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  • भाजपा कार्यालय में हाथापाई करने के आरोप में आप नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी, 70 नेता हिरासत में

    भाजपा कार्यालय में हाथापाई करने के आरोप में आप नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी, 70 नेता हिरासत में

    गांधीनगर| गांधीनगर पुलिस ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) के लगभग 70 नेताओं और कार्यकर्ताओं को भाजपा के राज्य मुख्यालय पर हंगामा करने और कुछ महिलाओं के साथ मारपीट करने के आरोप में हिरासत में ले लिया है।

    पुलिस कार्रवाई तब हुई, जब भाजपा की दो महिला कार्यकर्ताओं ने शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने मारपीट का आरोप लगाया और कहा कि आप के कुछ नेता नशे में थे।

    गांधीनगर के एसपी मयूर चावड़ा ने संवाददाताओं से कहा, हमने लगभग चार सौ लोगों की भीड़ के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर इसुदान गढ़वी, गोपाल इटालिया, निखिल सवानी, प्रवीण राम और अन्य सहित आप के 70 नेताओं और कार्यकतार्ओं को हिरासत में लिया है। पुलिस उन सभी को मंगलवार को अदालत में पेश करेगी।

    शिकायत के मुताबिक, आप नेता और कार्यकर्ता सोमवार को दोपहर में गांधीनगर स्थित प्रदेश भाजपा मुख्यालय श्री कमलम में घुसे और प्रधान लिपिक परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने के विरोध में प्रदर्शन किया।

    भाजपा की दो महिला सदस्यों – श्रद्धा झा और श्रद्धा राजपूत ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि आप नेताओं ने उन पर शारीरिक हमला किया। उन्होंने मीडिया को अपने शरीर पर पड़े नाखून के निशान भी दिखाए।

    राजपूत ने आरोप लगाया कि आप नेताओं ने भाजपा महिला कार्यकर्ताओं को चोट पहुंचाई और यह भी कि आप के पुरुष कार्यकतार्ओं ने महिलाओं की उपस्थिति में अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।

    राजपूत ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्होंने आप के गोपाल इटालिया, इसुदान गढ़वी और प्रवीण राम की पहचान की है। राजपूत ने आरोप लगाया है कि आप नेता इसुदान गढ़वी नशे में थे। उन्हें सरकारी अस्पताल ले जाना चाहिए ताकि पता चल सके कि वह नशे में थे या नहीं।

    एक अन्य महिला भाजपा सदस्य, श्रद्धा झा ने कहा, आप नेता शुरू में नारे लगा रहे थे, लेकिन फिर उन्होंने अभद्र भाषा का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। वे जाहिर तौर पर हंगामा करने के लिए यहां आए थे। मैंने श्रद्धा राजपूत के साथ आप महिलाओं को सांकेतिक विरोध के बाद जगह छोड़ने के लिए कहा, लेकिन हम पर हमला किया गया। वे यहां हंगामा करने के इरादे से आए थे। आप के पुरुष सदस्य भाजपा की दो महिला कार्यकतार्ओं को लाठियों से पीट रहे थे।

    झा ने कहा, प्रदर्शनकारियों में से कई लोगों में शराब की गंध महसूस हो रही थी और वे निश्चित रूप से नशे में थे।

    पुलिस ने बल प्रयोग कर आप नेताओं को खदेड़ा और कार्यालय से हटा दिया।

    आप ने इस बीच आरोप लगाया है कि भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के गुजरात अध्यक्ष हाथ में लाठी लेकर घूम रहे थे।

    इस बीच, गुजरात पुलिस ने सोमवार को हेड क्लर्क की भर्ती के लिए गुजरात अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (जीएसएसएसबी) (गौ सेवा पसंदगी मंडल) परीक्षा का पेपर लीक करने वाले एक प्रमुख व्यक्ति को गिरफ्तार किया।

    इस बीच आप नेता इसुदान गढ़वी की शराब के सेवन को लेकर किए गए प्रारंभिक टेस्ट की पहली रिपोर्ट निगेटिव आई है।

  • कांग्रेस पार्टी के चार चोर विधायक आम आदमी पार्टी में होना चाहते हैं शामिल- राघव चड्ढा

    कांग्रेस पार्टी के चार चोर विधायक आम आदमी पार्टी में होना चाहते हैं शामिल- राघव चड्ढा

    आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी पर तंज कसा। आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढ़ा ने कहा कि कांग्रेस के चार चोर विधायक आम आदमी पार्टी में शामिस होना चाहते हैं। लेकिन हमारी पार्टी उन्हें शामिल नहीं करना चाहती।

  • उत्तराखंड : मुख्य मुकाबला कांग्रेस व भाजपा के बीच, आप, सपा, बसपा भी मैदान में

    उत्तराखंड : मुख्य मुकाबला कांग्रेस व भाजपा के बीच, आप, सपा, बसपा भी मैदान में

    नई दिल्ली|अगले वर्ष 2022 की शुरुआत में ही पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं। विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के चुनाव को लेकर अपने अपने दावे हैं। इस बीच उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच रोमांचक मुकाबला होने की उम्मीद है। इस बार आम आदमी पार्टी भी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव लड़ रही है। हालांकि उत्तराखंड में हमेशा से ही कोई न कोई तीसरी पार्टी मौजूद रही है, लेकिन बावजूद इसके यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस व भाजपा के बीच ही होता रहा है। पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में मुख्य चुनावी मुद्दे पलायन, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, सार्वजनिक परिवहन प्रणाली आदि हैं। इसी वर्ष 9 मार्च को राज्य के निवर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया, लेकिन कुछ ही महीनों बाद उन्हें भी अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। बाद अब पुष्कर सिंह धामी राज्य के मुख्यमंत्री हैं।

    उत्तराखंड में साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 56 कांग्रेस को 11 सीटों पर कामयाबी मिली थीं। हालांकि मजबूत बहुमत मिलने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी को राज्य में बार-बार नेतृत्व परिवर्तन करना पड़ा है। यही कारण है कि 5 साल से भी कम समय में भारतीय जनता पार्टी शासित उत्तराखंड ने तीन मुख्यमंत्री देखे हैं।

    भारतीय जनता पार्टी में पर अस्थिरता का आरोप लगाते हुए कांग्रेस इस बार अपने लिए मजबूत स्थिति मान रही है। राज्य में विधानसभा चुनाव की तैयारी और यह चुनाव जीतने की जिम्मेदारी कुछ वरिष्ठ नेताओं समेत हरीश रावत के हाथ में है।

    वहीं भाजपा ने 70 विधानसभा क्षेत्रों में संयोजक और विधानसभा प्रभारी तैनात किए हैं। चुनाव में की तैयारियों में अन्य सभी पार्टियों पर बढ़त बनाते हुए भारतीय जनता पार्टी दावेदार टटोलने में जुट गई है।

    भाजपा ने उत्तराखंड में रथों की सियासत भी शुरू कर दी है। पांच साल की उपलब्धियों की बताने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के विकास रथ उत्तराखंड के सभी जिलों के 300 स्थानों पर नुक्कड़ नाटक व एलईडी के माध्यम से फिल्म के जरिए राज्य सरकार की नीतियों, विकास कार्यो और योजनाओं का प्रचार करेंगे।

    उधर, आम आदमी पार्टी का कहना है कि वह इस बार उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड के लोगों से वोट मांगते हुए यह वादा किया है कि यदि राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है तो उत्तराखंड में प्रत्येक घर को 300 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी।

    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लुभावने वादों के साथ ही उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी पूरे दमखम से चुनाव लड़ने की बात कह रही है। हालांकि इससे पहले भी उत्तराखंड में कांग्रेस और भाजपा के अलावा उत्तराखंड क्रांति दल एक तीसरी शक्ति के रूप में मौजूद रहा है। उत्तराखंड क्रांति दल ही वह पार्टी थी, जिसने अलग पहाड़ी राज्य के लिए आंदोलन चलाया, लेकिन फिर भी यह पार्टी कांग्रेस या भाजपा का विकल्प नहीं बन सकी।

    इसी तरह बहुजन समाज पार्टी को भी राज्य में कुछ विधानसभा सीटों पर कामयाबी मिलती रही है, लेकिन तीसरी पार्टी के रूप में बहुजन समाज पार्टी भी यहां नहीं उभर सकी। बहुजन समाजवादी पार्टी ने इस बार भी उत्तराखंड में सभी 70 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।

