वॉशिंगटन। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता को टालने पर भारत ने जुबानी हमला तेज कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से लेकर संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत रुचिरा कंबोज ने वर्तमान स्थायी सदस्यों खासकर चीन को जमकर सुनाया है। जयशंकर ने तो चीन का नाम लिए बिना कहा कि भारत की स्थायी सदस्यता की राह में रोड़ा कोई पश्चिमी देश नहीं है बल्कि (चीन है)। वहीं जुबानी वार के बीच भारत ने वित्तीय रूप से भी संयुक्त राष्ट्र को करारा जवाब दिया है। भारत ने 1 फरवरी को घोषित किए गए अंतरिम बजट में संयुक्त राष्ट्र को दी जाने वाली मदद को आधा कर दिया है। भारत ने पिछले साल 382 करोड़ रुपये की मदद की थी, वहीं इस साल इसे घटाकर 175 करोड़ रुपये कर दिया है।
भारत ने 1 फरवरी को घोषित अंतरिम बजट में संयुक्त राष्ट्र में अपने योगदान को 50 प्रतिशत से अधिक घटाने का ऐलान किया है। संयुक्त राष्ट्र में सुधारों की वकालत करने वाली भारत सरकार, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रगति की कमी से निराश है। यूएन के एक हिस्से यूएनएससी में पांच स्थायी सदस्य हैं – अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, रूस और फ्रांस और 10 गैर-स्थायी सदस्य हैं। यह वैश्विक शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है। दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश और पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत, यूएनएससी में स्थायी प्रतिनिधित्व के लिए प्रयास कर रहा है, लेकिन सफल नहीं हो पाया है।
संयुक्त राष्ट्र सुधारों पर जयशंकर ने सुनाया
संयुक्त राष्ट्र की वर्तमान संरचना से भारत का यह असंतोष जापान, जर्मनी और ब्राजील जैसे अन्य देशों द्वारा भी साझा किया जाता है। इन देशों का मानना है कि सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र को 21वीं सदी की बदलती वैश्विक शक्ति की स्थिति के अनुकूल होना चाहिए। विश्लेषकों का कहना है कि भारत की ओर से दो करोड़ डॉलर की बजट में कटौती हालांकि प्रतीकात्मक है। इससे यूएन के संचालन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करने की उम्मीद नहीं है, जिसका बजट 3.4 बिलियन डॉलर है। इसके बाद भी यह सुधारों की दिशा में प्रगति की कमी के प्रति भारत की हताशा को दिखाता है।
गत 22 फरवरी को रायसीना डायलॉग के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई थी, तो उसके लगभग 50 सदस्य थे, लेकिन अब यह संख्या चार गुना हो गई है। जयशंकर ने कहा कि बदलते परिदृश्य के अनुकूल होना सामान्य ज्ञान है। वैश्विक संकटों के प्रबंधन में संयुक्त राष्ट्र की प्रभावशीलता संदिग्ध रही है। इसने रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-हमास संघर्ष जैसे चल रहे संघर्षों को सुलझाने में फेल साबित हुआ है। इसके अतिरिक्त, संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन पर आम सहमति बनाने या ठोस कार्रवाई करने में विफल रहा है।
चीन भारत का क्यों कर रहा है विरोध?
कोविड-19 महामारी के दौरान, जब दुनिया को समर्थन की आवश्यकता थी, तो संयुक्त राष्ट्र उतना सक्रिय नहीं था जितना अपेक्षित था। इसके विपरीत, भारत जरूरत के समय छोटे देशों की सहायता के लिए आगे आया। भारत के विदेश मंत्री, जयशंकर ने बताया कि कुछ देशों ने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में अपने फायदे के लिए हेरफेर किया है। उन्होंने चीन का नाम लिए बिना यह निशाना साधा। जयशंकर ने यह भी जोर देकर कहा कि जबकि दुनिया की कई समस्याओं के लिए पश्चिमी देशों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की सबसे बड़ी बाधा चीन है। विश्लेषकों का कहना है कि चीन नहीं चाहता है कि एशिया का कोई और देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य बने ताकि उसका दबदबा बना रहे।
30 नवंबर से 12 दिसंबर तक एक्सपो सिटी, दुबई में जा रहा है आयोजित
COP28,UAE
2023 संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन या यूएनएफसीसीसी की पार्टियों के सम्मेलन को COP28 के रूप में जाना जाता है। यह सम्मेलन 30 नवंबर से 12 दिसंबर तक एक्सपो सिटी, दुबई में आयोजित किया जा रहा है। बता दें कि यह सम्मेलन 1992 में पहले संयुक्त राष्ट्र जलवायु समझौते के बाद से हर साल आयोजित किया जाता है। जलवायु परिवर्तन पर चर्चा के लिए दुनियाभर के नेता दुबई में हो रहे संयुक्त राष्ट्र के एक बड़े सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं।
COP28 जलवायु को लेकर यह संयुक्त राष्ट्र की 28वीं सालाना बैठक है। इस सालाना बैठक में सरकारें इस बात पर चर्चा करती हैं कि जलवायु परिवर्तन को रोकने और भविष्य में इससे निपटने के लिए क्या तैयारियां की जाएं।
इस बार यह सम्मेलन संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दुबई में 30 नवंबर से लेकर 12 दिसंबर, 2023 तक आयोजित किया जा रहा है।
COP28 का क्या है मतलब?
