Shinzo Abe Assassination : सेना में भर्ती होने के तीन साल बाद निकाल दिया था नौकरी से, नहीं मिल रही थी पेंशन
Shinzo Abe Assassination : जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या के बहाने विपक्ष को अग्निपत्र योजना के मामले में केंद्र सरकार को घेरने का मौका मिल गया है। दरअसल शिंजो आबे का हमलावर एक पूर्व सैनिक है, जिसे पेंशन नहीं मिल रही थी। बताया जा रहा है कि भर्ती के तीन साल बाद उसे नौकरी से निकाल दिया गया। टीएमसी नेता और पश्चिमी बंगााल की मुख्यमंत्री ने Mamata Banerjee ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए Shinzo Abe Assassination को अग्निपथ योजना से जोड़ा है।
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पार्टी के मुखपत्र जागो बांगला में प्रकाशित एक फ्रंट पेज की स्टोरी में टीएमसी ने पूर्व जापानी पीएम शिंजो आबे की हत्या को केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना से जोड़कर कहा है कि हत्या के पूर्व जापानी रक्षाकर्मियों ने की थी, जिन्हें पेंशन नहीं मिल रही थी। टीएमसी ने जापानी समुद्री आत्मरक्षा बलों की तुलना Agneepath Scheme से की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि मोदी सरकार युवाओं को अल्पवधि के लिए रक्षा बलों में नियुक्त करना चाहती है और उन्हें चार साल बाद पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों से वंचित रखना चाहती है।
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मीडिया रिपोर्टस के अनुसार इस सैनिक ने सेवा के तीन साल बाद अपनी नौकरी खो दी थी। वह बेरोजगार था और उसे कोई पेंशन नहीं मिल रही थी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हत्यारे ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री आबे को इसलिए निशाना बनाया क्योंकि वह बेरोजगार था। मतलब मामले को Agneepath Scheme से जोड़ा है
कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने जापान के पूर्व पीएम पर हमले करने के लिए शूटर के मकसद और अग्निपथ योजना के बीच एक समान तुलना की। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि Shinzo Abe Assassination वाले ने जापान के एसडीएफ यानी सेना में बिना पेंशन के काम किया था। आबे को शुक्रवार को पश्चिमी जापान में चुनाव प्रचार के दौरान गर्दन और सीने में गोली मारी गई थी।