किसान आंदोलन पर मोदी सरकार फिलहाल भले ही नरम नजर आ रही हो पर उसका रवैया आंदोलन के प्रति ठीक नहीं रहा है। यही वजह है कि अभी भी मोदी सरकार के किसानों की मांगों को पूरा करने में संशय बना हुआ है। कहीं ऐसा तो नहीं है कि अगले साल पांच राज्यों में होने वाले चुनाव के लिए ही यह सब किया जा रहा है। चुनाव के बाद फिर से यह मामला गरमा जाए।
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तो समाप्ति की ओर जा रहा है किसान आंदोलन !
सी.एस. राजपूत
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने सरकार द्वारा भेजे गये ड्रॉफ्ट प्रपोजल पर चर्चा की और उन्होंने बताया कि कई मुद्दों पर सहमति बन गयी है जबकि कुछ पर स्पष्टीकरण की जरूरत है।
कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल शुरू हुआ किसान आंदोलन इन कानूनों को वापस लिये जाने के बाद संभवत: समाप्ति की ओर है। सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने सरकार द्वारा भेजे गये ड्राफ्ट प्रपोजल पर चर्चा की और उसके बाद किसान नेता कुलवंत संधू ने कहा कि कई मुद्दों पर सहमति बन गयी है जबकि कुछ मुद्दों पर हमें स्पष्टीकरण की जरूरत है. उन्होंने बताया कि किसान आंदोलन के भविष्य पर कल फैसला हो सकता है।
जानकारी के अनुसार संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने सरकार द्वारा भेजे गये ड्रॉफ्ट प्रपोजल पर चर्चा की। किसान नेता कुलवंत संधू ने बताया कि केंद्र सरकार एमएसपी तय करने के लिए जो समिति बना रही है। उसमें संयुक्त किसान मोर्चा के पांच सदस्य शामिल होंगे, लेकिन उन्हें समिति के गठन पर कुछ और स्पष्टीकरण चाहिए, जिस पर हम सरकार से सवाल कर रहे है। इसके अलावा किसानों पर जो मुकदमा दर्ज किया गया है उसे भी वापस लिया जायेगा और किसानों को पंजाब मॉडल पर मुआवजा दिया जायेगा। साथ ही इन तमाम बिंदुओं पर सहमति बनने के बाद किसान आंदोलन वापस करने की घोषणा कर सकते हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में एमएसपी पर कानून बनाये जाने। किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने, आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के परिजनों को मुआवजा देने, पराली बिल को निरस्त करने, लखीमपुरखीरी मामले में मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग की गई।
सूत्रों के हवाले से जो जानकारी मिली है उसके अनुसार सरकार की ओर से जो ड्रॉफ्ट किसानों को मिला है उसके अनुसार सरकार इस बात पर राजी है कि एमएसपी के मुद्दे को लेकर जो समिति बनायी जा रही है उसमें संयुक्त किसान मोर्चा के पांच सदस्य होंगे। साथ ही सरकार इस बात पर भी राजी है कि किसानों के खिलाफ जो मुकदमा दर्ज किया गया है, उसे वापस ले लेगी और मुआवजा के मुद्दे पर भी सरकार राजी है. अजय मिश्रा के मुद्दे पर पेज फंसने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र से पहले पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की घोषणा कर दी गयी थी और सत्र के पहले दिन इन कानूनों को रद्द करने का बिल संसद से पास हो गया. बावजूद इसके अब तक किसानों का आंदोलन जारी है और किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि जब तक एमएसपी पर उनकी बातें नहीं मानी जायेंगी वे आंदोलन करते रहेंगे। ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि क्या अब किसान आंदोलन समाप्त हो जायेगा? -
पीएम मोदी किसानों के प्रति प्रतिबद्ध हैं और रहेंगे : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
नई दिल्ली, मंगलवार को लोक सभा की कार्यवाही शुरू होते ही विरोधी दलों ने राज्य सभा सांसदों के निलंबन के मसले पर हंगामा करना शुरू कर दिया।
हंगामे के बीच स्पीकर ने प्रश्नकाल चलाने की कोशिश की। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हंगामा करने वाले सांसदों पर नाराजगी जताते हुए सांसदों से प्रश्नकाल चलने देने की अपील की। लेकिन विरोधी दलों का हंगामा जारी रहा और इसे देखते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
सदन स्थगित होने के बाद मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राज्य सभा सांसदों के निलंबन के खिलाफ कांग्रेस और अन्य विरोधी दलों ने लोकसभा से वाकआउट किया है।