Tag: Afghanistan women protest

  • पाकिस्तान  ने निकाले  530 से अधिक अफगानिस्तानी शरणार्थी

    पाकिस्तान ने निकाले 530 से अधिक अफगानिस्तानी शरणार्थी

    फिर हुआ अफगानी शरणार्थी का पलायन !

    तालिबान राज के 2 साल बाद भी नहीं कम हो रही अफगानिस्तानी (Afghanistan) लोगो की मुसीबत , बता दे की तालिबान के शरणार्थी और प्रत्यावर्तन मंत्रालय ने एक tweet कर कहा की पाकिस्तान ने 530 से भी अधिक शरणार्थी को वापस उनके घर यानि की अफगानिस्तान भेज दिया है,सभी शरणार्थी रविवार और सोमवार को दक्षिणी कंधार प्रांत में Spin Buldak Crossing Point से अफगानिस्तान पहुंचे।

     

    अफगानीयो की हुई वापसी

    रिपोर्ट की माने तो अगस्त 2021 में अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान के राज के बाद वहा ऐसे लाखो की संख्या में लोग पालयन कर चले गए थे,ये लोग अच्छी नौकरी ,अच्छे जीवन व्यापन और कटरवाद से बचने के लिए आस-पास के देशो में गए थे जैसे तुर्की,ईरान अन्य वही अभी तजा खबर आयी हमारे पडोसी देश पाकिस्तान से जिसने लगभग 530 से भी ज़्यादा शरणार्थीयो को अपने देश से निकाल कर उनके देश वापस भेज दिया था,बता दे की भेजे गए लोगो में औरते और बच्चे भी शामिल थे, पिछले हफ्ते हुई चेकिंग के दौरान इस्लामाबाद, रावलपिंडी और अन्य प्रमुख शहरों से कानूनी रहने का परमिट (वीजा) कई अफगानी लोग नहीं दे पाए थे , तालिबान के शरणार्थी और प्रत्यावर्तन मंत्रालय ने जानकरी अपने Twitter से साझा की थी ,

    Afghanistani refugee in pakistan
    Afghanistani refugee in pakistan

    तालिबान का राज आते ही कई लोग बने थे शरणार्थी

    तालिबान ने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान (Afghanistan) की सत्ता पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद तालिबान के उत्पीड़न और मौत के डर से हजारों अफगान नागरिक देश छोड़कर भाग गए थे। बड़ी संख्या में अफगान नागरिकों ने दो पड़ोसी देश ईरान (Iran) और पाकिस्तान (Pakistan) में शरण ली थी।तालिबान ने कई ऐसी नीतिया बनाई जो लोगो के मूल अधिकार का हनन करती थी , जैसे महिलाओ के अधिकार जैसे केवल महिला कक्षा 6 तक ही पढ़ सकती है,और बुर्का पहनना अनिवार्य होगा,साथ ही सभी महिलाओ को सिविल सेवा (Civil services) में नौकरी के पदों से बर्खास्त कर दिया गया था,वही लाखो लोग अफगानिस्तान (Afghanistan) को छोड़ अपने बेहतर जीवन के लिए ईरान (Iran) और पाकिस्तान (Pakistan) ,और अन्य यूरोप के देशो में चले गए थे,अफगानिस्तान में तालिबान की अंतरिम सरकार के शरणार्थी एवं प्रत्यावर्तन मंत्रालय के अनुसार, 24 और 25 जनवरी को लगभग 3,123 अफगान प्रवासियों को ईरान से निष्कासित कर दिया था ! वर्तमान में ईरान में 40 लाख से अधिक अफगान नागरिक रहते हैं,

     

    Afghanistani refugees in india
    Afghanistani refugees in india

    भारत मे अफगान रिफ्यूजी

    तालिबान के कब्ज़ेवाले अफगानिस्तान (Afghanistan) से जान बचाकर जो लोग हिस्दुस्तान आये वे यहाँ बेहतर अवसर प्राप्त करने आये थे , हाल ही में 8 जून को विदेश मंत्री S.Jaishankar अर्जुन देव गुरुद्वारा मे जाकर वहां दर्शन किया और अफगानिस्तान (Afghanistan) से भारत आए सिख शरणार्थी से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं , साथ ही उन्होंने उन लोगो की समस्या सुनी और उन्हें हल करने का अस्वासन दिया ,और उन्होंने साथ ही नागरिकता संशोधन अधिनियम पर बात करते हुए कहा , ”आप देखिए कि अगर ये कानून नहीं होता तो इन लोगों का क्या होता.” उन्होंने कहा, ”कभी-कभी हम हर चीज को राजनीति बना देते हैं. ये राजनीति का मामला नहीं हैं, ये इंसानियत का मामला हैं.

  • तालिबान ने विश्वविद्यालयों में महिलाओं के प्रवेश पर लगाई रोक, इसलामिक देश भी कर रहें हैं निंदा

    तालिबान ने विश्वविद्यालयों में महिलाओं के प्रवेश पर लगाई रोक, इसलामिक देश भी कर रहें हैं निंदा

    अगस्त, 2021 में सत्ता पर कब्जा करते ही, तालिबान ने शुरु में महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान करने की बात कर अच्छे शासन का वादा किया था । लेकिन एक के बाद एक एसा फैसला लिया जिससे ये साफ है कि, महिलाओं के अधिकार का कैसे हनन हो रहा है तालिबान के अफगानिस्तान में । हालफिलहाल में लिए गए महिलाओं की शिक्षा को लेकर किए गए फैसले के बाद, अफगानिस्तान में दर्जनभर महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया ।

    हाल ही में तालिबान ने अफगानिस्तान में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाई है । तालिबान के इस कदम की आलोचना विश्व भर में की जी रही है । एसे में तालिबान, जिन्होंने दावा किया था शरिया के हिसाब से शासन करने का, उन्हें महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाने के लिए इसलामिक देश भी निंदा कर रहें है ।

    Taliban

    क्या है पुरा मामला

    दरअसल, 20 दिसंबर को तालिबान के अधिकारियों ने अफगान की लड़कियों के लिए विश्वविद्यालय शिक्षा पर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था । अफगानिस्तान के उच्च शिक्षा मंत्रालय ने सभी सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों को पत्र जारी कर इस फैसले के बारे में सूचित किया था । पत्र में लिखा था कि सभी विश्वविद्यालयों को अगली सूचना तक महिलाओं की शिक्षा निलंबित करने के उल्लिखित आदेश को लागू करना होगा । अफगानिस्तान के उच्च शिक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जियाउल्लाह हाशमी ने न्यूज़ एजेंसी एएफपी को एक टेक्स्ट संदेश के साथ खबर की पुष्टि की थी ।

    Afghanistan taliban

    विश्व भर में कई देशों द्वारा हो रहा है विरोध

    अफगानिस्तान में मौजूदा तालिबान सरकार द्वारा इस फैसले का विरोध, विश्व के बहुत से देश कर रहें हैं । भारस, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान और ब्रिटेन सहित कई देशों ने विश्वविद्यालयों में महिलाओं के प्रवेश पर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध लगाने के तालिबान सरकार के फैसले की कड़ी निंदा की है ।

    इसलामिक देश भी कर रहे विरोध

    अफगानिस्तान के इस महिला विरोधी फैसले का इस्लामिक देश तुर्की और सऊदी अरब भी कर रहें हैं तालिबान प्रशासन की कड़ी निंदा । तुर्की के विदेश मंत्री मेवलट कावुसोगलु ने यह तक कहा कि यह पाबंदी न तो ‘इस्लामिक है और न ही मानवीय।’ तुर्किये ने अफगानिस्तान के इस फैसले को वापस लेने की मांग तक की है । वहीं इस फैसले को वापस लेने की मांग को लेकर, सऊदी अरब ने कहा कि यह फैसला ‘सभी इस्लामी देशों में आश्चर्यजनक है।’

    Afghanistan women education protest

    अफगानिस्तान की महिलाओं ने किया विरोध प्रदर्शन

    अफगानिस्तान में तालिबान के इस फैसले के खिलाफ अफगानिस्तान की सड़कों पर, 22 दिसंबर को दर्जनो महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया । इसी के साथ – साथ अफगानी क्रिकेटरों ने विश्वविद्यालय में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाने के फैसले की कड़ी निंदा की है ।

    इस फैसले पर तालिबान का क्या कहना है

    22 दिसंबर, गुरुवार को तालिबान के उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि अफगानी विश्वविद्यालयों में महिलाओं के प्रवेश पर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध इसलिए लगाया है क्योंकि छात्राएं उचित ड्रेस कोड सहित निर्देशों का पालन नहीं कर रही हैं । उच्च शिक्षा मंत्री नेदा मोहम्मद नदीम ने सरकारी टेलीविजन पर एक interview में कहा कि, “जो छात्राएं घर से विश्वविद्यालयों में आ रही थीं, वे भी हिजाब के निर्देशों का पालन नहीं कर रही थीं…वे ऐसे कपड़े पहन रही थीं, जैसे किसी शादी में जा रही हों ।”

    तालिबान करेगा प्रेस कॉन्फ्रेंस

    तालिबान ने अपने इस रुढ़ीवादी फैसले पर देश- विदेश से हो रही निंदा के बारे में अभी तक सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा, लेकिन अफगानिस्तान के उच्च शिक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जियाउल्लाह हाशमी ने 22 दिसंबर, गुरुवार को ट्वीट किया कि इस कदम पर सफाई देने के लिए इस सप्ताह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया जाएगा।