World Government Summit
सीओपी का फुल फॉर्म कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज है जिसका अर्थ पर्यावरण का सम्मेलन, और सीओपी शिखर सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र के संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन) पर हस्ताक्षर करना हैं। यहां पार्टीज़ का मतलब उन देशों से है, जिन्होंने साल 1992 में संयुक्त राष्ट्र के जलवायु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
यूएई दुनिया के 10 शीर्ष तेल उत्पादकों में शामिल है. उसने अपनी सरकारी कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुल्तान अल-ज़ुबैर को COP28 का अध्यक्ष नियुक्त किया है। गैस और कोयले की ही तरह तेल भी एक जीवाश्म ईंधन है. ये सभी ईंधन जलवायु परिवर्तन के लिए ज़िम्मेदार हैं, क्योंकि ऊर्जा की ज़रूरतों के लिए इन्हें जलाने पर पृथ्वी को गर्म करने वाली कार्बन डाइऑक्साइड जैसी ग्रीनहाउस गैसें पैदा होती हैं। अल-ज़ुबैर की तेल कंपनी जल्द तेल उत्पादन बढ़ाने की योजना भी बना रही है।
बीबीसी को लीक हुए कुछ दस्तावेज़ों से ये संकेत भी मिले हैं कि यूएई ने इस सम्मेलन की मेज़बानी के ज़रिये तेल और गैस को लेकर नए सौदे करने की योजना बनाई है। अल-ज़ुबैर का कहना था कि तेल और गैस इंडस्ट्री से नाता होने के चलते उनका देश (जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए) क़दम उठाने के लिए विशेष तौर पर सक्षम है।
उनका कहना है कि रीन्यूएबल एनर्जी कंपनी मसदार का चेयरमैन होने के नाते उन्होंने पवन और सौर ऊर्जा जैसी स्वच्छ ऊर्जा की तकनीक के विस्तार पर भी काम किया है।
COP28 क्यों है अहम?
Climate at COP28
ऐसी उम्मीद है कि COP28 में पृथ्वी के तापमान में बढ़ोतरी को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के दीर्घकालिक लक्ष्य को बरक़रार रखा जाएगा. 2015 में पेरिस में हुए समझौते में क़रीब 200 देशों में इसे लेकर सहमति बनी थी।
संयुक्त राष्ट्र में जलवायु पर नज़र रखने वाली संस्था, इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) के अनुसार, 1.5 डिग्री सेल्सियस वह अहम लक्ष्य है, जिससे जलवायु परिवर्तन के ख़तरनाक असर को रोका जा सकता है।
इस समय दुनिया का तापमान औद्योगीकरण के दौर से पहले की तुलना में 1.1 या 1.2 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है. उससे पहले इंसान ने बड़े पैमाने पर जीवाश्म ईंधन को जलाना शुरू नहीं किया था।
हालांकि, ताज़ा अनुमान बताते हैं कि इस समय दुनिया साल 2100 तक 2.4 से 2.7 डिग्री सेल्सियस गर्म होने की दिशा में बढ़ रही है, हालांकि, अभी पक्के तौर पर सही आंकड़े नहीं दिए जा सकते। इसी कारण, संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस के अंदर बनाए रखने की समयसीमा और कम होती जा रही है।
इस सम्मेलन में 200 से ज़्यादा मुल्कों के नेता आमंत्रित हैं.
200 Countries
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इसमें सम्मिलित नहीं होंगे, लेकिन दोनों देश अपने प्रतिनिधि भेज रहे हैं। ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक इसमें हिस्सा लेंगे. बकिंघम पैलेस ने पुष्टि की है कि किंग चार्ल्स भी दुबई आएंगे. वह एक दिसंबर को संबोधन देंगे.
पर्यावरण के लिए काम करने वाली संस्थाएं, मानवाधिकार समूह, थिंक टैंक, कारोबारी आदि भी इसमें हिस्सा लेंगे। 2022 में हुए कॉप 27 में जीवाश्म ईंधन से जुड़े कई लोगों ने भी हिस्सा लिया था।
जलवायु परिवर्तन को लेकर हुए 27वें सम्मेलन में एक ‘लॉस एंड डैमेज’ फंड बनाने पर सहमति बनी थी, जिसके तहत अमीर देशों को जलवायु परिवर्तन की मार झेल रहे ग़रीब देशों को फ़ंड देना था।
लेकिन ऐसा कैसे किया जाएगा, इसे लेकर अब तक कोई स्पष्टता नहीं बनी है। उदाहरण के लिए अमेरिका ने अपने यहां हुए ऐतिहासिक ग्रीनहाउस उत्सर्जन के लिए किसी तरह की रकम देने से इनकार कर दिया था।
2009 में विकसित देशों ने 2020 तक हर साल विकासशील देशों को 100 अरब डॉलर की मदद देने की प्रतिबद्धता जताई थी, ताकि वे अपने यहां उत्सर्जन घटा सकें और जलवायु परिवर्तन के लिए ख़ुद को तैयार कर सकें. लेकिन 2020 में ऐसा नहीं हो सका, ऐसे में उम्मीद है कि 2023 से यह हो पाएगा।
COP28 क्या है और यह क्यों है महत्वपूर्ण?
