Reliance ने निकाली अपनी एंबिलैंस: Technology दिन प्रति दिन अपने एक उंचले स्तर पर देखने को मिल रहीं हैं। इस बार Health सेक्टर में Technology ने बड़ा रूप लिया हैं ।
आइए जानते हैं आज के इस आर्टिकल में आखिर कैसे Reliance ग्रुप ने इस टेक्नोलॉजी को लाकर मार्केट में धमाल मचा दिया हैं?
Reliance Jio Pavilion Ambulance
Reliance Group ने सोसाइटी की समस्याओं पर ध्यान देना शुरू कर दिया हैं। Reliance Jio ने Indian Mobile Congress में अपनी टेक्नोलॉजी फुल 5G कनेक्टेड Ambulance को पेश कर सबको चौंका कर रख दिया हैं।
hi tech ambulance
यह एंबुलेंस मरीज के अस्पताल पहुंचने से पहले ही Hospital में मरीज की निजी हालत की रिपोर्ट Digitally भेज देगी।
जिससे अस्पताल में बैठी मेडिकल टीम रिपोर्ट के अनुसार Treatment की तयारी जल्द से जल्द शुरू कर सके।
इस एंबुलेंस में एक रोबोट आर्म भी देखने को मिलेगा। जो कि Ultrasound और X-Ray करेगा,हॉस्पिटल में बैठे एक्सपर्ट्स इसे वहीं से अपने अनुसार कंट्रोल कर सकेंगे। भविष्य में Medical इंडस्ट्री जिस प्रकार से मोड़ लेगी उसका आंकलन नहीं किया जा सकता।
reliance ambulance features
Pavilion Ambulance helps Medical Staff
इस तकनीक के साथ Reliance Jio अस्पताल के स्टाफ का काम आसान बनाने के लिए एक और टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा हैं।
जैसा की आप सभी जानते ही होंगे की कोरोना के दौर में काफी Frontline Workers को अपनी जान गवानी पड़ी थी।
frontline workers
इसी को मध्य नजर रखते हुए रिलायंस ग्रुप ऐसे रोबोट्स बनाने में लगा हुआ हैं जो Isolation Ward में हॉस्पिटल स्टाफ के तौर पर काम करते हुए मरीज तक दवा और खाना पहुंचाने में समर्थ होंगे।
Ambulance in Rural Areas
ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह हाईटेक एंबुलेंस काफी कारगर साबित होगी। गांव के लोगों को इलाज के लिए अब शहर भागने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
इस Jio Pavilion एंबुलेंस की मदद से गांव के लोगों को अपने घर बैठे ही रिपोर्ट भी मिल जाया करेगी।
यह बहुत ही कमाल की टेक्नोलॉजी हैं। इस तकनीक की आगे आने वाली जानकारी सबसे पहले प्राप्त करने के लिए बने रहिए The News15 के साथ।
यह खबर आपके लिए हमारे साथी Harsh Pathak ने लिखी थी। जानकारी कैसी लगी आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं।
एक समय जब सोफ्ट ड्रिंक का ख्याल आते ही जुबान पर कैंपा कोला का नाम आता था वहीं दौर फिर से शुरू हो सकता है क्योंकि आपका पंसदीदा सोफ्ट ड्रिंक ब्रांड बाजार में फिर आने जा रहा हैं सोफ्ट ड्रिंक ब्रांड कैंपा जो कभी अपने कैंपा कोला के लिए बाजार में जाना जाता था. इस साल अक्टूबर में वापसी करने जा रहा है Reliance Industries फिर से बाजार में कैंपा कोला लॉंच करने जा रही है कैंपा कोला बाजार में फिर से उतरने की तैयारियां कर रहा है.कैंपा कोला ब्रांड जो 70 के दशक में बाजार का टॉप ब्रांड हुआ करता था इस साल अक्टूबर में फिर से बाजार में वापसी करने जा रहा है. जो बाजार में मौजूदा सॉफ्ट ड्रिंकस जैसे कोका-कोला, पेपसी, स्पराइट (SPRITE), thumSup, बनाने वाली कंपनियों को भारी टक्कर देने का काम कर सकता है
मीडिया रिपोर्टस की मानें तो रिलांइस ने दिल्ली में स्थित प्योर ड्रिंक ग्रुप के साथ करीब 22 करोड़ रूपए के सौदे में इस ब्रांड का अधिग्रहण कर लिया है .इसी सौदे के साथ भारत में एक बार फिर से ब्रांड कैंपा के तीन फलेवर दीपावली के त्योहार पर लांच होने जा रहे है.आपको बता दें कि इसकी जिम्मेदारी रिलांयस के मुखिया मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी सभांल रही है.
