निंदूरा की जनसभा में भाजपा नेता अपर्णा यादव ने जुटी भीड़ में जोश भरते हुए कहा कि यूपी में का बा, यूपी में सिर्फ बाबा, सिर्फ बाबा बा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के गुंडे यह कहकर जेल चले गए कि अब न करैयिबे बेल, हम तो जयिबे जेल। भाजपा युवाओं की भीड़ से उत्साहित अपर्णा ने कहा तुष्टीकरण करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दो। मुंह तोड़ना भी पड़े तो तोड़ दो। चुनावी महायज्ञ में अपने वोट की आहुति देकर योगी को फिर सीएम बनाना है। सब हनुमान जी बनकर प्रभु श्री राम की तरह उन्हें विजय दिलाएं। विकास कार्यों की चर्चा करते हुए उन्होंने भीड़ से प्रत्याशी साकेंद्र वर्मा को भारी मतों से जिताने का वादा कराया।
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तुष्टिकरण करने वालों का तोड़ दो मुंह, सपा पर जमकर बरसीं अपर्णा यादव
द न्यूज 15देवाशरीफ । भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने के बाद से मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव भगवा दल के प्रत्याशियों के लिए समर्थन जुटा रही हैं। गुरुवार को बाराबंकी में अर्पणा यादव की जनसभाओं में जबरदस्त भीड़ देखने को मिली। इस दौरान उन्हें मुख्यमंत्री की तारीफ करते की और युवाओं में जोश भरते हुए कहा कि प्रदेश गुण्डाराज सीएम योगी ने खत्म कर दिया है। इसलिए भाजपा प्रत्याशियों को जिताकर विधानसभा भेजें। उदवतपुर गांव में भाजपा की एक जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह की बहू और भाजपा नेता अर्पणा यादव ने नवाबगंज की भाजपा प्रत्याशी डॉ. रामकुमारी मौर्या को भारी मतों से जिताने की अपील करते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार चलती रहेगी, हम लड़ेंगे हनुमान की तरह और जीतेंगे राम की तरह। उन्होंने महिलाओं का आह्वान किया कि आप लोग मतदान के दिन किचन में ताला लगा कर मतदान करें। पुरुषों से कहें खाना तभी मिलेगा जब मतदान करके आओगे।
निंदूरा की जनसभा में भाजपा नेता अपर्णा यादव ने जुटी भीड़ में जोश भरते हुए कहा कि यूपी में का बा, यूपी में सिर्फ बाबा, सिर्फ बाबा बा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के गुंडे यह कहकर जेल चले गए कि अब न करैयिबे बेल, हम तो जयिबे जेल। भाजपा युवाओं की भीड़ से उत्साहित अपर्णा ने कहा तुष्टीकरण करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दो। मुंह तोड़ना भी पड़े तो तोड़ दो। चुनावी महायज्ञ में अपने वोट की आहुति देकर योगी को फिर सीएम बनाना है। सब हनुमान जी बनकर प्रभु श्री राम की तरह उन्हें विजय दिलाएं। विकास कार्यों की चर्चा करते हुए उन्होंने भीड़ से प्रत्याशी साकेंद्र वर्मा को भारी मतों से जिताने का वादा कराया। -
छोटी बहू बोलकर योगी ने की अपर्णा यादव की तारीफ
बीजेपी में शामिल होने पर सीएम योगी ने सपा पर ऐसे कसा तंज, अखिलेश पर भी साधा निशाना
द न्यूज 15
नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दो चरणों की वोटिंग हो चुकी है। तीसरे चरण की वोटिंग की तैयारी चल रही है। जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ रहा है, आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी बढ़ता ही जा रहा है। यूपी चुनाव से कुछ दिन पहले ही बीजेपी ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के परिवार में सेंधमारी की और मुलायम परिवार की सबसे छोटी बहू अपर्णा यादव को बीजेपी में शामिल करा लिया। अब सीएम योगी ने इस पर यादव परिवार पर तंज कसते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है।
आजतक को दिए एक इंटरव्यू में जब सीएम योगी आदित्यनाथ से पूछा गया कि आप वंशवाद के खिलाफ बोलते हैं लेकिन मुलायम सिंह यादव के परिवार की सबसे छोटी बहू को अपनी पार्टी में शामिल कर लिए? इस पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अपर्णा यादव सबसे योग्य थीं और सबसे योग्य ने राष्ट्र अराधना के लिए भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अपर्णा यादव और अखिलेश यादव के बीच अगर बहस हो जाए तो पता चल जाएगा कि कौन कितना योग्य है।
योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि-‘ अपर्णा यादव, मुलायम सिंह यादव की बहू बनने से पहले भी एक समाजसेवी रही हैं। उन्होंने गौसेवा और दिव्यांगजनों के लिए काम किया है। वे टिकट के लिए बीजेपी में नहीं आई हैं और ना ही बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया है। अपर्णा यादव ने खुद कह रही हैं कि मोदीजी के राष्ट्र अराधना कार्य से जुड़ने के लिए मैं बीजेपी में आई हूं। वहीं अदिति सिंह के बीजेपी में शामिल होने और परिवारवाद को बढ़ावा देने के सवाल पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इसमें परिवारवाद कहां से आ गया? वे अखिलेश सिंह की बेटी हैं लेकिन अखिलेश सिंह अब नहीं हैं। वे विधायक थीं, तभी बीजेपी में आ गई थीं। आरपीएन सिंह पहले से ही केंद्र में मंत्री रह चुके हैं तो इसमें परिवारवाद जैसा कुछ नहीं है।
बता दें कि चुनाव से अहम पहले ही स्वामी प्रसाद मौर्य, बीजेपी से इस्तीफा देकर कई मंत्रियों और विधायकों के साथ सपा में शामिल हो गये थे। इसके बाद बीजेपी ने सपा मुखिया अखिलेश यादव के परिवार में फूट डालकर अपर्णा यादव को बीजेपी में शामिल करवा लिया था। गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव के मतदान सात आठ चरणों में संपन्न होने वाला है। दो चरण का मतदान हो चुका है। -
अखिलेश के समर्थन में आईं ममता बनर्जी पर अपर्णा यादव ने किया पलटवार
द न्यूज़ 15
कानपूर। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के समर्थन में वोट मांगने आईं पश्चिम बंगाल CM ममता बनर्जी पर अपर्णा यादव ने गुस्सा दिखते हुए पलटवार किया है। अपर्णा यादव ने कहा कि यूपी में गुंडे-बदमाश रहते हैं, यह कहने वाली बंगाल की CM ममता बनर्जी इसी प्रदेश में चुनाव प्रचार के लिए आईं हैं, यह यूपी को बदनाम करने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि बंगाल में खेला किया था, लेकिन यूपी में झेला होगा और इनको वहीं झेल दिया जाएगा।
अपर्णा यादव ने कहा कि भाजपा के शासन काल में महिलाएं सुरक्षित रहीं। मंगलवार को ही पार्टी ने अपना संकल्प पत्र जारी किया है। इसमें गरीबों के लिए योजनाओं की भरमार है। कहाकि यूपी में अब तक गरीब बेटियों की शादी में 35 हजार का अनुदान मिलता था, इसे अब बढ़ाकर 1 लाख किया जाएगा। इसके साथ हौसला योजना की राशि भी बढ़ाई जा रही है। बुजुर्गों के लिए सार्वजनिक परिवहन में नि:शुल्क सेवा रहेगी। यह बहुत बड़ा काम है। विकास के लिए हर तरफ काम किया गया है।
उन्होंने महिलाओं का आह्वान करते हुए कहा कि योगी सरकार में महिलाओं ने खुद को सबसे अधिक सुरक्षित महसूस किया है। चाहे उन्हें खेत खलिहान या जंगल में लकड़ी लेने जना हो, या फिर शहरों कस्बों में कामकाज के लिए जाना हो। हर तरफ महिलाएं खुद को सुरक्षित मान रहीं हैं। उन्होंने कहाकि भोगनीपुर सीट से राकेश सचान के साथ ही जिले की सभी सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों को प्रचंड बहुमत से जिताएं। कहा, भाजपा का सुशासन आपको हर कदम पर सुरक्षा, विकास और तरक्की का अहसास कराएगा। इस दौरान जिलाध्यक्ष अविनाश सिंह चौहान, पूर्व अध्यक्ष राहुल देव अग्निहोत्री, अनीता सचान आदि रहीं। -
सभा में अखिलेश पर भड़की अपर्णा, बोलीं योगी राज में जान बचा रहे गुंडे
द न्यूज़ 15
पूर्वांचल। हाल ही में बीजेपी का दामन थामने वाली मुलायम सिंह यादव की बहु अपर्णा यादव बेहद शांति और सौम्यता के साथ अपनी बात रखती हैं। लेकिन उस वक्त अपर्णा अपने गुस्से पर काबू नहीं रख पाई, जब गुरुवार को बाराबंकी में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अपर्णा की सभा में अखिलेश के नारे लगाकर गड़बड़ी फैलाने की कोशिश की तो अपर्णा ने सख्त तेवर भी दिखाए। बाराबंकी को मोथरी में जनसभा समाप्त होने पर हुए इस हुड़दंग का जवाब अपर्णा ने खजूर गांव में प्रचार के दौरान सपा पर जमकर प्रहार किया और यहां तक कहा कि बीजेपी सरकार में सपा के गुंडे जान की भीख मांग रहे हैं। अपर्णा ने कहा, ”यादव हूं, शेरनी हूं.. सपाइयों से डरती नहीं हूं। जंगल का राजा शेर होता है। मगर शिकार शेरनी ही करती है।”
मोथरी गांव में हुई जनसभा में अखिलेश यादव जिंदाबाद के नारे लगते ही माहौल बिगड़ गया। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक को दबोच लिया मगर दूसरा युवक भागने में सफल रहा। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने युवक की पिटाई भी कर डाली। लेकिन तत्काल पुलिस ने आकर युवक को गिरफ्तार कर जीप में बैठा लिया। पुलिस गिरफ्तार युवक को लेकर शहर कोतवाली ले गई। जहां उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की बात कही जा रही है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि सपा उम्मीदवार के इशारे पर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई।
खजूरगांव में ब्लॉक प्रमुख धर्मेन्द्र यादव द्वारा जनसभा का आयोजन किया गया था। मोथरी की घटना से आहत अर्पणा यादव ने यादव बिरादरी के लोगों से आह्वाहन किया कि धर्मयुद्ध में भाजपा के राष्ट्रवाद के रथ पर सवार होकर पूरे जिले में कमल खिलाकर भाजपा को बड़ी जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। -
अपर्णा यादव करहल से लड़ने को तैयार, अखिलेश को सीधी टक्कर
द न्यूज़ 15
करहल। मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव जो अभी हल ही में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुईं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ मैनपुरी की करहल सीट से मैदान में उतर सकती हैं।
सोमवार को अखिलेश यहां से अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। जिले को पार्टी का गढ़ माना जाता है।
इसी बीच शनिवार को एक निजी टीवी न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम में अपर्णा ने इस बात के संकेत दिए हैं कि वह करहल सीट से चुनाव लड़ सकती हैं।
बीजेपी ने अभी तक इस सीट पर किसी प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है। ऐसे में मैनपुरी और आसपास के इलाकों में इस बात की चर्चा भी है कि बीजेपी अपर्णा को अखिलेश के खिलाफ टिकट दे सकती है।
अपर्णा यादव ने कहा है कि यदि पार्टी कहेगी तो वो मैनपुरी की करहल सीट से भी चुनाव लड़ेंगी। लखनऊ कैंट में लोगों की सेवा कर रही हूं। अगर पार्टी कहेगी तो अखिलेश भैया के खिलाफ भी चुनाव लड़ूंगी। पार्टी तय करेगी कि मुझे क्या करना है।करहल सीट से सपा मुखिया अखिलेश यादव चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में अगर अपर्णा यादव करहल सीट से चुनाव लड़ती हैं तो इस सीट पर सियासी मुकाबला बड़ा दिलचस्प होगा।
इस दौरान अपर्णा ने कि सपा छोड़कर भाजपा में आने से मेरे ससुर मुलायम सिंह यादव नाराज नहीं है और उन्होंने मुझे आशीर्वाद भी दिया। इस चुनावी मौसम में समाजवादी झटका देते हुए यादव परिवार की बहू अपर्णा यादव ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। अपर्णा यादव ने 2017 में विधानसभा चुनाव समाजवादी की पार्टी के टिकट पर लखनऊ कैंट सीट से लड़ा। चुनाव में उन्हें बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी ने हरा दिया था। -
अखिलेश यादव के लिए राजनीतिक खतरे के रूप में उभर रहीं अर्पणा यादव!
