Tag: Khalistan

  • लंदन में सिख रेस्तरां मालिक को मिली धमकियां

    लंदन में सिख रेस्तरां मालिक को मिली धमकियां

    खालिस्तानी उग्रवाद के खिलाफ बोला तो मिली धमकिया

    लंदन में हाल की घटनाओं ने सिख समुदाय से जुड़े व्यक्तियों, विशेषकर खालिस्तानी उग्रवाद के खिलाफ बोलने वाले लोगों के सामने बढ़ते खतरों और हिंसा पर प्रकाश डाला है। एक सिख रेस्तरां के मालिक हरमन सिंह कपूर अपने परिवार पर हमले और धमकी की परेशान करने वाली घटना के साथ सामने आए हैं। यह घटना न केवल सिख समुदाय के लिए बल्कि व्यापक समाज के लिए खालिस्तानी उग्रवाद के गंभीर मुद्दे और इसके निहितार्थों को उजागर करती है।

    हरमन सिंह कपूर
    हरमन सिंह कपूर

    खालिस्तानी उग्रवाद, खालिस्तान नामक एक अलग सिख राज्य की मांग में निहित है, जो कई दशकों से एक विवादास्पद मुद्दा बना हुआ है। 1980 और 1990 के दशक की शुरुआत में इसमें तेजी आई, मुख्य रूप से भारत के पंजाब क्षेत्र में हिंसा, आतंकवाद और अलगाववादी आंदोलनों के कारण। जबकि पिछले कुछ वर्षों में भारत में हिंसा की तीव्रता कम हो गई है, खालिस्तानी समर्थकों को यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों में अपने चरमपंथी विचारों का समर्थन करने के लिए एक मंच मिल गया है।

    हरमन सिंह कपूर की कठिन परीक्षा

    लंदन के सिख समुदाय के एक प्रमुख व्यक्ति हरमन सिंह कपूर हाल ही में खालिस्तानी चरमपंथी तत्वों का निशाना बन गए हैं। वह तब सुर्खियों में आए जब उनका सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया एक वीडियो वायरल हुई। इस वीडियो में एक सामाजिक आंदोलन के बारे में ब्रिटिश हिंदुओं और भारतीयों की चिंताओं पर प्रकाश डाला गया, जिसने खुद को सामाजिक न्याय के कारण के रूप में बयान दिया, लेकिन वास्तव में इसका संबंध खालिस्तानी चरमपंथ से था।

    वायरल वीडियो के बाद, कपूर और उनके परिवार को ऑनलाइन धमकियाँ और उत्पीड़न मिलना शुरू हो गया। स्थिति तब बिगड़ गई जब उनके रेस्तरां पर खालिस्तानी समर्थकों ने हमला कर दिया। हमलावरों ने कपूर से वीडियो हटाने, खालिस्तानी नारे लगाने और भारतीय झंडा जलाने की मांग की और ऐसा न करने पर हिंसा की धमकी भी दी।

    कपूर का मामला कोई अकेली घटना नहीं है, बल्कि यूनाइटेड किंगडम में बढ़ते खालिस्तानी उग्रवाद के एक व्यापक मुद्दे का संकेत है। इन खतरों से निपटने के लिए अधिकारियों द्वारा तेज और प्रभावी कार्रवाई की कमी कपूर जैसे व्यक्तियों की सुरक्षा के बारे में चिंता पैदा करती है जो उग्रवाद के खिलाफ बोलते हैं।

    यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि कपूर पर हमला करने वाले अपराधी खुद सिख थे. मुद्दे की बात तो यह है कि खालिस्तानी उग्रवाद पूरे सिख समुदाय का सम्बन्धी नहीं है। इसके बजाय, यह एक ऐसे एजेंडे के साथ कट्टरपंथी का काम है जो विदेशों में सिख और भारतीय समुदायों के भीतर सामाजिक ताने-बाने और सांप्रदायिक सद्भाव को खतरे में डालता है।

    हरमन सिंह कपूर
    हरमन सिंह कपूर

    खालिस्तानी प्रचार और धमकियों के प्रसार को सुविधाजनक बनाने में सोशल मीडिया की भूमिका को कम करके नहीं आंका जा सकता। कपूर को ऑनलाइन धमकियाँ और उत्पीड़न मिलने का अनुभव इस बात का एक उदाहरण है कि कैसे ये प्लेटफ़ॉर्म उग्रपंथी के लिए प्रजनन स्थल बन गए हैं। जिस वायरल वीडियो ने विवाद को जन्म दिया, उसे लाखों बार साझा किया गया, जो चरमपंथी विचारधाराओं को फैलाने में ऑनलाइन प्लेटफार्मों की पहुंच और प्रभाव को प्रदर्शित करता है।

    सोशल मीडिया कंपनियों को चरमपंथी सामग्री के प्रसार की निगरानी और उस पर अंकुश लगाने में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने की आवश्यकता है। यह जरूरी है कि वे हिंसा भड़काने वाली या चरमपंथी एजेंडे को बढ़ावा देने वाली सामग्री की पहचान करने और उसे हटाने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर काम करें।

    कपूर की कठिन परीक्षा का सबसे परेशान करने वाला पहलू कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा कार्रवाई की कथित कमी है। कपूर का आरोप है कि पुलिस ने महज उनकी शिकायत दर्ज की लेकिन हमलावरों को पकड़ने में नाकाम रही. इससे खालिस्तानी उग्रवाद से निपटने में कानून प्रवर्तन की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े हो गए हैं।

    यह आवश्यक है कि अधिकारी अपराधियों की पृष्ठभूमि या संबद्धता की परवाह किए बिना उग्रवाद और हिंसा के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएं। ऐसा करने में विफलता न केवल कानून के शासन को कमजोर करती है, बल्कि चरमपंथी तत्वों को भी प्रोत्साहित करती है, जिससे उन्हें विश्वास हो जाता है कि वे दंडमुक्ति के साथ कार्य कर सकते हैं।

    कपूर का मामला खालिस्तानी उग्रवाद के अंतरराष्ट्रीय आयाम पर भी सवाल उठाता है. हाल ही में कनाडा में जाने-माने खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या ने चिंता बढ़ा दी है कि खालिस्तानी अलगाववादियों और उनका विरोध करने वालों के बीच संघर्ष यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों में फैल रहा है। इन घटनाओं का समय, खालिस्तानी समर्थकों और उनके आलोचकों के बीच बढ़े तनाव के साथ, इस मुद्दे को संबोधित करने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

  • कभी था खालिस्तानी चरमपंथी,आज हैं पंजाब का आम नागरिक

    कभी था खालिस्तानी चरमपंथी,आज हैं पंजाब का आम नागरिक

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    मैं एक समय पर बहुत ज़्यादा चरमपंथी था लेकिन अब मैंने अपनी सारी जमीन दवाखाना खोलने, स्कूल बनाने और शेल्टर होम के लिए दान कर दी हैं।मुझे बहुत बाद में समझ आया की ये राह ठीक नहीं हैं,ये कहना हैं वस्सन सिंह जफ्फरवाल का…

    कहानी चरमपंथी संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स के चीफ की…….

    मेरा नाम वस्सन सिंह जफ्फरवाल ,मैं पंजाब के धारीवाल का रहने वाला हु , मेरा सपना शुरू से ही था की मैं बड़ा होकर आर्मी में अफसर बनु लेकिन में बन ना सका मैं बना क्या मैं बना खालिस्तान कमांडो फोर्स का चीफ ,जट्ट परिवार में पैदा हुआ और बड़ा हुआ मेरा ध्यान शुरू से ही पढाई मे कम था,उन दिनों हमारा इलाका बहुत ज़्यादा पिछड़ा हुआ था,और 80 के शुरूआती दशक में हिंसा भड़कने लगी थी , हम परिवार में 6 लोग थे , मेरे पिताजी आकाली दल के सदस्य थे ,वो कई बार जेल जा चुके थे,उन दिनों पंजाब में खालिस्तान की मांग उठ रही थी,हमारा इलाका छावनी में बदल चूका था,उस समय मैं 8 कक्षा में था,उनदिनों के हालत को देखते हुए मैंने सोचा की मैं अब आगे नहीं पढूगा,मेरे दो बड़े भाई दिल्ली मे ट्रक चलाते थे,मैंने अपने घर के पास के ही कारखाने में काम करना शुरू कर दिया था ,मेरा एक छोटा भाई भी था जो घर में ही रहता था , पुलिस और प्रशासन बार-बार घर पर आ कर छोटे भाई को तंग करते थे,मेरा शुरू से ही ये था की मैं जहाँ रहू वहा चर्चा मे रहू इसी विचार के कारण में कारखाने के लोगो का नेता बन गया,कई हज़ार लोग मेरे साथ थे ,पढाई के दौरान मैंने NCC की थी जिस कारण से मेरे अंदर आर्मी का अफसर बनने की ललक थी , खालिस्तानी मूवमेंट को देख कर मुझे लगा की क्यों न में भी फ़ौज बनाऊ,

