Sukhdev Singh Gogamedi Murder Case : आंदोलन से राजपूत समाज की बड़ी लामबंदी 

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चरण सिंह राजपूत 

क्या करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड का राजनीतिकरण हो रहा है ? क्या गोगामेड़ी हत्याकांड गहलोत सरकार के नजरंदाज करने का नतीजा है ? क्या यह सब बीजेपी का खेल बिगाड़ने के लिए किया गया है ? क्या सुखदेव सिंह की हत्या जमीनी विवाद के चलते की गई है ? क्या गोगामेड़ी हत्याकांड राजस्थान की राजनीति बदलने वाला है ? क्या गोगामेड़ी हत्याकांड के विरोध में राजपूत समाज लामबंद हो रहा है ? 10 दिसम्बर को दिल्ली के रामलीला मैदान में राजपूत समाज क्या करने वाला है ? बीजेपी के नेताओं ने गहलोत सरकार पर क्या लगाया है आरोप ? आइये आपको बताते हैं कि सुखदेव सिंह सिंह हत्याकांड का राजस्थान और देश की राजनीति पर क्या असर होने वाला है ?

सुखदेव सिंह हत्याकांड कहीं राजस्थान के राजनीतिक समीकरण ही न बदलकर रख दे। यही सब वजह है कि बीजेपी नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घेरना शुरू कर दिया है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि गोगामेड़ी ने अपनी सुरक्षा बढ़ाने की मांग गहलोत सरकार की थी पर उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई। बीजेपी नेता गोगामेड़ी की हत्या उनको सुरक्षा मुहैया न कराने की वजह से मान रहे हैं। कांग्रेस इस हत्याकांड को बीजेपी की सरकार में होना बताते हुए बीजेपी की घेराबंदी कर रही है।

मामले को लेकर जयपुर हवामहल से विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि गहलोत सरकार के 5 साल के कार्यकाल में पहले भी ऐसी घटनाएं हुई है। उन्होंने कहा कि गोगामेड़ी सर्व समाज के लिए हमेशा आगे रहते थे। गौ सेवा के लिए भी सबसे आगे रहते थे। गोगामेड़ी ने सुरक्षा की मांग करते हुए कहा था कि मेरे को इस प्रकार की कोई दुर्घटना होने का भय है और मेरी सेवा को देखते हुए कुछ लोग मुझ पर हमला करने की साजिश कर रहे हैं।

गोगामेड़ी हत्याकांड में बीजेपी विधायक दिया कुमारी ने भी कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि ऐसी घटना पहले से निर्धारित योजना होती है। इसी के साथ स्थानीय सरकार की यह जिम्मेदारी होती है कि इसकी जांच भी करवाए और जिसने भी शिकायत की है उसको सिक्योरिटी प्रदान करें। लेकिन गोगामेड़ी हत्याकांड में ऐसा देखने को नहीं मिला। दिया ने आगे कहा कि मैंने इस मामले में डीजीपी से भी बात की है और जल्द से जल्द अपराधियों को पकड़कर कठोर सजा दें। ऐसे लोगों को फांसी की सजा होनी चाहिए नहीं तो ये अपराधी खुलाम वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाएंगे और अपराध अपनी चरम सीमा पर पहुंच जाएगा।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का कहना है कि ‘यह बेहद निंदनीय घटना है और यह कांग्रेस सरकार के दौरान राजस्थान में कानून व्यवस्था के पतन का परिणाम है। हमारी मांग है कि पुलिस जल्द से जल्द अपराधियों को पकड़े।’

गोगामेड़ी हत्याकांड में  जिस तरह से राजपूत समाज सड़कों पर उतरकर आरोपियों के एनकाउंटर की मांग कर रहा है, उससे राजस्थान का मुख्यमंत्री पद भी प्रभावित हो सकता है।
भले ही दो आरोपियों की गिरफ़्तारी की बात सामने आई हो पर मामला जल्द से निपटता नहीं लग रहा है।

दरअसल गोगामेड़ी हत्याकांड के विरोध में देशभर का राजपूत समाज लामबंद हो रहा है। गोगामेड़ी हत्याकांड के विरोध में पूरा राजस्थान बंद है। आगरा हाईवे जाम कर दिया गया है।  कहना गलत न होगा कि गोगामेड़ी हत्याकांड के बाद राजपूत समाज की बड़ी लामबंदी हो रही है। इस लामबंदी ने उत्तर प्रदेश के कुंडा विधायक राजा भैया पर पोटा लगने के बाद राजपूत समाज में आये उबाल की यादें ताजा कर रही है। उस समय तो तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सधे नेतृत्व ने मामले को संभाल लिया था। राजस्थान सरकार का गठन न होने की वजह से इस बार बारी मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बारी है।

उधर राजपूत समाज  के 10 दिसम्बर को दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाले क्षत्रिय धर्म संसद करने जा रहा है। इस क्षत्रिय धर्म संसद में गोगामेड़ी हत्याकांड का मामला प्रमुखता से उठने वाला है। इस सम्मेलन में क्षत्रिय इतिहास संरक्षण बोर्ड का निर्माण की मांग होगी। क्षत्रिय कल्याण बोर्ड के निर्माण की मांग होगी। देश निर्माण में अपनी रियासत दान करने वाले राजपूत राजाओं का संग्रहालय बनाने की मांग होगी। प्री सेंसर बोर्ड रिव्यू कमेटी का गठन की मांगहोगी।  लाल किले के चौराहे पर क्षत्रिय सम्राट अनंगपाल तोमर की मूर्ति की स्थापना की मांग होगी। लाल किले के अंदर पृथ्वीराज चौहान की पैनोरामा की मांग होगी। ईडब्ल्यूएस को 10 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसद करने की मांग होगी।

ईडब्ल्यूएस में पांच एकड़ जमीन और 8 लाख की इनकम जैसे बाधा को खत्म करने की मांग होगी। राम मंदिर में क्षत्रिय समाज की भागीदारी सुनिश्चित करने की मांग होगी। चुनाव में ईडब्ल्यूएस की तर्ज ही सीट रिजर्व करने की मांग होगी। दिल्ली में सभी मुगल सड़कों का नाम बदलकर राजपूत राजाओं के नाम पर रखने की मांग होगी। आर्म्स लाइसेंस की प्रक्रिया को सुगम बनाने की मांग होगी।

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