COP28, UAE
2023 संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (UNFCCC) संगठनों की बैठक को COP28 नाम दिया गया। यह सम्मेलन 30 नवंबर से 12 दिसंबर तक दुबई एक्सपो सिटी में आयोजित किया जा रहा है। बता दें कि यह सम्मेलन 1992 में पहले संयुक्त राष्ट्र जलवायु समझौते के बाद से हर साल आयोजित किया जाता है। दुनिया भर के नेता संयुक्त राष्ट्र के एक प्रमुख सम्मेलन में भाग लेते हैं।
हम जलवायु परिवर्तन पर चर्चा के लिए दुबई में आयोजित किया जा रहा हैं। COP28 यह संयुक्त राष्ट्र का 28वां वार्षिक जलवायु सम्मेलन है। इस वार्षिक बैठक में सरकारें चर्चा करती हैं कि भविष्य में जलवायु परिवर्तन को कैसे रोका जाए और उस पर कैसे प्रतिक्रिया दी जाए। यह सम्मेलन 30 नवंबर से 12 दिसंबर 2023 के बीच दुबई, संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित किया जा रहा है।
क्यों है महत्वपूर्ण COP28?
COP28COP28 संयुक्त राष्ट्र की जलवायु के मुद्दे पर 28 वीं बैठक है। यह हर साल होता है और जलवायु परिवर्तन पर दुनिया का एकमात्र बहुपक्षीय निर्णय लेने वाला मंच है, जिसमें दुनिया के हर देश की लगभग पूर्ण सदस्यता है। इसलिए यह हम सभी के लिए महत्वपूर्ण हैं। COP28 पृथ्वी के तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लम्बे समय तक लक्ष्य को बनाए रखेगा।
2015 में पेरिस में हुए समझौते में लगभग 200 देशों ने इस पर सहमति जताई थी। संयुक्त राष्ट्र की जलवायु निगरानी संस्था, इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) के अनुसार, 1.5 डिग्री सेल्सियस एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है जिससे जलवायु परिवर्तन के खतरनाक प्रभाव हो सकते हैं। इण्डस्ट्रिअलिजेसन के दौर से पहले की तुलना में आज की दुनिया की अगर हम तापमान की तुलना करे तो 1.1 या 1.2 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है। इससे
पहले इंसानों ने बड़े पैमाने पर जीवाश्म ईंधन (fossil fuel) जलाना शुरू नहीं किया था. हालाँकि, नवीनतम अनुमान बताते हैं कि दुनिया अभी के दुनिया में वर्ष 2100 तक 2.4 से 2.7 डिग्री सेल्सियस तक तापमान बढ़ने की ओर बढ़ रही है, हालाँकि, सटीक आंकड़े अभी तक निश्चितता के साथ नहीं दिए जा सकते हैं।
इस कारण से, संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस के भीतर रखने की समय सीमा कम होती जा रही है। इस सम्मेलन में 200 से अधिक देशों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग इसमें शामिल नहीं होंगे, लेकिन दोनों देश अपने प्रतिनिधि भेज रहे हैं। इसमें ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक हिस्सा लेंगे. बकिंघम पैलेस ने पुष्टि की है कि किंग चार्ल्स भी दुबई का दौरा करेंगे। पर्यावरण संगठन, मानवाधिकार समूह, थिंक टैंक, व्यवसायी आदि भाग ले रहें हैं।
जीवाश्म ईंधन (fossil fuel) में रुचि रखने वाले कई लोग 2022 में भी सीओपी 27वें में भाग लिया था। 27वें जलवायु परिवर्तन सम्मेलन ने “नुकसान और क्षति” निधि बनाने का निर्णय लिया था, और अमीर देश इस निधि में धन का योगदान देंगे। गरीब देश जलवायु परिवर्तन का असर झेल रहे हैं. 2009 में, विकासशील देशों ने विकासशील देशों को 2020 तक 100 बिलियन डॉलर की वार्षिक सहायता प्रदान करने का वादा किया था ताकि वे प्रचार को कम कर सकें और जलवायु परिवर्तन के लिए तैयार हो सकें। लेकिन 2020 में ऐसा नहीं किया जा सका इसलिए 2023 से इसके किये जाने की उम्मीद है।
Delhi: Liquor Policy Scam और Money Laundering मामले में प्रवर्तन निदेशालय Aam Aadmi Party को आरोपी बनाए जाने को लेकर कानूनी सलाह ले रहा है। आपको बता दें कि बुधवार को Liquor Scam Case में पूर्व Deputy CM Manish Sisodia की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान Court ने ED से सवाल किया “अगर PMLA के तहत शराब नीति से एक Political Party को फायदा पहुंचा, तो फिर वह पार्टी इस केस में शामिल क्यों नहीं है? शराब नीति से सीधे राजनीतिक पार्टी को फायदा हुआ,तो वह मामले में आरोपी या पक्षकार क्यों नहीं है?