    उसी दौरान मेरे पिता को NSA लगाकर के गिरफ्तार कर लिया गया , बाद में पुलिस मेरे घर जा कर मेरे भाई और माँ को तंग करने लगी जो मुझे बरदासत नहीं हुआ ,मुझे लगा की मुझे कुछ करना चाहिए मैं नौकरी छोड़ कर वापस आ गया , लेकिन एक दिन मेरे छोटे भाई को पुलिस ने घेर कर बहुत मारा,उस दिन में बच गया और मैं समझ गया था , की अगर मैं यहा रहा तो पकड़ा जाऊगा और शायद मारा भी जाऊ , 1982-83 की बात है। पंजाब में बसें जलाई जा रही थीं। पुलिस ने छोटे भाई को पकड़ा वह उससे जानना चाहती थी कि बसें जलाने वाले कौन हैं, स्टूडेंट फेडरेशन वाले कौन हैं, भिंडरांवाला कहां है, भिंडरांवाला से तुम लोग कितनी बार मिले, क्या बातें हुईं।

    wassan singh
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    मेरे भाई को पुलिस ने इतना मारा की वो आज तक कुछ करने लायक नहीं हैं ,मैं फिर वहा से दमदमी टकसाल चला गया ,मैंने वहा पर फिर खालिस्तान लिब्रशन आर्मी ज्वाइन कर ली और उसी के काम मे लग गया हम लोग गाँव-गाँव जाकर युवाओ को इकक्ठा करते थे,हम लोग अक्सर रात को ही सफर किया करते थे और कच्चे रास्तो पर चला करते थे , हमे कभी खाने-पीने की तकलीफ कभी नहीं हुई , क्युकी हमारा नेटवर्क बहुत ज़्यादा बढ़िया हो चूका था,जवान युवक मेरे साथ जुड़ रहे थे, उन दिनों हर बड़ा नेता और अधिकारी मेरा नाम जानता था,हमनें अपनी पार्टी का नाम खालिस्तानी लिब्रशन पार्टी से बदल कर खालिस्तान कमांडो फाॅर्स कर दिया था, मैं उसमे चीफ था ,

    उसी दिन पंथक कमेटी का गठन भी किया गया। उसमें कुल पांच सदस्य थे। मैं भी उसमें शामिल था। 1986 को हमने पंजाब को खालिस्तान बनाने का ऐलान किया। उन दिनों मैं गोल्डन टेंपल में ही रहता था। मैं समझ गया था कि अब यहां रहना संभव नहीं है। चिंगारी भड़क उठी है। पुलिस और एजेंसिया मेरे पीछे पड़ी थीं।

    पाकिस्तान में मिला आलीशान घर……

    सभी एजेंसी मेरे पीछे पड़ी थी उनदिनों हम लोगो का एक ही मेहफुज्ज़ अड्डा था वो था पाकिस्तान ,मैं बॉर्डर पार करके पाकिस्तान चला गया,पाकिस्तान सरकार हमे स्पोर्ट करती थी, नये-नये बच्चे बॉर्डर पार करके पाकिस्तान की शरण में आते मैंने वहा रहकर कम से कम 40,000 बच्चो को हथियार चलाना सिखाया ,मुझे वहा एक बहुत ही बड़ा आलिशान बांगला दिया था, वहा हमारी रोज ही लोगो से मीटिंग होती थी मैं लगभग 8 साल लाहौर में रहा उन दिनों पाकिस्तान सरकार हमारी बात मानती थी , हमने 15 लाख रुपया का खर्चा पाकिस्तान सरकार से करवाया , करतारपुर साहिब में सेवा के लिए,

