Tag: bihar

  • बिहार : 5 वर्षो में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या में तिगुनी वृद्धि, जदयू ने बताया कार्ययोजना का परिणाम

    बिहार : 5 वर्षो में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या में तिगुनी वृद्धि, जदयू ने बताया कार्ययोजना का परिणाम

    द न्यूज 15 

    पटना | बिहार में जब से नीतीश कुमार की सरकार आई है तब से महिला सशक्तिकरण के प्रयास किए जा रहे हैं। अब इसके परिणाम सामने आने लगे हैं।

    आंकड़े बताते हैं कि राज्य में पिछले 16 वर्षों के दौरान महिला पुलिसकर्मियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। जदयू भी इसे सरकार के कार्ययोजना का परिणाम बता रही है।

    बिहार राज्य गृह विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2005 में राज्य में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या महज 867 थी। इसमें 805 सिपाही, 11 सहायक अवर निरीक्षक और 51 पुलिस अवर निरीक्षक यानी दारोगा थीं। वहीं अब महिला पुलिसकर्मियों की संख्या 20 हजार के करीब पहुंच गई है। इसमें 18,744 सिपाही, 225 सहायक अवर निरीक्षक और 882 पुलिस अवर निरीक्षक शामिल हैं।

    आंकड़ों के मुताबिक, पिछले पांच सालों के आंकड़ों को देखें तो महिला पुलिसकर्मियों की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई है। वर्ष 2016 में राज्य में पुलिस पद पर 6289 महिला तैनात थी, जबकि 116 महिला सहायक अवर निरीक्षक थी और 170 महिला दारोगा पद की जिम्मेदारी निभा रही थी।

    बताया जाता है कि फिलहाल पुलिस अवर निरीक्षक सहित विभिन्न पदों पर नियुक्ति की कार्रवाई अभी प्रक्रियाधीन है।

    बिहार के पूर्व मंत्री और जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार भी कहते हैं कि यह सरकार की कार्ययोजना का परिणाम है, जो सड़कों पर अब दिखाई दे रही है। आज बाजारों और ट्रैफिक पुलिस के तौर पर भी महिला पुलिसकर्मी दिखाई देंगे।

    उन्होंने कहा कि सरकार ने पंचायती राज चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देकर घर की चौखट से उन्हें बाहर निकालने की कोशिश की।

    इसके बाद महिला सशक्तिकरण को लेकर फिर छात्राओं की शिक्षा में आ रही कमियों को संवर्धन कर आगे बढ़ाने की कोशिश की उसके बाद सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण देकर समाज में महती भूमिका निभाने का दायित्व सौंप दिया।

    महिला सशक्तिकरण को लेकर चरणवार चलाए गए कार्यक्रमों का परिणाम अब सरजमी पर दिख रहा है। जदयू नेता कहते हैं कि आज कमोबेश सभी थानों में महिला पुलिसकर्मी तैनात हैं।

  • बिहार में बीते 24 घंटों में कोरोना के 77 मामले

    बिहार में बीते 24 घंटों में कोरोना के 77 मामले

    पटना | बिहार में पिछले 24 घंटों में कोरोना के कुल 77 नए मामले दर्ज किए गए हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

    इसके साथ, राज्य में कुल सक्रिय मामले 215 हो गए हैं।

    गया में कुल 29 मामले, पटना में 27 मामले दर्ज किए गए।

    इसके अलावा, जहानाबाद में चार मामले दर्ज किए गए, नालंदा और समस्तीपुर में 3-3, सुपौल और मुजफ्फरपुर में 2, जबकि औरंगाबाद, दरभंगा, किशनगंज, सीतामढ़ी, सीवान, वैशाली और पश्चिम चंपारण जिलों में एक-एक मामला दर्ज किया गया।

    गया में मगध मेडिकल कॉलेज के एक बैंक के कर्मचारी, एक डॉक्टर और एक कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए।

    स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक बिहार में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। महज चार दिनों में यह दोगुना हो गया है।

    हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक किसी भी ओमिक्रॉन मामले की पुष्टि नहीं की है। सूत्रों के अनुसार, राज्य में हालांकि जीनोम सीक्वेंसींग टेस्ट सुविधा का अभाव है, जो कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट का पता लगाने के लिए आवश्यक है।

    इस बीच, एहतियात के तौर पर, राज्य सरकार ने नए साल से पहले पार्क, प्राणी उद्यान और अन्य सार्वजनिक स्थानों को बंद कर दिया है। ये स्थान 31 दिसंबर से 2 जनवरी तक जनता के लिए बंद रहेंगे।

  • बिहार पुलिस ‘चक्र’ के जरिए खोजेगी अपराधी

    बिहार पुलिस ‘चक्र’ के जरिए खोजेगी अपराधी

    पटना | बिहार पुलिस अब ‘चक्र’ के जरिए अपराधियों की तलाश करेगी। यह खबर पढ़ने या सुनने में आपको अजीब लगे, लेकिन यह हकीकत है। दरअसल, बिहार पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए अब तकनीक की मदद लेने की कवायद में जुटी है।

    इसी के तहत पुलिस ने एक ऐप तैयार किया है जिसमें कुख्यात से लेकर लोकल अपराधियों की जन्म कुंडली रहेगी। कोई भी थाना पुलिस अपराधियों की जानकारी इस ऐप के माध्यम से प्राप्त कर सकेगी।

    पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं, ”चक्र’ एक मोबाइल ऐप है, जहां एक क्लिक पर अपराधियों की पूरी कुंडली मिल जाएगी। पुलिस मुख्यालय ने इस ऐप को डेवलप किया है और सभी जिलों को इस ऐप पर डाटा फीड करने का टास्क दिया गया है।”

    पुलिस मुख्यालय की ओर से इससे जुड़ा निर्देश जारी किया गया है, जिसके बाद इस पर तेजी से काम जारी है। बताया जाात है कि यह ऐप सिर्फ पुलिस विभाग के लिए है।

    अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जितेंद्र कुमार बताते हैं कि ” पुलिस विभाग ने एक ऐप तैयार किया है, जिसमें अपराधियों से संबंधित डाटा डालने का काम किया जा रहा है। इसमें अभी तक पांच लाख डेटा आ गए है। इससे सभी थानों को जोडा गया है। इस ऐप के जरिए थाना पुलिस के अलावे पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी भी किसी भी अपराधी की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। ”

    उन्होंने कहा कि अपराधियों से संबंधित दस्तावेज या उससे संबंधित किसी प्रकार की जानकारी पुलिस को एक जगह मिल जाएगी। अभी तक अपराधियों की सही जानकारी एक जगह नहीं मिल पाती थी।

    उन्होंने बताया कि इसे अभी औपचारिक रूप से लांच नहीं किया गया है, फिलहाल यह कार्य करना प्रारंभ कर दिया है। अगर फिलहल में इसमें कोई दिक्कत आएगी तो इसमें और सुधार किया जा सकेगा।

    उन्होंने कहा, ”अपराधियों के विरूद्ध पुलिस का जो अभियान है, उस अभियान में तकनीक के माध्यम से पुलिस आगे बढ रही है। अपराधियों के डेटा बेस की जो कमी थी वह अब नहीं रहेगी।”

    पुलिस का मानना है कि अपराधी पहले एक जिला में अपराध कर आसानी से दूसरे जिले में जाकर अपराध को अंजाम देते थे। ऐसे में संबंधित जिलों के पास उनका अपराधिक इतिहास नहीं होता थे, जिससे उनपर पुलिस को संदेह नहीं होता था। इस डेटा बेस के तैयार होने से राज्य के सभी अपराधियों की जन्मकुंडली एक ही ऐप पर उपलब्ध होगी, जिससे पुलिस को अपराधियों को जानकारी मिलने में आसानी होगी।

    एक अधिकारी बताते हैं कि सभी जिलों की पुलिस टीम को चक्र ऐप पर डाटा फीड करना है। जो भी अपराधी गिरफ्तार होकर जेल भेजे जाएंगे, तस्वीर के साथ उनसे जुड़ी सारी जानकारियां ऐप पर अपलोड होगी। अपराधी कब जेल गया, किस जुर्म में गया, जमानत मिली तो कब और कितने दिनों की मिली, यह सारी जानकारियां अपलोड की जाएंगी।

    इससे जब अपराधी जमानत पर जेल से बाहर आए, तब भी इसकी सूचना स्थानीय थाने को हो सकेगी, जिससे उनकी गतिविधियों पर आवश्यकतानुसार नजर रखी जा सके।

  • बिहार में कोर्ट जा रहे वकील की गोली मारकर हत्या

    बिहार में कोर्ट जा रहे वकील की गोली मारकर हत्या

    गोपालगंज, बिहार के गोपालगंज जिले के कुचायकोट थाना क्षेत्र में मंगलवार को बेखौफ अपराधियों ने सिविल कोर्ट के अधिवक्ता राजेश पांडेय को गोली मारकर हत्या कर दी और फरार हो गए। फिलहाल हत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। बताया जाता है कि पहले भी अपराधियों ने पांडेय को धमकी दी थी।

    पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि कुचायकोट थाने के कुचायकोट बाजार के रहने वाले अधिवक्ता राजेश पांडेय अपने एक सहयोगी के साथ बाइक से गोपालगंज सिविल कोर्ट जा रहे थे। इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 27 पर पोखरभिंडा के पास बाइक पर सवार दो अपराधियों ने अधिवक्ता की बाइक को ओवरटेक कर रोक दिया और फिर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दी।

    परिजनों के मुताबिक गोली लगने से अधिवक्ता मौके पर ही गिर गये। आसपास के लोगों की मदद से अधिवक्ता को सदर अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

    अधिवक्ता की हत्या की खबर सुनने के बाद नाराज वकीलों ने सिविल कोर्ट के न्यायिक कार्य का बहिष्कार करते हुए कामकाज ठप कर दिया है तथा मौनिया चौक के पास अधिवक्ता हंगामा कर रहे हैं।

    गोपालगंज सदर के अनुमंडल पुलिस अधिकारी संजीव कुमार सिंह ने बताया कि वकील की हत्या के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल पाया है। पुलिस इस मामले को लेकर कई लोगों से पूछताछ कर रही है। पुलिस पूरे मामले की प्रत्येक कोणों से जांच कर रही है।

  • बिहार में ऑटो, बोलेरो की टक्कर में 3 की मौत

    बिहार में ऑटो, बोलेरो की टक्कर में 3 की मौत

    आरा, बिहार के भोजपुर जिले के जगदीशपुर थाना क्षेत्र में मंगलवार को एक ऑटो और बोलेरो की टक्कर में तीन लोगों की मौत हो गई। सभी लोग अपने रिश्तेदार के घर शादी समारोह में भाग लेकर वापस अपने गांव लौट रहे थे। इस दुर्घटना में पांच से अधिक लोगों के घायल होने की भी खबर है।

    पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि रोहतास के बिक्रमगंज थाना क्षेत्र के धुसियां कला के रहने वाले कई लोग जगदीशपुर थाना क्षेत्र के बभनियांवा गांव में एक रिश्तेदार के घर शादी समारोह में शामिल होने के बाद एक ऑटो पर सवार होकर अपने गांव लौट रहे थे।

    इसी दौरान आरा- मोहनिया हाईवे-30 पर इसाढ़ी बाजार -विमवां मठिया के बीच कीतापुर गांव के पास विपरीत दिशा से आ रहे एक बोलेरो ने ऑटो को जोरदार ठोकर मार दी।

    जगदीशपुर के थाना प्रभारी संजीव कुमार ने बताया कि इस दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हेा गई है जबकि पांच से अधिक लोग घायल हो गए। सभी घायलों को स्थानीय एक अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि घायलों की स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।

  • बिहार : भाजपा विधायक ने राजद एमएलए के खिलाफ स्पीकर से की शिकायत

    बिहार : भाजपा विधायक ने राजद एमएलए के खिलाफ स्पीकर से की शिकायत

    पटना, बिहार विधानसभा के दो सदस्यों राजद के भाई वीरेंद्र और भाजपा के संजय सरावगी के बीच वाकयुद्ध के बाद मंगलवार को सरावगी ने विधानसभा अध्यक्ष के पास शिकायत दर्ज कराकर तत्काल कार्रवाई की मांग की। सरावगी ने कहा, “भाई वीरेंद्र के अपमानजनक व्यवहार ने मुझे मानसिक रूप से आहत किया है। उन्होंने गरिमा और शील की सीमा को पार कर लिया। यह उनका अस्वीकार्य व्यवहार था। उन्हें अपने स्वयं के व्यवहार का आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और सार्वजनिक रूप से मुझसे माफी मांगनी चाहिए।”

    उन्होंने कहा, “मैंने मामले का संज्ञान लेने और राजद विधायक के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के पास शिकायत दर्ज कराई है।”

    पटना जिले के मनेर से राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने मंगलवार सुबह दरभंगा से भाजपा विधायक सरावगी के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया।

    जब वीरेंद्र विधानसभा के अंदर मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे, तो उनका वहां मौजूद सरावगी के साथ जुबानी जंग छिड़ गई। तीखी नोकझोंक के बाद वीरेंद्र ने सरावगी के खिलाफ खुलेआम अपशब्दों का इस्तेमाल किया।

    सरावगी ने आरोप लगाया, “भाई वीरेंद्र ने सार्वजनिक रूप से मेरे खिलाफ अपमानजनक और जातिवादी टिप्पणियों का इस्तेमाल किया है।”

    घटना के बाद भाजपा के ओबीसी विंग के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने कहा, “भाई वीरेंद्र राजद के एक वरिष्ठ नेता हैं, जो विधानसभा के भीतर और बाहर कई गलत कामों में शामिल रहे हैं। वह पहले अध्यक्ष की कुर्सी का अपमान कर चुके हैं।”

    “उन्होंने विधानसभा में एक अपमानजनक प्रवृत्ति स्थापित की है। जिस तरह से उन्होंने सरावगी को धमकाया और गाली दी कि वह जंगल के कानून का पालन कर रहे हैं, तेजस्वी यादव को उनके व्यवहार पर ‘गर्व’ होना चाहिए।

  • बिहार विधानसभा परिसर में राजद, भाजपा विधायकों के बीच जुबानी जंग

    बिहार विधानसभा परिसर में राजद, भाजपा विधायकों के बीच जुबानी जंग

    पटना, राजद के विधायक भाई वीरेंद्र और भाजपा के विधायक संजय सरावगी मंगलवार को बिहार विधानसभा परिसर में आपस में भिड़ गए।

    मामला इतना बढ़ गया कि वहां मौजूद मीडियाकर्मियों को झगड़ रहे विधायकों को रोकने के लिए बीच-बचाव करना पड़ा।

    मनेर से राजद विधायक वीरेंद्र और दरभंगा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक सरावगी के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। दोनों ने एक-दूसरे को धमकाया और अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया।

    वीरेंद्र ने सरावगी को यह कहते हुए धमकाया कि ‘वह उन्हें सार्वजनिक रूप से पीटेंगे’। उन्होंने अपशब्दों का भी प्रयोग किया। संजय सरावगी ने पलटवार करते हुए उनसे मर्यादा में रहने को कहा।

    बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही में शामिल होने पहुंचे भाई वीरेंद्र और संजय सरावगी अलग-अलग मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे। जैसे ही वे एक-दूसरे के करीब खड़े हुए, वे जल्द ही एक मौखिक द्वंद्व में शामिल हो गए।

    शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया है और 3 दिसंबर तक चलेगा।

  • बिहार में सरकारी अधिकारी, कर्मचारी शराब नहीं पीने की शपथ लेंगे

    बिहार में सरकारी अधिकारी, कर्मचारी शराब नहीं पीने की शपथ लेंगे

    पटना, बिहार सरकार शराबबंदी कानून का पालन करवाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। इसी के तहत शुक्रवार को राज्य के सभी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी शराब नहीं पीने और दूसरों को शराब नहीं पीने देने की शपथ लेंगे। सभी सरकारी कर्मचारियों को दिन के 11 बजे शराब नहीं पीने और किसी दूसरे को भी नहीं पीने देने की शपथ दिलायी जायेगी। मुख्य कार्यक्रम पटना के ज्ञान भवन में आयोजित होगा, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री एवं अन्य मंत्रियों समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे।