बरहाल, इस पूरे मामले में आप की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही। बीते दिन ही ED की टीम ने करीब 11 घंटे की पूछताछ के बाद पार्टी के राज्यसभा सांसद Snajay Singh को गिरफ्तार कर लिया। जैसा कि Manish Sisodia तो पहले से ही इस मामले में जेल में बंद हैं। अब ED पूरी पार्टी को ही मामले में आरोपी बनाने का सोच रही है। इसी बीच Delhi CM Kejrival ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब से INDIA गठबंधन बना हैं, PM Modi बौखलाए गए हैं, उनको लग रहा है अगर यह गठबंधन हुआ तो वह हार सकते हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “ये लोग सारे झूठे केस लगा रहे हैं। इतने केस लगा लिए, इतनी जांच कर ली लेकिन कुछ निकलता तो है नहीं। इस जांच-जांच के खेल में सबका समय खराब होता है।”
Kejrival के इस बयान पर BJP ने निशाना साधते हुए कहा जांच की तपिश CM Arvind Kejriwal तक भी पहुंचेगी। वहीं BJP सांसद Manoj Tiwari ने कहा कि पापी चाहे कितना भी चतुर क्यों न हो उसे सजा जरूर मिलती है।
आपको बता दें कि अबतक आबकारी नीति घोटाला मामले में Manish Sisodia, Vijay Nair,कारोबारी Sameer Mahendru समेत अन्य लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं Money Laundering मामले में Satyendra Jain भी जेल में हैं। Liquor Scam Case में तेलंगाना के सीएम KCR की बेटी कविता से लगातार पूछताछ हो रही है। अप्रैल महीने में CM Arvind Kejrival से भी इसी मामले में लंबी पूछताछ हुई थी। Manish Sisodia की गिरफ्तारी Delhi के Excise Department के प्रमुख रहते हुए की गई उस वक्त मनीष सिसोदिया ने मार्च 2021 में नई Excise Policy का ऐलान किया था असिन November में नई Liquor Policy भी लागू की गई थी। नीति में गड़बड़ी होने के आरोपों के बीच CBI ने 19 August को Manish Sisodia के घर पर छापेमारी कर 27 फरवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सोमवार को 2016 में हुए सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाया। उन्होंने जम्मू में कहा कि सरकार ने अब तक सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत नहीं दिया है। केंद्र सरकार सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में बात करती है कि हमने इतने लोग मार गिराए हैं, लेकिन सबूत कुछ नहीं है।
दिग्विजय ने सर्जिकल स्ट्राइक के अलावा 2019 में पुलवामा में हुए आतंकी हमले को लेकर भी प्रधानमंत्री को घेरा। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि पुलवामा हमले के वक्त CRPF अफसरों ने कहा था कि जवानों को एयरक्राफ्ट से मूवमेंट कराया जाए, पर प्रधानमंत्री नहीं माने। दिग्विजय सिंह ने कहा कि पीएम कहते थे आतंकवाद समाप्त हो जाएगा। हिंदुओं का बोलबाला हो जाएगा लेकिन जब से धारा 370 हटी है, आतंकवाद बढ़ा है। उन्होंने कहा कि हुकूमत यहां का फैसला नहीं कराना चाहती, यहां की समस्या का निदान नहीं करना चाहती। यह समस्या कायम रखना चाहती है ताकि कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्म बनती रहें और लोगों में हिंदू-मुसलमान में नफरत फैलाते रहें।
दिग्विजय सिंह के आरोपों का जवाब भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने दिया। उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी के चरित्र में गैरजिम्मेदाराना बयान देना है। हमारे सुरक्षा बलों के खिलाफ बोलने वाले किसी को भी देश बर्दाश्त नहीं करेगा। पीएम मोदी से नफरत के कारण राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह में अब देशभक्ति नहीं बची है। जब भी हमारी वीर सेना अपना पराक्रम दिखाती है तो सबसे अधिक दर्द उस देश को होता है जिसको सबक सिखाया जाता है, जो विश्व में अपनी आतंकी गतिविधियों को लेकर जाना जाता है। लेकिन यह दुखद है कि दर्द भारत की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को होता है।
गफलत की पराकाष्ठा है गाइडलाइंस में कोई बदलाव न होना
चरण सिंह राजपूत
जो गलती केंद्र सरकार ने 2020 में की थी वही गलती इस बार भी कर रही है। 2020 में जब कोरोना का पहला मामला केरल में आया था यदि उसी समय विदेश से आने वाली फ्लाट्स रोक दी जाती तो शायद देश में कोरोना इतना कोहराम न मचाता। इस बार भी भी ऐसा ही हो रहा है। जब कोरोना वायरस के बीएफ.7 ने चीन में कोहराम मचाया है तो स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने देशभर के लिए तो तमाम गाइडलाइंस जारी कर दी हैं पर अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा के लिए अभी तक गाइडलाइंस में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जबकि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। स्वास्थ्य मंत्री को हवाई यात्रा से कोराना फैलने का अंदेशा नहीं दिखाई दे रहा है पर राहुल गांधी की यात्रा से कोरोना फैलने का डर उन्हें हैं।
Why not ban International Air Travel?