चरण सिंह राजपूत
मुलायम सिंह यादव की राजनीतिक विरासत को कब्जाने के झगड़े में अलग-अलग हुए चाचा शिवपाल यादव और भतीजा अखिलेश यादव इन विधानसभा चुनाव में मिल गये हों पर यह खेल अभी खत्म नहीं हुआ है। मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गु्प्ता के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी अर्पणा यादव ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेकर नेताजी की राजनीतिक विरासत पर अपनी ताल ठोक दी है। अर्पना यादव ने बाकायदा मुलायम सिंह यादव से मिलकर उनका आशीर्वाद भी ले लिया है। भले ही इस मामले को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हों पर अर्पणा यादव के साथ ही मुलायम सिंह के समधी विधायक हरिओम यादव और साढ़ू प्रमोद गुप्ता ने भी भाजपा में शामिल होकर इस मुहिम को बढ़ावा दिया है। अखिलेश यादव के लिए मंथन का विषय यह भी है कि संभल की गुन्नौर विधानसभा सीट पर चाचा शिवपाल यादव को टिकट न देने पर उन्हें शिवपाल यादव को परिवार की नाराजगी का सामना फिर करना पड़ सकता है। भले ही शिवपाल यादव अभी कुछ न बोल रहे हों पर आने वाले समय में कुछ भी हो सकता है। जहां अर्पना यादव कई बार शिवपाल यादव की तारीफ कर चुकी हैं वहीं शिवपाल यादव योगी आदित्यनाथ की भी तारीफ कर चुके हैं। गुन्नौर सीट पर टिकट कटने पर शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नेताओं में भी नाराजगी है। वैसे भी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से काफी नेता टिकट मिलने की ऊमीद लगाए बैठे थे। दरअसल अर्पणा यादव की छवि एक सामाजिक कार्यकर्ता की है।
दरअसल भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद अपर्णा यादव ने लखनऊ आकर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया। अर्पणा यादव ने बाकायदा नेताजी से आशीर्वाद लेने की तस्वीर अपने सोशल मीडिया हैंडल से शेयर की है ।
दरअसल जहां भाजपा से स्वामी प्रसाद, धर्मवीर सैनी और दारा सिंह के साथ कई नेता समाजवादी पार्टी में आये हैं वहीं सपा से भी कई नेता भाजपा में गए हैं। पंचायत चुनाव से पहले सपा नेता धर्मेंद्र यादव की सगी बहन संध्या यादव भी बीजेपी में शामिल हुई थीं। संध्या और उनके पति अनुजेश ने बीते साल बीजेपी का दामन थामा था। बीजेपी ने बाकायदा संध्या को जिला पंचायत का टिकट भी दिया था। हालांकि उन्हें सपा के समर्थन वाले प्रत्याशी प्रमोद कुमार से खानी पड़ी थी। संध्या, मुलायम के भाई अभयराम यादव की बेटी हैं।इसमें दो राय नहीं कि सत्ता में न रहते हुए भी उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव के परिवार का जलवा अब भी बरकरार है। समाजवादी पार्टी भले ही 5 साल से सत्ता से बाहर हो लेकिन यादव परिवार के 8 सदस्य प्रदेश में प्रमुख राजनीतिक ओहदों पर हैं। जलवा भी ऐसा है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में यहां भाजपा ने अपना प्रत्याशी ही नहीं उतारा। नतीजतन अखिलेश के चचेरे भाई अभिषेक निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष चुन लिए गए। मुलायम सिंह यादव खुद मैनपुरी से सांसद हैं। अखिलेश यादव आजमगढ़ से रामगोपाल यादव राज्यसभा से सांसद हैं। शिवपाल यादव जसवंतनगर से विधायक हैं तो मृदला यादव सैफई से बीडीसी, सरला यादव इटावा को-ऑपरेटिव बैंक की अध्यक्ष हैं। शिवपाल यादव का बीटा आदित्य यादव यूपी को-ऑपरेटिव चेयरमैन है।
