Bihar Cabinet Ministers List 2024: बीजेपी कितना भी दावा कर ले फिर भी नीतीश कुमार की ही चलेगी। उसकी वजह यह है कि बीजेपी को किसी भी हालत में नीतीश कुमार एनडीए में बनाये रखना है। बिहार में नीतीश कुमार की नई सरकार में मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा हो गया है। काफी खींचतान के बाद भी सीएम नीतीश कुमार ने गृह मंत्रालय अपने पास ही रखा है। हालांकि वित्त, स्वास्थ्य जैसे विभाग बीजेपी के कोटे में गया है। विभागों का बंटवारा देखकर ऐसा लगता है जैसे एक बार फिर से सरकार चलाने में सीएम नीतीश कुमार की चली है।
पटना । बिहार में डबल इंजन की सरकार को लेकर भले यह कहा जाता रहा कि इस बार बीजेपी ज्यादा समझौते के मूड में नहीं है। दो टकराने वाले डेप्युटी सीएम देकर बीजेपी नेतृत्व ने नीतीश कुमार पर अपरोक्ष रूप से शिकंजा कसने की तैयारी कर भी ली है। पर विभाग को लेकर जो निर्णय सामने आया है वह यही साबित कर रहा है कि नीतीश कुमार अपने शर्त पर सत्ता चलाते हैं और इस वक्त वे किसी भी तरह के दबाव में नहीं आते हैं।
नीतीश ने जो चाहा वह किया
इस बार भी एनडीए की सरकार ने नीतीश कुमार का अपर हैंड साफ दिखता है। मुख्यमंत्री की कुर्सी भी हथियाई। जबकि बीजेपी के सूत्र यह कहते नहीं थकते कि इस बार जेडीयू बीजेपी के साथ सरकार बनाती है तो ड्राइविंग सीट पर बीजेपी होगी। पर यह नहीं हुआ। बीजेपी की ओर से एक और जंग की शुरुआत हुई कि गृह बीजेपी के पास रहेगी इस गृह विभाग को लेकर पांच दिनों तक विभागों का बंटवारा नहीं हुआ। लेकिन लाख कोशिश के बावजूद नीतीश कुमार गृह विभाग पर कुंडली मार कर बैठ गए।
कुर्सी छोड़ देंगे पर गृह मंत्रालय नहीं
बीजेपी और जेडीयू के बीच जब गृह मंत्रालय को लेकर टकराहट बरकरार थी तब राजनीतिक विश्लेषक भी यही कह रहे थे कि नीतीश कुमार गृह विभाग के लिए किसी हद तक जा सकते हैं। और विश्लेषक इसकी वजह भी बताते थे। इनका मानना था कि यह वही विभाग है, जिसके कारण नीतीश कुमार को सुशासन बाबू कहा गया। राज्य से सामान्य रूप से अपहरण उद्योग समाप्त हो गए। नरसंहार पर विराम लग गया। नीतीश कुमार इसी यूएसपी के सहारे आरजेडी के जंगल राज के तिलिस्म को तोड़ा और बेहतर लॉ एंड ऑर्डर के पर्याय बन गए। इस चेहरे ने नीतीश कुमार को देशव्यापी पहचान दिलाया और बिहार की सत्ता के लिए बतौर सीएम के चेहरे की जरूरत बन गए। ऐसे में नीतीश कुमार गृह छोड़ देंगे यह नामुमकिन है।
वित्त बीजेपी की झोली में
वैसे तो बीजेपी के पास वित्त हमेशा रहा। सुशील मोदी एक सफल वित्त मंत्री माने भी गए। बाद में वित्त मंत्री की भूमिका में तारकेश्वर प्रसाद आए। लेकिन इस बार स्थिति कुछ दूसरी थी। बाजार सत्र की तैयारी वित्त मंत्री रहे विजय चौधरी कर चुके थे। इस बीच महागठबंधन की सरकार चली गई। ऐसे में माना जा रहा है था कि वित्त जेडीयू के खाते में रहेगा और बदले में शिक्षा बीजेपी के पास रहेगी। पर बीजेपी ने वित्त विभाग को प्राथमिकता दी और डेप्युटी सीएम सम्राट चौधरी वित्त देखेंगे।