The News15

सरकार की मजदूर-किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ बड़े देशव्यापी आंदोलन की घोषणा के साथ श्रमिकों का राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न

Spread the love
नई दिल्ली।  बीजेपी एनडीए सरकार की मजदूर विरोधी, किसान विरोधी, जन विरोधी, राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ केंद्रीय श्रम संगठनों और स्वतंत्र अखिल भारतीय फेडरेशनों और एसोसिएशनों के संयुक्त मंच ने 11 नवंबर 2021 को जंतर मंतर नई दिल्ली पर श्रमिकों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया। जिसमें देशभर के मजदूरों व उनके संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारियों/ कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
श्रमिकों के राष्ट्रीय कन्वेंशन को संबोधित करते हुए सीटू के राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड तपन सेन ने कहा कि सरकार की कार्पोरेट समर्थक नीतियों के चलते देश के लोगों का जीवन व जीविका गहरे संकट में है, बेलगाम महंगाई बेरोजगारी ने मेहनतकश लोगों बल्कि महिलाओं, युवाओं, छात्रों के लिए भविष्य ही निराशा और हताशा की स्थिति पैदा कर दी है अधिकांश लोगों की आय न्यूनतम स्तर से भी नीचे पहुंच गई है जिसका नतीजा है कि मेहनतकश लोगों के बीच भूखमरी खतरनाक रूप से बढ़ रही है, उन्होंने उपरोक्त हालात के खिलाफ मेहनतकश लोगों से एकजुट होकर संघर्षों को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
 कन्वेंशन को इंटक, एटक, एचएमएस, एआईसीसीटीयू, एआईयूटीयूसी, सेवा, एआईसीसीटीयू, एलपीफ, और स्वतंत्र क्षेत्रवार फेडरेशने/ एसोसिएशनों के राष्ट्रीय नेताओं ने संबोधित किया।
 कन्वेंशन में हिस्सा ले रहे सीटू नेता गंगेश्वर दत्त शर्मा ने बताया कि मजदूरों के राष्ट्रीय सम्मेलन में मेहनतकश लोगों और राष्ट्र को बचाने के लिए एकजुट होकर देशव्यापी अभियान के आह्वान के साथ सम्मेलन संपन्न हुआ है, देशव्यापी अभियान के तहत नवंबर- दिसंबर माह में संयुक्त बैठकों, आम सभाओं, हस्ताक्षर अभियान व जिला व राज्य स्तरीय संयुक्त सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे और जनवरी 2022 में जिला व राज्य स्तरीय धरना प्रदर्शन, रैलीया आदि के माध्यम से जमीनी स्तर तक नीतियों के खिलाफ गहन और व्यापक संयुक्त अभियान चलाकर मजदूरों को दो दिवसीय हड़ताल के लिए तैयार कर 2022 के संसद के बजट सत्र के दौरान दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल की जाएगी।
 कन्वेंशन में नोएडा से सीटू नेता गंगेश्वर दत्त शर्मा, राम स्वारथ के नेतृत्व में दर्जनों सीटू कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।