SBI की रिसर्च रिपोर्ट में खुलासा, कच्चा तेल $100 डॉलर के पार जाने से 1 फीसदी बढ़ सकती है महंगाई

SBI Research Report में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से सरकार को 95 हजार से 1 लाख करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान जताया है।

द न्यूज 15 
नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन में युद्ध के बाद दुनिया में कच्चा तेल की कीमत तेजी से ऊपर गई है। जिससे भारत जैसे कच्चा तेल आयात करने वाले देशों में महंगाई बढ़ने का खतरा एक बार फिर से बढ़ गया है। कच्चे तेल की कीमत बढ़ने से देश में महंगाई पर इसका क्या प्रभाव होगा, इस पर एसबीआई की तरफ से एक रिसर्च रिपोर्ट पेश की गई है जिसमें कीमतें ऊपर जाने से देश में महंगाई बढ़ने का दावा किया है।
1 लाख करोड़ का नुकसान: एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में कच्चे तेल की खरीद 74 डॉलर प्रति बैरल की दर से हुई है। यदि ये कीमत आगे चलकर औसत 90 डॉलर या 100 डॉलर तक पहुंचती है। तो फिर महंगाई में 32-40 (0.32-0.40 फीसदी) या 52-65 (0.52-0.65 फीसदी) आधार अंक की बढ़ोतरी हो सकती है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मान लिया जाए कि सरकार नवंबर में पेट्रोल डीजल पर घटाई गई एक्साइज ड्यूटी को जारी रखती है। इसके साथ ही वित्त वर्ष 2022-23 में पेट्रोल डीजल की खपत में 10 फ़ीसदी का इजाफा होता है। तो वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार की आय 95 हजार से 1 लाख करोड़ रुपए घट जायेगी।
पेट्रोल डीजल की कीमतें बढ़ेंगी: रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक देश में नवंबर 2021 के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई इजाफा नहीं हुआ है। मौजूदा टैक्स स्ट्रक्चर और कच्चे तेल की कीमतों (100 डॉलर प्रति बैरल) को आपस में जोड़ दिया जाए तो देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 9-14 रुपए का इजाफा होना चाहिए।
\महंगाई में 1 फीसदी का इजाफा: रिपोर्ट में बताया गया है कि यदि कच्चे तेल, खाने के सामान, सेवाओं और घरों की कीमतें इसी प्रकार ऊपर बनी रहती हैं। तो देश में महंगाई रिजर्व बैंक के अनुमान (4.5 फीसदी) से 87-100 आधार अंक (0.87-1.00 फीसदी)ज्यादा बढ़ सकती है। इसके अलावा वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कच्चे तेल की कीमत को औसत 90-100 डॉलर प्रति बैरल मान लिया जाए तो महंगाई में 107 – 127 आधार अंक (1.07- 1.27 फीसदी) की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *