
नई दिल्ली। अमेरिका में पकड़ी गई खतरनाक फफूंदी फ्यूजेरियम ग्रैमिनियरम (Fusarium graminearum) है, जिसे संभावित जैविक हथियार (agro terrorism weapon) माना जाता है। यह फफूंदी गेहूं, चावल, मक्का और जौ जैसी प्रमुख फसलों में हेड ब्लाइट नामक बीमारी पैदा करती है, जिससे फसलें बर्बाद हो सकती हैं। यह डिऑक्सीनिवेलनॉल और जेरालेनोन जैसे विषैले पदार्थ (माइकोटॉक्सिन्स) उत्पन्न करती है, जो अनाज को खाने के लिए अयोग्य बनाते हैं और इंसानों व जानवरों में उल्टी, लीवर डैमेज, प्रजनन समस्याएं और अन्य गंभीर बीमारियां पैदा कर सकते हैं।
क्यों है यह खतरनाक?
कृषि पर प्रभाव: यह फफूंदी फसलों को बड़े पैमाने पर नष्ट कर सकती है, जिससे खाद्य आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो सकती है। इससे खाद्य सुरक्षा को खतरा हो सकता है, विशेष रूप से उन देशों में जो इन फसलों पर निर्भर हैं।
आर्थिक नुकसान: फसल बर्बादी से देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो सकता है, क्योंकि कृषि कई देशों की अर्थव्यवस्था का आधार है।
आर्थिक नुकसान: फसल बर्बादी से देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो सकता है, क्योंकि कृषि कई देशों की अर्थव्यवस्था का आधार है।
जैविक आतंकवाद: इस फफूंदी का जानबूझकर इस्तेमाल (जैसा कि अमेरिका में संदेह किया गया) सामाजिक अशांति और भुखमरी को बढ़ावा दे सकता है, क्योंकि यह खाद्य संसाधनों को नष्ट कर देता है।
अमेरिका में मामला
हाल ही में अमेरिका में दो चीनी नागरिकों, यून्किंग जियान और जुनयोंग लियू, को इस फफूंदी की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। एफबीआई और अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा के लिए खतरा माना है। जांच में पता चला कि जियान को चीन सरकार से शोध के लिए फंडिंग मिली थी, जिससे यह शक गहराया कि यह अमेरिका की खाद्य सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने की साजिश हो सकती है।
दुनिया कैसे भूखी मर सकती है?
खाद्य संकट: अगर यह फफूंदी बड़े पैमाने पर फैलती है, तो यह वैश्विक खाद्य उत्पादन को प्रभावित कर सकती है, खासकर उन देशों में जो गेहूं, चावल और मक्का जैसे अनाजों पर निर्भर हैं। आपूर्ति श्रृंखला बाधित: खाद्य आपूर्ति में कमी से कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे गरीब देशों में भुखमरी और अशांति बढ़ सकती है।
स्वास्थ्य जोखिम: जहरीले अनाज के सेवन से बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिससे चिकित्सा संसाधनों पर दबाव बढ़ेगा।
स्वास्थ्य जोखिम: जहरीले अनाज के सेवन से बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिससे चिकित्सा संसाधनों पर दबाव बढ़ेगा।