अभिषेक यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष है। वर्तमान में मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी के संरक्षक हैं। अखिलेश यादव मुलायम सिंह यादव के बड़े बेटे हैं और समाजवादी पार्टी का चेहरा हैं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के साथ-साथ वर्तमान में आजमगढ़ से सांसद हैं। अखिलेश यादव अक्सर रामगोपाल यादव के साथ राजनीतिक मंत्रणा किया करते हैं। मुलायम परिवार से यह दोनों ही बड़ा राजनीतिक रसूख रखते हैं। शिवपाल यादव मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई हैं। अखिलेश के चाचा होने के नाते सपा सरकार में विशेष ओहदा रहा है । वर्तमान में जसवंत नगर से विधायक हैं। नाराज होकर उन्होंने अपनी अलग पार्टी प्रसपा बनाई थी, उसके वह अध्यक्ष हैं। हालांकि अब उनके साईकिल सिंबल पर चुनाव लड़ने की चर्चा है। रामगोपाल यादव सपा के राष्ट्रीय महासचिव हैं। मुलायम के छोटे भाई होने के चलते समाजवादी पार्टी में उनका बड़ा स्थान है। वह अखिलेश को राजनीतिक टिप्स देते हैं। वर्तमान में वह राज्यसभा सांसद हैं।
मुलायम के भतीजे स्व. रणवीर सिंह की पत्नी व बिहार के लालू प्रसाद यादव की समधन मृदुला यादव निर्विरोध बीडीसी सदस्य पंचायत चुनी गईं। अभिषेक यादव अखिलेश यादव के चचेरे भाई हैं। जिलापंचायत अध्यक्ष सीट पर अभिषेक यादव दोबारा निर्विरोध हुए हैं। समाजवादी पार्टी के युवा चेहरा धर्मेंद्र यादव अखिलेश यादव के चचेरे भाई हैं। बदायूं से सांसद चुने जाते थे। इस बार मोदी लहर में उनकी सीट उनके हाथ से फिसल गई। वह पार्टी में और परिवार में अहम स्थान रखते हैं। मुलायम सिंह यादव के दूसरे भतीजे स्व. रणवीर के पुत्र व लालू प्रसाद के दामाद तेज प्रताप यादव मैनपुरी से सांसद थे। मुलायम सिंह ने अपनी कमाई यह सीट तेज प्रताप को दी थी। हालांकि, पिछले चुनाव में खुद मुलायम इस सीट से लड़े। डिंपल यादव अकसर अखिलेश यादव के चुनाव प्रचार में देखी जाती हैं। वह मुलायम परिवार की बहू हैं। सांसद रह चुकी हैं।
डिंपल यादव सपा की एक मात्र महिला नेता हैं। डिंपल अखिलेश यादव की पत्नी हैं। कन्नौज से सांसद रह चुकी हैं। फिरोजाबाद से भी वह चुनाव लड़ चुकी हैं। प्रचार-प्रसार में पार्टी की कमान संभालती हैं। अक्षय यादव रामगोपाल यादव के बेटे हैं। रामगोपाल यादव का पार्टी में बड़ा वर्चस्व होने के चलते अक्षय यादव भी पार्टी के टिकट से बड़े चुनाव लड़ते रहे हैं। वह फिरोजाबाद से सांसद रह चुके हैं।यदि मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक संघर्ष की बात करें तो उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के उभार के साथ ही एक नारा लोगों की जुबां पर छा गया था कि ‘जिसका जलवा कायम है, उसका नाम मुलायम है।’ …और प्रदेश की राजनीति में मुलायम का जलवा सक्रिय राजनीति में कभी कम न हुआ। वह भले ही सत्ता में रहे या उससे बाहर, उनकी महत्ता बरकरार रही। यूपी में समाजवादी चेतना के सबसे वाहक के रूप में वह उभरे। इस बीच तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद भी संभाला। समर्थक ही नहीं, विरोधी भी हमेशा उनके कायल रहे।
