द न्यूज़ 15
पंजाब | विधानसभा चुनाव (Punjab Elections 2022) के लिए वोटिंग संपन्न हो चुकी है। परिणाम तो 10 मार्च को आएंगे, लेकिन उससे पहले आकलनों का दौर चल पड़ा है। चुनावी पंडितों ने पंजाब में किसी भी एक दल को बहुमत नहीं होने की बात भी कही है। ऐसे में रिजल्ट के बाद के संभावनाओं को लेकर कोशिशें शुरू हो चुकी हैं।
पंटर्स पंजाब में अगली सरकार बनाने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के पक्ष में हैं। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के संभावित गठबंधन को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
‘दैनिक ट्रिब्यून’ के मुताबिक, शिरोमणि अकाली दल और भाजपा दोनों के नेताओं ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि शिअद, बसपा, भाजपा और कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब लोक कांग्रेस के बीच गठबंधन सरकार बनने की प्रबल संभावना है। लेकिन ऐसा होने के लिए पार्टियों संभवतः अकाली दल को कम से कम 40 सीटें लेनी होंगी। यह कुछ प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों में वोट स्विंग करने के बाद भाजपा-पीएलसी और अकालियों के बीच “समझौता” की मीडिया रिपोर्टों की पृष्ठभूमि में आता है।
अकाली दल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरचरण बैंस ने कहा कि अकाली दल राज्य की बेहतरी और राजनीतिक स्थिरता प्रदान करने के लिए गठबंधन सरकार के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “भाजपा के साथ हमारी एकमात्र समस्या कृषि कानूनों को लेकर थी, जिन्हें वापस ले लिया गया है। अकाली दल के सिख-हिंदू एकता के प्रतिनिधि होने के कारण कुछ पार्टियों के साथ हमारा स्वाभाविक गठबंधन है।”
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने भी चुनाव के बाद संभावित गठबंधन का संकेत देते हुए कहा कि विभाजनकारी ताकतों को दूर रखना महत्वपूर्ण है। जब यह याद दिलाया गया कि भाजपा नेता और कार्यकर्ता इस तर्क पर अकालियों के साथ गठबंधन का विरोध कर रहे हैं कि पार्टी राज्य में कभी अपने दम पर खड़ी नहीं होगी, तो वरिष्ठ नेता ने कहा कि विपक्ष चुनाव पूर्व गठबंधन के लिए था, चुनाव के बाद के गठबंधन के लिए नहीं।
प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने अकाली दल पर बीजेपी की पीठ में छुरा घोंपने और विभिन्न सरकारों में बीजेपी को डिप्टी सीएम का पद नहीं देने को लेकर हमला बोला था।हालांकि मोदी अकालियों के जन्मदिन या अन्य अवसरों पर फोन पर बात करके अकालियों के साथ संचार चैनल खुला रखते हैं। अकाली दल भी प्रचार के दौरान मोदी की आलोचना पर प्रतिक्रिया के दौरान किसी भी तरह से भाजपा की आलोचना करने से बाज नहीं आया था।
सूत्रों ने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेताओं और सिख धर्मगुरुओं के बीच हुई बैठकों ने दोनों पूर्व सहयोगियों के बीच बर्फ़ को तोड़ दिया। राधा स्वामी सत्संग ब्यास भी दोनों के बीच एक सेतु है। हाल ही में अमित शाह समेत बीजेपी के नेताओं ने इसका दौरा किया था।
इससे पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी डेरा प्रमुख से मुलाकात की थी। डेरा प्रमुख के परिवार का संबंध शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से है। इसके अलावा, मदन मोहन मित्तल और अनिल जोशी सहित भाजपा के कई वरिष्ठ नेता अब अकाली दल में हैं।
Tag: Big game of BJP and Akali parties in Punjab after elections
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चुनाव के बाद पंजाब में भाजपा और अकाली दलों का बड़ा खेल