सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर अनचाहे गर्भ से बचने के संसाधन उपलब्ध है : डीपीएम
जनसंख्या नियंत्रण हेतु नसबंदी/बंध्याकरण कराने पर लाभार्थी को मिलता है आर्थिक लाभ
सिद्धार्थ नाथ
मोतिहारी। जिले की बढ़ती जनसंख्या पर रोक को लेकर 11 से 31 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा आयोजित किया गया जिसमें जिले के 1383 महिलाओं ने अपना सफल बंध्याकरण कराया है, वहीं 10 पुरुषों ने नसबन्दी करायी है। जिले के डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन ने बताया कि 3 माह पर अनचाहे गर्भ को रोकने हेतु आयुसीडी 398, पीपीआयुसीडी 1 हजार 386, 2 हजार 733 अंतरा इंजेक्शन लगाए गए। जिले में 79 हजार 560 कंडोम वितरित हुए, 17 हजार 419 माला एन, 18 हजार 816 छाया, 11 हजार 129 आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली वितरित की गई। उन्होंने बताया कि बढ़ती जनसंख्या को लेकर समुदाय को जागरूक करना बेहद जरुरी है तभी जिले की जनसंख्या पर स्थिरता सम्भव होगा।
– सही उम्र में शादी, पहले बच्चे में देरी, बच्चों के बीच अंतर की जानकारी होनी जरूरी:
डीसीएम नंदन झा ने बताया कि जनसंख्या स्थिरीकरण हेतु लोगों को सही उम्र में शादी, पहले बच्चे में देरी, बच्चों के बीच सही अंतर तथा छोटा परिवार के लाभ के बारे में जागरूक करना होगा वहीं परिवार नियोजन सेवाओं के तहत् प्रदान की जाने वाली सेवा यथा- कॉपर-टी, गर्भनिरोधक सूई/ एमपीए बंध्याकरण एवं नसबंदी की सेवा प्रदान करने पर बल देना आवश्यक है। जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी भारत भूषण ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में महिला बंध्याकरण व पुरुष नसबन्दी कराई जाती है। महिला बंध्याकरण से पुरुष नसबंदी की प्रक्रिया आसान है। पुरुष नसबंदी को लेकर समाज में कई प्रकार का भ्रम फैला हुआ है। इस भ्रम को तोड़ना होगा। छोटा परिवार सुखी परिवार की अवधारणा को साकार करने के लिए पुरुष को आगे बढ़कर जिम्मेदारी उठाने की जरूरत है। नसबंदी के लिए पुरुष लाभार्थी को 3000 रुपए एवं महिला बंध्याकरण के लिए लाभार्थी को 2000 रुपए की प्रोत्साहन की राशि लाभार्थियों के खाते में भेजी जाती है।