Reliance Industries:क्या है कैंपा कोला की कहानी
कैंपा की कहानी की शुरूआत करने से पहले हमें कोका- कोला के बारें में जानना जरूरी है.1949 का दौर जब भारत में पहली बार किसी विदेशी सॉफ्ट ड्रिंक कंपनी ने कदम रखा था.जिसका नाम था कोका कोला ये वो ड्रिंक थी जिसे उस दौर में अमीर लोग पीना पंसद करते थे.
समय के साथ साथ 1970 तक आम लोगो को भी इसका चस्का लग गया.फिर देश में इमरजेंसी लगी जिसके बाद देश में जनता दल की सरकार बनी जिसने विदेशी सॉफ्ट ड्रिंक कोका-कोला कंपनी को देश से बाहर का रास्ता दिखा दिया जिसके जाने के बाद लोगों को सॉफ्ट ड्रिंक चाहिए थी, तो सॉफ्ट ड्रिंक की मांग को देखते हुए भारत में एक सरकारी कंपनी ने मार्केट में उतारी कोला ड्रिंक जिसको नाम दिया गया DOUBLE SEVEN (77). लेकिन लोगों को इसका स्वाद पसंद नहीं आया. फिर भारतीय बाजारों में एक और ड्रिंक दिखा जिसकी बोतलों पर लिखा था. कैंपा कोला.
कैंपा कोला को लोगों ने अपनी पहली पसंद बना लिया जिसका स्लोगन था. THE GREAT INDIAN TASTE. उस दौर में ये ड्रिंक इतनी डिमांडिंग हुआ करती थी कि कई हफ्तों पहले ही कंपनी को ऑडर दे दिए जाते थेकैंपा कोला लगभग 15 वर्षों तक लोगों की पंसद बनी रही
कोका- कोला के भारत से जाने का कारण
कोका- कोला सबसे पहले PURE DRINKS GROUP नाम की भारतीय कंपनी से मिलकर 1949 में भारत में आई. उस दौर में सॉफ्ट ड्रिंक का बाजार इतना विकसित नहीं होता था लेकिन कोका-कोला ने उस वक्त में भी अपना वर्चस्व बना लिया था 1959 आने तक कोका-कोला ने लगभग 4 लाख रूपए का मुनाफा कमाया था. लेकिन 1971 तक कंपनी प्रॉफिट में जाने लगी और इसे लोग कॉफी पसंद करने लगे.
आपको बता दें कि उस वक्त कोका- कोला का स्वाद एक कांस्नट्रेटर (concentraor) से ही आता था. जो अमेरिका के प्लांट्स में ही बनता था.. इसके बनाने का तरीका एक सीक्रेट बन गया था..उस वक्त भारत सरकार ने 1973 में एक एक्ट पास कर दिया The Foreign exchange Regulation Act यानि FERA (फिरा).
इस एक्ट के तहत कंपनियों को RBI से हर तीन महीने में लाइसेंस रिन्यू कराना पड़ता था. जिसके तहत विदेशी कंपनियों को भारत में काम करने के लिए 2 शर्तों को पूरा करना पड़ता था, पहला कि 60% EQUITY SHARE किसी भारतीय कंपनी के नाम करना.. और दूसरा कि तकनीकी जानकारियों को भारतीय कंपनी को हस्तांतरित करना.इसका मतलब कोका-कोला को अपना सीक्रेट शेयर करना पड़ता. जोकि कोका-कोला नहीं करना चाहती थी.
इसके बाद कंपनी को 1976 में अपना आखिरी इम्पोर्ट लाइसेंस मिला1977 के अप्रैल तक सरकार बदल चुकी थी और सरकार बन गई जनता पार्टी की जिसने इस कंपनी को लाइसेंस देने से मना कर दिया .जिसके बाद कोका कोला को भारत से अपने काम को समेटना पड़ा.
कैंपा- कोला की हुई भारत में एंट्री
कोका कोला के भारत से जाने के बाद भारतीय ब्रांड आया जिसने लॉच की Double seven 77 . जो लोगो के दिलों में अपनी वो जगह न बना पाई जो कोका-कोला की थी कोका कोला को लेकर सरकार द्वारा किए फैसले से PURE DRINKS GROUP के मालिक चरणजीत सिंह खुश नहीं थे साथ ही उन्हें 2800 कर्मचारियों की चिंता भी सताई हुई थी.इसलिए 77 के मुकाबले में भारतीय बाजारों में लाई गई कैंपा- कोला .कैंपा कोला ब्रॉड भारतीयों की एक अलग ही पसंद बन चुका था. 77 बाजारो सें गायब होने लगा जिसके बाद कैंपा ने बाजारों में जगह बनाई और तकरीबन 1992 तक कैंपा की मार्केट में मोनोपली बरकरार रही.
