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  • मजहब के लिए अब महजबी ने छोड़ी इंडस्ट्री, कहा-अब हिजाब पहन कर रहूंगी

    मजहब के लिए अब महजबी ने छोड़ी इंडस्ट्री, कहा-अब हिजाब पहन कर रहूंगी

    हिजाब के लिए जायरा वसीम और सना खान के बाद अब बिग बॉस की कंटेस्टेंट रही महजबी सिद्दीकी का नाम और जुड़ गया है

    द न्यूज 15 

    नई दिल्ली/मुंबई। हिजाब का मामला अब धर्म से जुड़ गया है। सना खान और जायरा वसीम के बाद अब महजबी सिद्दीकी इस्लाम के लिए अब एक्टिंग की दुनिया छोड़ रही हैं। महजबी सिद्दीकी ने अपने इंस्टाग्राम पर एक लंबा पोस्ट कर हिजाब पहनने और इस्लाम के लिए एक्टिंग छोड़ने का ऐलान किया है। महजबी ने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा है कि वह पिछले दो सालों से इस बात को लेकर परेशान थीं। उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ऐसा क्या करें जिससे उन्हें सुकून मिले। महजबी ने लिखा है कि उन्हें यह महसूस हुआ कि वह असल जिंदगी को भूलकर दुनिया की दिखावे वाली जिंदगी जी रही थी। एक्ट्रेस ने लिखा है कि अल्लाह की नाफरमानी करके इंसान को कभी सुकून नहीं मिल सकता है। महजबी ने कहा कि सना खान को वह एक साल से फॉलो कर रही थीं और उन्हें उनकी बातें अच्छी लगती थीं।  महजबी ने कहा है कि सना की बातें सुनकर ही उनके अंदर इस्लाम के प्रति लगाव बढ़ा। उन्हें अल्लाह से तौबा करके सुकून मिला है और इसे वह लफ्ज़ों में बयां नहीं कर सकती।  बता दें कि सना खान ने भी अपने मजहब के लिए एक्टिंग की दुनिया छोड़ दी थी। दंगल गर्ल जायरा वसीम ने भी इस्लाम के लिए ही अपनी एक्टिंग से तौबा की थी।
  • हिजाब : ‘दंगल गर्ल’ जायरा वसीम ने मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में मारा दांव 

    हिजाब : ‘दंगल गर्ल’ जायरा वसीम ने मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में मारा दांव 

    द न्यूज 15 

    नई दिल्ली। कर्नाटक हिजाब विवाद से बॉलीवुड भी अछूता नहीं रहा। तमाम बड़े स्टार्स ने हिजाब पर अपना पक्ष रख दिया है, अब इस कड़ी में ‘दंगल गर्ल’ का नाम भी जुड़ गया है। दंगल गर्ल यानी जायरा वसीम ने भले ही एक्टिंग की दुनिया को बॉय-बॉय कर दी है, लेकिन हिजाब विवाद पर उन्होंने भी अपना पक्ष रखा है।  अपनी पहली ही फिल्म ‘दंगल’ के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाली जायरा वसीम केवल तीन साल ही फिल्म इंडस्ट्री में रहीं। इस्लाम की खातिर उन्होंने इंडस्ट्री को छोड़ दी थी। अब हिजाब पर दिए बयान के लिए जायरा एक बार फिर चर्चा में हैं।
    दंगल के बाद जायरा वसीम एक बार फिर आमिर खान के साथ फिल्म सीक्रेट सुपरस्टार और प्रियंका चोपड़ा के साथ फिल्म द स्काई इज पिंक में नजर आई थीं, लेकिन इस फिल्म की शूटिंग पूरी होने के बाद जायरा ने फिल्म इंडस्ट्री छोड़ने का एलान कर दिया था।
    जायरा ने सोशल मीडिया भी छोड़ दिया था और अपने फैंस से अपील की थी कि उनकी फोटो भी डिलीट कर दें।  हालांकि, कुछ साल बाद जायरा वापस इंस्टाग्राम पर आ गईं। अब लंबे समय बाद हिजाब विवाद पर भी उन्होंने अपने इंस्टा पर अपना पक्ष रखा है।
    जायरा ने इंस्टाग्राम पर फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर कर लिखा है कि, यह धारणा चली आ रही है कि हिजाब एक पसंद है, गलत जानकारी है। सुविधा या अज्ञानता वश ये धारणा बनी है।
    जायरा ने लिखा है कि, इस्लाम में हिजाब पसंद नहीं बल्कि फर्ज है। इस तरह जब एक महिला हिजाब पहनती है तो वह उस ईश्वर द्वारा दिए गए फर्ज को पूरा कर रही होती है, जिसे वह प्यार करती है और खुद को उसे समर्पित कर दिया है।  जायरा का कहना है कि वह एक महिला के रूप में कृतज्ञता और विनम्रता के साथ हिजाब पहनती हैं। वह इस पूरी व्यवस्था के प्रति नाराजगी और विरोध प्रकट करती हैं, जहां महिलाओं को धार्मिक प्रतिबद्धता के लिए रोका जा रहा है और उत्पीड़न हो रहा है।
    जायरा का कहना है कि मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ एक ऐसी व्यवस्था स्थापित करना जहां उन्हें शिक्षा और हिजाब के बीच किसी एक को चुनना है या फिर उसे छोड़ना है, यह अन्याय से भरा है।
  • Hijab विवाद को लेकर BJP नेतृत्व में बढ़ी बेचैनी! दिल्ली में MPs-नेता साधे चुप्पी, पार्टी को ‘डर कि कहीं CAA जैसे’ न फैल जाए आंदोलन

