केंद्र को दिया 10 दिन का वक्त, कहा-उम्मीद है कि गुड न्यूज देंगे
सुप्रीम कोर्ट ने 3 फरवरी को उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय में न्यायाधीक्षों की नियुक्ति के मसले पर केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए 10 दिन का वक्त दिया है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस.ओका केंद्र सरकार द्वारा जजों की नियुक्ति से संबंधित कॉलेजियम की सिफारिश को अप्रूव करने में देरी के मसले पर सुनवाई कर रही थी।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने केंद्र सरकार के अटार्नी जनरल एन. वेंकटरमणि से पूछा कि सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने जिन ५ नामों को सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर नियुक्ति के लिए केंद्र को भेजा है ह अब नोटिफाई होगा ? इस पर अटार्नी जनरल ने कहा है कि जल्द ही नोटिफाई कर दिया जाएगा।
रिकमेंडेशन पर हर पल हो रहा काम
अटार्नी जनरल एन. वेंकटमणि ने कहा कि जहां तक सुप्रीम कोर्ट के अनुशंसित 5 नामों की बात है, इनका वारंट 5 दिनों के भीतर ईशू कर दिया जाएगा। इस पर जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि हो तो रहा है लेकिन कब होगा ? गत कई सालों से चीजें हो ही नहीं रही हैं। इस पर एजी ने कहा कि मैं बस यह कह रहा हूं कि टाइलाइन नहीं दे सकते हैं लेकिन हर पल इस पर काम हो रहा है।
आपको 10 दिन का वक्त दे रहे हैं
इस पर जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि आप हमें कड़े फैसले लेन के लिए बाधित करेंगे। मुझे उम्मीद है कि आप न, रिकमेंडेशन में कुछ कहना चाहते हैं, लेकिन ट्रांसफर के मामले, गंभीर मुद्दा है। हमें कड़ा स्टैंड लेने के लिए मजबूर न करें। इस पर एजी ने कुछ वक्त मांगा। जस्टिम कौल ने कहा कि ठीक है। हम अपको 10 दिन का समय दे रहे हेंै और आपकी बात मान रहे हैं। उम्मीद है कि गुड न्यूज सुनाएंगे।
केंद्र ने लौटा दीं 18 सिफारिशें, 64 अभी भी पेंडिंग
केंद्र सरकार के पास कॉलेजियम द्वारा भेजी गईं 64 सिफारिशें अभी पेंडिंग हैं, जबकि सरकार ने 18 सिफारिशें लौटा दी हैं। २ फरवरी को केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने राज्यसभा में यह जानकारी दी थी। किरण रिजिजू माकपा नेता जॉन ब्रिटास और आम आदमी पार्ी नेता राघव चड्ढा के सवालों का जवाब दे रहे थे। केंद्र सरकार ने अब तक जिन 18 नामों को वापस लौटाया है, उनमें से 7 को कॉलेजियम ने दोबारा भेजा है। रिजिजू ने यह भी बताया कि देश के उच्च न्यायालयों में जजों के कुल 1,108 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 33 अभी खाली हैं।
जजों की नियुक्ति की कई महीने से तकरार
आपको बता दें कि जजों की नियुक्ति के मसले पर गत कई महीने से एक तरीके से केंद्र सरकार और कॉलेजियम के बीच तनातनी जैसी स्थिति बनी है। केंद्र सरकार ने कई नाम लौटा दिये थे और अलग अलग तर्क दिया था। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने गत दिनों सरकार बकायदा रिजेक्शन का जवाब दिया था।