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  • भाजपा 1971 के युद्ध में इंदिरा गांधी की भूमिका को नकार रही है: कांग्रेस

    भाजपा 1971 के युद्ध में इंदिरा गांधी की भूमिका को नकार रही है: कांग्रेस

    नयी दिल्ली,कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि असुरक्षित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)1971 के युद्ध में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका को नकार रही है। राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बंगलादेश को 50 वर्ष पहले आजादी मिली थी और उस समय की तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने पाकिस्तान के प्रभुत्व से लोगों को मुक्त कराने में अहम भूमिका अदा की थी और इसी के चलते बंगलादेश अस्तित्व में आया था।

    उन्होंने कहा कि सरकार और सेना की मदद से इंदिरा जी ने पाकिस्तान को दो देशों में बांट दिया था और उसी युद्ध के कारण बंगलादेश एक अलग देश के तौर पर अस्तित्व में आया था तथा बंगलादेश आज भी उनका और भारत का आभारी है।

    खरगे ने कहा”पंड़ित जवाहरलाल नेहरू के समय से ही कांग्रेस लोकतांत्रिक देशों की मदद कर रही है लेकिन सरकार में बैठे कुछ लोग श्रीमती गांधी तथा उनके योगदान को समाप्त करना चाह रहे हैं। इंदिरा गांधी सरकार ने लगभग 95000 पाकिस्तानी सैनिकों को एक वर्ष तक बंदी बनाकर रखा था जो विश्व में एक अप्रत्याशित रिकार्ड है। बंगलादेश से जब भी कोई नेता खासकर शेख हसीना जब भी भारत यात्रा पर आती है तो वह इंदिरा जी के योगदान का जिक्र करना नहीं भूलती हैं। उस समय विपक्ष के नेता श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी उनकी तारीफ करते हुए कहा था कि वह दुर्गा का अवतार हैं लेकिन इस समय केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार श्रीमती गांधी और उनकी सरकार के योगदान को नकार रही है।”

    उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए हर लोकतांत्रिक देश की मदद की थी। उनकी इस बात का समर्थन करते हुए सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि अगर आज बंगलादेश अपना विजय दिवस मना रहा है तो यह सिर्फ कांग्रेस की वजह से ही है लेकिन इस दिन की याद में संसद में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमें विपक्ष के किसी भी नेता को नहीं बोलने दिया गया जो सत्ता पक्ष का वाकई एक निंदनीय कदम है।

    उन्होंने कहा “प्रधानमंत्री की असुरक्षा की भावना का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस पूरे कार्यक्रम के दौरान उन्होंने एक बार भी श्रीमती इंदिरा गांधी का जिक्र नहीं किया जबकि उस पूरे अभियान में उनकी भूमिका सबसे ज्यादा थी। यह एक तरह से देश के इतिहास को बदलने जैसा है।”

    उन्होंने कहा कि हालांकि भारत के उस कदम का अमेरिका ने जोरदार विरोध किया था लेकिन वह किसी से नहीं डरी और इस युद्ध के बाद पाकिस्तान दो भागों में विभाजित हो गया था और विश्व का नक्शा बदल दिया गया था। लेकिन दुर्भाग्य से मौजूदा नेतृत्व इस मामले में घटिया और गंदी राजनीति कर रहा है।

  • लखीमपुर खीरी कांड पर बोलने नहीं दिया जा रहा : राहुल

    लखीमपुर खीरी कांड पर बोलने नहीं दिया जा रहा : राहुल

    नई दिल्ली| कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि एसआईटी द्वारा किए गए नए खुलासे के आलोक में लखीमपुर खीरी कांड के मुद्दे पर उन्हें लोकसभा में बोलने नहीं दिया जा रहा है। दोपहर दो बजे तक लोकसभा के स्थगित होने के बाद राहुल ने कहा, “वे हमें बोलने नहीं दे रहे हैं इसलिए सदन को बाधित किया जा रहा है।”

    उन्होंने कहा, “रिपोर्ट आ गई है और उनके मंत्री शामिल हैं, इसलिए इस पर चर्चा होनी चाहिए।”

    कांग्रेस सांसदों ने बुधवार को लोकसभा में लखीमपुर खीरी की घटना पर चर्चा के लिए कई स्थगन नोटिस दिए और एसआईटी की रिपोर्ट के बाद हिंसा को ‘पूर्व नियोजित’ करार देते हुए राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को हटाने की मांग की।

    राहुल गांधी ने पार्टी के मुख्य सचेतक के सुरेश और मनिकम टैगोर के साथ मिलकर टेनी को हटाने के लिए दबाव डाला, जिनके बेटे ने कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को विवादास्पद कृषि कानूनों का विरोध करते हुए चार किसानों को कुचल दिया था।

    मंगलवार को, लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) के समक्ष एक आवेदन दायर कर 13 आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास के आरोपों के तहत उनके अपराध को दंडनीय बनाने के लिए नई धाराओं को शामिल करने का अनुरोध किया।

  • राहुल गांधी के आरोप पर बोले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, न्यायालय में विचाराधीन मामलों पर सदन में चर्चा नहीं होती

    राहुल गांधी के आरोप पर बोले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, न्यायालय में विचाराधीन मामलों पर सदन में चर्चा नहीं होती

    नई दिल्ली| लखीमपुर खीरी हिंसा पर एसआईटी रिपोर्ट के मामले में लोक सभा में नहीं बोलने देने के राहुल गांधी के आरोप पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री और राज्य सभा में नेता सदन पीयूष गोयल ने कहा कि लखीमपुर खीरी मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर, और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो रही है।

    राहुल गांधी के स्थगन प्रस्ताव के नोटिस और सदन में नहीं बोलने देने के आरोप पर जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह मामला न्यायालय के विचाराधीन है और न्यायालय के अंतर्गत विचाराधीन मामले पर सदन में चर्चा नहीं होती है।

    उन्होंने राज्य सभा की कार्यवाही को सुचारू रूप से नहीं चलने देने का आरोप विपक्षी दलों पर लगाते हुए कहा कि सदन की गरिमा एवं सुरक्षाकर्मियों की इज्जत और गरिमा को बचाने के लिए निलंबित 12 सांसदों को अपने व्यवहार के लिए प्रायश्चित जता कर माफी मांगनी चाहिए और उसके बाद सदन में आकर कार्यवाही में हिस्सा लेना चाहिए।

    विपक्ष को मुद्दाविहीन बताते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि आज लोक सभा में महंगाई और राज्य सभा में ओमिक्रोन के महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा होनी थी लेकिन विरोधी दलों के पास कोई मुद्दा नहीं है। उनके पास सरकार की आलोचना करने के लिए और जनता की समस्या उठाने के लिए कोई विषय ही नहीं है, कोई इच्छा नहीं है।

  • कांग्रेस ने लोकसभा में स्थगन नोटिस दिया, अजय मिश्रा को हटाने की मांग

    कांग्रेस ने लोकसभा में स्थगन नोटिस दिया, अजय मिश्रा को हटाने की मांग

    नई दिल्ली| कांग्रेस सांसदों ने बुधवार को लोकसभा में लखीमपुर खीरी की घटना पर चर्चा के लिए कई स्थगन नोटिस दिए और एसआईटी की रिपोर्ट के बाद हिंसा को ‘पूर्व नियोजित’ करार देते हुए केन्द्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को हटाने की मांग की। राहुल गांधी ने पार्टी के मुख्य सचेतक के सुरेश और मनिकम टैगोर के साथ मिलकर टेनी को हटाने के लिए दबाव डाला। उनके बेटे ने कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को तीन विवादास्पद कृषि कानूनों का विरोध करते हुए चार किसानों को कुचल दिया था।

    मंगलवार को, लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) के समक्ष एक आवेदन दायर कर 13 आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास के आरोपों के तहत उनके अपराध को दंडनीय बनाने के लिए नई धाराओं को शामिल करने का अनुरोध किया।

    एसआईटी जांच अधिकारी विद्याराम दिवाकर ने सीजेएम की अदालत में आईपीसी की धारा 279, 338 और 304 ए की जगह वारंट में नई धाराएं जोड़ने के लिए आवेदन दायर किया था।

    अपने आवेदन में, जांच अधिकारी ने कहा था कि “घटना सुनियोजित और एक जानबूझकर की गई साजिश के तहत रची गई थी”।

  • ओवैसी की राहुल गांधी पर आपती, गहलोत ने दी सफाई

    ओवैसी की राहुल गांधी पर आपती, गहलोत ने दी सफाई

    जयपुर| कांग्रेस नेता राहुल गांधी की यह टिप्पणी कि भारत हिंदुओं का देश है और हिंदू और हिंदुत्व के बीच अंतर करने की उनकी परिभाषा ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है।

    एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ट्वीट में कहा, “राहुल और कांग्रेस ने हिंदुत्व के लिए जमीन तैयार की। अब वे बहुसंख्यकवाद की फसल काटने की कोशिश कर रहे हैं। ‘हिंदुओं को सत्ता में लाना’ 2021 में ‘धर्मनिरपेक्ष’ एजेंडा है। वाह! भारत सभी भारतीयों का है। अकेले हिंदू नहीं। भारत सभी धर्मों के लोगों का है और उनका भी है जिनकी कोई आस्था नहीं है।”

    हिंदू और हिंदुत्ववादी के बीच के अंतर को स्पष्ट करते हुए, राहुल गांधी ने रविवार को जयपुर की एक रैली में कहा, दो शब्दों का मतलब एक ही बात नहीं हो सकता। हर शब्द का एक अलग अर्थ होता है। हमारे देश की राजनीति में आज हिंदू और हिंदुत्व का अर्थ एक ही है। ये एक ही बात नहीं हैं, वे दो अलग-अलग शब्द हैं और उनका मतलब पूरी तरह से अलग चीजें हैं। मैं एक हिंदू हूं लेकिन हिंदुत्ववादी नहीं हूं। महात्मा गांधी एक हिंदू थे और नाथूराम गोडसे एक हिंदुत्ववादी थे।”

    “चाहे कुछ भी हों, हिंदू सत्य की तलाश में अपना पूरा जीवन ढूंढता है और खर्च करता है जबकि हिंदुत्व अपना पूरा जीवन सत्ता की तलाश और सशक्त होने में लगाता है। वह सत्ता के लिए किसी को भी मार डालेगा। हिंदू का मार्ग ‘सत्याग्रह’ है, जबकि हिंदुत्व का मार्ग ‘सत्ताग्रह’ है।”

    राहुल की टिप्पणियों पर सफाई देते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, “सत्य, अहिंसा, प्रेम, भाईचारे और सहिष्णुता में विश्वास रखने वाला व्यक्ति हिंदू है। हिंदू किसी से नफरत नहीं करते और सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। हालांकि, हिंदुत्व हिंसा असहिष्णुता और नफरत फैलाने में विश्वास करता है। हिंदू और हिंदुत्ववादी के बीच वही अंतर है जो गांधी और गोडसे के बीच है।”

    गहलोत ने आगे कहा, “सही मायने में हिंदू सत्य, अहिंसा और सद्भाव में विश्वास करते हैं। कट्टरता और अतिवाद किसी भी धर्म में स्वीकार्य नहीं है। राहुल गांधी की सोच है कि भाजपा-आरएसएस के नाम पर नफरत और हिंसा की राजनीति की जा रही है।”

    इससे पहले भालपा ने भी राहुल गांधी के भाषण के बाद कांग्रेस पर हमला बोला था और कहा था कि हिंदू और हिंदुत्व की उनकी धारणा समझ से परे है।

    भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, “राहुल गांधी ने हिंदू और हिंदुत्व की अजीब व्यख्या कर दी। हर कोई जानता है कि हिंदू दर्शन जीवन का एक तरीका है, किसी भी भारतीय के लिए हिंदू और हिंदुत्ववादी होना गर्व की बात है।

  • अपनी सरकार बनाने का दावा ठोक रहे सभी दल

    अपनी सरकार बनाने का दावा ठोक रहे सभी दल

    द न्यूज 15 की चुनावी संग्राम में सपा, भाजपा, बसपा और कांग्रेस के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। भाजपा योगी सरकार की उपलब्धि गिनाती रही तो सपा सरकार को कोसती रही। सरकार बनाने का दावा ठोक रहे सभी दल

  • ‘महंगाई हटाओ’ रैली में शामिल होंने जयपुर पहुंचीं सोनिया, राहुल भी मौजूद

    ‘महंगाई हटाओ’ रैली में शामिल होंने जयपुर पहुंचीं सोनिया, राहुल भी मौजूद

    जयपुर| महंगाई के खिलाफ पार्टी की मेगा रैली में शामिल होने के लिए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी रविवार को यहां पहुंचीं। राहुल गांधी के साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हवाईअड्डे पर उनकी अगवानी की।

    कांग्रेस विद्यानगर स्टेडियम में एक ‘राष्ट्रीय रैली’ का आयोजन कर रही है, जहां हजारों लोग इस मुद्दे पर केंद्र के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए पहुंचे हैं।

