चरण सिंह
मिल्कीपुर उप चुनाव को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने महाकुंभ में मची भगदड़ और मरे लोगों को चुनावी मुद्दा बना लिया है। मिल्कीपुर उप चुनाव में सपा महाकुंभ भगदड़ को बड़ा मुद्दा बनाने जा रही है। अखिलेश यादव ने तो घटना के दिन ही योगी आदित्यनाथ से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा मांग लिया था। महाकुंभ हादसे को अखिलेश यादव ने वीआईपी लोगों का ध्यान रखने की वजह होना बताया था। अखिलेश यादव ने कहा कि बताया जा रहा है कि कुंभ मेले में 1000 करोड़ रुपए खर्च ह रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि वह झूठ बोल रहे हैं तो फिर इस्तीफा दे देंगे।
समाजवादी पार्टी ने महाकुम्भ में मची भगदड़ और मरने वाले श्रद्धालुओं को मुद्दा बना लिया है। एक ओर जहां पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव लोकसभा में आक्रामक नजर आये वहीं दूसरी ओर सपा के मुख्य महासचिव और सांसद राम गोपाल यादव ने 15000 लोगों के लापता होने की सूचना ने हड़कंप मचा दिया है। उनका आरोप है कि सरकार मृतकों और घायलों के आंकड़े नहीं दे रही है। राम गोपाल यादव ने योगी सरकार पर वीआईपी लोगों के लिए व्यवस्था करने और आम आदमी की चिंता न काने का आरोप भी लगा दिया है।
राम गोपाल यादव ने पंडित नेहरू के समय 1954 में कुम्भ में मची भगदड़ में पंडित नेहरू ने मरने वाले लोगों की संख्या 400 बताई थी घायल 20000 बातये थे। उन्होंने योगी सरकार पर महाकुंभ में मरे लोगों की सख्या छिपाने का आरोप भी लगाया है। अखिलेश यादव ने तो लोकसभा में चेतावनी दे दी यदि बीजेपी के सांसद उन्हें बोलने नहीं दे रहे हैं तो वह इस्तीफा ही दे देते हैं। अखिलेश यादव का कहना है कि 144 साल बाद कुम्भ आया है।
समाजवादी पार्टी नेता ने कहा कि इसके विपरीत, वर्तमान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रशासन वीआईपी के लिए व्यवस्था करने में व्यस्त था और आम लोगों की चिंता नहीं कर रहा था। सपा सांसद राम गोपाल ने आगे कहा कि हमारे मुख्यमंत्री हर दिन वहां (प्रयागराज) होते हैं, सभी अधिकारी वीआईपी लेन को ठीक रखने में व्यस्त रहते हैं और उन्हें इस बात की चिंता नहीं है कि आने वाले आम लोग डूबते हैं या मरते हैं। 15,000 लोग कह रहे हैं कि उनके परिवार के सदस्य नहीं मिल रहे हैं, सरकार कोई जानकारी नहीं दे रही है।