Sri Lanka Economic Crisis : श्रीलंका में लगी इमरजेंसी, प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति और पीएम आवास को घेरा
Sri Lanka Economic Crisis : श्रीलंका में हालात बहुत बिगड़ गये हैं। पीएम विक्रमसिंघे ने कार्यवाहक राष्ट्रपति बनकर आपातकाल की घोषणा कर दी है। प्रदर्शनकारी भारी संख्या में सड़कों पर उतरे हुए हैं। दरअसल राष्ट्रपति गोटाबाया ने भारी प्रदर्शन के बीच मालदीव में शरण ले ली है। कोलंबो में श्रीलंकाई प्रधानमंत्री के आवास में घुसने के लिए दीवार फांद रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सैन्य कर्मियों ने आंसू गैस के गोले छोड़े गए।
श्रीलंका में विदेश मंत्रालय के पूर्व सलाहकार हरीम पीरिस ने बताया कि जब प्रदर्शनकारी यहां आ रहे थे तब उन पर आंसू गैस के गोले दागे गये, प्रदर्शनकारी अब प्रधानमंत्री के आवास के प्रवेश द्वार पर जमा हैं। स्पेशल फोर्स, आर्म्स फोर्स को भी सड़कों पर उतार दिया है। Sri Lanka’s Situation Worsens उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि निहत्थे प्रदर्शनकारियों के ऊपर हथियार नहीं उठाएंगे क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो वह कानून का घोर उल्लंघन होगा। श्रीलंका में समागी जाना बालवेगया पार्टी के सांसद पाटली चंपिका रानावाका ने कहा कि वे (गोटबाया राजपक्षे) अपना इस्तीफा दिये बिना ही देश से चले गये, स्पीकर और पूरे देश को भरोसा था कि वे अपना इस्तीफा ठीक तरह से देंगे और संविधान के अनुसार प्रधानमंत्री अंतरिम राष्ट्रपति होते। उन्होंने कहा कि हम अगले हफ्ते तक के बचे कार्यकाल के लिए नए राष्ट्रपति का चुनाव 20 जुलाई को सांसद में गुप्त मतपत्र के द्वारा कर लेते।
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प्रदर्शनकारियों ने कोलंबो में PM office Occupied. हालात बेकाबू होते देख अमेरिकी दूतावास ने बुधवार और गुरुवार के लिए अपनी सभी कांसुलर सेवाओं को रद्द कर दिया है। ज्ञात हो कि रानिल विक्रम सिंघे श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति बने हैं। इसको लेकर श्रीलंका में विपक्ष ने सवाल खड़े किये हैं। दरअसल बिना इस्तीफा दिए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे देश छोड़कर मालदीव भाग निकले हैं। इस स्थिति में कोलंबो में प्रदर्शनकारियों ने उग्र रुख अपना लिया है। PM office Occupied के चलते हिंसा को रोकने के लिए पुलिस आंसू गैस को गोले भी दागे। हालात को देखते हुए श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में देश में आपातकाल की घोषणा कर कर दी है। दरअसल राजपक्षे परिवार के खिलाफ ऐसे लोगों का गुस्सा नहीं फूटा है। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के अलावा एक ही परिवार के लोग 40 सरकारी पदों पर बैठे थे।
श्रीलंका मीडिया की रिपोर्ट का दावा है कि श्रीलंका का राष्ट्रीय टीवी चैनल रूपवाहिनी कॉरपोरेशन के प्रसारण को रोक दिया गया है। यह Sri Lanka Economic Crisis ही है कि कोलंबो में प्रदर्शनकारियों ने अपने परिसर के लिए जाने के बाद चैनल ने प्रसारण को रोक दिया है। उधर प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर 13 जुलाई की शाम तक राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री अपना इस्तीफा नहीं सौंपते हैं तो वे इकट्ठा होकर संसद और अन् य सरकारी इमारतों पर कब्जा कर लेगे। वहीं कोलंबो में फिर से विरोध प्रदर्शन को देखते हुए श्रीलंका के प्रधानमंत्री के आवास के बाहरी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दिया गया है।