    मुख्य सचिवालय, सभी विभागों, जिले, प्रखंड और पंचायतों मे कर्मी अपने अपने कार्यालय प्रांगण में शपथ लेंगे। एक अनुमान के मुताबिक करीब 5 लाख लोग आज शपथ लेंगे।

    नशा मुक्ति दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री ज्ञान भवन से ही मद्य निषेध के प्रति जागरूकता फैलाने वाले कई वाहनों को भी हरी झंडी दिखा कर रवाना करेंगे।

    मुख्य समारोह में मद्य निषेध के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले मद्य निषेध व पुलिस विभाग के कर्मियों को पुरस्कृत किया जायेगा।

    बताया जाता है कि अगर कोई कर्मचारी शपथ लेने से छूट जाता है तो उसे एक सप्ताह के अंदर उसके शपथ लेने का वीडियो विभागीय अधिकारियों को भेजना होगा।

    उल्लेखनीय है कि इस महीने के प्रारंभ में राज्य के कई जिलों में शराब पीने से हुई मौत के बाद नीतीश कुमार शराबबंदी कानून का कड़ाई से पालन करवाने को लेकर अधिकारियों को सख्त आदेश दिया है। इसी के तहत राज्य भर में लगातार छापेमारी की जा रही है।

  • लालू राजद कार्यालय पहुंचे, जलाई ‘लालटेन’, कहा, ‘सरकार तो बननी ही है’

    लालू राजद कार्यालय पहुंचे, जलाई ‘लालटेन’, कहा, ‘सरकार तो बननी ही है’

    राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद बुधवार को लंबे अरसे के बाद पटना स्थित पार्टी के प्रदेश कार्यालय पहुंचे, जहां 11 फीट की संगमरमर से बनी लालटेन को जलाकर इसका लोकर्पण किया।

    लोकार्पण कार्यक्रम के बाद लालू प्रसाद ने राजद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अपने पुराने अंदाज में दिखे और कहा राजद सबसे बड़ी ताकत है और सरकार तो बननी ही है।

    लालू प्रसाद ने कहा कि लालटेन रोशनी का प्रतीक है। यह गरीब गुरबों को राह दिखाने का काम करता है। लालटेन को हेरिकेन लैंप कहा जाता है, जो तूफान में भी नहीं बुझता है।

    लालू प्रसाद ने किसान आंदोलन की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार द्वारा कृषि कानून को वापस लेना किसानों की जीत है। उन्होंने कहा कि अन्याय के खिलाफ हमारा संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का प्रपंच हम तोडेंगे।

    उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर रहने की नसीहत देते हुए कहा कि हम जब मुख्यमंत्री बने थे तब उसे गरीबों का राज कहा जाता था। उन्होंने तेजस्वी यादव की भी खूब तारीफ की है। उन्होंने कहा कि राजद के लिए तेजस्वी और सभी कार्यकर्ता खूब मेहनत करते हैं।

    लालू प्रसाद ने केन्द्र सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि जब हम रेल मंत्री बने तो घाटे के सौदे वाले रेलवे को भी फायदे में लाया था। उन्होंने कहा कि बिहार में कारखाने लगवाए थे। बहुत सारे काम किए। रेल का किराया कम किया।

    उन्होंने बिहार सरकार पर विकास के दावे पर तंज कसते हुए कहा कि अभी भी राज्य के कई इलाकों में जलजमाव है।

    बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने बिहार से दूर रहने की पीड़ा भी बयां की। उन्होंने कहा कि दिल्ली में मेरा मन नहीं लगता। इस क्रम में सुबह-सुबह जीप की सवारी की चर्चा भी की। कार्यक्रम में लालू ने शिकायत कर दी कि राजद में महिलाओं को तरजीह नहीं दी जा रही। आगे से जहां भी सभा हो महिलाओं को कुर्सी पर बिठाइए।

    उन्होंने बताया कि राजद कार्यालय में पुस्तकालय भी बनाया जाएगा।

  • बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर घिरे नीतीश, विपक्ष के साथ सहयोगी दलों के नेताओं ने भी उठाए सवाल

    बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर घिरे नीतीश, विपक्ष के साथ सहयोगी दलों के नेताओं ने भी उठाए सवाल

    बिहार में शराबबंदी कानून को लागू हुए भले ही करीब पांच साल गुजर गए हों, लेकिन अभी भी इसे लेकर जमकर सियासत हो रही है। पांच वर्ष पूर्व सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक के लोगों ने इस कानून के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की थी, लेकिन अब इसी कानून को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा जा रहा है। शराबबंदी कानून को वापस लेने की मांग अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पराए (विपक्ष) तो कर ही रहे हैं अपने (सहयोगी पार्टी) नेता भी इस कानून को वापस लेने का आग्रह मुख्यमंत्री से कर रहे हैं।

    सभी दल इस कानून को असफल होने की बात कह रहे हैं। राजद के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने दावा करते हुए सोमवार को कहा था कि बिहार में शराबबंदी के समय उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आगाह किया था कि अन्य राज्यों से शराब की तस्करी रोक पाना काफी मुश्किल होगा, पर उन्होंने (नीतीश) इसे सफलतापूर्वक लागू करने का भरोसा दिया था।

    बिहार की पिछली महागठबंधन सरकार में लालू प्रसाद की पार्टी राजद के साथ सत्ता में रहे नीतीश के शराबबंदी के निर्णय को लेकर लालू कहते हैं कि हमने बहुत पहले कहा था कि कार्यान्वयन में कठिनाइयों को ईमानदारी से स्वीकार किया जाना चाहिए और इस कदम को वापस लिया जाना चाहिए।

    इधर, जदयू की सहयोगी पार्टी भाजपा के विधायक हरिभूषण ठाकुर ने भी मुख्यमंत्री से शराबबंदी कानून वापस लेने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगर किसानों को लाभ पहुंचाने वाला कृषि कानून वापस ले सकते हैं तो मुख्यमंत्री शराबबंदी कानून को लेकर जिद न करें।”

    विधायक ने कहा कि “यह शराबबंदी कानून अच्छी नीयत से बना था। इसे लागू करने में गड़बड़ी हो गई। शराब माफिया और सरकारी तंत्र के गठजोड़ ने कानून के उद्देश्य को विफल कर दिया है।”

    भाजपा नेता ने कहा कि शराबबंदी कानून अब हमलोगों पर भारी पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि क्षेत्र में पुलिस की मनमानी चल रही है। जहां शराब बिकती है वहां पुलिस नहीं जा रही है और जो नहीं बेचता है वहां जाकर पांच-पांच बार पुलिस जाकर लोगों को धमकाती है। उन्होंने का रक्षक ही भक्षक बना हुआ है।

    ठाकुर कहते हैं “यह बहुत अच्छा काम है, लेकिन तंत्र ही उनको फेल कर रहा है। ऐसे में कानून वापस कर लिया जाए और शराब पर टैक्स से काम किया जाए।”

    इधर, कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा सवाल करते हुए कहा कि शराबबंदी है कहां? उन्होंने कहा कि शराब बिक ही रहे हैंे। उनहोंने कहा कि शराबबंदी से केवल राज्य को राजस्व ना नुकसान हो रहा है और कुछ भी नहीं हो रहा।

    इधर, जदयू के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराबबंदी के फैसले की खुलकर आलोचना तो नहीं करते, लेकिन दबी जुबान पार्टी के पिछले चुनाव में हुए नुकसान के लिए शराबबंदी कानून को सबसे बड़ा कारण बताते हैं।

    जदयू के एक नेता नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहते हैं कि ” शराबबंदी कानून वापस लेना जनता की मांग है। जदयू नेता तो यहां तक बोल गए मुख्यमंत्री एक ओर जहां जनसंख्या नियंत्रण कानून के लिए जागरण अभियान चलाने का तर्क दे रहे हैं, तो फिर शराब मुक्त बिहार बनाने के लिए कानून की जरूरत क्यो?”

    बहरहाल, इस महीने के प्रारंभ में राज्य के विभिन्न जिलों में शराब पीने से हुई लोगों की मौत के बाद शराबबंदी कानून को लेकर मुख्यमंत्री घिरते नजर आ रहे हैं। इस बीच, हालांकि नीतीश इस कानून को लागू करवाने को लेकर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है।