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  • जब अयोध्या में आमने-सामने आ गया SP और BJP प्रत्याशी का काफिला, गाड़ी में तोड़फोड़

    जब अयोध्या में आमने-सामने आ गया SP और BJP प्रत्याशी का काफिला, गाड़ी में तोड़फोड़

    2017 के विधानसभा चुनाव में वर्तमान बीजेपी उम्मीदवार आरती तिवारी के पति खब्बू तिवारी ने अभय सिंह को हराया था, तो वहीं 2012 में अभय सिंह ने खब्बू तिवारी को हराया था।

    द न्यूज 15 
    नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में तीसरे चरण के लिए वोटिंग से 36 घंटे पहले बीजेपी और सपा के उम्मीदवार आमने-सामने आ गए, जिसके बाद हवाई फायरिंग और जमकर तोड़फोड़ हुई। मामला अयोध्या के गोसाईगंज विधानसभा क्षेत्र का है जहां पर सपा प्रत्याशी अभय सिंह और बीजेपी प्रत्याशी आरती तिवारी के समर्थक आमने-सामने आ गए थे। हवाई फायरिंग और गाड़ियों में तोड़फोड़ के दौरान कुछ लोगों के चोटिल होने की भी खबरें सामने आई है।
    बता दें कि गोसाईगंज विधानसभा क्षेत्र के महाराजगंज थाना क्षेत्र में कबीरपुर चौराहे के पास दोनों प्रत्याशियों के काफिले आमने-सामने आ गए, जिसके बाद खूब नारेबाजी हुई। बात इतनी बढ़ गई कि दोनों दलों के समर्थक आपस में भिड़ गए। हवाई फायरिंग भी हुई और गाड़ियों के शीशे भी तोड़े गए। वहीं इस पूरे मामले पर एसएसपी शैलेश पांडे ने बयान देते हुए कहा है कि, “प्रचार के दौरान दोनों दलों के समर्थक महाराजगंज थाने के कबीरपुर इंटरसेक्शन के पास आमने-सामने आ गए। दोनों दलों के समर्थकों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाया है कि पत्थरबाजी और फायरिंग हुई है। एसएसपी शैलेश पांडे ने आगे कहा कि, “एक या दो लोगों को थोड़ी चोट आई है। हम इस मामले की जांच कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। लॉ एंड ऑर्डर पूरी तरह से काबू में है।”
    सूत्रों के अनुसार खबर आ रही है कि समाजवादी पार्टी प्रत्याशी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अभय सिंह को शनिवार सुबह 4 बजे उनके आवास से गिरफ्तार किया गया है। हालांकि अभी तक अभय सिंह की गिरफ्तारी के संबंध में पुलिस की ओर से कोई बयान नहीं आया है। बता दें कि अयोध्या जिले की गोसाईगंज विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने बाहुबली अभय सिंह को उम्मीदवार बनाया है, जबकि बीजेपी ने पूर्व विधायक खब्बू तिवारी की पत्नी आरती तिवारी को प्रत्याशी बनाया है। खब्बू तिवारी अभी अयोध्या जेल में बंद है। 2017 के विधानसभा चुनाव में खब्बू तिवारी ने अभय सिंह को हराया था, लेकिन धोखाधड़ी के एक मामले में खब्बू सिंह को एमपी एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई है और 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले इनकी सदस्यता भी समाप्त हो गई थी। वहीं 2012 के विधानसभा चुनाव में अभय सिंह ने खब्बू तिवारी को हराया था।
  • अकबर से सत्ता के लिए लड़े महाराणा प्रताप,  भाजपा विधायक का पलटवार 