CAMPA COLA
इसके बाद बाजारों में कैंपा के सामने कई और सॉफ्ट ड्रिंक ब्रॉड आ चुके थे…. लेकिन कोई भी कैंपा के क्रेज को कम नहीं कर पाया फिर बाजार में आया THUMSUP जिसनें कैंपा को टक्कर दी…..उस वक्त अभिनेता सलमान खान कैंपा का ADS में प्रचार करते दिखते थें. समय के साथ साथ सरकार भी बदलने लगी। 1991 में मनमोहन की सरकार बनने के बाद भारतीय इकनोमी को बनाए ऱखने के लिए मार्केट में 1992 में कोका- कोला सॉप्ट ड्रिंक को दोबारा लाया गया
कोका कोला की वापसी ने कैंपा का वर्चस्व खत्म करना शुरू कर दिया था. उधर 1989 में Pepsi भारतीय बाजारों में आ चुकी थी उसके बाद समय के साथ साथ कोका कोला और pepsi ने अपने स्वाद और मार्केटिंग नेटवर्क के कारण बाजारों में जगह बना ली थी। फिर क्या, कैंपा बाजारों से पिछड़ने लगी और 2001 में दिल्ली में स्थित बॉटलिंग कंपनी और ऑफिसीज़ बंद हो गए फिर कैंपा केवल हरियाण तक सिमट कर रह गया 2012 तक कपंनी का अंत हो गया
अब रिलाइंस ( Reliance Industries ) दोबारा से कैंपा को रिलॉच करने जा रही है. जिसकी बागडोर रिलांइस के मुखिया मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी के हाथों में है, हालांकि PURE DRINKS GROUP लगभग बंद ही हो चुका है अब (Reliance Industries) ने इस कंपनी को अक्वायर कर FMCG सेक्टर में अपनी एंट्री का ऐलान कर दिया है.अब देखना ये होगा कि कैंपा कोला के आने के बाद इसको भी नई जीवनी मिलेगी और कैंपा कोला फिर से बाजार में अपना पुराना वर्चस्व वापस ला पाएगा.
नई दिल्ली, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने बुधवार को कहा कि भारत को अब 4जी से 5जी की ओर जल्द बढ़ना चाहिए। 5जी को लांच करना भारत की राष्ट्रीय प्राथमिकता होनी चाहिए। इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) में अंबानी ने अपने वर्चुअल संबोधन में कहा कि लाखों भारतीयों को देश की सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था को देखते हुए 2जी तक सीमित रखना उन्हें डिजिटल इंडिया के लाभों से वंचित रखना है। भारत में तेज इकोनॉमिक रिकवरी आने का पूरा भरोसा है। देश में मोबाइल, डिजिटल क्षेत्र में बड़ा ट्रांसफॉर्मेशन हो रहा है।
उन्होंने कहा “5जी को रोल आउट करना भारत की प्राथमिकता होनी चाहिए। जियो ने 5जी विकसित किया है जो पूरी तरह से क्लाउड नेटिव और डिजिटल रूप से प्रबंधित है।”
पिछले महीने एरिक्सन की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि 5जी तकनीक 2027 के अंत तक भारत में लगभग 39 प्रतिशत मोबाइल सब्सक्रिप्शन का प्रतिनिधित्व करेगी, जिसका अनुमान लगभग 500 मिलियन सब्सक्रिप्शन है।
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में रिलायंस जियो के 44.38 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं।
अंबानी ने कहा कि भारत में मोबाइल ग्राहकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। “जब हम नीति के संदर्भ में सामथ्र्य की बात करते हैं, तो हम केवल सेवाओं के सामथ्र्य के बारे में सोचते हैं। वास्तव में, भारत को न केवल सेवाओं की, बल्कि उपकरणों और टेक्नोलॉजी की भी आवश्यकता है।” कोविड के समय में, जियो पांच मिलियन घरों में फाइबर-टू-होम पेश करने में सक्षम था।
अंबानी ने कहा, “अगर उद्योग के सभी लोग एक साथ काम करते हैं, तो हम तेजी से फाइबर का एक राष्ट्रव्यापी पदचिह्न् हासिल कर सकते हैं, जैसे कि हम पिछले दशक में देश के हर कोने में मोबाइल टेलीफोनी तक पहुंचे।