फोरेंसिक विशेषज्ञों ने कहा-डीएनए सैंपलिंग की प्रक्रिया काफी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि अब तक जो नमूने उन्हें मिले हैं वे बहुत ही पुराने हैं
नई दिल्ली । श्रद्धा मर्डर केस में फोरेंसिक विशेषज्ञों की टीम 27 वर्षीय श्रद्धा वालकर के शरीर के अंगों का निरीक्षण कर रही है। श्र्धा वालकर की उसके लिव-इन-पार्टनर आफताब पूनावाला ने कथित तौर पर हत्या कर दी थी। इस मामले में फोरंेसिक विशेषमों ने कहा है कि डीएनए सैंपलिंग की प्रक्रिया काफी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि अब तक जो नमूने उन्हें मिले हैं वे बहुत ही पुराने हैं, इनके विश्लेषण में कम से कम दो सप्ताह का समय लगेगा।
श्रद्धा वालकर की 18 मई को कथित तौर पर 28 वर्षीय आफताब पूनावला ने हत्या कर दी थी, जिस पर महरौली के जंगल में उसके शरीर को काटने और टुकड़ों को बिखरने का आरोप है। इस मामले में वालकर के पिता की शिकायत पर 10 नवम्बर को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, रोहिणी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार डीएनए विश्लेषण में दो सप्ताह लगने वाले हैं, क्योंकि नमूने बहुत पुराने हैं। अधिकारी ने बताया कि यह आसान नहीं है क्योंकि जैविक नमूनों की स्थित संदिग्ध है और हम यह नहीं कह सकते कि कितनी जीवति कोशिकाएं मिलेंगी। हम अभी भी जांच दल से नमूने ले रहे हैं।
श्रद्दा के पिता विकास वालकर ने न्यूज एजेंसी से कहा, दिल्ली पुलिस को आभास हो गया था कि आफताब कभी झूठ बोलता है तो कभी सच बोलता है। इसलिए उन्होंने उसका नाकार्े टेस्ट कराने के लिए आवेदन किया है। मुझे लग रहा है कि मुझे न्याय मिलने वाला है। अगर उसने अपराध किया है, तो उसे फांसी दी जानी चाहिए। मुझे हमेशा लगता था कि वह झूठ बोल रहा है, मैंने मुंबई और दिल्ली पुलिस को बताया था।
महरौली के जंगलों से श्रद्धा के शरीर के 10 टुकड़े बरामद
पिछले तीन दिनों से पुलिस ने महरौली के जंगलों में से आफताब की बताई गई जगहों से श्रद्धा के शरीर के १० से ज्यादा संदिग्ध हिस्सों को बरामद किया है। इनमें से ज्यादातर हड्डियों के रूप में मिले हंै। अभी इन टुकड़ों को फोरेंसिक विश्लेषण से वेरीफाई करवाने की जरूरत है। अधिकारी ने बताया कि यह कोई साधारण नमूना नहीं है और इसके लिए विशेषज्ञता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह एक व्यक्ति से संबंधित मामला है जो इसे और कठिन बनाता है।
जानिए क्यो बोले फोरेंसिक एक्सपर्ट
मध्य प्रदेश के भोपाल में जीव विज्ञान विभाग क्षेत्रीय फोरेंसिक प्रयोगशाला के प्रभारी डॉ. पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि डीएनए नमूना लेने के लिए हड्डी शरीर का सबसे कठिन हिस्सा है। हालांकि नई टेक्नोलॉजी के साथ चीजें अब आसान हो गई हैं। यह देखते हुए कि डीएनए परीक्षण के लिए दांत सबसे आसान शरीर के अंग हैं, उन्होंने कहा कि हड्डी के नमूनों को खोदना कठिन होता है। पहले हड्डियों को साफ और डीकैल्सिफाई करना होता है, जिसमें ३-५ दिन लगते हैं और फिर नमूना लिया जाता है।