    Hijab विवाद को लेकर BJP नेतृत्व में बढ़ी बेचैनी! दिल्ली में MPs-नेता साधे चुप्पी, पार्टी को ‘डर कि कहीं CAA जैसे’ न फैल जाए आंदोलन

    दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखने से इनकार कर दिया। लोकसभा में जब विपक्ष ने इस मामले को उठाया तो कोलार के सांसद एस मुनिस्वामी को छोड़कर बीजेपी के ज्यादा सांसद चुप रहे

    द न्यूज 15 
    नई दिल्ली। कर्नाटक सरकार के द्वारा स्कूल यूनिफॉर्म वाले आदेश पर पुनर्विचार के संकेत और मध्यप्रदेश के शिक्षा मंत्री द्वारा दिए यूनिफ़ॉर्म ड्रेस कोड वाले बयान से बीजेपी की दूरी के बीच बीजेपी नेतृत्व में हिजाब विवाद की वजह से अलग अलग जगहों पर चल रहे आन्दोलनों को लेकर बैचैनी बढ़ गई है।
    सूत्रों के अनुसार एक भावना है कि कर्नाटक सरकार और राज्य की भाजपा इकाई ने उडुपी में कुछ कॉलेजों में छात्राओं के एक छोटे समूह को विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी ताकि यह फैले, उच्च न्यायालय तक पहुंचे और राष्ट्रीय चर्चाओं में शामिल हो।  पार्टी नेतृत्व के एक हिस्से में बेचैनी उन तस्वीरों के आने के बाद और गहरी हो गई है जिसमें पुरुषों के विरोध के बावजूद क्लास जाती छात्राएं, स्कूली छात्राओं और यहां तक कि शिक्षकों को भी अपने सिर के स्कार्फ को हटाने के लिए मजबूर किया जाना और कुछ को स्कूल गेट से ही घर जाने के लिए कहा जाना शामिल है।
    इस विवाद पर एक केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह ऐसे समय में हो रहा है जब हम बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान चला रहे हैं, जब प्रधानमंत्री ने मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए तीन तलाक जैसे नियमों पर प्रतिबंध लगाए हैं।
    दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखने से इनकार कर दिया। लोकसभा में जब विपक्ष ने इस मामला उठाया तो कोलार के सांसद एस मुनिस्वामी को छोड़कर बीजेपी के ज्यादा सांसद चुप रहे। यहां तक कि तेजस्वी सूर्या जो भड़काऊ भाषण देने में माहिर हैं, वे भी चुप रहे। त्रिपुरा के शिक्षा मंत्री ने इस विवाद पर चिंता व्यक्त की और वहीं एनडीए शासित बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में हिजाब कोई मुद्दा नहीं है और यहां सभी धार्मिक भावनाओं का सम्मान किया जाता है। भाजपा शासित हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि अभी तक स्कूलों में यूनिफार्म ड्रेस कोड पर कुछ भी विचार नहीं किया जा रहा है। एक अन्य भाजपा नेता ने कहा कि पार्टी इस मुद्दे को लेकर चिंतित है कि कहीं यह सीएए विरोधी प्रदर्शनों जैसे आंदोलन में न बदल जाए, जिसमें मुस्लिम महिलाएं ही सबसे आगे थीं। भाजपा नेता ने कहा कि सीएए पर अपने उत्साह और प्रचार के बावजूद सरकार ने अभी तक दिसंबर 2019 में पारित इस कानून के लिए नियम नहीं बनाए हैं।
    सूत्रों का कहना है कि सीएए के उलट हिजाब सीधे धार्मिक भावना और परिवार से जुड़ा हुआ माना जाता है। एक नेता ने कहा कि जब पहले से कहीं ज्यादा मुस्लिम लड़कियां स्कूल और कॉलेजों में जा रही हैं तो इस तरह का एक कोड उस पर असर डाल सकता है।
    वहीं केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कर्नाटक मुद्दे को कैसे हल किया जाए इसको लेकर भी चर्चा की गई। ऐसे सुझाव दिए गए हैं कि राज्य यह रुख अपनाए कि लड़कियां अपने सिर को ढकने के लिए दुपट्टे का उपयोग कर सकती हैं। जो ड्रेस का हिस्सा है। ऐसा लगता है कि शीर्ष नेतृत्व इस मसले पर ज्यादा कठोर होने के बजाय बीच का रास्ता खोजना चाहता है। पार्टी के एक नेता ने भी यह कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व को यह पसंद नहीं है जब कोई राज्य विवाद पैदा करे, उसे भड़कने दे और फिर उसे हल करने के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व के पाले में फेंक दे।
    सूत्रों के अनुसार दिल्ली में पार्टी नेताओं का मानना था कि कर्नाटक में चल रहा हिजाब विवाद काफी छोटा था, जिसे आसानी से सुलझाया जा सकता था। हालांकि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के करीबी लोगों का कहना है कि उन्हें दोष देना अनुचित है और इसकी जिम्मेदारी पार्टी की राज्य इकाई की है। एक नेता ने सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने इस मामले को शांत करने के लिए क्या किया? वे सरकार का बचाव करने के लिए भी मौजूद नहीं थे। पार्टी नेताओं के अनुसार बोम्मई का पार्टी कैडर पर ज्यादा नियंत्रण नहीं है।
    वहीं मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अपने बयानों की वजह से जाने जाने वाले गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार द्वारा की गई यूनिफार्म ड्रेस कोड वाली टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया। माना जा रहा है कि शिवराज चौहान ने कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों को फटकार भी लगाई और कहा कि सरकार से सलाह लिए बिना कोई टिप्पणी न करें। हालांकि बाद में परमार ने भी कहा कि यूनिफार्म ड्रेस कोड को लेकर अभी कोई योजना नहीं है।
    गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा मिश्रा ने अपने निर्वाचन क्षेत्र दतिया के एक कॉलेज में दो हिजाब पहनने वाली महिलाओं को दक्षिणपंथी समूहों द्वारा परेशान किए जाने पर अपनी नाराजगी स्पष्ट की। मिश्रा ने इस मामले में जिला कलेक्टर को यह जांच करने का आदेश दिया कि कॉलेज ने धार्मिक पोशाक के खिलाफ आदेश क्यों जारी किया था। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने स्वीकार किया कि शीर्ष नेतृत्व ने हिजाब मुद्दे को नहीं बढ़ाने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा कि यह कभी भी भाजपा का मुद्दा नहीं था और पार्टी कभी भी इस मुद्दे को नहीं बढ़ाना चाहती थी।
  • Hijab Row: बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने कर्नाटक भिजवाया संदेश, हम मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ नहीं

    Hijab Row: बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने कर्नाटक भिजवाया संदेश, हम मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ नहीं

    कर्नाटक हाईकोर्ट में गुरुवार को शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई। तीन जजों की बेंच ने हिजाब मामले में करीब एक घंटे तक सुनवाई की।

    द न्यूज 15 

    बेंगलुरु । कर्नाटक में हिजाब को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद के घटनाक्रमों को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने गंभीरता से लिया है और राज्य की यूनिट और प्रदेश की भाजपा सरकार को एक स्पष्ट संदेश देने के लिए कहा है कि पार्टी मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ नहीं है और ड्रेस कोड लागू करने का काम अलग-अलग संस्थानों पर छोड़ दिया गया है।
    भाजपा विधायकों ने कहा कि आलाकमान ने स्थानीय नेताओं से संयम बरतने और चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंचाए बिना इस विवाद को खत्म करने के लिए काम करने को कहा है।  एक राष्ट्रीय अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलौर सिटी से भाजपा विधायक वाईबी शेट्टी ने कहा कि हाईकमान ने पूरे मामले को लेकर एडवाइजरी जारी की है।
    उन्होंने कहा, “हालांकि उन्होंने हिजाब विवाद के बारे में कोई विशेष निर्देश नहीं दिया है, लेकिन निष्कर्ष यह है कि स्थानीय नेतृत्व और राज्य सरकार को हितधारकों से संवाद स्थापित करना चाहिए और उन्हें विश्वास में लेना चाहिए।” भाजपा नेता ने कहा कि समुदायों के लोगों, शैक्षणिक संस्थानों के प्रबंधन और छात्रों के माता-पिता सहित अन्य लोगों के साथ स्थानीय स्तर पर बैठकें की जा रही हैं। हिजाब विवाद को लेकर देश की राजनीति गरमाई हुई है, इसको लेकर राजनीतिक दलों की तरफ से तरह-तरह के बयान आ रहे हैं। पिछले दिनों एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि एक दिन हिजाब वाली महिला देश की पीएम बनेगी। ओवैसी ने पीएम मोदी पर भी निशाना साधा और कहा था कि वह तीन तलाक कानून के साथ देश की महिलाओं को सशक्त करने की बात कर रहे थे। क्या यही उनका ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ कैंपेन है। दूसरी तरफ, कर्नाटक हाईकोर्ट में गुरुवार को भी शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई। हाई कोर्ट में तीन जजों की बेंच ने हिजाब मामले में करीब एक घंटा सुनवाई की। इस मामले पर कोर्ट में अब शुक्रवार को सुनवाई होगी।