मथुरा के सामाजिक कार्यकर्ता देवकी नंदन शर्मा की अनशन से मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय हो
प्रतिनिधिमंडल ने कमिश्नर आगरा से मुलाकात कर मथुरा के सामाजिक कार्यकर्ता देवकी नंदन शर्मा की अनशन से मौत के मामले में न्याय की मांग की और अपनी चार सूत्रीय मांगों से संबंधित एक ज्ञापन भी कमिश्नर को सौपा | प्रतिनिधि मंडल में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ संदीप पांडेय, मानवाधिकार प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक के.एम. यादव, मृतक के भाई जितेंद्र शर्मा, सोसाइटी फॉर जस्टिस के संयोजक नरोत्तम शर्मा, राकेश शर्मा, नरेन्द्र रावत, नितिन गुप्ता, राज कुमार अग्निहोत्री आदि उपस्थित रहे |
संदीप ने बताया कि मृतक का नाम देवकी नंदन शर्मा था। जिनकी उम्र लगभग 70 वर्ष होगी। वह शंकरगढ़ी गाँव के ही निवासी थे। देवकीनंदन शर्मा अपने गाँव में सरकारी विकास कार्यों में गड़बड़ी की जांच के लिए पिछले 15 वर्षों से संघर्ष कर रहे थे। चार माह से वे अनशन पर थे जिसकी वजह से उनका स्वास्थ्य लगातार खराब होता जा रहा था पर स्थानीय प्रशासन द्वारा इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। दिनांक 12 जून को उनका स्वास्थ्य बहुत खराब हो गया, वो एकदम बेहोशी की अवस्था में हो गए थे, जिसकी सूचना परिवार वालों ने स्थानीय प्रशासन को दी। सरकारी एम्बुलेंस द्वारा उन्हें सामुदायिक अस्पताल लेकर जा रहे थी पर रास्ते में ही उनकी मौत हो गयी। जबकि सरकारी पोस्टमार्टम में मौत का कारण हृदय गति रुक जाना बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया गया। मौत के डेढ़ माह बाद भी देवकी नंदन शर्मा की मांगों पर न कोई ध्यान दिया गया है और न ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही हुयी है।
यह बहुत ही गंभीर है कि स्थानीय सरकारी अधिकारियों की निष्क्रियता और लापरवाह रवैये के कारण एक निर्दोष व्यक्ति की जान चली गयी। भारतीय जनता पार्टी की सरकारों में अनशन को गंभीरता से नहीं लिया जाता। इसी तरह 2018 में स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद उर्फ प्रोफेसर गुरु दास अग्रवाल की भी गंगा को बचाने के लिए हरिद्वार में किए जा रहे अपने अनशन के 112वें दिन अस्पताल में भर्ती करने के बाद मौत हो गई।
इसलिए हमने कमिश्नर आगरा से आग्रह किया है कि वो इस मामले की स्वयं जाँच कर त्वरित कार्यवाही करें
हमारी मांग है किः
- देवकी नंदन शर्मा की 4 माह अनशन करते हुए मौत हो जाने के पूरे मामले की न्यायिक जांच की जाये।
- ग्राम शंकरगढ़ी, विकासखंड नौहझील, तहसील मांट, जिला मथुरा में पंचायत भवन का नियमितीकरण, सचिव आवास को कब्जा मुक्त कराना, प्राथमिक विद्यालय के पीछे मार्ग को कब्जा मुक्त कराना, आवंटित शौचालयों की पात्रता की जांच हो, खासकर देवकी नंदन शर्मा के खाते में रु. 12,000 क्यों डाले गए जिसकी
उन्होंने खुद जांच की मांग की थी।
- जिले व प्रदेश में होने वाले विकास कार्यों में भ्रष्टाचार को रोकने के उपाय निकाले जाएं ताकि फिर किसी देवकी नंदन शर्मा को अपनी जान न देनी पड़े।
- मृतक के परिवार को उचित अनुदान और सहायता उपलब्ध कराई जाए।