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  • सालाना सेवा निर्यात 1 लाख करोड़ डॉलर भड़ाने में आईटी की होगी अहम् भूमिका : पियूष गोयल

    सालाना सेवा निर्यात 1 लाख करोड़ डॉलर भड़ाने में आईटी की होगी अहम् भूमिका : पियूष गोयल

    द न्यूज़ 15
    नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भारत की शीर्ष आईटी कंपनियों के मार्गदर्शकों को आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार विकास में तेजी लाने के लिए इस क्षेत्र को पूर्ण समर्थन प्रदान करेगी। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सेवा क्षेत्र के निर्यात को एक दशक के दौरान बढ़ाकर एक लाख करोड़ डॉलर करने में मदद की जाएगी।

    गोयल ने कहा कि भारत इस वर्ष 400अरब डॉलर के अपने व्यापारिक निर्यात लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में अग्रसर है, जबकि सेवा निर्यात करीब 240 अरब डॉलर से 250 अरब डॉलर होने की संभावना है, जो काफी कम है, लेकिन इसमें तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है और यह व्यापारिक निर्यात की रफ्तार पकड़ सकता है।

    पीयूष गोयल ने कहा, “जब मैं इनकी वक्ररेखा को देखता हूं- व्यक्तिगत रूप से मेरा मानना है कि यह शीर्ष स्तर की ओर तेजी से बढ़ रही है। हम एक लाख करोड़ डॉलर का लक्ष्य रख सकते हैं। यही उद्देश्य व लक्ष्य होना चाहिए। आपको उसे हासिल करने के लिए बस थोड़ा-सा जोर लगाना है। अगर आप इससे अधिक तेज रफ्तार के साथ एक लाख करोड़ डॉलर के आंकड़े को पार करेंगे तो मुझे मुझे खुशी होगी।”

    गोयल ने टियर-2 और टियर-3 के शहरों में आईटी हब शुरू करने के आईटी उद्योग के प्रस्ताव का स्वागत किया, जिससे अनेक नौकरियां पैदा होंगी और क्षेत्रों के विकास में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि आईटी उद्योग को कस्बों की पहचान करनी चाहिए और केंद्र उन्हें सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे तथा सुविधाएं प्रदान करने में मदद करेगा।

    उन्होंने कहा कि आईटी उद्योग नई प्रौद्योगिकी और उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करके सेवा निर्यात में बड़ा योगदान दे सकता है, जो भारत को इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर एक बड़ी भूमिका में ला सकता है।

    सप्ताह के आखिर में एक वर्चुअल बैठक के दौरान मंत्री ने आईटी उद्योग के नेताओं से कहा कि उन्हें उच्च प्रौद्योगिकी वाले उत्पादों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आईटी उद्योग ने अपने दम पर शानदार विकास दर्ज किया है और कई शीर्ष कंपनियां ऐसे समय में वृद्धि हासिल की हैं, जब भारत ने स्टार्टअप के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने पर ध्यान नहीं दिया।

    गोयल ने कहा कि उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) आईटी उद्योग को तेजी से वृद्धि हासिल करने और भारत के सेवा निर्यात में योगदान करने में मदद करने के लिए आवश्यक कोई भी सहायता प्रदान करेगा।

  • भारत और ब्रिटेन के बीच महत्वपूर्ण मुक्त व्यापार वार्ता शुरू हुई

    भारत और ब्रिटेन के बीच महत्वपूर्ण मुक्त व्यापार वार्ता शुरू हुई

    द न्यूज़ 15
    नई दिल्ली। गुरुवार को उद्योग मंत्री, पीयूष गोयल ने ब्रिटिश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्री, ऐनी मैरी ट्रेवेलियन के साथ दोनों देशों के बीच एक मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement) के लिए द्विपक्षीय बातचीत की श्रंखला शुरू की।

    दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों नरेंद्र मोदी और बोरिस जॉनसन द्वारा मई 2021 में निर्धारित 2030 तक भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया था और यह बातचीत इसी दिशा में बेहतर संभावनाएं प्रदान कर सकती है।

    इस अवसर पर श्री गोयल ने कहा कि भारत और ब्रिटेन साझा इतिहास और समृद्ध संस्कृति में साझेदारी के साथ जीवंत लोकतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में विविध भारतीय प्रवासी एक संपर्क सेतु का में कार्य करते हैं तथा दोनों देशों के बीच संबंधों में और गतिशीलता प्रदान करते हैं।