    वहीं अगर समाजवादी पार्टी की बात करें तो समाजवादी पार्टी में भी उत्तराखंड की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। लेकिन समाजवादी पार्टी के लिए यहां राह और भी कठिन है। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने 2004 में हरिद्वार लोक सभा सीट पर जीत दर्ज की थी, लेकिन इसके बाद से यहां पार्टी के लिए सूखा पड़ा हुआ है।

  • आप की सरकार बनी तो फ्री करेंगे बिजली

    आप की सरकार बनी तो फ्री करेंगे बिजली

    द न्यूज़ 15 के चुनावी संग्राम कार्यक्रम में आम आदमी पार्टी के नोएडा के अध्यक्ष नितिन प्रजापति ने आम आदमी पार्टी की सरकार बनने की बात कही, आप की सरकार बनी तो फ्री करेंगे बिजली

  • केजरीवाल की ओर से पेट्रोल की कीमतों पर देर से लिए फैसले से दिल्ली वालों को हुआ नुकसान : मनोज तिवारी

    केजरीवाल की ओर से पेट्रोल की कीमतों पर देर से लिए फैसले से दिल्ली वालों को हुआ नुकसान : मनोज तिवारी

    नई दिल्ली, भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने बुधवार को कहा कि अगर दिल्ली सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम करने के केंद्र के फैसले के तुरंत बाद ईंधन पर वैट कम कर दिया होता, तो दिल्लीवासियों की गाढ़ी कमाई बर्बाद नहीं होती।

    तिवारी ने बुधवार दोपहर हिंदी में किए गए एक ट्वीट में कहा, “अपनी जिद पर कायम केजरीवाल 27 दिन तक लूटते रहे दिल्ली की जनता को! देर से किए गए फैसले से एक बार फिर साबित हो गया है कि अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की जनता की कोई परवाह नहीं है! लेकिन बेहतर होता कि यह फैसला 27 दिन पहले ले लिया जाता तो दिल्ली वासियों को करोड़ों रुपये का नुकसान नहीं होता।”

    दिल्ली सरकार द्वारा ईंधन पर मूल्य वर्धित कर (वैट) को पहले के 30 प्रतिशत से घटाकर 19.40 प्रतिशत करने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की कीमतों में 8 रुपये प्रति लीटर की गिरावट आई है।

    मुख्यमंत्री द्वारा इस मुद्दे पर कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद यह निर्णय लिया गया। अभी तक पेट्रोल 103.97 रुपये में बिक रहा है और नई दरें आधी रात से लागू हो जाएंगी।

    इस बीच, दिल्ली में डीजल की दर 86.67 रुपये है। मुंबई में मेट्रो शहरों में ईंधन की दर सबसे अधिक है और पेट्रोल 109.98 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है, जबकि डीजल 94.14 रुपये प्रति लीटर पर बेचा जा रहा है।

    4 नवंबर को केंद्र ने पेट्रोल और डीजल की दरों में क्रमश: 5 रुपये और 10 रुपये प्रति लीटर की कमी की थी। इस कदम के बाद, दिल्ली में विपक्षी दल आप के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से पेट्रोल पर वैट में कम से कम 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती करने का आग्रह कर रहे हैं।

    केंद्र सरकार की घोषणा के बाद, 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) कम किया है।

    इनमें से अधिकांश राज्यों में या तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) या उसके सहयोगियों का शासन है।

  • आप से गठबंधन सपा के लिए घाटे का सौदा !

    आप से गठबंधन सपा के लिए घाटे का सौदा !

    लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से आप सांसद संजय सिंह के मिलने के बाद अब आप से सपा के गठबंधन की चर्चा तेज हो गई है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि उत्तर प्रदेश में आप से गठबंधन सपा के लिए लाभ का सौदा साबित होगा या नुकसान का।

  • आप से गठबंधन कर सपा के लिए कब्र खोदने का काम करेंगे अखिलेश यादव!

    आप से गठबंधन कर सपा के लिए कब्र खोदने का काम करेंगे अखिलेश यादव!

    सी.एस. राजपूत 

    खनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से आप सांसद संजय सिंह के मिलने के बाद अब आप से सपा के गठबंधन की चर्चा तेज हो गई है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि उत्तर प्रदेश में आप से गठबंधन सपा के लिए लाभ का सौदा साबित होगा या नुकसान का। आप की कार्यप्रणाली और उत्तर प्रदेश के राजनीतिक समीकरण देखकर तो ऐसा नहीं लग रहा है। दरअसल उत्तर प्रदेश में आप से गठबंधन कर सपा वह गलती करेगी जो दिल्ली में कांग्रेस ने केजरीवाल की सरकार बनवाकर की थी।

    आप का सपा से गठबंधन होने पर आप द्वारा सपा के मुस्लिम वोटबैंक में ऐसे सेंध लगाने का अंदेशा है जैसे कि दिल्ली में कांग्रेस के वोटबैंक में लगाई है। वैसे भी सपा के मुस्लिम बोटबैंक  पर आप की नजर है। उत्तर प्रदेश में बसपा के कमजोर होने पर आप यूपी में पैर पसारने की फ़िराक में है। वैसे भी पुराने सोशलिस्ट आप को कॉर्पोरेट संस्कृति की पार्टी मानते हैं। सोशलिस्ट पार्टी इंडिया के पूर्व अध्यक्ष प्रेम सिंह ने संभावित इस गठबंधन पर कहा है कि यदि यह गठबंधन होता है तो उत्तर प्रदेश में थोड़ी बहुत जो समता मूलक समाज बनाने के लिए काम होने की उम्मीद है वह भी खत्म हो जाएगी।

    हाल के दिनों में अखिलेश यादव के आप से गठबंधन करने की बात पर प्रेम सिंह ने कहा कि एनजीओ से निकली पार्टी आप से गठबंधन करके अखिलेश यादव आखिर क्या साबित करना चाह रहे हैं। दरअसल अन्ना आंदोलन से निकली पार्टी आप ने जितना नुकसान आंदोलनों को पहुंचाया है उतना नुकसान तो कार्पोरेट घरानों ने भी नहीं पहुंचाया। गत सालों में मूल्यों पर आधारित राजनीति करने का दावा करने वाली आप ने सत्ता के लिए दूसरी पार्टियों से भी घटिया राजनीति की है। यदि आप उत्तर प्रदेश में पैर पसारती है तो सबसे अधिक नुकसान सपा को ही पहुंचने का अंदेशा है।

    आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पंजाब में कांग्रेस को कचरा बता रहे हैं तो कल उत्तर प्रदेश में खड़े होकर सपा को बताने लगेंगे। वैसे भी उत्तर प्रदेश में आप का कोई खास वजूद नहीं है और पार्टी उत्तर प्रदेश में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का दम्भ भर रही है। भले ही इस गठबंधन से आप को फायदा हो जाये पर सपा को कोई फायद होता तो फ़िलहाल नहीं दिखाई दे रहा है। आज के हालात पर जाएं तो जो गलती अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव में बसपा से गठबंधन करके की थी, वही गलती इन विधानसभा चुनाव में आप से करके करेंगे।

    दरअसल आप सांसद संजय सिंह ने लखनऊ में अखिलेश यादव से मुलाकात की है। इस मुलाकात के साथ ही यूपी के सियासी गलियारों में रालोद के बाद अब  आम आदमी पार्टी के साथ सपा के गठबंधन की सम्‍भावनाओं को लेकर चर्चाएं हैं। लखनऊ स्थित लोहिया ट्रस्‍ट के दफ्तर में हुई इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत होने की बात निकल कर सामने आ रही है।

    गौरतलब है कि मिशन-2022 की तैयारियों जुटे अखिलेश यादव इस बार बड़ी पार्टियों की जगह छोटे दलों से गठबंधन पर जोर दे रहे हैं। कल ही राष्‍ट्रीय लोकदल को 36 सीटें देकर उन्‍होंने गठबंधन किया है।  इसके अलावा पूर्वांचल ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा से भी सपा का गठबंधन हो चुका है।

    आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी संजय सिंह हाल में सपा के संस्‍थापक और पूर्व मुख्‍यमंत्री मुलायम सिंह यादव के जन्‍मदिन समारोह में जब शामिल हुए थे तब भी अखिलेश यादव से उनकी मुलाकात हुई थी। इतना ही नहीं दो महीने पहले भी संजय सिंह की अखिलेश यादव से मुलाकात हुई थी। अखिलेश यादव के लिए यह भी बड़ी चुनौती है कि अधिक सीटें सहयोगी दलों के खाते में जाने से सपा के संभावित उम्मीदवारों और उनके समर्थकों के बिदकने की आशंका है।