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  • हाथों में दूरबीन लिये केजरीवाल सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन

    हाथों में दूरबीन लिये केजरीवाल सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन

    दिल्ली में बीजेपी-आप की मेयर चुनाव को लेकर हो रहे तनातनी के बीच आब बीजेपी ने आप सरकार पर एक और घोटाले का आरोप लगाया है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार उसके नेताओं की जासूसी करा रही है। जिसके विरोध में 9 फरवरी को दिल्ली के ITO स्थित शाहिदी पार्क के समक्ष विशाल धरना प्रदर्शन किया गया। इस दौरान यहां पर बीजेपी के तमाम नेता,मंत्रीगण हाथों में दूरबीन लिए मौजूद रहें। जहां उन्होंने दिल्ली सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी की। दरसअल इस दौरान बीजेपी के वीरेंद्र सचदेवा ने कहा सीएम केजरीवाल सरकार 2015 में अपनी स्थापना से आराजकता से काम करती रही है। और राजनीतिक विरोधियों के प्रति दूतिष भाव से काम करती है। उनके दमन में विश्वास करती है।

    इसी उद्देश्य से 1 फरवरी 2016 को केजरीवाल सरकार ने एफबीयू (फीड बैक यूनिट) की स्थापना राजनीतिक विरोधियों, केन्द्रीय मंत्रियों, सांसदों, उपराज्यपाल कार्यालय, मीडिया हाउसों, प्रमुख व्यापारियों सहित न्यायाधीशों तक पर नजर रखने के लिए की। इतना ही नहीं जो जनता के पैसे सरकार वसूलती है उन पैसो का एस्तेमाल इन चीजों में किया जा रहा है। चूंकि, इस कथित जासूसी यूनिट की स्थापना उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के ही एक मंत्रालय के अधीन की गई थी, इसकी जांच की आंच सिसोदिया पर भी आ सकती है। यानी शराब घोटाले के बाद इस मामले में भी उनकी परेशानी बढ़ सकती है। वही सीबीआई ने केंद्र सरकार से डिप्टा सीएम के खिलाफ अरेस्ट वॉरेंट जारी करने की मांग की है। आपकोंबता दें CBI जाँच में सामने आया है कि एफवीयू ने केडरीवाल सरकार को लगभग 700 रिर्पोट दी है।

  • सदन में फिर हंगामा, तीसरी बार टला मेयर चुनाव

    सदन में फिर हंगामा, तीसरी बार टला मेयर चुनाव

    दिल्ली नगर निगम के चुनाव को पूरे हुए 3 महीने होने वाले है,लेकिन अभी तक दिल्ली को अपना मेयर नहीं मिला है। दरसअल दिल्ली में लगातार तीसरी बार हंगामे के चलते मेयर चुनाव की प्रकिया रद्द कर दी गई है। आपकों बता दें इससे पहले भी मेयर चुनने की दो कोशिशे नाकाम रही थीं। वहीं ‘आप’ (AAP) की ओर से शैली ओबरॉय (Shaily Oberai) मेयर पद की दौड़ में शामिल हैं। आज मेयर और डिप्टी मेयर के साथ एमसीडी की स्थायी समिति के छह सदस्यों का भी चुनाव होना था। लेकिन चुनाव से पहले ही एक बार फिर दोनों पार्टियों में चुनावी धमासान शुरू हो गया। सदन में पीठासीन अधिकारी ने कहा कि जिन लोगों को वोटिंग नहीं करनी है वह लोग सदन से बाहर जाये। जिसके बाद हंगामा और तेज हो गया वही विपक्षी दल लगातार ”आप पार्षद लगातार वापस जाओ, वापस जाओ के नारे” लगाने लगे। बाद में हंगामा शांत नहीं होते देख सदन स्थगित कर दिया गया।

    आपको बता दें कि इससे पहले 6 और 24 जनवरी को हुई एमसीडी की बैठक में हंगामे के चलते मेयर का चुनाव नहीं हो पाया था। 24 जनवरी को सभी पार्षदों ने शपथ ले ली थी। लेकिन उसके बाद एमसीडी सदन में आप और बीजेपी के पार्षदों के बीच हंगामा हो गया था। सोमवार को हुए हंगामे के पीछे दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भाजपा के पार्षदों को दोषी बताया है। सिसोदिया ने ट्वीट करते हुए लिखा कि MCD में बीजेपी के पार्षद बिना बात हंगामा करके आज भी मेयर का चुनाव नहीं होने दे रहे है। AAP के पार्षद शांत बैठे है लेकिन BJP पार्षद बिना बात हंगामा मचा रहे हैं।