    wassan singh
    wassan singh

    जैसें-जैसें वक़्त बीतता गया खालिस्तानी मूवमेंट ख़तम होता गया,मुझे समझ आ गया था,की पाकिस्तान में रह कर कुछ नहीं होने वाला मैंने पाकिस्तानी सरकार की मदद से अपनी आप को स्विट्ज़रलैंड पहुँचवाया,मैंने फिर वह होम्योपैथिक का कोर्स किया,समय बीतने के बाद मुझे गाँव की याद आने लगी इस दौरान में अपने पंजाब के दोस्तों से वापस कांटेक्ट करने लगा तो वे मुझसे ऐसे बर्ताव करने लगे जैसे मैं कोई आतंकवादी हु,मुझे जब थोड़ा-थोड़ा समझ आने लगा था की मैं गलत रास्ते पर निकल गया था मैं फिर 2001 में पंजाब वापस आ गया मुझे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और म/र्डर समेत 13 मामलो मे मुझे गिरफ्तार कर लिया, धीरे-धीरे मैं सभी आरोपों से बरी होता गया,

    अब मैंने अपनी नई ज़िन्दगी शुरू कर दी है, अब मैं सोचता हु की अगर मैं पढ़ा लिखा होता तो शयद मैं आर्मी मे अफसर होता,मुझे नहीं पता की आर्मी अफसर और खालिस्तानी चीफ में कितना फर्क होता,लेकिन अब मैं मानता हु की मैंने कितना समय बर्बाद कर दिया,अब मैं ऐसा कुछ करना चाहता हु की लोग मुझे एक अच्छे व्यक्ति के रूप में याद रखे,

  • Delhi Police ने फेरा खालिस्तानियों के मंसूबों पर पानी

    Delhi Police ने फेरा खालिस्तानियों के मंसूबों पर पानी

    Delhi Police की Special Team ने PAK में बैठे खालिस्तानी आतंकी का एक बड़ा प्लैन फेल कर दिया है। दरअसल, खालिस्तान भारत में 6 नेताओं की हत्या करवाना चाहता था, इनमें से एक हत्या Delhi और Chandigarh में हाल ही में होनी थी। खालिस्तानी आतंकी Rinda ने भारत में हिन्दू नेताओं और RSS के कार्यकर्ताओं की हत्या की प्लानिंग की थी, लेकिन सही समय पर इस बात का पता दिल्ली पुलिस को चल गया और इनके मंसूबों पर पानी फिर गया।

    Punjab के गायक Sidhu Moose Waala की हत्या के बाद हिन्दू नेताओं की हत्या की साजिश पर कुछ दिनों के लिए रोक लगा दी गई थी, लेकिन उनकी ये कोशिश सफल नहीं हो पाई।

    Khalistani Terrorist Rinda

    आतंकी सहियोगी ने ही खोला पूरा चिट्ठा

    Delhi Police Special Cell की Counter Intelligence Unit ने PAK में बैठे खालिस्तानी आतंकी Rinda के सहियोगी गैंगस्टर Kawar Randeep Singh उर्फ SK को UP के Bareli से गिरफ्तार किया गया है और पूछताछ के समय उसने PAK में बैठे Rinda के सारे काले चिट्ठे खोल दिए। Police के पूछने पर सामने आया कि इस गैंगस्टर को पाकिस्तान में बैठे आतंकी Rinda के कहने पर हिन्दू नेताओं और RSS के अधिकारियों को मारने का टास्क दिया गया था, जिसके लिए ये कई बार दिल्ली आकर भी रुका था।

    Khalistani Terrorist S.K Kharoud

    Special Cell के एक बड़े अधिकारी ने खुलासा किया है कि गिरफ्तार SK Kharoud के मोबाइल से कुछ ऐसे सुबूत बरामत हुए हैं, जिनसे पाकिस्तानी लिंक सामने आ रहा है। उन्होंने ये भी बताया कि हिंदू नेताओं की हत्या की वारदात को अंजाम देने के लिए हथियार वर्ष 2021 में पाकिस्तान से आए थे। Kharoud ने ये भी बताया कि उसे ये हथियार एक आदमी ने Mohali में दिए थे, और ये सारे हथियार ड्रोन (Drone) के जरिए आए थे।

    ये भी पढ़ें : Pakistan ने गाया Kashmir का राग, भारत ने दिया करारा जवाब

    Patiala का रहने वाला था गैंगस्टर

    जानकारियों से पता चला है कि पकड़ा गया गैंगस्टर मूल रूप से Punjab के Patiala का रहने वाला था और ये भी पता चला है कि पहले से ही इस पर 7-8 आपराधिक मामले दर्ज हैं। गैंगस्टर SK Signals और WhatsApp के जरिए Rinda से समपर्क में रहता था और Rinda के कहने पर ही उसे कुछ फ़ोटोज़ भेजी गईं थी जिसके जरिए हिन्दू नेताओं और RSS के अधिकारियों को मारने की प्लानिंग की गई थी।

    SK को करनी थी Target Killing

    SK Kharoud के पास से पांच आधुनिक हथियार बरामद किए गए हैं। इनमें से दो चीनी पिस्टल हैं, जबकि तीन स्टार पिस्टल हैं। स्टार पिस्टल पाकिस्तान में बनती है। गिरफ्तार आरोपी ने पूछताछ में खुलासा किया है कि Delhi और Chandigarh में Target Killing वाले नेताओं की रेकी हो गई थी।

    Late Siddhu Moose wala

    Rinda ने ये रेकी किसी और ग्रुप से करवाई थी। रेकी की सूचना SK Kharoud को दे दी गई थी और फिर SK को टारगेट किलिंग करनी थी। आरोपी Kharoud ने ये भी बताया कि उसे हिंदू नेताओं की हत्या के आदेश बहुत पहले ही दे दिए गए थे। बस Sidhu Moose Wala की हत्या के कारण इस साजिश को टाल दिया गया था।

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    – Ishita Tyagi

  • Shiv Sena Khalistan : पटियाला में शिवसेना-खालिस्तानी आमने सामने

    Shiv Sena Khalistan : पटियाला में शिवसेना-खालिस्तानी आमने सामने

    Shiv Sena Khalistan : पंजाब के पटियाला से शिवसेना और खालिस्तान (Shiv Sena Khalistan) समर्थकों के बीच की भिड़ंत की खबर आई । दोनों ओर पत्थर बाजी हुई और तलवार चलने तक की बात सामने आई जवाबी कार्यवाही में पुलिस ने हवाई फायर की।

    “खालिस्तान” समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस का मास्टरमांइड गुरपतवंत सिंह पन्नू ने 29 अप्रैल को “खालिस्तान दिवस मनाने का ऐलान किया था। साथ ही पंजाब के हर सरकारी इमारतों पर खालिस्तान का झंडा फहराने की घोषणा की थी। यही नहीं झंडे फहराने वाले को 1 लाख डॉलर की रकम देने की घोषणा की। इसी बात के विरोध में शिव सेना और खालिस्तान (Shiv Sena Khalistan) आमने सामने आ गए ।

    कौन है खालिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नू Shiv Sena Khalistan –

    Shiv Sena Khalistan
    Shiv Sena Khalistan

    सिख फॉर जस्टिस (SFJ) संगठन को भारत सरकार ने UAPA के तहत एक आतंकवादी संगठन घोषित किया है। सिख फॉर जस्टिस संगठन का सरगना आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू पंजाब के गांव खानकोट का रहने वाला है। पन्नू अमेरिका में वकील है जिसने पंजाब यूनिवर्सिटी से LAW /लॉ की डिग्री हासिल की है।

    पन्न भारत का मोस्ट वांटेड आतंकवादी हैं। जो कि अमेरिका में बैठ कर भारत में आतंकवादी साजिश रचता है। 1 जुलाई 2020 को भारत सरकार ने पन्नू को आतंकवादी घोषित किया ।पंजाब पुलिस ने अमृतसर और कपूरथला में पन्नू के खिलाफ के राजद्रोह का मुकदमा दायर किया खा। ISI के सहयोग से खालिस्तान आंदोलन चलाता रहता है।