    इससे पहले पार्टी ने दावा किया था कि रैली में देशभर से दो लाख से ज्यादा कार्यकर्ता शामिल होंगे। मंच संचालन की कमान राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अजय माकन को सौंपी गई है।

    विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस की इस रैली के माध्यम से राहुल गांधी को पार्टी के शीर्ष नेता के रूप में पेश किया जा रहा है। दिल्ली से सड़क मार्ग से जयपुर पहुंची प्रियंका गांधी वाड्रा भी राहुल और सोनिया गांधी के साथ हैं।

    शनिवार को राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने रैली में शामिल होने जयपुर पहुंचे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के लिए रात्रिभोज का आयोजन किया।

    वरिष्ठ नेता — के.सी. वेणुगोपाल, अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला, भूपिंदर सिंह हुड्डा, भूपेश बघेल, दिग्विजय सिंह, तारिक अनवर, आनंद शर्मा, राजीव शुक्ला, ओमन चांडी, वी. नारायणसामी, डी.के. शिवकुमार, पवन कुमार बंसल, श्रीनिवास बी सहित अन्य लोग जयपुर में रैली में शामिल होंगे।

  • अमेठी से यूपी चुनाव अभियान की शुरूआत करेंगे राहुल गांधी

    अमेठी से यूपी चुनाव अभियान की शुरूआत करेंगे राहुल गांधी

    नई दिल्ली| कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी पूर्व लोकसभा सीट अमेठी से यूपी विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान की शुरूआत करेंगे। अभी तारीख तय नहीं हुई है लेकिन कहा जा रहा है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा 17 और 18 दिसंबर को अमेठी और रायबरेली में होंगे। कांग्रेस की एकमात्र विधायक अदिति सिंह के भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी कमजोर दिख रही है। पार्टी के पास दोनों लोकसभा सीटों पर कोई विधान सभा सदस्य नहीं है क्योंकि रायबरेली में कांग्रेस के टिकट पर चुने गए दोनों विधायक भाजपा में चले गए हैं।

    पार्टी विधानसभा चुनाव में सीटों को बरकरार रखने और अगले चुनाव में अपनी संख्या बढ़ाने के लिए अच्छे प्रदर्शन के बारे में सोच रही है।

    2019 में अमेठी में राहुल गांधी को हराने वाली केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी रायबरेली में पार्टी का आधार बढ़ाने का काम कर रही हैं।

    दो लोकसभा क्षेत्रों – अमेठी और रायबरेली की कुल दस विधानसभा सीटों में से छह पहले से ही भाजपा के पास हैं।

    रायबरेली से कांग्रेस के दो विधायक अदिति सिंह और राकेश सिंह बीजेपी में शामिल हो गए हैं और रायबरेली से कांग्रेस एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह भी भाजपा में शामिल हो गए हैं।

    अदिति सिंह ने पिछले साल कांग्रेस के खिलाफ बगावत की थी जब उन्होंने पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया था और यूपी विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में भाग लिया था।

    तब से, वह कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना कर रही हैं और भाजपा की प्रशंसा कर रही हैं। पिछले कई महीनों से उनके भाजपा में शामिल होने की उम्मीद थी।

    इन दोनों जिलों की जिला पंचायतों पर भी बीजेपी का कब्जा है।

    रायबरेली में, ईरानी ने जुलाई में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति के अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी की जगह ली है।

    सोनिया गांधी स्वास्थ्य कारणों से अपने निर्वाचन क्षेत्र से दूर रही हैं। इससे वहां के कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा है।

    दो मौजूदा विधायकों सहित कुछ वरिष्ठ नेताओं के चले जाने से उस क्षेत्र में पार्टी को नुकसान पहुंचा है जो कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था।

    रायबरेली और अमेठी की देखरेख करने वाली प्रियंका गांधी भी राज्य स्तर के मुद्दों में व्यस्त रहने के कारण दोनों निर्वाचन क्षेत्रों को ज्यादा समय नहीं दे पाई हैं।

    दूसरी ओर, भाजपा ने अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए एक अच्छा मैदान तैयार किया है। रायबरेली और अमेठी में कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है।

  • नागालैंड मामले में कांग्रेस ने कहा, ‘हमें जाने की इजाजत नहीं और टीएमसी नेता गृहमंत्री से मिले’

    नागालैंड मामले में कांग्रेस ने कहा, ‘हमें जाने की इजाजत नहीं और टीएमसी नेता गृहमंत्री से मिले’

