नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली वक्फ बोर्ड की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें दिल्ली के शाहदरा में एक गुरुद्वारे की जमीन पर दावा किया गया था। वक्फ बोर्ड ने दावा किया था कि इस स्थान पर “मस्जिद टकिया बब्बर शाह” थी, जो कथित तौर पर समय immemorial से मौजूद थी और धार्मिक उद्देश्यों के लिए समर्पित थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस दावे को स्वीकार नहीं किया।
वरिष्ठ अधिवक्ता संजय घोष, जो वक्फ बोर्ड का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, ने तर्क दिया कि निचली अदालतों ने इस स्थान पर मस्जिद के अस्तित्व को स्वीकार किया था, लेकिन अब वहां “किसी तरह का गुरुद्वारा” है। इस पर जस्टिस एससी शर्मा ने स्पष्ट किया कि यह “किसी तरह का गुरुद्वारा” नहीं, बल्कि एक पूर्ण रूप से कार्यरत गुरुद्वारा है। कोर्ट ने कहा कि चूंकि यह स्थान अब एक गुरुद्वारे के रूप में स्थापित है, इसे उसी रूप में रहने दिया जाए। इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ बोर्ड के दावे को पर्याप्त सबूतों के अभाव में खारिज कर दिया और गुरुद्वारे के मौजूदा धार्मिक स्वरूप को बरकरार रखने का आदेश दिया।