द न्यूज 15
चंडीगढ़ । दरअसल, पंजाब में कांग्रेस को आम आदमी पार्टी (आप) से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। पार्टी को सिर्फ 18 सीटों से संतोष करना पड़ा था, जबकि सिद्धू खुद अमृतसर पूर्व सीट से चुनाव हार गए थे। इस बीच, कांग्रेस के सीनियर नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “वर्किंग कमेटी में फैसला लिया गया था कि पार्टी को मज़बूत बनाने के लिए कांग्रेस अध्यक्षा कोई भी कदम उठा सकती हैं। पांच पीसीसी अध्यक्षों को हटाया गया है। दूसरे राज्यों में भी जो काम नहीं कर रहे उनके ऊपर भी ऐसी ही कार्रवाई की जाएगी।”
सिद्धू से पहले उत्तर प्रदेश के प्रदेश पार्टी अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने गांधी को चिट्ठी भेजकर अपना इस्तीफा सौंपा और मंगलवार रात को इस पत्र को ट्विटर पर शेयर किया।
वैसे, सोनिया के निर्देश के कुछ देर बाद ही उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भी अपने त्यागपत्र की घोषणा कर दी थी।
हालिया विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने एक दिन पहले 15 मार्च, 2022 को बड़ी कार्रवाई करते हुए पांचों चुनावी राज्यों के पार्टी अध्यक्षों से इस्तीफा देने को कहा था। गांधी ने कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के दो दिनों बाद यह कदम उठाया था। बीते रविवार को सीडब्ल्यूसी मीटिंग में कांग्रेसी नेताओं ने सोनिया के नेतृत्व में विश्वास जताया था। साथ ही कहा था कि वह संगठनात्मक चुनाव पूरा होने तक पद पर बनी रहें और पार्टी को मजबूत बनाने के लिए जरूरी कदम उठाएं। सोनिया ने चुनावी राज्यों के अध्यक्षों के खिलाफ यह कार्रवाई तब की है, जब पार्टी के सीनियर नेता कपिल सिब्बल ने कहा है कि गांधी परिवार को पार्टी नेतृत्व छोड़ देना चाहिए और किसी अन्य नेता को मौका देना चाहिए।