इटावा के सैफई गांव में एक किसान परिवार में 22 नवंबर 1939 में जन्मे मुलायम सिंह यादव को उनके पिता सुधर सिंह यादव पहलवान बनाना चाहते थे लेकिन यही शौक उन्हें राजनीति की ओर ले गया। मैनपुरी में आयोजित एक कुश्ती-प्रतियोगिता में उनके राजनीतिक गुरु नत्थू सिंह उनसे प्रभावित हुए।
नत्थूसिंह के ही परंपरागत विधान सभा क्षेत्र जसवंत नगर से उनका राजनीतिक सफर भी शुरु हुआ। शिक्षक पद से त्यागपत्र देने के बाद वह पूरी तरह सक्रिय राजनीति में आ गए और 1967 में सोशलिस्ट पार्टी से चुनाव लड़कर जीते। 1977 में उन्हें जनता सरकार में मंत्री बनाया गया। 1980 में कांग्रेस सरकार में भी वे मंत्री रहे। पांच दिसंबर 1989 में वह पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाए गए। लेकिन, मुलायम यूपी में समाजवाद का परचम फहराने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ थे। इसलिए राजनीतिक उतार-चढ़ावों के तमाम क्रमों के बीच 1992 में उन्होंने समाजवादी पार्टी बनाई और प्रदेश की राजनीति में पिछड़ों व मुस्लिमों का मजबूत समीकरण खड़ा किया । -
सपा प्रवक्ता ने कहा- सिर्फ अखिलेश की रगों में मुलायम का खून, दूसरा कोई बेटा नहीं तो बहू कैसे होगी?
द न्यूज 15
लखनऊ । मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गई हैं। बीजेपी से मिले इस झटके से सपा में बेचैनी है। खुद अखिलेश यादव या मुलायम सिंह यादव की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन पार्टी के एक प्रवक्ता ने तो अपने गुस्से का इजहार करते हुए यहां तक कह डाला कि नेताजी का एक ही बेटा है। प्रतीक का नाम लिए बिना यह भी कह दिया कि उनके रगों में नेताजी का खून नहीं है।
सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने सोशल मीडिया ऐप कू पर लिखा, ”मैं जब से समाजवादी पार्टी में आया तब से एक बात ही जानता हूं कि आदरणीय नेताजी के एक ही बेटा है और वो है हम सबके महबूब नेता आदरणीय अखिलेश यादव जी , और नेताजी कि एक ही बहू है जिनका नाम है आदरणीय डिंपल भाभी , बाकी नेताजी का कोई पुत्र नहीं जिसकी रगों में नेता जी का खून दौड़ता हो जिसका डीएनए नेताजी का हो, जब कोई दूसरा बेटा हम नहीं मानते तो दूसरी कोई बहू भी नहीं हो सकती है।”
अपर्णा मुलायम सिंह के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं। प्रतीक मुलायम की दूसरी पत्नी साधना यादव के बेटे हैं। स्कूल में साथ पढ़ते हुए अपर्णा और प्रतीक में प्यार हुआ और दिसम्बर 2011 में दोनों विवाह बंधन में बंध गए। अपर्णा के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें काफी पहले से थीं। वह पहले भी कई बार पीएम मोदी और बीजेपी की योजनाओं का तारीफ करके मुलायम परिवार को असहज कर चुकी थीं।