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  • स्कूल में शराब पीते हेडमास्टर समेत तीन शिक्षक गिरफ्तार

    स्कूल में शराब पीते हेडमास्टर समेत तीन शिक्षक गिरफ्तार

    द न्यूज 15  

    नवादा | बिहार में जहां शराबबंदी कानून के कार्यान्वयन को लेकर विपक्ष सरकार पर लगातार निशाना साध रही है, वही सराकारी कर्मचारी भी इस कानून की धज्जियां उड़ाने में पीछे नहीं है। ऐसा ही एक मामला नवादा जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के एक स्कूल से सामने आया जहां, शिक्षक शराब की पार्टी कर रहे थे और पुलिस पहुंच गई। पुलिस ने प्रधानाध्यापक (हेडमास्टर) समेत 3 शिक्षकों को गिरफ्तार किया है।

    पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि बुधवार की शाम पुलिस को सूचना मिली कि वारिसलीगंज नगर परिषद क्षेत्र के सामबे गांव स्थित मध्य विद्यालय में कुछ लोग शराब की पार्टी कर रहे हैं।

    इसी सूचना के आधार पर पुलिस स्कूल पहुंच गई और मौके से प्रधानाध्यापक सुनील कुमार सहित तीन शिक्षकों को शराब पीते गिरफ्तार किया गया।

    वारिसलीगंज के थाना प्रभारी पवन कुमार ने बताया कि गिरफ्तार लोगो में सुनील कुमार के अलावा रजनीकांत शर्मा और प्रमोद कुमार सिंह हैं। उन्होंने बताया कि ये दोनो दूसरे स्कूल के शिक्षक हैं।

    थाना प्रभारी ने बताया कि घटनास्थल से शराब की एक खाली बोतल भी बरामद की गई है। तीनों शिक्षकों की चिकित्सकीय जांच के बाद शराब पीने की पुष्टि भी हुई है। पुलिस अब पूरे मामले की जांच कर रही है।

    उल्लेखनीय है कि राज्य में किसी भी प्रकार की शराब बिक्री और सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध है।

  • बिहार : 5 वर्षो में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या में तिगुनी वृद्धि, जदयू ने बताया कार्ययोजना का परिणाम

    बिहार : 5 वर्षो में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या में तिगुनी वृद्धि, जदयू ने बताया कार्ययोजना का परिणाम

    द न्यूज 15 

    पटना | बिहार में जब से नीतीश कुमार की सरकार आई है तब से महिला सशक्तिकरण के प्रयास किए जा रहे हैं। अब इसके परिणाम सामने आने लगे हैं।

    आंकड़े बताते हैं कि राज्य में पिछले 16 वर्षों के दौरान महिला पुलिसकर्मियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। जदयू भी इसे सरकार के कार्ययोजना का परिणाम बता रही है।

    बिहार राज्य गृह विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2005 में राज्य में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या महज 867 थी। इसमें 805 सिपाही, 11 सहायक अवर निरीक्षक और 51 पुलिस अवर निरीक्षक यानी दारोगा थीं। वहीं अब महिला पुलिसकर्मियों की संख्या 20 हजार के करीब पहुंच गई है। इसमें 18,744 सिपाही, 225 सहायक अवर निरीक्षक और 882 पुलिस अवर निरीक्षक शामिल हैं।

    आंकड़ों के मुताबिक, पिछले पांच सालों के आंकड़ों को देखें तो महिला पुलिसकर्मियों की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई है। वर्ष 2016 में राज्य में पुलिस पद पर 6289 महिला तैनात थी, जबकि 116 महिला सहायक अवर निरीक्षक थी और 170 महिला दारोगा पद की जिम्मेदारी निभा रही थी।

    बताया जाता है कि फिलहाल पुलिस अवर निरीक्षक सहित विभिन्न पदों पर नियुक्ति की कार्रवाई अभी प्रक्रियाधीन है।

    बिहार के पूर्व मंत्री और जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार भी कहते हैं कि यह सरकार की कार्ययोजना का परिणाम है, जो सड़कों पर अब दिखाई दे रही है। आज बाजारों और ट्रैफिक पुलिस के तौर पर भी महिला पुलिसकर्मी दिखाई देंगे।

    उन्होंने कहा कि सरकार ने पंचायती राज चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देकर घर की चौखट से उन्हें बाहर निकालने की कोशिश की।

    इसके बाद महिला सशक्तिकरण को लेकर फिर छात्राओं की शिक्षा में आ रही कमियों को संवर्धन कर आगे बढ़ाने की कोशिश की उसके बाद सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण देकर समाज में महती भूमिका निभाने का दायित्व सौंप दिया।

    महिला सशक्तिकरण को लेकर चरणवार चलाए गए कार्यक्रमों का परिणाम अब सरजमी पर दिख रहा है। जदयू नेता कहते हैं कि आज कमोबेश सभी थानों में महिला पुलिसकर्मी तैनात हैं।

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    महंगा पड़ा जाम टकराना

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