    पन्नू की घोषणा के विरोध में शिवसेना ने 29 अप्रैल को ही खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च निकालने की घोषणा की थी। पंजाब शिवसेना कार्यकारी हरीश सिंगला ने  कहा कि शिवसेना पंजाब में कभी खालिस्तान बनने नहीं देगी।शिवसेना का मार्च आर्य समाज चौक से शुरू हुआ। इस मार्च को अलग अलग जगहों से निकला था।

    बताया जा रहा कि दो खालिस्तान विरोधी मार्च के बीच (Shiv Sena Khalistan) कुछ खालिस्तानी आए जिसके बाद हिंसा और झड़प (Shiv Sena Khalistan) के मामले सामने आए। एक तरफ से जय श्री राम तथा दूसरी तरफ से खालिस्तान समर्थन के नारे लगे। खालिस्तान समर्थकों ने फाइटेन चौक पर जाम लगा दिया साथ ही खालिस्तान समर्थन के नारे लगाए गए। यही पर पथराव और तलवार निकाले जाने की खबर आई। पुलिस कर्मी के घायल होने की खबर भी आई। पटियाला के SSP के अनुसार 2 पुलिसकर्मी और 2 नागरिकों के घायल होने की खबर आएगी।

    जिसके चलते पुलिस को हवाई फायर करना पड़ा पुलिस के अनुसार स्थिति अह कंट्रोल में है। साथ ही पटियाला में कानून स्थिति बनाए रखने के लिए कर्फ्यू लगा दिया है ।

    जानिए क्यों चुप है दिल्ली के CM केजरीवाल 

    शिवसेना-खालिस्तानी (Shiv Sena Khalistan) भिड़त के बाद की प्रतिक्रियाएँ –

    शिवसेना ने हरीश सिंगला को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के चलते पार्टी से निकाल दिया है। हिंसा की खबर आते ही विपक्षी पार्टियों के बयान सामने आने लगे BJP के नेता मनजिंदर सिंह ने आप पार्टी पर जानबूझ कर हिंसा भड़काने देने के लिए जिम्मेदार ठहराया। मनजिंदर ने पुलिस पर भी आरोप लगाया कि उन्हें हिंसा का अंदेशा होने के बाद भी पंजाब पुलिस फेल हुई ये प्रशासन की बड़ी चूक हैं।

    इसके अलावा अकाली दल के नेताओं ने पंजाब सरकार से राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने का अपील की। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पंजाब को शांत राज्य बता कर पंजाब से आ रही फुटेज पर दुख जाहिर किया। सीएम भगवंत मान ने घटना पर चर्चा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। सीएम ने कथित तौर पर अधिकारियों से कहा कि वे किसी को भी पंजाब की मेहनत से मिली शांति में खलल न डालने दें।

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    Shiv Sena Khalistanशिवसेना-खालिस्तानी (Shiv Sena Khalistan) भिड़त पर राहुल गांधी की प्रतिक्रिया

    सीएम मान ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘पटियाला में झड़प की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने डीजीपी से बात की है, क्षेत्र में शांति बहाल कर दी गई है। हम स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं और किसी को भी राज्य में अशांति का माहौल पैदा नहीं करने देंगे.’’ उन्होंने कहा कि पंजाब में शांति और सद्भाव बहुत महत्वपूर्ण है।

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    शिवसेना-खालिस्तानी (Shiv Sena Khalistan) भिड़त पर CM Bhagwant mann की प्रतिक्रिया

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    मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि सुखविंदर सिंह चिन्ना को पटियाला का नया आईजी बनाया गया है। वहीं दीपक पारिक और वजीर सिंह को पटियाला का क्रमश: नया एसएसपी और एसपी बनाया गया है। इस मामले में तीन एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें आर्म्स एक्ट के तहत क्रॉस केस दर्ज किया गया है। इसके अलावा पटियाला में सुबह 9:30 से शाम 6 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई हैं।