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    jantar-mantar: 9 को सहारा सदन तो स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली जंतर मंतर पर निवेशकों का धावा

    Sahara Sadan Kolkata or jantar-mantar 

    चरण सिंह राजपूत 

    jantar-mantar: सहारा इंडिया सेबी विवाद और निवेशकों के भुगतान का मामला जगजाहिर हो चुका है। इस मामले में जिला अदालत से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक के सक्रिय भूमिका निभाने के बावजूद निवेशकों को कोई खास राहत नहीं मिल पाई है। स्थिति यह है कि सहारा निवेशक और एजेंट देशभर में सड़कों पर उतरे हुए हैं। सहारा इंडिया के खिलाफ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बड़ा धरना-प्रदर्शन करने के बाद अब 9 जून को पश्चिमी बंगाल की राजधानी कोलकाता में धरना-प्रदर्शन होने वाला है। 5, 6, 7  अगस्त को दिल्ली जंतर-मंतर (jantar-mantar) सहारा निवेशक और एजेंट आ धमकने वाले हैं। जानकारी के अनुसार देशभर में आंदोलन की तैयारी चल रही है।

    जानकारी के अनुसार 9  जून को कोलकाता सहारा सदन का घेराव अमन श्रीवास्तव की अगुआई में हो रहा है। इस धरना-प्रदर्शन के बारे में अमन श्रीवास्तव का कहना है कि नौ जून को सहारा प्रबंधन ने भुगतान न किया तो पूरे पश्चिमी बंगाल में सहारा इंडिया के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सहारा प्रबंधन उन एजेंटो को धमकी दे रहा है जो आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। उनका कहना है कि सहारा प्रबंधन इन एजंेटों से कह रहे हैं कि यदि वे आंदोलन में शामिल होते हैं और उनके फोटो प्रबंधन के पास पहुंचते हैं तो उन्हें भुगतान होने में दिक्कतें आएगी।

    Sahara Sadan Kolkata or jantar-mantar 
    supreme court

    Sahara Sadan Kolkata or jantar-mantar  protest 

    दिल्ली जंतर-मंतर पर होने वाले आंदोलन में मुख्य भूमिका निभा रहे ऑल इंडिया जनांदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय देव शुक्ल ने कहा है कि उनका प्रदर्शन 5 ,6 ,7  अगस्त को जंतर-मंतर पर होगा। यदि इन दिन के आंदोलन पर केंद्र सरकार उनकी सुनवाई नहीं करती है तो स्वतंत्रता दिवस यानी कि 15  अगस्त दिल्ली में बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि देशभर के पीड़ित निवेशक और एजेंट जंतर-मंतर पर होने वाले आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। हर हाल में सहारा से निवेशकों का भुगतान कराया जाएगा।  उन्होंने बताया कि सहारा के चेयरमैन सुब्रत राय लगातार निवेशकों को बेवकूफ बना रहे हैं।

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    उन्होंने बताया कि सहारा से भुगतान न होने के चलते लोग आत्महत्या कर रहे हैं। उनका कहना है कि भुगतान न होने पर आर्थिक तंगी के चलते बिहार के समस्तीपुर जिले में विद्यापति नगर के मऊ धनेशपुर दक्षिण गांव के वार्ड संख्या 4  निवासी मनोज झा (४२  वर्ष), उनकी पत्नी सुंदरमणि देवी (38  वर्ष), मां सीता देवी (65  वर्ष), पुत्र सत्यम (10  वर्ष) और शिवम (7  वर्ष) ने सामूहिक खुदकुशी कर ली।

    उन्होंने कहा कि परिवार के पांच लोगों के एक साथ आत्महत्या करने से वे लोग हतप्रभ हैं। उन्होंने देशभर के निवेशकों औेर एजेंटों से आंदोलन में जुटने की अपील की है। इस आंदोलन में ऑल इंडिया जनांदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा और रंग दे बसंती संगठनों के अलावा कई संगठन सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इस आंदोलन में अभव देव शुक्ल, इंद्रदेव राठौर, अधिवक्ता बीके श्रीवास्तव, राजस्थान से विजय वर्मा, राधेश्याम सिंह, वीरेंद्र सोलंकी मुख्य भूमिका निभा रहे हैं।

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    दरअसल सहारा-सेबी विवाद तो चल ही रहा है साथ ही कोलकाता, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड में सहारा निवेशक और एजंेट भी सड़कों पर उतरे हुए हैं। सहारा जहां सेबी के साथ तो तू डाल-डाल मैं पात-पात का खेल खेल रहा है वहीं निवेशकों को भी भ्रमित करने में लगा है। एक ओर सहारा निवेशकों के सारे भुगतान करने की बात करता है तो दूसरी ओर सेबी पर उसके 25000करोड़ रुपये का दावा कर सेबी से निवेशकों को भुगतान करने की बात करता है। सहारा के चेयरमैन सुब्रत राय की शासन प्रशासन में पैठ के चलते तमाम एफआईआर दर्ज होने के बावजूद उनका कुछ नहीं बिगड़ पा रहा है।

    jantar-mantar- गत दिनों बिहार के निवेशकों को पैसा दिलाने में जब पटना हाईकोर्ट सख्त हुआ और सुब्रत राय के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया तो प्रसिद्ध वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से इस गैर जमानती वारंट पर स्टे दिलवा दिया। सहारा निवेशक और एजेंटों का मानना है कि अब उनके पास भुगतान के लिए आंदोलन ही एक रास्ता है।

     

     

  • संयुक्त राष्ट्रीय मोर्चा ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार ने जंतर मंतर पर किया धरना-प्रदर्शन 

    संयुक्त राष्ट्रीय मोर्चा ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार ने जंतर मंतर पर किया धरना-प्रदर्शन 

    राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजा गया ज्ञापन 

    पैसा न मिलने तक जारी रहेगा आंदोलन : मदन लाल आज़ाद

    चरण सिंह राजपूत
    नई दिल्ली। सहारा इंडिया, पर्ल्स, बाइकबोट, हैलोटैक्सी, टॉपराइट, राधामाधव जैसी ठगी करने वाले कंपनियों के खिलाफ मोर्चा खोला जा चुका है। संयुक्त राष्ट्रीय मोर्चा ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार इन जैसी कंपनियों के खिलाफ सड़क पर उतर चुका है।  31 जनवरी से संसद सत्याग्रह  करने वाले मोर्चे ने सोमवार को जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन किया। इस अवसर  मांगों से  संबंधित ज्ञापन राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को सौंपा गया।
    संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता मदन लाल आजाद ने धरने को सम्बोधित करते कहा कि देश में हर तीसरा व्यक्ति किसी न किसी कंपनी की ठगी का शिकार है। उन्होंने कहा कि देश के करीब 20  करोड़ परिवारों को हजारों कंपनीज, कॉपरेटिव सोसायटीज एवं वित्तीय संस्थानों ने बारी-बारी से अनियमित जमा योजनाएं चलाकर ठग लिया है, जिनकी मेहनत की कमाई को यह ठग कंपनीज, कॉपरेटिव सोसायटीज व वित्तीय संस्थान विधिसम्मत तरीकों से वापस नहीं कर रहे हैं।
    ,मदन लाल आजाद का कहना है कि सेबी एक्ट 1992, कॉपरेटिव सोसायटी एक्ट 2002, लॉ कंपनी एक्ट 2013, चिटफंड 2019 और अनियमित जमा योजनाएं पाबंद कानून 2019  का उल्लंघन करते हुए सहारा इंडिया, पर्ल्स, बाइकबोट, हैलोटैक्सी, टाइपराइड, राधा माधव, ब्ल्यूफॉक्स, साइन सिटी, फ्यूचर मेकर, कैची पिक्सल, स्ट्रीट हाक्स, कर्मभूमि, कल्पतरू, सारईं प्रसाद, हीरा गोल्ड, पिनकोन, रामेल, प्रयाग, हैलोराड, गो वे, गो बाइक, एनएनएम, एवरग्रीन, विश्वास ट्रेडिंग,  कार सर्विस यात्रा, ग्लोबल स्टार, किसान एग्रो, विश्वामित्र जैसी हजारों कंपनियों ने करोड़ों नागरिकों को बारी-बारी से अपनी ठग स्कीम्स में फंसाकर ठगा है। मदन लाल आज़ाद ने कहा कि इसी तरह आदर्श, संजीवनी, नवजीवन, सहारा, सर्वोदय, समृद्ध जीवन, लोकहित, जेकेवी, अल्पेश्वर, खेतेश्वरल, कामधेनु जैसी हजारों मल्टीस्टेट कॉपरेटिव सोसायटियों ने करोड़ों नागरिकों को अपनी ठगी का शिकार बनाया।
    उन्होंने कहा कि सहारा इंडिया और पर्ल्स के मामलों में तो पहले सेबी ने वर्ष 2012  में निवेशकों जमाकर्ताओं के धन का भुगतातन करने का आदेश दिया था, जिसे कालांतर में ठग कम्पनीज ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी तो वर्ष 2016  में दोनोें ही मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने भी दोनों कंपनीज को पीड़ितों की जमा राशि 15  फीसदी ब्याज समेत 6  माह में वापस करने का आदेश दिया। आज 5  वर्ष हो गये सुप्रीम कोर्ट के आदेश को किन्तु दोनों कंपनियों ने जमाकर्ता परिवारों का भुगतान नहीं किया, जिस वजह से हजारों पीड़ितों ने आत्महत्या कर ली  है। सहारा इंडिया के मालिकान ने तो सुप्रीम कोर्ट सेबी को गुमराह करते हुए झूठा शपथ पत्र देकर 2016  में पैरोल ली और जेल से बाहर आकर आज तक किसी का कोई भुगतान नहीं किया, जो सेबी एक्ट और सुप्रीम कोर्ट केा आदेशों का खुला उल्लंघन एवं अवमानना है।
    उन्होने कहा कि हमारे राष्ट्रपति महोदय ने 21 फरवरी 2019  को एक अध्यादेश के माध्यम से अनियमित जमा योजनाएं पाबंदी कानून लागू किया, जिसमें समस्त ठगी पीड़ित जमाकताओं को धन की वापसी के लिए भारत संघ एवं राज्यों को जिम्मेदार बनाकर 180 कार्यदिवस में ट्रायल कम्प्लीट कर पुनर्भुगतान की व्यवस्था की, 30  जुलाई 2019  को संसद ने सर्वसम्मति से अनियमित जमा योजनाएं पाबंदी कानून 2019 पारित करके केंद्र ने इसे कानून के रूप में नोटिफाइड किया, किन्तु किसी भी राज्य एवं संघ सरकार ने इसे लागू नहीं किया और न ही किसी जमाकर्ता का भुगतान इस एक्ट के तहत किया गया, जो संसद राष्ट्रपति एवं कानून का अपमान एवं उल्लंघन है।
    मदन लाल आजाद ने कहा कि २० करोड़ ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवारों ने हमारे दो लाख से ज्यादा सैनिक, करेाड़ों रिटायर्ड कर्मचारी अधिकारी, करेाड़ों किसान, मजदूर, प्रोफेशनल, एडवोकेट, पत्रकार, जज, अफसर, वैज्ञानिक तक सम्मिलित हैं।
    बाइक बोट हैलोटैक्सी टॉपराइड ठगी मामलों का शिकार बनकर लगभग 1200  सैनिक आत्महत्या कर चुके हैं। दर्जनों विवाद भुगतान के लिए सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं, दर्जनों मामलों में सुप्रीम कोर्ट भुगतान का आदेश सेबी, एसएफआईओ व राज्य अन्य एजेंसियों को दे चुका है। फिर भी जब भुगतान प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो ऑल इंडिया बाइकबोट टैक्सी यूनियन ने सैकड़ों ज्ञापन पत्र राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री, कंपनी कार्यमंत्री, गृहमंत्री, कानून मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री व अन्य जिम्मेदार एजेंसियों को दिये। उसके पश्चात राज्य एवं संघीय सरकार ने भुगतान नहीं किया। भारत सरकार एवं राज्यों को कानून के प्रति संवेदनशील बनाने, कानून, राष्ट्रपति, संसद और न्यायालय के आदेशों का पालन करवाने के लिए तमाम ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवारों के प्रतिनिधियों ने संसद सत्याग्रह द्वारा भुगतान सुनिश्चित करवाने और जनचेतना पैदा करने के लिए संयुक्त राष्ट्रीय मार्चा ठगी पीड़ित परिवार नाम से एक सामाजिक संगठन का निर्माण किया । उन्होंने कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक पीड़ितों को न्याय नहीं मिल जाता। धरना प्रदर्शन में हरियाणा पानीपत से कृष्णपाल, विनोद कुमार, दिल्ली से अब्दुल शाहिद, राजकुमार, कन्हैया लाल ओटवाल, नरेश कुमार, गनपत कुमार सिंह, मनोज सिंह, अलाउद्दीन, ए.के. सिंह,  सर्वेश सिंह, फरीदाबाद से ओमप्रकाश, मीरा सिंह, मिथलेश दिल्ली, राधेश्याम सोनी, सिद्धार्थनगर उत्तर प्रदेश, सुनील कुमार इंटावा, नेकराम शर्मा रूपसवास भरतपुर राजस्थान, पंकज पाठक खदावल, रूपवास राजस्थान, जसविंदर सिंह इटावा, राजेश कुमार वघेरा, रिजयुद्दरीन सिद्धार्थनगर, राम कृष्ण, शिव प्रकाश मिश्रा, अजय सोनी आदि मौजूद थे।