    श्री गोयल ने कहा कि ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौता निश्चितता, संभाव्यता और पारदर्शिता प्रदान करेगा तथा एक अधिक उदार, सुविधाजनक एवं प्रतिस्पर्धी सेवा व्यवस्था बनाएगा।

    उन्होंने कहा ” ब्रिटेन के साथ वार्ता से चमड़ा, कपड़ा, आभूषण और प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों में हमारे निर्यात में वृद्धि की उम्मीद है। भारत में 56 समुद्री इकाइयों की मान्यता के माध्यम से समुद्री उत्पादों के निर्यात में एक जोरदार उछाल की भी उम्मीद है।

    श्री गोयल ने कहा फार्मा पर आपसी मान्यता समझौते (Mutual Recognition Agreements) अतिरिक्त बाजार तक पहुंच प्रदान कर सकते हैं। आयुष और ऑडियो-विजुअल सेवाओं सहित आईटी / आईटीईएस, नसिर्ंग, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसे सेवा क्षेत्रों में निर्यात बढ़ाने की भी काफी संभावनाएं हैं।

    मंत्री ने आश्वासन दिया कि एफटीए के शुरू होने के बाद, दोनों देश व्यापार सौदे और अन्य संबद्व मामलों पर विचार-विमर्श करने के लिए लगातार एवं नियमित रूप से एक-दूसरे के साथ जुड़ेंगे।

    श्री गोयल ने वस्तुओं और सेवाओं में व्यापार की पर्याप्त मात्रा के मदद्ेनजर ब्रिटेन को भारत का एक प्रमुख व्यापार भागीदार मानते हुए कहा कि पर्यटन, प्रौद्योगिकी, स्टार्टअप, शिक्षा, जलवायु परिवर्तन आदि जैसे क्षेत्रों में दोनों के बीच सहयोग की संभावनाएं हैं। दोनों देश व्यापक श्रेणी के क्षेत्रों में संतुलित रियायतों और बाजार पहुंच पैकेज के साथ पारस्परिक रूप से लाभप्रद व्यापार समझौते को लेकर उत्साहित हैं।

    श्री गोयल ने बाजार पहुंच के मुद्दों पर ध्यान देते हुए व्यापार प्रतिबंधों को हटाकर क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया और कहा कि इससे दोनों देशों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करने में मदद मिलेगी।

    उन्होंने कहा ब्रिटेन के व्यापार के हमारे महत्वाकांक्षी पांच सितारा वर्ष की शुरूआत का भारत प्रतीक है और यह दिखाएगा कि हम जिन सौदों पर बातचीत करते हैं, वे सभी देशों में अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देंगे।

  • राहुल गांधी के आरोप पर बोले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, न्यायालय में विचाराधीन मामलों पर सदन में चर्चा नहीं होती

    राहुल गांधी के आरोप पर बोले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, न्यायालय में विचाराधीन मामलों पर सदन में चर्चा नहीं होती

    नई दिल्ली| लखीमपुर खीरी हिंसा पर एसआईटी रिपोर्ट के मामले में लोक सभा में नहीं बोलने देने के राहुल गांधी के आरोप पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री और राज्य सभा में नेता सदन पीयूष गोयल ने कहा कि लखीमपुर खीरी मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर, और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो रही है।

    राहुल गांधी के स्थगन प्रस्ताव के नोटिस और सदन में नहीं बोलने देने के आरोप पर जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह मामला न्यायालय के विचाराधीन है और न्यायालय के अंतर्गत विचाराधीन मामले पर सदन में चर्चा नहीं होती है।

    उन्होंने राज्य सभा की कार्यवाही को सुचारू रूप से नहीं चलने देने का आरोप विपक्षी दलों पर लगाते हुए कहा कि सदन की गरिमा एवं सुरक्षाकर्मियों की इज्जत और गरिमा को बचाने के लिए निलंबित 12 सांसदों को अपने व्यवहार के लिए प्रायश्चित जता कर माफी मांगनी चाहिए और उसके बाद सदन में आकर कार्यवाही में हिस्सा लेना चाहिए।

    विपक्ष को मुद्दाविहीन बताते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि आज लोक सभा में महंगाई और राज्य सभा में ओमिक्रोन के महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा होनी थी लेकिन विरोधी दलों के पास कोई मुद्दा नहीं है। उनके पास सरकार की आलोचना करने के लिए और जनता की समस्या उठाने के लिए कोई विषय ही नहीं है, कोई इच्छा नहीं है।