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कभी पानी रे पानी अब पानी ही पानी

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 गांव में लगी जल चौपाई तो बदली जल संरक्षण की तस्वीर

एम. रहमान
मुजफ्फरपुर/सकरा। गर्मी की धमक पड़ते ही सकरा क्षेत्र के सात पंचायतों में पानी के लिए हाहाकार मच जाता था। लोगों को पानी खरीद कर पीने की जरूरत पड़ती थी। बूंद बूंद के लिए लोगों को तरसना पड़ता था। यह स्थिति तब थी जब गांव में पुराने चापाकल थे। और कुए से पानी निकाली जाती थी। लेकिन जब से नल जल योजना की शुरुआत हुई पानी की समस्या तो दूर हुई जल संरक्षण की दिशा में भी कारगर पहल हुई है।

वजह पानी की रोकथाम करने के लिए गांव में जल चौपाल लगाया जा रहा है।जल चौपाल के माध्यम से वार्ड सदस्य एवं उनसे जुड़े लोग को एक जगह बैठा कर पानी की बर्बादी रोकने के लिए समझाना होता है घर तक पानी कैसे पहुंचे बिजली की समस्या उत्पन्न नहीं हो पानी की बर्बादी नहीं हो इसके लिए लोगों को जल चौपाल के माध्यम से समझा जाता है।

साथ ही यह भी कहा जाता है कि यदि किसी तरह की परेशानी हुई तो लोगों को पुनः पुराने दिन का इंतजार करना होगा।यह बदलाव इतनी तेजी से हो रही है। कि गांव में पानी चलाने के लिए अनुरक्षक की बहाली हो गई लोग पानी के लिए सुविधा शुल्क देते हैं। जिससे तमाम समस्याएं दूर हो रही है । चंदनपट्टी पंचायत इस दिशा में मॉडल के रूप में काम कर रही हैं ।

पंचायत के वार्ड सदस्य जितेंद्र कुमार, नीरज कुमार, इंद्र कुमार ,कमरुज्जमा सिद्दीकी ने कहा कि हम लोगों को पानी के लिए काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता था लेकिन अब स्थिति पहले से अच्छी हुई है हम लोगों ने जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को पानी की कमी से होने वाले नुकसान के संदर्भ में बताया तथा जल की बर्बादी को रोकने की दिशा में कारगर पहल की हैं।

उन्होंने कहा कि अब यहां के लोग पानी के इस्तेमाल के बाद महीने में उसका सुविधा शुल्क भी देते हैं। इतना ही नहीं सकरा प्रखंड का यह पहला पंचायत है जहां प्रत्येक वार्ड में नल जल के साथ जरनेटर की सुविधा भी उपलब्ध है। स्थिति यह है कि अगर बिजली गुम हो जाती है तो यहां के अनुरक्षक जनरेटर के माध्यम से पानी उपलब्ध कराते हैं ।

भर्थीपुर पंचायत की वार्ड संख्या 7 की वार्ड सदस्य रेनू कुमारी वार्ड संख्या 9 की रानी कुमारी वार्ड संख्या 8 की गुंजा कुमारी का कहना है अति पिछड़ा क्षेत्र होने के कारण हम लोग दूषित पानी पीते थे चापाकल का पानी एवं कुए का पानी पीने के कारण यहां के लोग काफी बीमार पड़ते थे लेकिन जब से नल जल की सुविधा हुई बीमारी की में कमी आई है लोग कम बीमार पड़ रहे हैं पानी की बचत भी हो रही है ।

वे लोग कहते हैं कि पहले नल जल के माध्यम से पानी की बर्बादी होती थी । मवेशी को नहलाने, खेतों में पानी पटाने का काम ग्रामीणों के द्वारा किया जाता था लेकिन अब स्थिति में बदलाव हो गया जब लोगों को पानी की बचत एवं उसकी कमी के संदर्भ में बताया गया तो अब अनुरक्षक के माध्यम से तीन टाइम पानी उपलब्ध कराई जाती है जिससे आम लोगों को किसी भी तरह की कठिनाई नहीं होती है । अब यहां कुएं और चापाकल का पानी तो मानो सपना ही हो गया।

पूर्व प्रमुख अनिल राम एवं डिहूली इश्हाक पंचायत की पूर्व मुखिया सोना देवी ने कहा कि हम लोगों को पहले टैंक से पानी मंगा कर पीना पड़ता था लेकिन जल चौपाल करने के बाद यहां के लोगों में जागृति आई है अब समय पर लोग पानी भी दे रहे हैं और समय पर पैसा भी उपलब्ध हो जाता है जिससे आम लोगों की कठिनाई दूर हुई है ।

अगा खन ग्राम समर्थन भारत योजना के कोऑर्डिनेटर मोहम्मद इकबाल ने कहा कि प्रखंड के 217 वार्डों में जागरूकता के तहत तमाम अभिलेखों को दुरुस्त कर लिया गया है अनुरक्षक भी बहाल है जिससे
निर्धारित समय पर लोगों को पानी उपलब्ध कराई जाती है।

प्रखंड प्रमुख नूर आलम कहते हैं कि जल संरक्षण के जागरुकता अभियान शुरू होने से पानी की बर्बादी रूकी है।आम लोग जो पहले पानी की समस्या से जूझते थे उन्हें राहत मिली है ।कहां की आम लोगों को पानी की बर्बादी पर रोक लगाना चाहिए।

चौपाल से यह हो रहा है बदलाव
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1) पानी की बर्बादी पर रोक
2) वार्ड सदस्यों में नेतृत्व क्षमता बढ़ी
3) पहले 10 घंटे मोटर चलते थे अब 6 घंटे चलते हैं ।4)महीने के दूसरे एवं चौथे गुरुवार को होती है चौपाल ।
5):- अगा खन ग्राम समर्थन कार्यक्रम और यूनिसेफ के साथ मिलकर जल स्वच्छता पर हो रहा है कार्य।