    नई दिल्ली, नागालैंड के मोन जिले में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को रोक दिया जाना और तृणमूल कांग्रेस के गृह मंत्री का अमित शाह से मुलाकात करना, यह कहीं न कहीं दोनों पार्टियों के बीच रस्साकशी और विपक्षी नेतृत्व की लड़ाई को मजबूत कर रहा है। एक ओर जहां कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि उसके प्रतिनिधिमंडल में पार्टी महासचिव जितेंद्र सिंह, पार्टी के नगालैंड प्रभारी अजय कुमार और सांसद गौरव गोगोई शामिल थे। उनको नागालैंड के मोन जिले में जाने से रोक दिया गया, जहां पिछले दिनों गोलीबारी में 14 लोग मारे गए थे। इसके बाद कांग्रेस नेता वहीं धरने पर बैठ गए।

    इस सिलसिले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट में कहा, कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को नगालैंड के पीड़ित परिवारों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। केंद्र सरकार हमारी ओर से लोगों के दुख साझा करने से डरी हुई है। परंतु हमें कोई नहीं रोक सकता।

    इसी संबंध में कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी ट्वीट कर कहा, कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडलमें शामिल नेताओं को गैरकानूनी ढंग से रोका गया। यह मोदी सरकार की फासीवादी सोच को दर्शाता है।

    वहीं दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को संसद भवन में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर नागालैंड की घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है।

    टीएमसी सांसदों ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर नागालैंड की घटना में मारे गए लोगों को मुआवजा देने के साथ ही पूरे मामले की सही तरीके से निष्पक्ष जांच कराने की भी मांग की।

    गौरतलब है कि नागालैंड सरकार ने रविवार को मोन जिले में सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में मारे गए 14 लोगों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया है। साथ ही राज्य सरकार ने घटना की जांच के लिए पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) स्तर के एक अधिकारी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने की भी घोषणा की है।

  • संजय रावत ने की प्रियंका से मुलाकात, यूपी और गोवा में गठबंधन के संकेत

    संजय रावत ने की प्रियंका से मुलाकात, यूपी और गोवा में गठबंधन के संकेत

    नई दिल्ली, शिवसेना सांसद संजय राउत ने बुधवार देर शाम कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से 10 जनपथ पहुंचकर मुलाकात की। शिवसेना सांसद संजय राउत ने प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद कहा कि उत्तर प्रदेश और गोवा में शिवसेना और कांग्रेस के बीच गठबंधन पर विचार किया जा रहा है।

    इससे पहले ठीक पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी गोवा और उत्तराखंड में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से अलग कांग्रेस पार्टी के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार है।

    संजय राउत ने मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी उनके आवास पर जाकर मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद संजय राउत ने कहा था कि राहुल गांधी को आगे आना चाहिए बाकी पार्टी से बात करने के लिए। कांग्रेस के बिना कोई अलग फ्ऱंट संभव नहीं।

    ममता बनर्जी के थर्ड फ्रंट के नेतृत्व करने को लेकर संजय राउत ने कहा, चुनावों पर हुई बात है . बात राष्ट्र राजनीति की भी हो रही है। यूनाइटेड फ्ऱंट की बातचीत को लेकर शरद पवार काफी हैं। प्रियंका गांधी से कल मुलाकात है ..विपक्ष का एक ही फ्ऱंट होना चाहिये .कई फ्ऱंट हुए तो काम नहीं होना।

    इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान को लेकर शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में तीखा संपादकीय लिखा था। सामना के संपादकीय में लिखा गया था कि कांग्रेस को राष्ट्रीय राजनीति से दूर रखना और इसके बिना संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के समानांतर विपक्षी गठबंधन बनाना सत्तारूढ़ बीजेपी और फासीवादी ताकतों को मजबूत करने जैसा है। यह सही है कि ममता बनर्जी ने बंगाल में कांग्रेस, वामपंथी दल और बीजेपी का सफाया कर दिया है, लेकिन कांग्रेस को राष्ट्रीय राजनीति से बाहर रखना एक तरह से मौजूदा फासीवादी ताकतों को मजबूत करना और बढ़ावा देना ही है।

    संजय राउत की कांग्रेस नेताओं से मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। खासतौर पर ऐसे समय में जब टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और पार्टी के राजनीतिक सलाहकार प्रशांत किशोर लगातार कांग्रेस पार्टी पर निशाना साध रहे हैं। साथ ही पार्टी का विस्तार करने के लिए लगातार टीएमसी में कांग्रेस के नेताओं को शामिल कराया जा रहा है।