BF.7 of Corona Virus
कई उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और दिल्ली समेत राज्यों में कोरोना के हालातों को लेकर रिव्यू मीटिंग की जा रही है पर केंद्र सरकार इस बात पर गौर नहीं कर रही है कि कोरोना वायरस तो विदेश से ही आएगा। यदि ऐसे ही अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा होती रही तो कोरोना वायरस फैलने की आशंका और ज्यादा हो जाएगी। 2020 में यही हुआ था विदेश से आने वाले यात्रियों को पहले आने दिया गया और फिर कोरोना वायरस के फैलने के लिए तब्लीगी जमात का जिम्मेदार ठहरा दिया गया। वह बात दूसरी थी कि जिन भी तब्लीगी जमात के लोगों को गिरफ्तार किया गया उन्हें कोर्ट ने बाइज्जत छोड़ दिया। सरकार को समझने की जरूरत यह है कि जब कोरोना वायरस विदेश से आता है तो फिर विदेश से किसी व्यक्ति को देश में आने ही क्यों आने दिया जाए। चीन से आने वाले सामान पर यदि प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है तो ऐसी कुछ व्यवस्था की जाए कि इस सामान से कोरोना न फैले।
दरअसल स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कोरोना हालातों को लेकर एक रिव्यू मीटिंग में अलर्ट रहने को कहा है। उन्होंने लोगों ने अपील की है कि वे भीड़भाड़ वाले इलाके में मास्क जरूरत पहनें। मतलब जहां से करोना वायरस आना है वहां पर रोका नहीं लगाएंगे, जहां वायरस है ही नहीं वहां पर पूरा ध्यान लगाएंगे। हालांकि देशभर के विभिन्न एयरपोर्ट्स पर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की रैंडम टेस्टिंग तेज करूर कर दी गई है। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा है कि घबरानी की जरूरत नहीं है। देशभर में पर्याप्त मात्रा में कोरोना टेस्ट किये जा रहे हैं।
दरअसल कोरोना वायरस के बीएफ.7 वेरिएंट ने चीन में कोहराम मचाया हुआ है। भारत में उसके पांच मामले सामने आ चुक हैं। बीएफ.7 कोविड वेरिएंट के ये मामले गुजरात और ओडिशा से सामने आये हैं। चीन की तरह भारत में भी हालात बेकाबू न हों, इसको लेकर केंद्र सरकार ने राज्यों को कई तरह के निर्देश जारी किये हैं।
क्या है बीएफ.7 वेरिएंट
ऐसा नहीं है कि कोरोनो का यह वेरिएंट नया है। यह पहली बार अक्टूबर में सामने आया है। धीरे धीरे अमेरिका और यूरोपीय देश में कोरोना का यह वेरिएंट अन्य वेरिएंट्स की जगह लेने लगा। बीएफ.7 कोरोना के वेरिएंट ए.5.2.1.7 के जैसा ही है। यह आमिक्रॉन के स्वरूप बीए.5 जैसा है। यह ओमिक्रॉन के स्वरूप बीएफ. 5 की उप वंशावली है।
क्या है बीएफ.7 का ट्रांसमिशन रेट
चीन के हालातों से संबंधित खबरों में दावा किया जा रहा है कि कोरोना का बीएफ.7 वेरिएंट की ट्रांसमिशन कैपिसिटी सबसे ज्यादा है। रिपोर्ट्स के अनुसार बीएफ.7 ओमिक्रोॅन वेरिएंट आसानी से लोगों को इनफेक्ट कर सकता है और यह कोरोना के अन्य वेरिएंटस की तुलना में बेहद आसानी से फैलता है । एक रिपोर्ट के अनुसार बीएफ.7 से संक्रमित एक व्यक्ति 10 से 18 लोगों को संक्रमित कर सकता है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, नाक बहाना, मध्यम से तेज बुधार, गले में गंभीर संक्रमण और नाक बहाना बीएफ.7 के लक्षण हैं।
चीन समेत दुनियाभर के तमाम देशों में कोरोना वायरस ने एक बार फिर पैर पसारना शुरू कर दिया है कोरोना वायरस को देखते हुए भारत सरकार भी सतर्क हो गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया बुधवार 21 दिसंबर को कोरोना पर हाई-लेवल मीटिंग बुलाई है.
इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को स्थगित करने की अपील की है. उन्होंनें इस चिट्ठी में भारत जोड़ो यात्रा में कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने की अपील की है. यदि यह संभव न हो तो यात्रा को देशहित में स्थगित करने का निर्णय लिया जाए.” केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने पत्र में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से कोरोना फैलने के खतरे पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा, “चूंकि कोरोना महामारी एक सार्वजनिक आपात स्थिति है, इसलिए देशहित में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को स्थगित करने पर फैसला लिया जा सकता है.
राजस्थान में चल रही भारत जोड़ो यात्रा में कोविड गाइडलाइन का सख्ती से पालन हो. यात्रा से जुड़े लोगों को मास्क और सैनेटाइजर का उपयोग कराया जाए.” इसके अलावा कोरोना की वैक्सीन लगवा चुके लोगों को ही यात्रा से जुड़ने की अनुमति देने की अपील की गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के इस पत्र पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इसे पूरी तरह से राजनीतिक बताया है.
उन्होंने दावा किया है कि भारत जोड़ो यात्रा से डरकर बीजेपी ये काम कर रही है. उन्होंने कहा, “भारत जोड़ो यात्रा से मोदी सरकार बौखलाए हुई है. आम लोगों का ध्यान भटकाने के लिए बीजेपी तरह-तरह के सवाल उठा रही है. क्या गुजरात चुनाव में पीएम मोदी मास्क लगाकर, सारे प्रोटोकॉल मानते हुए घर-घर गए थे?”
इसी पर बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया नें कांग्रेस को प्रेस वार्ता कर घेरे में ले लिया. कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को उन्होंनें नफरती यात्रा बताया. और साथ ही राहुल गांधी को याद दिलाया कि वे कोविड को मोविड बुलाते है, तो ऐसे वैश्विक मुद्दे पर राहुल को गंभीर होने की सलाह दी.
Sanju Samson की ताबड़तोड बल्लेबाजी के बावजूद भी टीम India को हार का सामना करना पड़ा। South Africa ने ODI सीरीज का पहला मुकाबला 9 रन से जीत लिया।
सीरीज का पहला मैच टक्कर का मैच था। आखिरी 3 ओवर्स में मैच पलटा। बारिश के कारण मैच 40 ओवर्स का ही रहा।भारतीय कप्तान Shikhar Dhawan ने टॉस जीतते हुए SA को पहले बल्लेबाजी करने का मौका दिया। पहले बल्लेबाजी करते हुए South Africa ने 40 ओवर में 4 विकेट गवांकर 249 रन बनाए।
South Africa
इसमें सबसे अहम योगदान David Miller (75) और H Klassen (74) बनाए। दोनों ने बहुत ही ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की और साथ ही नाबाद रहें। Janneman Malan (22) और De Cock (48) ने टीम को अच्छी शुरुआत दी।भारतीय गेंदबाजों ने अच्छी गेंदबाजी करते हुए 4 विकेट लिए। जिसमें Shardul Thakur ने 2 विकेट ली। Kuldeep Yadav और Ravi Bishnoi को 1-1 विकेट मिला।
जवाब में उतरे भारतीय ओपनर्स Shikhar Dhawan और Subhman Gill, लेकिन दोनों का बल्ला नहीं चल पाया। इसके बाद भारत के सभी बल्लेबाजों ने अपना योगदान दिया Rituraj Gaikwad (19) Ishan Kisan(20) रन बनाए। लेकिन सबसे अहम योगदान भारत की तरफ से Shreyas Iyer (50) अर्ध शतक लगाया और Sanju Samson ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए अर्ध शतक के साथ 86 रन बनाए। Shardul Thakur ने भी 33 रन बनाए।
shreyas iyer and sanju samson
Lungi Ngidi ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 8 ओवर में महज 52 रन दिए और 3 विकेट चटकाए। Rabada ने भी 2 विकेट लिए। Van Parnell,T Shamsi और keshav Maharaj तीनों को 1-1 विकेट मिला।
दोनों टीम अब 9 अक्टूबर को सीरीज का दूसरा मैच Ranchi में खेलेंगी। देखते हैं कि सीरीज बराबर होगी या South Africa इस सीरीज को अपने नाम करेगी।
यह खबर हमारे साथी Harsh Pathak ने लिखी थी। जानकारी कैसी लगी आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं।
American कंपनी Apple ने चीन को बड़ा झटका देते हुए भारत में प्रोडक्शन बढ़ाने की बात की हैं। आइए जानते हैं आज के इस आर्टिकल में आखिर क्या हैं पूरा मामला?