    इस दौरान पीठासीन अधिकारी ने आम आदमी पार्टी के पार्षद दल के नेता मुकेश गोयल से कहा कि वह अपने सहयोगियों को शांत करवाएं, और मेयर का चुनाव होने दें। पीठासीन अधिकारी ने आगे कहा कि, जनता ने उन्हें दिल्ली की सेवा करने के लिए भेजा है, बार-बार हंगामा करना ठीक नहीं। इसके बाद भी जब पार्षदों का हंगामा नहीं रुका तो उन्होंने सदन को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया है। 10 मिनट बाद पीठासीन अएधिकारी फिर वापस आई। लेकिन स्थाई समिति की पूर्व अध्यक्ष रहीं भाजपा पार्षद शिखा राय ने पीठासीन अधिकारी के सामने मांग रखी है कि आम आदमी पार्टी के दो विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी व एक अन्य के खिलाफ मामला दर्ज है इसलिए उन्हें वोट देने का हक ना दिया जाए। इसके बाद सदन में फिर से हंगामा बढ़ गया।

     

  • Kejriwal transform : क्यों चुप है दिल्ली के CM

    Kejriwal transform : क्यों चुप है दिल्ली के CM

    Kejriwal transform : “इंसान का इंसान से हो भाईचारा यही यही पैगाम हमारा “अपनी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ये लाइन गाने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनों अपनी इन्हीं लाइनो से मुंह फेरते नजर आ रहे (Kejriwal transform)।

    2013 में भारत की राजनीति बदलने का सपना दिखा के CM की कुर्सी पर आए केजरीवाल अब बदल कर (Kejriwal transform) बहुसंख्यकों की राजनीति करते नजर आ रहे हैं। कभी दिल्ली के कुर्सी पर बैठे रहकर PM Narendra Modi तथा अन्य उद्योगपतियों पर निशाना साधने वाले केजरीवाल अपने ही क्षेत्र में हो रहे अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों पर चुप दिखाई दे रहे हैं।

    Kejriwal Silence
    Kejriwal transform दिल्ली की गद्दी की शपथ लेते केजरीवाल

    पंजाब में पूर्ण बहुमत की सरकार बना लेने के बाद इसे आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) की बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा। पार्टी के बनने के दो साल के भीतर केजरीवाल दिल्ली की गद्दी पर विराजमान हो गए और अभी भी बने हुए है। लेकिन केजरीवाल जिस वादे के साथ राजनीति में आए आज वे उसी राजनीति के रंग में घुले नजर आ रहें(Kejriwal transform)। बीते सत्र में सस्ते मोहल्ला क्लीनिक तथा स्कूलों की हालत को तो अच्छा कर दिया लेकिन पार्टी के खुद के लोग पार्टी का दामन छोड़ कर चले गए।

    आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) भले ही पंजाब के बाद गुजरात या गोवा में विपक्ष के तौर पर अपनी पकड़ बना रही लेकिन उन लोगों के भरोसे का क्या जिन्होंने पार्टी को एक नये राजनीतिक विकल्प के तौर पर चुना था। 2013 में लोकपाल बिल के मसले पर सरकार गिरा देने वाली आम आदमी पार्टी आज देशभर में चल रहे धार्मिक हिंसा पर मूकदर्शक बने बैठी हुई दिख रही। फिर चाहे वो CAA – NRC का मुद्दा हो केजरीवाल अपना पक्ष तक नहीं रख पा रहे।

    आंदोलनकर्ता से राजनेता बनने का सफर (Kejriwal transform) – 

    दिल्ली की गद्दी छोड़ने के बाद केजरीवाल जी को यू-टर्न  वाले नेता कहां गया लेकिन क्या वे सच में भारत का राजनीति बदल देने वाले अपनी पार्टी के आधार उद्देश्य से ही भटक गए है?

    JNU विवाद के दौरान दिल्ली पुलिस ने इस मामले पर 2 साल बाद चार्जशीट दायर की। दिल्ली पुलिस की इस कार्यवाही को JNU छात्रों पर केजरीवाल का एक समर्थक की तरह देखा जा रहा था। इसी तरह नोटबंदी और GST जैसे फैसलों पर केंद्र सरकार को बिना डरे घेरना उनकी एक आंदोलन से निकले हुए नेता की छवि को दर्शाता था।

    लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में वही केजरीवाल (Kejriwal transform) बदल जाते है ममता बनर्जी के तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस तथा सभी विपक्षी पार्टियों के साथ हाथ मिलाकर BJP के खिलाफ खुले तौर पर मोर्चा संभालते हैं।

    वही केजरीवाल कश्मीर के मुद्दे पर केंद्र सरकार के साथ सबसे पहले खड़े नजर आते है और 2020 के दिल्ली के चुनाव में BJP नेताओं के द्वारा लगाए जा रहे आरोपों जवाब नही देते है। (Kejriwal transform) ठीक उसी प्रकार वे प्रधानमंत्री (Narendra Modi) जी को भी निशाने पर लेना बंद कर देते हैं। “इंसान का इंसान से हो भाईचारा यही पैगाम हमारा “ गाने वाले केजरीवाल चुनाव के दौरान टी.वी. चैनल पर हनुमान चालीसा गाते नजर आते हैं। क्योंकि केजरीवाल भी अपने आप को कम हनुमान भक्त नहीं दिखाना चाहते थे।

    चुनाव के बाद हुए दिल्ली दंगों के बाद जहां हमें NSA अजीत डोभाल जमीन पर जायजा लेते नजर आते है वहीं केजरीवाल एक बार भी उन गली मोहल्लों पर नहीं जाते हैं। चुनाव जीतने के लिए चुनाव के दौरान दिए गए भड़काऊ भाषण पर चुप्पी साधना कहां तक सही?

    जानिए क्यों बढ़ रहा भारत में धार्मिक तनाव

    ताजा मामलों की ओर नजर दौड़ाने तो दक्षिण भारत से चली भारत भ्रमण कर रही नफरत की आंधी ने दिल्ली में भी दस्तक दी। साउथ दिल्ली के मेयर मुकेश सुर्यान द्वारा नवरात्रि पर बैन लगा दिया जाता हैं इससे आम व्यापारियों के आय, और सामाजिक स्थिति पर पर पड़े प्रभाव की सरकार को कोई चिंता नही।

    उम्मीद थी कि चुनाव निकट न होने के चलते केजरीवाल चाहते तो इसका विरोध कर सकते थे। हनुमान जयंती के दौरान पथराव पर कार्यवाही के नाम पर बुलडोजर का प्रयोग कर गरीबों के घरों पर कार्यवाही की गई। केवल संशय के आधार पर मध्यप्रदेश के खरगोन के बाद दिल्ली में भी दुकानों  और घरों को निशाना बनाया गया। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा लगाई गई रोक के बाद कार्यवाही को स्थगित किया गया। लेकिन सरकार की तरफ से किसी प्रकार के विरोध के स्वर नहीं दिखे।

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    इस पूरे मसले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की तरफ से एक अनजान सी प्रतिक्रिया आती है जिसमें वे दंगाइयों की तो बात करते है तथा अन्य मुद्दो पर मौन रहते हैं।

    kejriwal silence

    पार्टी की तरफ से बांग्लादेशी वाले मसले पर पार्टी के अन्य नेता प्रतिक्रिया देते है लेकिन पूरी पार्टी के नेताओं में नैतिक बल नदारद दिखता है कि वे इस एक तरफा हो रही कार्यवाही के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर सके। और कम से कम अपने क्षेत्र में इस तरह की कार्यवाही का विरोध कर सकें। दिल्ली के मुख्यमंत्री के ये बदले स्वर (Kejriwal transform) उन लोगों के लिए निराशा से कम नहीं उन्होंने पार्टी से एक बड़े नैतिक बल दिखा कर धर्म तथा चुनाव की राजनीति से आगे जा कर काम करने की उम्मीद की रही होगी।

    पार्टी के पूर्व नेता तथा कवि कुमार विश्वास पार्टी छोड़ने के बाद कुछ इसी तरफ इशारा कर रहे थे कि पार्टी के कामों का आकलन केवल उसके विकास कार्यो से न किया जाए बल्कि पार्टी के अंदर बचे लोकतंत्र से भी किया जाना चाहिए।

  • Punjab News दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर नवजोत सिंह सिद्धू का बड़ा बयान

    Punjab News दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर नवजोत सिंह सिद्धू का बड़ा बयान

    पंजाब विधानसभा चुनाव आते ही राजनेताओं को अपने हल्के का विकास याद आ गया है। अमृतसर के वेरका में विकास कार्य का उद्घाटन करने पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू पहुंचे। जहां पर उन्होंने 24 करोड़ रुपए के कार्यों का उद्घाटन किया| दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर नवजोत सिंह सिद्धू का बड़ा बयान|