा देना चाहिए, जिसकी वह लगातार मांग कर रहे हैं।

  • एनसीपी कार्यसमिति की बैठक सात दिसंबर को दिल्ली में

    एनसीपी कार्यसमिति की बैठक सात दिसंबर को दिल्ली में

    नई दिल्ली, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की कार्यसमिति की बैठक सात दिसंबर को दिल्ली में होगी। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार की अध्यक्षता में ये बैठक बुलाई गई है। पांच राज्यों के चुनाव से ठीक पहले पार्टी की अहम बैठक शरद पवार के आवास पर आयोजित की जाएगी। एनसीपी ने पार्टी के सभी कार्य समिति के सदस्यों को इस बैठक में मौजूद रहने के लिए कहा है। संसद सत्र के दौरान इस बैठक में पार्टी नेताओं की ओर से शीतकालीन सत्र में उठाये जा रहे मुद्दों को लेकर भी चर्चा की जाएगी। पार्टी प्रमुख शरद पवार अन्य दलों के नेताओं से मुलाकात करते हैं। इसलिए तमाम मुद्दों पर बैठक में रणनीति बनाई जाएगी।

    पार्टी की ये बैठक इसलिए भी बेहद अहम मानी जा रही है कि पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने बुधवार को ही तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी से महाराष्ट्र के मुंबई में मुलाकात की थी।

    मुलाकात के बाद पवार ने संवाददाताओं से कहा था, बीजेपी का विरोध करने वालों का साथ आने को लेकर स्वागत है। किसी को बाहर करने का सवाल ही नहीं है। हमने मौजूदा स्थिति और सभी समान विचारधारा वाले दलों को साथ आने और भाजपा का एक मजबूत विकल्प प्रदान करने की आवश्यकता पर चर्चा की है। इस समय नेतृत्व कोई मुद्दा नहीं है। हमें एकजुट होकर बीजेपी के खिलाफ काम करने की जरूरत है।

    गौरतलब है कि महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार है। ऐसे में टीएमसी से नजदीकी कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है। खासतौर पर ऐसे समय में जब टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और पार्टी के राजनीतिक सलाहकार प्रशांत किशोर लगातार कांग्रेस पार्टी पर निशाना साध रहे हैं। साथ ही पार्टी का विस्तार करने के लिए लगातार टीएमसी में कांग्रेस के नेताओं को शामिल कराया जा रहा है।

  • पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी, सिद्दू, हरीश चौधरी और जाखड़ ने की राहुल गांधी से मुलाकात

    पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी, सिद्दू, हरीश चौधरी और जाखड़ ने की राहुल गांधी से मुलाकात

    नई दिल्ली, पंजाब प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और सुनील जाखड़ की लड़ाई राहुल गांधी के पास पहुंची और दोनों को राहुल गांधी ने बुधवार को दिल्ली तलब किया। दो दौर की बैठकों में सुनील जाखड़ ने अलग और पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी व नवजोत सिंह सिद्धू ने राहुल गांधी से अलग मुलाकात की।

    तीनों नेताओं ने बुधवार देर शाम राहुल गांधी के आवास पर पहुंचकर मुलाकात की। माना जा रहा है कि राहुल संग बैठक में पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की गई।

    सुनील जाखड़ ने शाम 5 बजे राहुल गांधी से मुलाकात की। दूसरी ओर चन्नी और सिद्दू की राहुल गांधी से मुलाकात देर रात करीब 10 बजे तक जारी रही। दोनों बैठकों के दौरान पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी मौजूद रहे।

    दरअसल पंजाब कांग्रेस में लगातार घमासान मचा हुआ है। नवजोत सिद्धू ने पिछले दिनों जिला प्रधानों के नाम तय कर पार्टी हाईकमान को भेजे थे। जिस पर पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने नाराजगी जगाई थी। खासतौर पर सुनील जाखड़ ने इस पर नाराजगी जताई। उन्होंने आरोप लगाया था कि सिद्धू संगठन को लेकर मनमानी कर रहे हैं।

    जिसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पंजाब कांग्रेस के तीनों वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली बुलाकर चर्चा की और इस तनातनी के माहौल को दूर करने का प्रयास किया।

    गौरतलब है कि सिद्धू ने तकरीबन 2 सप्ताह पहले कांग्रेस हाईकमान को लिस्ट भेजकर, 29 जिला इकाई वाले पंजाब में हर जिला इकाई में एक प्रधान और 2 कार्यकारी प्रधान का फॉर्मूला सुझाया था। अपने फॉर्मूले के जरिये सिद्धू ने इसमें 89 नेताओं को एडजस्ट करने की तैयारी की थी, जिसपर पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने नाराजगी जताई थी। वरिष्ठ नेताओं का आरोप है कि कुछ नेताओं को ही इसमें तरजीह दी जा रही है।

    अब राहुल गांधी ने इस पूरे मसले पर पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ को दिल्ली बुलाकर पूरे मामले को समझने का प्रयास किया। दरअसल पंजाब में कांग्रेस को हिंदू वोट बैंक की चिंता है। प्रदेश में 38.49 फीसदी हिंदू वोट हैं। कांग्रेस हाईकमान ने मुख्यमंत्री और संगठन अध्यक्ष के पद पर सिख चेहरे नियुक्त कर दिए हैं। ऐसे में हिन्दू वोट बैंक को मजबूत करने के लिए संगठन में अन्य पदों पर हिन्दू नेताओं को तरजीह देनी होगी। पार्टी फिलहाल इसी कवायत में जुटी है।

  • राज्य सभा सांसदों के निलंबन के खिलाफ विरोधी दलों का प्रदर्शन, राहुल गांधी ने सरकार पर साधा निशाना

    राज्य सभा सांसदों के निलंबन के खिलाफ विरोधी दलों का प्रदर्शन, राहुल गांधी ने सरकार पर साधा निशाना

    नई दिल्ली, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 12 राज्य सभा सांसदों के निलंबन को लेकर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह दुख की बात है कि हमे सदन के अंदर बैठकर चर्चा करने की बजाय बाहर यहां पर प्रदर्शन करना पड़ रहा है। राहुल गांधी ने सांसदों के निलंबन के मसले पर बुधवार को संसद भवन परिसर में गांधी प्रतिमा पर अन्य विरोधी दलों के सांसदों के साथ विरोध प्रदर्शन करते हुए जमकर सरकार पर निशाना साधा

  • कांग्रेस ने उठाया किसान आंदोलन में मरे किसानों का मुद्दा

    कांग्रेस ने उठाया किसान आंदोलन में मरे किसानों का मुद्दा

    कांग्रेस सांसद डॉ. अमर सिंह ने कृषि कानून की वापसी का स्वागत करते हुए किसान आंदोलन में हुए नुकसान को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा

  • राहुल गांधी का विपक्ष पर हमला

    राहुल गांधी का विपक्ष पर हमला

    राहुल गांधी का विपक्ष पर हमला