
चरण सिंह
मुर्शिदाबाद हिंसा और पलायम का मुद्दा अभी ठंडा नहीं पड़ा था कि दिल्ली के सीलमपुर में एक हिन्दू युवक की बेहरहमी से हत्या कर दी गई। मुर्शिदाबाद के बाद सीलमपुर में भी हिन्दुओं के पलायन के बोर्ड लगा दिए हैं। सीलमपुर से सूचना मिल रही है कि अधिकतर हिन्दू अपने मकान आने पौने दाम पर बेचकर निकल लिए हैं। क्या हिन्दुओं के पलायन का मुद्दा सियासी है ?
क्या मुस्लिम बहुल क्षेत्र में हिन्दुओं का रहना मुश्किल हो रहा है ? ऐसे में प्रश्न उठता है कि बीजेपी के राज में भी यदि हिन्दुओं का रहना मुश्किल हो रहा है तो फिर हिन्दुओं ने बीजेपी की सरकार क्यों बनवाई ? यह बात पीड़ितों के मुंह से भी सुनी जा रही है।
पश्चिम बंगाल में तो ममता बनर्जी की सरकार है तो समझ में आ रहा है पर दिल्ली में तो पुलिस केंद्र सरकार के अधीन है। साथ ही सरकार भी बीजेपी की ही है। ऐसे में क्या मुसलमानों में मन में दिल्ली पुलिस का डर नहीं है ? सीलमपुर कुणाल मर्डर मामले में एक लेडी डॉन का भी नाम आया है पर उसको पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है। देखने की बात यह है कि केंद्र के साथ ही विभिन्न राज्यों में भी बीजेपी की सरकार है। फिर भी हिन्दू खतरे में बताया जा रहा है। क्यों ? बीजेपी तो हिंदुत्व की ही राजनीति करती है। या फिर यह सब हिन्दू मुस्लिम राजनीति का एक हिस्सा है ?
प. उत्तर प्रदेश के कैराना में भी हिंदुओं के पलायन का मुद्दा उठा था। क्या हुआ अब मामला ठंडा है। लोकसभा चुनाव के समय गृह मंत्री अमित शाह भी उस क्षेत्र में पहुंचे थे जिन मकानों पर पलायन के बोर्ड लगे थे। यूपीए की सरकार में यदि हिन्दुओं के पलायन के मामले सामने आते तो समझ आता पर बीजेपी की सरकार में यदि हिन्दुओं के पलायन के मामले हो रहे हैं तो फिर बीजेपी सरकारें क्या कर रही हैं ? कहीं यह सब वोटों के ध्रुवीकरण के लिए तो नहीं हो रहा है।
क्या 20 फीसदी मुसलमान बीजेपी के राज में इतने शक्तिशाली हो गए हैं कि हिन्दुओं को पलायन करना पड़ रहा है।
जगजाहिर है कि बीजेपी तो सत्ता में आती ही हिन्दुओं की ही वजह से है। बीजेपी को सत्ता में लाने के पीछे तो हिन्दुओं की पहली प्राथमिकता सुरक्षा ही है। लोगों को कहते भी सुना जाता है कि बीजेपी के राज में वे सुरक्षित हैं। पहले संभल में एक युवक की हत्या। उसके बाद मुर्शिदाबाद में हिंसा और तीन लोगों की मौत। अब दिल्ली के सीलमपुर में एक हिन्दू युवक की हत्या। बात हिन्दू मुस्लिम की भी न हो फिर भी कानून व्यवस्था का मुद्दा तो है।