जैसा की आप सभी जानते ही होंगे कि हाल ही में खबर आई थी कि Apple के फोन यानी iPhone का प्रोडक्शन भारत में बढ़ाया जाएगा।अमेरिकन कंपनी Wistron Tata समूह के साथ पार्टनरशिप कर भारत में प्रोडक्शन चालू करेगा।
Indian Market During Corona Time
भारत में कोरोना महामारी के बावजूद Apple Iphone की बिक्री में लगातार उछाल देखने को मिला है इस कारण Apple भी अपने ज्यादा से ज्यादा हेडसेट भारत में उतारना चाहता है, इसी के साथ ही चीन और अमेरिका में बढते ट्रेड वार के फलस्वरूप भारत एक अच्छा विकल्प बन सकता है, पिछले कुछ सालों में अमेरिका और भारत के रिश्तो में लगातार सुधार ही आते गए है।
apple iphone
Apple Airpods and Beats Headphones
चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के चलते अब इस कंपनी ने Airpods और Beats हेडफोंस के प्रोडक्शन को भी भारत में मूव कर सकती हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार पता लगा हैं कि Wistron के बाद अब Foxconn भी भारत में Beats हेडफोंस के प्रोडक्शन बढ़ाने की बात कर रहा हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक Airpods को भी भारत में ही प्रोड्यूस किया जायेगा। Luxshare Precision Industry इन एप्पल के पॉपुलर एयरपोड को भारत में बनाने में सहयोग करेगा।हालांकि इसपर Foxconn ने कोई औपचारिक घोषणा नहीं की हैं। आशा करते हैं Foxconn जल्द ही इस पर साफ रूप से बयान देगा।
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India’s Export
अगर यह प्रोडक्शन भारत में ऊंचे स्तर पर शुरू हुआ तो यह भारत के लिए बहुत ही अच्छी खबर होगी। क्योंकि इससे ग्लोबल चैन की जो सप्लाई हैं वो भारत से होगी। अगर कंपनी ने यह फैसला लिया तो इससे चीन को बहुत बड़ा झटका लगेगा और भारत के लिए ये एक बहुत बड़ी जीत होगी।
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यह खबर आपके लिए हमारे साथी Harsh Pathak ने लिखी थी। जानकारी कैसी आप हमें कमेंट करके बता सकते है।
Jammu Kashmir में एक बार फिर से दहशत ने अपना रूप दिखाया है। एक बार फिर Jammu के Udaiwala में J&K के DG जेल Hemant Kumar Lohia की करी गई हत्या और इस हत्या की पूरी जिम्मेदारी ली है वहीं के एक आतंकी संगठन TRF ने। उनकी हत्या इतनी दर्दनाक तरीके से की गई है कि उनको देखने वालों की भी रूह कांप उठी थी, उनको बहुत ही बेरहमी से मारा गया था। उनकी हत्या कांच की Bottle से उनका गला रेतकर की गई थी और उनके शरीर पर और भी चोटों के घाव थे और कुछ-कुछ जगह जलने के भी निशान थे।
D.G H.K Lohia
सूत्रों से पता चल है कि इस पूरे हत्या कांड की जिम्मेदारी एक आतंकी संगठन TRF ने ली है लेकिन Police ने अपनी तहकीकात शुरू कर दी है और इस तहकीकात के दौरान ही खबर आई है कि Lohia की हत्या उनके नौकर ने की है और तबसे वो फरार है। लेकिन शरुआती जांच में J&K Police ने किसी भी आतंकी Angle से इनकार कर दिया। अब सवाल ये आ जाता है कि अगर ये काम किसी भी आतंकी संगठन का नहीं था तो फिर क्या Lohia की हत्या उनके नौकर ने ही करी है? अगर उसने ही हत्या करी है तो आखिर क्या वजह थी उनकी हत्या करने के पीछे? इन सबका जवाब तो तब ही मिलेगा जब Police उस नौकर को अपनी हिरासत में लेगी।
14 February 2019 को Pulwama Attack के साथ सामने आया TRF संगठन और बताया जा रहा है कि उस हमले से पहले ही इन आतंकियों ने घाटी के अंदर अपने पैर जमा लिए थे। धीरे धीरे इन्होंने अपना आतंक बढ़ाना शुरू कर दिया और ये सब देखकर Pakistan की कुछ खुफियाँ Agencies जैसे कि ISI ने भी इनका समर्थन करना शुरू कर दिया। लेकिन इस संगठन का जमावड़ा तब बढ़ा जब 5 August 2019 को धारा 370 पूरी तरह से हटाई गई उस समय TRF पूरे Kashmir में सक्रिय हो गया था।
ISI
कौन है TRF का Mastermind?
