उत्तर भारत में दिखी सांस्कृतिक एकता और आस्था की झलक
पटना। दीपक तिवारी/शालिनी तिवारी।
पटना सिटी के कंगन घाट सहित उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में सोमवार को सतुआन पर्व पारंपरिक श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। यह पर्व विशेष रूप से बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और पूर्वांचल क्षेत्र में धार्मिक आस्था और लोक संस्कृति का प्रतीक माना जाता है।
वैशाख महीने की संक्रांति के दिन मनाया जाने वाला सतुआन पर्व गर्मी के आगमन और शुद्धता के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर लोगों ने सत्तू, गुड़, दही, आम की चटनी और नीम की पत्तियों से बनी सामग्री से पूजा-अर्चना की। सत्तू को पहले इष्ट देवता को अर्पित किया गया और फिर इसे प्रसाद के रूप में परिजनों व पड़ोसियों के साथ साझा किया गया।
कंगन घाट सहित आसपास के क्षेत्रों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सज-धज कर पूजा में सम्मिलित हुईं और परिवार की सुख-शांति की कामना की।
सतुआन पर्व न केवल धार्मिक भावना से जुड़ा है, बल्कि यह स्वास्थ्य, प्रकृति से जुड़ाव और सामाजिक समरसता का भी संदेश देता है।
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