    अकबर से सत्ता के लिए लड़े महाराणा प्रताप,  भाजपा विधायक का पलटवार 

    द न्यूज 15  

    नई दिल्ली। भाजपा विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने महाराणा प्रताप पर टिप्पणी को लेकर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर निशाना साधा है। शुक्रवार को वासुदेव देवनानी ने कहा कि डोटासरा ने उस महान योद्धा का अपमान किया है जिन्होंने अपनी जिंदगी मातृभूमि की सुरक्षा में न्यौछावर कर दी। बता दें कि इससे पहले गुरुवार को डोटासरा ने कहा था कि महाराणा प्रताप और अकबर के बीच सत्ता के लिए संघर्ष हुआ था लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने इसे धार्मिक रंग दे दिया।
    उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए देवनानी ने कहा, ‘महात्मा गांधी ने लंदन में राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस के दौरान महाराणा प्रताप की बहादुरी की प्रशंसा की थी। यहां तक कि वियतनाम भी हल्दीघाटी के युद्ध से प्रेरणा लेने की बात कर रहा है। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद एक महान शख्सियत की वीरगाथा को कमजोर बताने की साजिश चल रही है।’
    उन्होंने ट्वीट कर कहा कि महाराणा प्रताप ने मेवाड़ के सम्मान को खोने नही दिया। कई मुश्किलों का सामना करने के बावजूद वो मातृभूमि की रक्षा औऱ सम्मान के लिए लड़ते रहे। उन्होंने कहा कि एक महान योद्धा द्वारा आजादी की एक ऐतिहासिक लड़ाई को सत्ता की लड़ाई बताना विचलित मानसिकता को दिखाता है।
    डोटासरा ने कहा था कि बीजेपी हर चीज को हिंदु-मुस्लिम के धर्म के नजरिये से देखती है। महाराणा प्रताप ने अकबर के साथ सत्ता के लिए लड़ाई लड़ी थी लेकिन भाजपा ने इसे धार्मिक रंग दे दिया। बता दें कि महाराणा प्रताप एक महान राजपूत शासक थे। मुगल शासक की सेना के साथ उन्होंने भीषण युद्ध किया था। जिसे हल्दीघाटी युद्ध के नाम से जाना जाता है।
  • Hijab Row: बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने कर्नाटक भिजवाया संदेश, हम मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ नहीं

    Hijab Row: बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने कर्नाटक भिजवाया संदेश, हम मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ नहीं

    कर्नाटक हाईकोर्ट में गुरुवार को शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई। तीन जजों की बेंच ने हिजाब मामले में करीब एक घंटे तक सुनवाई की।

    द न्यूज 15 

    बेंगलुरु । कर्नाटक में हिजाब को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद के घटनाक्रमों को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने गंभीरता से लिया है और राज्य की यूनिट और प्रदेश की भाजपा सरकार को एक स्पष्ट संदेश देने के लिए कहा है कि पार्टी मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ नहीं है और ड्रेस कोड लागू करने का काम अलग-अलग संस्थानों पर छोड़ दिया गया है।
    भाजपा विधायकों ने कहा कि आलाकमान ने स्थानीय नेताओं से संयम बरतने और चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंचाए बिना इस विवाद को खत्म करने के लिए काम करने को कहा है।  एक राष्ट्रीय अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलौर सिटी से भाजपा विधायक वाईबी शेट्टी ने कहा कि हाईकमान ने पूरे मामले को लेकर एडवाइजरी जारी की है।
    उन्होंने कहा, “हालांकि उन्होंने हिजाब विवाद के बारे में कोई विशेष निर्देश नहीं दिया है, लेकिन निष्कर्ष यह है कि स्थानीय नेतृत्व और राज्य सरकार को हितधारकों से संवाद स्थापित करना चाहिए और उन्हें विश्वास में लेना चाहिए।” भाजपा नेता ने कहा कि समुदायों के लोगों, शैक्षणिक संस्थानों के प्रबंधन और छात्रों के माता-पिता सहित अन्य लोगों के साथ स्थानीय स्तर पर बैठकें की जा रही हैं। हिजाब विवाद को लेकर देश की राजनीति गरमाई हुई है, इसको लेकर राजनीतिक दलों की तरफ से तरह-तरह के बयान आ रहे हैं। पिछले दिनों एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि एक दिन हिजाब वाली महिला देश की पीएम बनेगी। ओवैसी ने पीएम मोदी पर भी निशाना साधा और कहा था कि वह तीन तलाक कानून के साथ देश की महिलाओं को सशक्त करने की बात कर रहे थे। क्या यही उनका ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ कैंपेन है। दूसरी तरफ, कर्नाटक हाईकोर्ट में गुरुवार को भी शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई। हाई कोर्ट में तीन जजों की बेंच ने हिजाब मामले में करीब एक घंटा सुनवाई की। इस मामले पर कोर्ट में अब शुक्रवार को सुनवाई होगी।
  • लालटोपी कैसे लोकतंत्र पर कहर बनकर टूटी- लाइव टीवी पर भिड़ गए सपा-बीजेपी के कार्यकर्ता तो अनुराग ठाकुर ने ऐसे कसा तंज

    लालटोपी कैसे लोकतंत्र पर कहर बनकर टूटी- लाइव टीवी पर भिड़ गए सपा-बीजेपी के कार्यकर्ता तो अनुराग ठाकुर ने ऐसे कसा तंज

    उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर कासगंज में एक टीवी शो के दौरान सपा (SP) और बीजेपी (BJP) कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। 

    द न्यूज 15 

    नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में खूब राजनीतिक हलचल देखने को मिल रही है। बीजेपी (BJP) को सत्ता बचाने के लिए पूरी ताकत झोंकनी पड़ रही है तो वहीं विरोधी सत्ता पाने के लिए वोटरों को लुभाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। कहीं प्रत्याशियों का विरोध हो रहा है तो कहीं कार्यकर्ता आपस में भिड़ रहे हैं। इसी बीच कासगंज में एक टीवी शो के दौरान सपा और बीजेपी के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए।
    उत्तर प्रदेश के कासगंज में न्यूज 18 इंडिया के एक शो में चर्चा के लिए सपा, बसपा, कांग्रेस और बीजेपी के नेता पहुंचे थे। चूंकि इस शो में नेताओं के साथ कार्यकर्ता भी शामिल हुए थे तो भीड़ अधिक थी। नारेबाजी, हूटिंग के साथ ही शो के दौरान खूब हंगामा हो रहा था। सपा कार्यकर्ताओं का हंगामा अधिक बढ़ता देख, शो की एंकर ने पुलिस से सपा कार्यकताओं को हटाने के लिए कहा। इसके बाद बवाल मच गया। बताया जा रहा है कि शो के दौरान एंकर आरएलडी के नेता से बात कर रही थी तभी कांग्रेस और सपा के कार्यकर्ताओं ने हंगामा करना शुरू कर दिया। इसके बाद एंकर ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता हंगामा कर रहे हैं और सपा के कार्यकर्ता बेकाबू हो रहे हैं। इसके बाद बीजेपी कार्यकर्ता भी हंगामा करने लगे।

  • पंजाब में चुनावी प्रचार में परिवारवाद का बोलबाला 

    पंजाब में चुनावी प्रचार में परिवारवाद का बोलबाला 

    द न्यूज 15 

    चंडीगढ़। भाजपा के नेता क्षेत्रीय दलों पर परिवारवाद का आरोप लगाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तो चुनावी हथियार ही वंशवाद  और परिवारवाद होता है। वह बात दूसरी है कि दूसरे दलों के साथ ही भाजपा पंजाब विधानसभा चुनावों का इस्तेमाल वोटरों को अपने सियासी उत्तराधिकारियों से रू-ब-रू कराने के लिए कर रही है।
    दिवंगत कवि शिव कुमार बटालवी के घर (गृह नगर) बटाला के औद्योगिक शहर में एंट्री करने पर कांग्रेस उम्मीदवार अश्विनी सेखरी और उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी भाजपा के फतेह जंग बाजवा के बड़े होर्डिंग्स आपको नजर आ जाएंगे। दोनों में एक चीज समान है, जो कि पोस्टरों पर उनकी संतानों के फोटो हैं। जहां सेखरी के पोस्टर में उनके बेटे अभिनव की तस्वीरें हैं, वहीं बाजवा के साथ उनके दो बेटे कंवर प्रताप और अर्जुन प्रताप भी हैं।
    सूबे के चुनावी सीजन में पास के ही निर्वाचन क्षेत्र फतेहगढ़ चूड़ियां में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) कैंडिडेट लखबीर सिंह लोधीनंगल ने भी सुनिश्चित किया है कि उनके बेटे कंवर संदीप सिंह सनी (जो अपने पिता के लिए प्रचार करने के लिए कनाडा से लौटे हैं) को उनके होर्डिंग्स पर जगह मिले। यही नहीं, उनके प्रतिद्वंद्वी और सीनियर कांग्रेस मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के साथ भी ऐसा ही है। उन्होंने अपने होर्डिंग्स पर अपने पुत्र रवि नंदन बाजवा के लिए एक प्रमुख स्थान तय कराया है। इससे पहले, दिसंबर में ऐसी अटकलें थीं कि गुरदासपुर जिला परिषद के अध्यक्ष रवि बटाला से निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं, जहां उनके पिता ने काफी काम किया है। पर कांग्रेस आलाकमान ने कथित तौर पर उन्हें वापस बैठने के लिए मना लिया। तृप्त अब यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि रवि इन पोस्टरों के माध्यम से लोगों की निगाहों में रहें।
    डेरा बाबा नानक (करतारपुर साहिब गलियारे के पास) में राज्य के गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा भी यह सुनिश्चित करते हैं कि चुनावी मौसम में वोटर उनके इकलौते बेटे उदय वीर सिंह रंधावा पर भी एक नज़र फिराएं। मौजूदा समय में उनका पुत्र पढ़ रहा है, पर पोस्टरों पर उसके फोटो को जगह मिली है। उदय वीर सिंह रंधावा (ग्रैजुएट) अपने पिता के लिए प्रचार करने वाले इन “पोस्टर बॉयज़” में सबसे कम उम्र के हैं।
    इनमें (पोस्टर बॉय) से कई बेटों ने राजनीति में छोटे कदम उठाए हैं। वहीं, साल 2018 में चिटफंड घोटाले में बुक बठिंडा के पास भुचो मंडी के मौजूदा कांग्रेस एमएलए और कैंडिडेट प्रीतम कोटभाई कथित तौर पर अपने बेटे रूपिंदर पाल सिंह (एक युवा वकील और युवा कांग्रेस के सदस्य) को आगे की कमान सौंपना चाहते थे। हालांकि, रूपिंदर को भले ही टिकट नहीं मिला हो, लेकिन उनके पिता ने उनकी तस्वीर को अपने होर्डिंग्स पर जगह दिलाई है। डेरा बाबा नानक के पास अरलीभान गांव के सरपंच जसप्रीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि यह राज्य में एक नया ट्रेंड है। वे (ऐसे नेता) स्पष्ट रूप से अपने बेटों को अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में पेश कर रहे हैं। ऐसा पहले कभी खुले तौर पर नहीं किया गया था।
    अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड के सदस्य भूपिंदर पाल सिंह (जिन्होंने पहली बार माझा के सीमावर्ती इलाके में इस घटना को देखा) के मुताबिक, यह सिर्फ उम्मीदवार का यह कहने का तरीका है कि “आपकी सेवा करने के लिए हम में से बहुत से लोग हैं।”
    भूचो मंडी के पत्रकार जसपाल सिद्धू जैसे अन्य लोग इसे “आप प्रभाव” कहते हैं। वे कहते हैं, “आप के युवाओं में अधिक अनुयायी हैं। यह मतदाताओं के बीच युवाओं को आकर्षित करने का एक चतुर तरीका है, लेकिन यह उल्टा पड़ सकता है क्योंकि यह परिवार के शासन को कायम रखने का आभास देता है।”
  • ‘दिन-रात फसलों की रखवाली से परेशान किसान’, आवारा मवेशियों का मामला BJP के लिए चुनौती

    ‘दिन-रात फसलों की रखवाली से परेशान किसान’, आवारा मवेशियों का मामला BJP के लिए चुनौती

    द न्यूज 15 

    नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में आवारा मवेशियों का मुद्दा विपक्ष ने जोरशोर से उठाया है। विपक्ष का कहना है कि इस समस्या का सामना पूरे राज्य के किसान कर रहे हैं। इस तरह के नारे भी गढ़े गए हैं जिनमें आवारा मवेशियों को भाजपा की हार का कारण बताया जा रहा है। किसान आवारा मवेशियों के अपने खेतों में घुसने और फसलों को नष्ट करने की शिकायत कर रहे हैं। साथ ही इनसे दुर्घटनाओं, यहां तक कि मौत का कारण बनने के मामले भी सामने आए हैं।
    2019 की पशुधन गणना के अनुसार, राज्य में लगभग 1.16 मिलियन आवारा मवेशी थे। पिछले साल नवंबर तक उनमें से लगभग 7,50,000 को सरकारी शेल्टर्स में रखा गया था। साथ ही इस साल फरवरी तक करीब 4,00,000 और आवारा मवेशियों के पुनर्वास की कोशिश हुई।
    बंद बूचड़खानों को फिर से खोलने की मांग : यह मुद्दा नया नहीं है, लेकिन यह कुछ इलाकों में मतदान के पैटर्न को कुछ हद तक बदल सकता है। हाथरस में कटालिया के पंचायत प्रमुख विनीत कुमार ने कहा, “जनता को लगता है कि अगर सपा सत्ता में आई तो वे बंद बूचड़खानों को फिर से खोलने की इजाजत देंगे, जो आवारा जानवरों की देखभाल करेंगे।”
    अलीगढ़ जिले में भी आवारा गौवंश देहात क्षेत्र में छुट्टा घूम रहे हैं और फसलों को बर्वाद कर रहे हैं। तमाम प्रयासों के बाद भी किसानों को आवारा पशुओं से निजात नहीं मिल सकी है। बीते पांच सालों में गौशालाओं के निर्माण, गौवंश के रख-रखाव को लेकर करोड़ों रुपए खर्च किए जाने के दावे किए जाते रहे, लेकिन फिर भी किसानों को आवारा गौवंश से निजात नहीं मिल सकी है। इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में जिले की सात में से पांच विधानसभा सीटों के लिए आवारा गौवंश बड़ा मुद्दा है।
    फसल बचाने के लिए किसान दिन-रात खेतों की रखवाली में व्यस्त : प्रतापगढ़ से भी ऐसी खबरें आईं कि आवारा पशु किसानों की फसल चट कर जा रहे हैं। फसल बचाने के लिए किसान दिन-रात खेतों की रखवाली में परेशान हैं, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पा रहा है। रानीगंज क्षेत्र के कसेरुआ गांव में झुंड के रूप में घूम रहे आवारा मवेशियों ने किसान के दिन का चैन और रात की नींद हराम कर दी है। आवारा पशुओं से खेतों में खड़ी गेहूं आदि फसलों को बचाने के लिए किसान हर तरीका अपनाकर कर हार चुके हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है।
    सीएम योगी बोले- ना तो गायों को कटने दिया जाएगा और… : इस बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि यूपी में ना तो गायों को कटने दिया जाएगा और ना ही फसलों को नुकसान होने देंगे। सीएम योगी ने कहा, ”हम गाय को कटने नहीं देंगे और अन्‍नदाता की फसल को भी कोई नुकसान नहीं होने देंगे। पिछली सरकारों के कार्यकाल में उत्‍तर प्रदेश में किसान तबाह था, युवाओं के पास रोजगार नहीं था, महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल नहीं था। साल 2017 के बाद हमारी सरकार ने बिना भेदभाव प्रदेश के लोगों को सुरक्षित माहौल और योजनाओं का लाभ दिया।”
  • झूठे वादों का पुलिंदा है भाजपा का घोषणा पत्र : डॉ सुनीलम

    झूठे वादों का पुलिंदा है भाजपा का घोषणा पत्र : डॉ सुनीलम

    भाजपा को सजा दिए जाने की संयुक्त किसान मोर्चा की अपील को उत्तर प्रदेश के किसानों तक पहुंचा रहे है किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष

    द न्यूज 15 
    नई दिल्ली। यूपी चुनाव का पहले दौर का मतदान 10 फरवरी को होने वाला है। चुनाव के पूर्व  लगभग सभी दलों के घोषणापत्र जारी हो चुके है। मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी ने भी अपना घोषणा पत्र जारी किया। भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र को किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष, पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने झूठ का पुलिंदा बताते हुए कहा कि भाजपा ने गन्ना किसानों को लुभाने के लिए 2017 के अपने घोषणा पत्र में 14 दिनों के भीतर गन्ने का भुगतान करने का वायदा किया था । गन्ना किसानों को फसल बेचने के 14 दिनों के भीतर पूरा भुगतान सुनिश्चित करने की व्यवस्था सरकार द्वारा लागू करने की घोषणा की गई थी। लेकिन गन्ना किसानों का आज भी वर्ष 2017-18 का 20 करोड़ रूपये बकाया है, 2020-21 का 3,752 करोड़ रुपए बकाया है। ब्याज का एक पैसा भी नहीं दिया गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के मार्च 2017 आदेश के बावजूद बीते दस साल में भुगतान में देरी होने पर किसानों को 8,700 करोड़ रुपये का जो ब्याज बनता था वो नहीं दिया गया है।
    2017 में भाजपा सरकार ने वायदा किया था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम एस पी) पर किसानों की धान की खरीदारी की व्यवस्था करेंगे तथा आलू, प्याज को न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में लाया जाएगा। लेकिन अभी तक आलू, प्याज की एमएसपी पर खरीद की घोषणा नहीं हुई।  पिछले पाँच वर्षों के दौरान धान के उत्पादन के एक तिहाई से भी कम की सरकारी खरीद की गयी है। 2017 में 22%, 2018 में 21%, 2019 में 24%, 2020 में 29% और 2021 में 29% सरकारी खरीद हुई। गेहूँ में स्थिति और भी ख़राब थी और उत्पादन की 6 बोरी में एक बोरी से भी कम  की खरीदी हुई। 2017 में 12%, 2018 में 17%, 2019 में 11%, 2020 में 11% और 2021 में 16% की सरकारी खरीद हुई।
    डॉ सुनीलम ने बताया कि भाजपा ने 2017 के चुनावी घोषणा पत्र में 5,000 करोड़ की लागत के साथ मुख्यमंत्री कृषि सिंचाई योजना शुरू करने तथा प्रदेश के हर खेत में पानी पहुंचाने के लिए 20 हजार करोड़ के कोष के साथ मुख्यमंत्री कृषि सिंचाई फंड की स्थापना करने का संकल्प लिया था लेकिन पिछले पांच साल में मुख्यमंत्री कृषि सिंचाई फंड की स्थापना नहीं की गई।
    2017 में  उत्तर प्रदेश में दुग्ध क्रांति लाने और इसके लिए 15 करोड़ की डेयरी विकास फंड की स्थापना की घोषणा की गई थी। 15 करोड़ रुपये की राशि से डेयरी विकास फंड की स्थापना तो की गई, लेकिन इस फंड का इस्तेमाल नहीं किया। बाद के वर्षों में इस फंड को बजट से ही हटा दिया गया। 2017 में किसानों से उदय योजना के तहत 2022 तक प्रदेश के 10 लाख किसानों को मुफ्त में पंप सेट दिए जाने का वादा किया था लेकिन अब तक मात्र 6,068 एनर्जी एफिशिएंट पंप ही लगाए गए है। फिर से 2022 में किसानों को  प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सोलर पम्प प्रदान करने की घोषणा की जा रही है ।
    किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ सुनीलम ने कहा कि भाजपा ने 2017 में उत्तर प्रदेश के सभी 6 क्षेत्रों में फूड प्रोसेसिंग पार्क स्थापित करने का संकल्प लिया था लेकिन पिछले 5 साल में एक भी फूड प्रोसेसिंग पार्क ना बनाकर उत्तर प्रदेश के किसानों से वादाखिलाफी की है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 17 राज्यों में 22 मेगा फूड पार्क है।
    भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने का वादा किया है जबकि 2017 में  भी सभी खेतों में कम दरों पर पर्याप्त बिजली पहुंचाने की व्यवस्था की जाने का संकल्प लिया था । लेकिन पिछले पांच साल में पर्याप्त बिजली नहीं मिली, ऊपर से रेट बढ़ गए। उत्तर प्रदेश की बिजली दरें देश में सबसे अधिक हैं। नलकूपों के लिए बिजली कुछ घंटे ही उपलब्ध होती है। नए कनेक्शन लेने के लिए किसान को भटकना पड़ता है। पाँच वर्षों के कार्यकाल में योगी सरकार ने किसानों से नलकूपों हेतू ग्रामीण मीटर्ड बिजली के दर 1 रुपया यूनिट से बढ़ाकर  2 रुपये यूनिट कर दी। फिक्स चार्ज  में अप्रत्याशित वृद्धि कर 30 रुपये से 70 रुपये कर दिया। बिना मीटर वाले कनेक्शन में चार्ज 100 रुपये से बढाकर 170 रुपये कर दिया।
    2018 में पूरे देश के लिए 1 लाख करोड़ का एग्री इंफ्रा फंड बनाने की मोदी सरकार की घोषणा थी लेकिन 1 लाख करोड़ की घोषणा में से अब तक मात्र 2,654 करोड़ की राशि खर्च हुई है। फिर से 2022 के घोषणा पत्र में 25,000 करोड़ रुपए की राशि से एग्री इंफ्रा फंड बनाने की  घोषणा की जा रही है।
    डॉ सुनीलम ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 380 दिन चले आंदोलन को संयुक्त किसान मोर्चे की पांच सुत्रीय मांगों पर केन्द्र सरकार के आश्वासनों के बाद स्थगित किया गया था लेकिन केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चे की किसी भी मांग पर अभी तक कोई चर्चा नहीं की है ।  जिससे संयुक्त किसान मोर्चा ने भाजपा को सजा दिलाने के लिए सभी किसानों से अपील की है कि वे किसान विरोधी भाजपा को वोट की चोट देकर सबक सिखाए। डॉ सुनीलम ने बताया कि 3फरवरी से 8 फरवरी तक उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चे की अपील पर उत्तरप्रदेश के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में किसानों के बीच पंहुचकर सरकार की किसान विरोधी नीतियों को बताने के लिए बैठक, जनसंपर्क, नुक्कड़ सभाएं की।

  • दिल्ली में रहता हूं लेकिन दिल में है उत्तराखंड, देवभूमि में कब होगी PM मोदी की रैली ?

    दिल्ली में रहता हूं लेकिन दिल में है उत्तराखंड, देवभूमि में कब होगी PM मोदी की रैली ?

    द न्यूज़ 15
    नई दिल्ली। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के चलते नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह दशक उत्तराखंड का है। वह दिल्ली में रहते हैं लेकिन उनके दिल में उत्तराखंड भी रहता है। मोदी ने बताया कि इस बार का विधानसभा चुनाव 2022 बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है| उत्तराखंड में विकास के लिए कई योजनाओं को हरी झंड़ी दिखाई गई है। क्योंकि इसके बाद ही विकास योजनाओं में पहले से ज्यादा गति मिल पाएगी। उन्होंने कहा, कि उत्तराखंड से उनका विशेष नाता है। गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी संगठन के कार्यकर्ता रहते हुए भी वह उत्तराखंड से जुड़े हुए थे।
    उत्तराखंड के कुमाऊं में नैनीताल सहित 14 विधानसभा सीटों में वर्चुअली चुनावी रैली ‘विजय संकल्प सभा’ को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वह विधानसभा चुनाव 2022 में चुनावी सभा के लिए वह 10 फरवरी को श्रीनगर, उत्तराखंड आ रहे हैं। कांग्रेस पर जमकर प्रहार करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही तुष्टिकरण की राजनीति करती आई है और देश को बांटने का काम सदियों से कांग्रेस की सरकारों ने ही किया है।
    पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड को बर्बाद करने में कांग्रेस पार्टी ने कोई कमी कसर नहीं छोड़ी। मोदी ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेकर कहा कि विकास कार्यों में कांग्रेस ने हमेशा ही रोड़ा डाला है, चाहे वो ऋषिकेश-कर्णप्रयार रेललाइन परियोजना हो या फिर ऑल वेदर रोड का प्रोजेक्ट हो। कांग्रेस की नियत और निष्ठा का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस पार्टी ने पलायन और पर्वतीय जिलों में बुनियादी सुविधाओं को बेहतर करने के लिए कोई काम नहीं किया।
    बदरीनाथ, केदारानाथ सहित चारधाम यात्रा पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि चारधाम भव्य और दिव्य बनेगा। इसके लिए ऑल वेदर रोड का काम लगभग पूरा हो चुका है, जिसके बाद अब किसी भी विपरीत मौसम में भी यात्रा आसानी से की जा सकती है।

  • किसान विरोधी BJP को सबक सिखाएं, यूपी और उत्तराखंड की जनता से SKM की अपील

    किसान विरोधी BJP को सबक सिखाएं, यूपी और उत्तराखंड की जनता से SKM की अपील

    द न्यूज 15 
    लखनऊ । अराजनैतिक संगठन होने के दावे के बावजूद संयुक्त किसान मोर्चा ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विरोध का बिगुल फूंक दिया है। 3 केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को लेकर बने 40 किसान संगठनों के मंच ने गुरुवार को यूपी और उत्तराखंड की जनता के नाम खात लिखकर अपील की है कि ‘किसान वोरोधी बीजेपी’ के खिलाफ वोट डालकर इसे सजा दें। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने ट्विटर पर इस खत को साझा किया है, जिसमें उन्होंने भी हस्ताक्षर किया है।
    ‘किसान आंदोलन का एक सिपाही’ नाम से लिखे गए ओपन लेटर में कृषि कानूनों और लखीमपुर खीरी कांड के बारे में बताते हुए कहा गया है, ”हम किसानों के अपमान करने वाली बीजेपी को सबक सिखाने के लिए आज मुझे आपकी मदद चाहिए। बीजेपी सरकार सच-झूठ की भाषा नहीं समझती, अच्चे-बुरे का भेद नहीं समझती, संवैधानिक और असंवैधानिक का अंतर नहीं जानती है। बस यह पार्टी एक ही भाषा समझती है–वोट, सीट, सत्ता।”

    आगे कहा गया है, ”कुछ ही दिनों में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी 20177 के विधानसभा चुनाव में किसानों से किए अपने वादे से पलट गई। वादा था कि सभी किसानों का पूरा लोन माफ होगा। लेकिन हुआ सिर्फ 44 लाख का और वो भी बस एक लाख रुपए तक का। वादा था कि गन्ने का पेमेंट 14 दिन के भीतर दिलाने का, बकाया पैसे का ब्याज दिलवाने का। वादा था सस्ती और पर्याप्त बिजली का, लेकिन देश की सबसे महंगी बिजली यूपी में कर दी। वादा था फसल की दाना-दाना खरीद का लेकिन धान की पैदावार का तिहाया और गेहूं की पैदावार का छटांस भी नहीं खरीदा।”
    बीजेपी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए सजा देने की मांग की गई है। इसमें कहा गया है, ”इस किसान विरोधी बीजेपी सरकार के कान खोलने के लिए इसे चुनाव में सजा देने की जरूरत है। सजा कैसे देंगे, यह मुझे बताने की जरूरत नहीं है। आप खुद समझदार हैं। भाजपा का जो नेता आपसे वोट मांगने आए, उससे इन मुद्दों पर सवाल जरूर पूछें। एक किसान का दर्द किसान ही समझ सकता है मुझे विश्वास है कि आप वोट डालते वक्त मेरी इस चिट्ठी को याद रखेंगे।”

  • भाजपा को वोट के ल‍िए मुसलमानों के हाथ में कुरान शरीफ रखवा कर कसम खिलावाऊंगा – BJP MLA के पति का वीडियो वायरल

    भाजपा को वोट के ल‍िए मुसलमानों के हाथ में कुरान शरीफ रखवा कर कसम खिलावाऊंगा – BJP MLA के पति का वीडियो वायरल

    बिजनौर सदर से भाजपा की विधायक सुची चौधरी के पति ऐश्वर्या मौसम चौधरी हाल ही में स्थानीय लोगों के साथ एक बैठक कर रहे थे। इसी दौरान कुछ मुसलमान जनता ने उनसे बारात घर बनवाने की मांग की, तभी यह घटना हुई 

    द न्यूज 15 

    बिजनौर/लखनऊ।  यूपी के विधानसभा चुनाव से पहले वोटों के लिए दबाव बनाने और वादा कराने को लेकर बिजनौर जिले के एक वायरल वीडियो ने विवाद खड़ा कर दिया है। वीडियो में स्थानीय भाजपा विधायक के पति को यह कहते हुए दिख रहे हैं कि “कुरान शरीफ पर हाथ रखकर मुसलमान कह दें कि वोट भाजपा को देंगे तो वहां बारात घर अभी बनवाना शुरू कर देंगे।”
    बिजनौर सदर से भाजपा की विधायक सुची चौधरी के पति ऐश्वर्या मौसम चौधरी हाल ही में स्थानीय लोगों के साथ एक बैठक कर रहे थे। इसी दौरान कुछ मुसलमान जनता ने उनसे बारात घर बनवाने की मांग की। इस दौरान उन्होंने उन लोगों से पूछा कि आपके मोहल्ले में कितने लोग हैं। किसी ने कहा कि 280 लोग हैं। इस पर उन्होंने कहा कि “सभी 280 लोग कुरान शरीफ पर हाथ रखकर कसम खाएं कि वोट भाजपा को ही दूंगा तो आज से ही बारात घर बनवाना शुरू करा दूंगा। न निधि की जरूरत, न ही सरकार की जरूरत है। आज से ही बनवाऊंगा।”
    उन्होंने कहा, ” पर हाथ कुरान शरीफ पर रखकर कसम खवाऊंगा। अभी अभी, यहां 50 हजार का सामान गिरवाकर उसके बाद ही उठूंगा। मुसलमान कसम खा लें कुरान शरीफ हाथ पर रखकर कि वोट तेरा, जो कहेगा वो काम करके जाऊंगा। मैं कह रहा हूं।” इस पूरी बातचीत को किसी ने मोबाइल पर रिकॉर्ड कर लिया और वीडिया वायरल कर दिया। इस पर हंगामा खड़ा हो गया।
    सुची चौधरी प्रदेश में सबसे कम उम्र की महिला विधायक हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के वक्त पहले सुची चौधरी (33) के पति ऐश्वर्य मौसम चौधरी को बिजनौर सदर सीट से टिकट मिला था, लेकिन पेंदा कांड में उनका नाम आने के बाद वे गिरफ्तार हो गए थे। इसकी वजह से उनकी जगह उनकी पत्नी सुची चौधरी को टिकट मिल गया था।
    सुची चौधरी ने सपा प्रत्याशी रुचि वीरा को रिकॉर्ड 27281 वोटो से हराकर सबसे युवा महिला विधायक बन गई थीं। बिजनौर में इतने वोट से जीत हासिल करने वाली वह पहली महिला विधायक हैं। कुरान शरीफ पर हाथ रखकर कसम खाने और वोट देने का वादा करने की मांग की बात पर लोगों का कहना है कि भाजपा अब कसम खिलाकर वोट लेगी।