The News15

Suspicious Activities : तो क्या आईएसआईएस के लड़ाके तैयार कर रहा था पीएफआई?

Spread the love

Suspicious Activities : सूफी कानकाह एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कौसर हसन मजीदी ने पीएफआई पर लगाया है आईएसआईएस लड़ाके तैयार करने का आरोप, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा है पत्र

देशभर में पीएफआई के कई ठिकानों पर एनआईए और ईडी ने 22 सितम्बर को छापेमारी की। इस दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी ने पीएफआई के १०० से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई के बाद 23 सितम्बर को केरल में पीएफआई के द्वारा बंद बुलाया। बंद के दौरान तोड़फोड़ की घटनाएं आई हैं। वहीं सूफी खानकाह एसोसिएशन समेत कई संगठनों ने पीएफआई को बैन करने की मांग की है।

ज्ञात हो कि सूखी खानकाह एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कौसर हसन मजीदी ने पीएफआई पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पीएफआई गत दो साल से आईएसआईएस के लिए लड़ाके भर्ती कर रहा था। वो देश को नौजवानों को भटकाकर आतंकवादी बना रहा था। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यांे में लिप्त पीएफआई को बैन कर देना चाहिए। मजीदी ने कहा है कि पीएफआई जिस तरह की विचारधारा रखती है वह देश के लिए ठीक नहीं है। यह संगठन देश के खिलाफ काम कर रहा है। इस संगठन ने गत दो साल में आईएसआईएस के लिए भारत में लड़ाकों की भर्ती की। मजीदी ने कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया समाज में जहर घोलने का काम कर रहा है।

दरअसल मजीदी ने अपनी मांगों को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एकफ भी लिखा है। पत्र में उन्होंने पीएफआई के खिलाफ साक्ष्यों के आधार पर लिखते हुए कहा कि उन्हें सरहद पार से लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। देश के खिलाफ पीएफआई की चल रही गतिवधियों के चलते उसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। मजीदी ने कहा कि पीएफआई के लोग मुस्लिम युवाओं को बहलाकर आतंकी बना रहे थे। उन्हें देश के खिलाफ यदु्ध के लिए तैयार कर रहे थे। धर्म परिवर्तन के जरिये ये आईएसआईएस के लिए तैयार कर रहे थे। मजीदी ने कहा कि पीएफआई को बेन करने की हमारी पुरानी मांग है लेकिन इस बैन करना कोई ठोस कदम नहीं होगा, क्योंकि जब तक इस तरह की विचारधारा पर लगाम नहीं लगाई जाती, तब तक ऐसे संगठन पननते रहेंगे।

गौरतलब है कि एनआईए-ईडी की छापेमारी को लेकर पीएफआई ने शुक्रवार को केरल में बंद बुलाया। इस दौरान तोड़फोड़ और उपद्रव की घटनाएं सामने आई। इस पर केरल हाईकोर्ट ने स्वतज् संज्ञान लेते हुए इसे अस्वीकार्य बताया और सख्त एक्शन लेने की बात कही।