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तो क्या मोदी और योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगी मायावती? 

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चरण सिंह 
नई दिल्ली। क्या बहुजन समाज पार्टी अब केंद्र में मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने जा रही हैं ? क्या बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती अपनी पुरानी फॉर्म आने जा रही हैं ? क्या मायावती का पुराना चेहरा दिखाई देगा ?
दरअसल मायावती ने जिस तरह  से दिल्ली स्थित केंद्रीय कार्यालय पर बड़ी मीटिंग बुलाई है। जिस तरह से इस मीटिंग में बसपा के राज्य और केंद्रीय कोर्डिनेटर बुलाये गए हैं। जिस तरह से प्रदेश के अध्यक्ष बुलाये गए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को बुलाया गया है और जिस तरह से मायावती ने दलितों, अल्पसंख्यकों और पिछड़ों के प्रति चिंता जताई है। जिस तरह से उनके राजनीतिक, सामाजिक आर्थिक उत्थान के विषय पर बैठक बुलाई है।
दिल्ली में चुनाव पर चर्चा की जानी है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या मायावती अब मोदी सरकार और योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने जा रही हैं। यदि केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ मायावती मोर्चा नहीं खोल सकती हैं तो ये सभी कवायद बेकार हैं। क्योंकि जब तक मायावती केंद्र और यूपी सरकार के खिलाफ आंदोलन नहीं करेंगी। उनकी नीतियों का विरोध नहीं करेंगी तब तक उनका वोटबैंक उन पर विश्वास नहीं कर पाएगा। मायावती वास्तव में ही बसपा को आगे बढ़ाना चाहती हैं। अपने दोनों भतीजों आकाश और ईशान को राजनीति में स्थापित करना चाहती हैं तो उन्होंने आकाश को खुलकर खेलने का मौका देना पड़ेगा। ऐसे काम नहीं चलेगा जैसे उन्होंने लोकसभा चुनाव में आकाश आनंद को सीतापुर में बीजेपी पर हमलावर होने पर उन्हें घर बैठा दिया था। उनको अपरिपक्व नेता करार दे दिया था।
मायावती को यह समझना होगा कि आजाद समाज पार्टी के संस्थापक और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद के प्रति दलित युवाओं का रुझान बढ़ रहा है। जिस तरह से चंद्रशेखर आज़ाद सड़क से लेकर संसद तक दलितों के साथ है जरूरतमंदों की आवाज उठा रहे हैं। ऐसे में यदि मायावती का ऐसे ही ढुलमुल रवैया रहा तो वह कितनी भी बैठकें कर लें कुछ नहीं होने वाला है। क्या ये वही मायावती हैं जिन्होंने बाहुबली डीपी यादव को पार्टी से बाहर करने में दो मिनट नहीं लगाए थे। जिन्होंने अपने सांसद उमाकांत यादव को उनके घर से ही गिरफ्तार करा दिया था। जिन्होंने राजा भैया पर पोटा लगा दिया था। यदि वास्तव में ही मायावती बसपा को आगे बढ़ाना चाहती हैं तो आकाश आनंद को खुलकर खेलने का मौका देना होगा।