सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) ने देवकीनंदन शर्मा मामले में धरना प्रदर्शन किया और अनशन करते हुए उनकी मौत की न्यायिक जांच की मांग की। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश के जिला मथुरा की मांट तहसील के थाना नौहझील के अंतर्गत आने वाले शंकरगढ़ी गाँव में दिनांक 12 जून 2024 को एक सामाजिक कार्यकर्ता की 4 माह की भूख हड़ताल के बाद मौत का मामला गम्भीर है। स्थानीय सरकारी अधिकारियों की निष्क्रियता और लापरवाह रवैये के कारण एक निर्दोष व्यक्ति की जान चली गयी। भारतीय जनता पार्टी की सरकारों में अनशन को गंभीरता से नहीं लिया जाता। इसी तरह 2018 में स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद उर्फ प्रोफेसर गुरु दास अग्रवाल की भी गंगा को बचाने के लिए हरिद्वार में किए जा रहे अपने अनशन के 112वें दिन अस्पताल में भर्ती करने के बाद मौत हो गई।
मृतक का नाम देवकी नंदन शर्मा था। जिनकी उम्र लगभग 70 वर्ष होगी। वह शंकरगढ़ी गाँव के ही निवासी थे। देवकीनंदन शर्मा अपने गाँव में सरकारी विकास कार्यों में गड़बड़ी की जाँच के लिए पिछले 15 वर्षों से संघर्ष कर रहे थे। चार माह से वे अनशन पर थे जिसकी वजह से उनका स्वास्थ लगातार खराब होता जा रहा था पर स्थानीय प्रसाशन द्वारा इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। दिनांक 12 जून को उनका स्वास्थ बहुत खराब हो गया, वो एकदम बेहोशी की अवस्था में हो गए थे, जिसकी सूचना परिवार वालों ने स्थानीय प्रसाशन को दी। सरकारी एम्बुलेंस द्वारा उन्हें सामुदायिक अस्पताल लेकर जा रहे थी पर रास्ते में ही उनकी मौत हो गयी। जबकि सरकारी पोस्ट माॅर्टम में मौत का कारण हृदय गति रुक जाना बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया गया। मौत के डेढ़ माह बाद भी देवकी नंदन शर्मा की मांगों पर न कोई ध्यान दिया गया है और न ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही हुयी है।
देवकी नंदन शर्मा की मौत के प्रकरण पर एक तथ्यान्वेषण आख्या मुख्य सचिव को 1 अगस्त को सौंपी जा चुकी है। हम उम्मीद करते हैं कि प्रदेश् सरकार जल्दी ही कोई कार्यवाही करेगी।
हमारी मांग है किः
1. देवकी नंदन शर्मा की 4 माह अनशन करते हुए मौत हो जाने के पूरे मामले की न्यायिक जाँच की जाये।
2. ग्राम शंकरगढ़ी, विकास खण्ड नौहझील, तहसील मांट, जिला मथुरा में पंचायत भवन का नियमितीकरण, सचिव आवास को कब्जामुक्त कराना, प्राथमिक विद्यालय के पीछे मार्ग को कब्जामुक्त कराना, आवंटित शौचालयों की पात्रता की जांच हो, खासकर देवकी नंदन शर्मा के खाते में रु. 12,000 क्यों डाले गए जिसकी उन्होंने खुद जांच की मांग की थी।
3. जिले व प्रदेश में होने वाले विकास कार्यों में भ्रष्टाचार को रोकने के उपाय निकाले जाएं ताकि फिर किसी देवकी नंदन शर्मा को अपनी जान न देनी पड़े।
4. मृतक के परिवार को उचित अनुदान और सहायता उपलब्ध कराई जाए।
धरना प्रदर्शन में संदीप जी, बाबू पंडित, मुन्ना लाल, जगरूप सिंह, रामशंकर,रमेश,बजरंग सिंह, ननकी, राम खिलावन, अशोक भारती, कुन्ती, सुंदरा, विजय कुमार, रामनाथ, मुन्नी देवी, नसीम, राम शरण अफाक मो हासिम, संगीता, जहीर अहमद, मानेंद्र सिंह, सना, मुन्ना शुक्ला, विनोद, नागेंद्र, राज कुमार, केएम भाई आदि मौजूद थे।