जैसे की ज्यादातर आतंकी कहानी Pakistan से शुरू होती है वैसे ही TRF की शुरुआत भी Pakistan से ही हुई है। पिछले कुछ सालों से घाटी में बढ़ते आतंक की वजह से Pakistan का असली चेहरा सबके सामने आ रहा है और अपने देश में इन संगठनों को पनहा देने वाले Pakistan पर अब अंतर्राष्ट्रीय दवाब पढ़ रहा है इनके खिलाफ कार्यवाही करने के लिए, और Pakistan को इतना भी समझ आ ही चुका है कि उसे अब लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के खिलाफ कोई कदम तो उठान ही पड़ेगा लेकिन उसे ये भी डर था कि इससे कश्मीर में उसकी जमीन खिसक सकती है। बस इसी बात का फाएदा उठाकर Pakistani खुफिया Agency ISI और लश्कर-ए तैयबा ने मिलककर नए आतंकी संगठन TRF की नींव रखी।
टीम India के बल्लेबाजों की ताबड़तोड़ बैटिंग की बदौलत भारत ने सिर्फ 3 विकेट गवांकर 20 ओवर में 237 रन बनाए। भारतीय टीम के सभी बल्लेबाजों ने South African गेंदबाजों की खूब पिटाई की। यह मुकाबला भी भारतीय टीम ने 16 रन से जीत लिया।
Ngidi से लेकर Parnell तक और Rabada से लेकर Nortjie तक सबकी खूब पिटाई हुई। इस मैच के साथ टीम India ने यह सीरीज भी अपने नाम कर ली।
India
टॉस जीतते हुए SA कप्तान Bavuma ने फील्डिंग करने का निर्णय किया। लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने उनका यह निर्णय गलत साबित कर दिया। भारत की सलामी Rohit-Rahul की जोड़ी ओपनिंग करने उतरी।
kl rahul and rohit sharma
अच्छी शुरुआत करते हुए KL Rahul (57) ने अर्ध शतक जड़ा,कप्तान Rohit Sharma (43) ने भी अच्छी बल्लेबाजी करी लेकिन अर्ध शतक से चूंके। लेकिन Keshav Maharaj ने दोनों को चलता किया।
इसके बाद क्रीज पर रहे India के रन मशीन Virat Kohli और 360 डिग्री यानी Suryakumar Yadav। दोनो अपनी ताबड़तोड बाल्लेबाजी से मैच को आखिर तक ले गए।
virat kohli and suryakumar yadav
Suryakumar (61) ने महज 18 गेंदों में अर्ध शतक लगाया। Virat Kohli (49) भी अपने अर्ध शतक से सिर्फ 1 रन ही पीछे रहे साथ ही नाबाद रहें। अंत में फिनिशर के तौर पर आकर Dinesh Karthik ने 2 छक्के और 1 चौंका लगाते हुए पारी खत्म की।
South Africa
इस बड़े टारगेट के जवाब में ओपनिंग करने उतरे SA कप्तान Bavuma और Q De Cock। Bavuma एक बार फिर बिना खाता खोले पवेलियन लौटे।
India के Arshdeep Singh ने अपने पहले ही ओवर में 2 शानदार विकेट चटकाए। Rossouw को भी Arshdeep ने ही out किया।
arshdeep singh vs sa
इसके बाद Aiden Markrem पारी को संभालने लगे लेकिन 33 रन ही बना पाए। Axar Patel की गेंद पर चकमा खाकर अपना विकेट गवा बैठे।
उसके बाद SA के ताबड़तोड़ बल्लेबाज David Miller क्रीज पर उतरे और भारतीय गेंदबाजों की पिटाई करनी शुरू कर दी और अंत तक उनका पीछा नहीं छोड़ा।
miller and de cock
De Cock (69) के साथ 174 रन की शानदार पार्टनरशिप कर बेहतरीन तरीके से शतक लगाया। 47 गेंदों में 7 छक्के और 8 चौंके लगाकर David Miler ने 106 रन की नाबाद पारी खेली।
De Cock भी नाबाद रहे,पारी का सबसे लंबा छक्का (104m) Miller ने लगाया। इनका स्ट्राइक रेट(225.53) भी काफी कमाल का रहा।
david miller six
इन दोनों ने SA को जीत के काफी करीब पहुंचा दिया था। अगर Target थोड़ा छोटा होता तो शायद South Africa यह मैच जीत जाती क्योंकि India के गेंदबाजों की इन दोनों ने काफी धुलाई करी।
टीम India को इस मैच में एक बार फिर गेंदबाजों की कमी महसूस हुई। जो कि World Cup के लिए अच्छी बात नहीं हैं। अभी भी टीम India अपना Bowling Combination ढूंढने में लगी हुई हैं। आखिर देखते हैं की Bumrah का विकल्प कौन होगा।
team india bowling combination
Harshal Patel भी जिस तरह से गेंदबाजी करते नजर आ रहे हैं। उस प्रकार से लगता नहीं कि वे World Cup के लिए तैयार हैं। उनकी जगह टीम India को कोई और विकल्प देखने की ज़रूरत हैं।
इस T20 सीरीज का आखिरी मुकाबला अब 4 अक्टूबर को Indore में होना हैं। क्या टीम India इस आखिरी मैच में किसी और बॉलर को टीम में आजमाएगी?
यह खबर आपके लिए हमारे साथी Harsh Pathak ने लिखी हैं। जानकारी कैसी लगी आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं।