स्वदेशी जागरण मंच ने ग्लाइफोसेट पर प्रतिबंध लगाने की मांग की : कृषि मंत्री तोमर को सौंपा ज्ञापन

सौंपा ज्ञापन

नई दिल्ली| संघ परिवार से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने सरकार से ग्लाइफोसेट पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। स्वदेशी जागरण मंच के प्रतिनिधिमंडल ने 2,01,609 लोगों के हस्ताक्षरों वाला ज्ञापन केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को देते हुए ग्लाइफोसेट पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है।

केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर को ज्ञापन देने के बाद आईएएनएस से बातचीत करते हुए स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक डॉ अश्वनी महाजन ने कहा कि ‘ग्लाइफोसेट’ को इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर द्वारा कैन्सरकारी घोषित किया गया है। सरकार ने भी इस खतरनाक खरपतवार नाशक के संभावित दुष्प्रभाव को स्वीकार करते हुए ‘ग्लाइफोसेट’ के उपयोग को सीमित करने के मकसद से जुलाई 2020 में एक सरकारी आदेश जारी कर निर्देश दिया था कि कीट नियंत्रक ऑपरेटर्स के अलावा कोई भी व्यक्ति ग्लाइफोसेट का उपयोग नहीं करेगा।

आईएएनएस से बातचीत करते हुए महाजन ने सरकार के इस उपाय को निर्थक बताते हुए कहा कि अनुभव बताता है कि अन्य अवैध प्रथाओं जैसे अवैध एचटी फसलों को नियंत्रित करना सम्भव नहीं हो पाया। उसी तरह इसे भी लागू करना असंभव होगा। इसलिए हमने कृषि मंत्री से इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है।

स्वदेशी जागरण मंच के प्रतिनिधिमंडल ने कृषि मंत्री को बताया कि वर्तमान में चाय बागानों और गैर-फसल क्षेत्रों के अलावा अन्य क्षेत्रों में ग्लाइफोसेट के उपयोग पर पहले से ही प्रतिबंध है। फिर भी अवैध रूप से उगाए गए हर्बिसाइड टॉलरेंट कपास के लिए ग्लाइफोसेट का इस्तेमाल किया जा रहा है और यह जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति और राज्य सरकारों को पूरी जानकारी के साथ देश के कानून की खुली अवहेलना करते हए वर्षों से चल रहा है। केंद्रीय मंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि वास्तव में, यह आदेश ग्रामीण क्षेत्रों में पीसीओ के प्रसार को बढ़ावा देकर ग्लाइफोसेट के उपयोग को वैध बनाने का कार्य करेगा, क्योंकि यह आदेश ग्लाइफोसेट के उपयोग के किसी भी दुष्प्रभाव के लिए पीसीओ की जिम्मेदारी तय करने में सक्षम नहीं है।

मंच ने मोनसेंटो एवं बायर कंपनी के खिलाफ ग्लाइफोसेट उपयोगकर्ताओं द्वारा नुकसान की भरपाई के लिए एक लाख से अधिक लंबित मामलों और इसकी वजह से 10 अलग-अलग प्रकार के कैंसर होने का हवाला देते हुए इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग सरकार से की है। अश्वनी महाजन ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने धैर्यपूर्वक उनके प्रतिनिधिमंडल की बात को सुना और इस मामले में उनके मंत्रालय द्वारा उचित कार्यवाही करने का आश्वासन भी दिया।

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *