समिति के अध्यक्ष राजकुमार जैन ने पत्र लिखकर समाजवादियों से मांगा समारोह को सफल बनाने का सहयोग
द न्यूज 15
उन्होंने कहा है कि समाजवादी महानायक श्री मधु लिमये का जन्म शताब्दी वर्ष 1 मई 2022 से शुरू हो रहा है। भारत की ब्रिटिश राज से आजादी और पुर्तगाली हुकूमत से गोवा की स्वतंत्रता के संघर्ष के योद्धा, आजादी के बाद समाजवादी आंदोलन की पहली कतार के नायक, देश की संसद के गौरव और अनगिनत समाजवादी कार्यकर्ताओं के प्रेरणा स्रोत श्री मधु लिमयेजी के जन्म शताब्दी वर्ष के दौरान विविध प्रकार के कार्यक्रमों के जरिए हमें मधु लिमये जी के विचारों, सपनों, संघर्षों और योगदान का स्मरण करके देश और दुनिया में समाजवादी विरासत को बचाने और आगे की चुनौतियों का समाधान करने की प्रेरणा मिलेगी। उनका कहना है कि हम समाजवादी समागम से जुड़े साथियों ने राष्ट्रीय स्तर पर इसी उद्देश्य से मधु लिमये जन्म शताब्दी समारोह समिति का गठन किया है। इस समिति के अध्यक्ष वह खुद हैं और सचिव डॉ. सुनीलम बनाए गए हैं। उनका कहना है कि उनकी यह कोशिश रहेगी कि मधु लिमये जी के प्रति आदर भाव रखने वाले सभी प्रमुख साथियों को इसमें समाहित जाए। इस जिम्मेदारी को देशव्यापी स्तर पर पूरा करने के लिए उन्होंने सहयोग मांगा है।
उन्होंने बताया कि इस प्रयास में पटना में विगत 27 वर्षों से मधु लिमये स्मृति कार्यक्रम का आयोजन करने वाले श्री राजनीति प्रसाद जी के संयोजकत्व में 1 मई को शताब्दी समारोह का अत्यंत उल्लेखनीय कार्यक्रम होने जा रहा है। पटना कार्यक्रम का संयोजन पूर्व न्यायाधीश राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में गठित समिति करने जा रही है। 1 मई का कार्यक्रम पटना के ए एन सिन्हा इंस्टीट्यूट के प्रांगण में संपन्न होगा। इस अवसर पर मधु लिमये जी पर केंद्रित एक फोटो प्रदर्शनी और स्मारिका का लोकार्पण भी किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि दिल्ली में समिति की ओर से 30 अप्रैल को मधु लिमये के सपनों का भारत और आज की चुनौतियों पर एक संवाद आयोजित किया जाएगा। इसकी तैयारी समिति के अध्यक्ष श्री हरभजन सिंह सिद्धू, (महामंत्री -हिंद मजदूर सभा ) एवं सचिव राकेश कुमार (पार्षद, नगर निगम दिल्ली) है। पटना और दिल्ली के कार्यक्रमों में मधु लिमये से संबंधित साहित्य का लोकार्पण वरिष्ठ समाजवादी श्री रमाशंकर सिंह, पूर्व कुलाधिपति, आईटीएम यूनिवर्सिटी, ग्वालियर के सौजन्य से किया जाएगा।
राजकुमार जैन का कहना है कि देश के अधिकांश समाजवादी केंद्रों ,महाविद्यालयों, विश्व विश्वविद्यालयों में मधु लिमये ने लगातार मार्गदर्शक की भूमिका निभाई। इसलिए हम सब की यह जिम्मेदारी है कि जन्म शताब्दी वर्ष में उनकी स्मृति में सकारात्मक आयोजनों की पहल की जाए। इसमें योगदान के रूप में हमारी समिति साहित्य और विशेषज्ञों को उपलब्ध कराने का दायित्व पूरा करेगी। उन्होंने देशभर के सक्रिय समाजवादियों से विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर
आयोजनों को सफल बनाने की अपील की है। उन्होंने विभिन्न समाजवादियों को भेजे इस विचार को ही विशेष पत्र बताते हुए कहा है कि उन्होंने पत्र के माध्यम से 1 मई को प्रकाशित की जाने वाली मधु लिमये जन्म शताब्दी समारोह समिति स्मारिका के लिए एक लेख का अनुरोध भी किया है। उन्होंने लेख भेजने के लिये B anandkumar1@ho दिया है।