Sandeshkhali Violence बीते कुछ दिनों से पश्चिम बंगाल का संदेशखाली हिंसा की आग में झुलस रहा है। यहां महिलाओं और गांव के लोगों ने टीएमसी नेता शेख शाहजहां और उनके समर्थकों पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगाया है। महिलाएं लगातार नेता और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार करने की मांग कर रही हैं और लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही हैं।
महिलाओं ने क्या-क्या लगाए आरोप?
तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल में सियासत गरमाई हुई है। पश्चिम बंगाल राजनीतिक दलों के लिए अखाड़ा बन चुका है। भाजपा और टीएमसी के बीच महिलाओं द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है। इस खबर में जानिए कि आखिर संदेशखाली इस वक्त अशांत क्यों है और पूरा मामला क्या है।
कहां से शुरू हुआ मामला?
संदेशखाली की महिलाओं की बात आपको अंदर तक झंकझोर देगी और संदेशखाली का पूरा मामला ED की कार्रवाई के बाद लोगों के सामने आया है। बता दें कि 5 जनवरी को ED के अधिकारियों ने राशन भ्रष्टाचार मामले में संदेशखाली के सरबेड़िया में तृणमूल नेता शेख शाहजहां से पूछताछ करने पहुंचे हुए थे। नेता शेख शाहजहां फरार हो गया था। इस दौरान अधिकारियों पर भी हमले किए गए थे। इसके बाद से ही लोगों ने अपनी आवाज तेज कर दी और खुल कर सामने आ गए। गांव के लोग शेख शाहजहां और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं और अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इन प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल हो रही है।
महिलाओं द्वारा क्या लगाए गए आरोप?
संदेशखाली की महिलाओं ने वहां के टीएमसी नेता शेख शाहजहां और उनके समर्थकों पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगाया। महिलाएं विरोध में प्रदर्शन करने और धरने देने लगीं। आक्रोशित महिलाओं ने शाहजहां के करीबी विश्वासपात्र और टीएमसी नेता शिबू हाजरा के खेत और पॉल्ट्री फॉर्म में आग भी लगा दी। आरोप है कि पॉल्ट्री फॉर्म गांव के लोगों की जमीन छीनकर उसपर अवैध तरीके से बनाया गया। ये कई तरह के अवैध कार्यों का सेंटर था।
संदेशखाली की घटना?
राशन भ्रष्टाचार मामले को लेकर जांच करने पहुंचे ED और केंद्रीय बलों पर 5 जनवरी को हुए हमलों के 33 दिनों के बाद 7 फरवरी को उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में फिर से हंगामा होने लगा। इस बार गांव वालों का विरोध प्रदर्शन तृणमूल समर्थकों के खिलाफ था। इस दौरान गांव वालों और तृणमूल समर्थक के एक गुट के बीच मारपीट की घटना भी सामने आई थी। जानकारी के मुताबिक, केंद्र द्वारा बंगाल को बकाया फंड से वंचित करने का आरोप लगाकर तृणमूल ने संदेशखाली के त्रिमोहानी बाजार में जनजाति समुदाय के एक वर्ग के साथ एक रैली निकाली थी। इसमें शेख शाहजहां के जयकारे लगाने के बाद ही हंगामा शुरू हुआ था।
सड़कों पर क्यों उतरीं महिलाएं?
संदेशखाली में शुरू हुए बवाल ने धीरे-धीरे विकराल रूप ले लिया। विरोध प्रदर्शन के दौरान महिलाएं लाठी-डंडों और बांस के साथ सड़कों पर उतर आईं। महिलाओं की मांग थी कि तृणमूल के स्थानीय नेता शेख शाहजहां, ब्लॉक अध्यक्ष शिवप्रसाद हाजरा और उनके साथी उत्तम सरदार को गिरफ्तार किया जाए।
संदेशखाली की महिलाओं में भयंकर आक्रोश देखने को मिल रहा है। महिलाएं शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग करते हुए फिर से सड़कों पर उतर आईं। आरोप है कि शाहजहां ने पार्टी के नाम पर गांव वालों पर लम्बे समय तक जो अत्याचार किया है। ऐसे में महिलाओं की मांग है कि उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
लगाई गई थी धारा 144
घटना के दो दिन बाद 9 फरवरी की रात से संदेशखाली में धारा 144 लागू कर दी गई थी। इसके बाद से कई दिनों तक संदेशखाली ब्लॉक-2 के 8 ग्राम पंचायत इलाकों में दुकान-बाजार बंद रहे। इंटरनेट सेवाएं भी ठप कर दी गई। संदेशखाली थाना क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए। इलाकों में पुलिस लगातार गश्ती लगा रही है। संदेशखाली जाने वाले सभी मार्गों (जल व सड़क) पर पुलिस कड़ी नजर रख रही है। हालांकि हाईकोर्ट ने संदेशखाली में धारा 144 को खारिज करने का आदेश दिया है। स्थिति अब भी तनावपूर्ण है।
तृणमूल ने आरोपी को पार्टी से किया सस्पेंड
लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन के बाद पार्टी ने शनिवार की सुबह आरोपी उत्तम सरदार को उत्तर 24 परगना जिला परिषद सदस्य और तृणमूल के अंचल अध्यक्ष के पद से 6 साल के लिए सस्पेंड कर दिया। यह घोषणा किए जाने के बाद कुछ ही घंटों में शनिवार देर शाम उत्तम सरदार को पुलिस ने संदेशखाली थाना क्षेत्र से ही गिरफ्तार कर लिया था।
राज्यपाल बोस ने संदेशखाली का किया था दौरा
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने संदेशखाली में अशांत क्षेत्रों का दौरा किया और तृणमूल कांग्रेस के फरार नेता शेख शाहजहां और उसके साथियों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला प्रदर्शनकारियों से बात की थी। इस दौरान राज्यपाल ने महिलाओं को आश्वासन दिया कि उनकी कलाई पर राखी बांधने वाली महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए पूरी मदद की जाएगी।
राज्यपाल ने स्थानीय महिलाओं से कहा कि चिंता मत कीजिए, आपको न्याय जरूर मिलेगा। महिलाओं को कहते सुना गया कि वह अपने लिए शांति और सुरक्षा चाहती हैं। वह और प्रताड़ना नहीं झेल सकती हैं। राज्यपाल ने संवाददाताओं से कहा कि मैंने जो देखा वह भयावह, स्तब्ध करने वाला और मेरी अंतरात्मा को हिला देने वाला था।
6 सदस्यीय पैनल करेगा मामले की जांच
संदेशखाली मामले को लेकर भाजपा और टीएमसी के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। बीजेपी ने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में हिंसा और यौन उत्पीड़न की कथित घटनाओं के बारे में पता लगाने को लेकर एक पैनल का गठन किया है। इसमें केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों के छह सदस्यों को शामिल किया गया है। केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी को उच्च स्तरीय समिति के संयोजक के रूप में नामित किया गया है।
पैनल के अन्य सदस्यों में प्रतिमा भौमिक, भाजपा सांसद सुनीता दुग्गल, कविता पाटीदार, संगीता यादव और बृजलाल शामिल हैं। उन्हें घटनास्थल का दौरा करने, स्थिति का जायजा लेने, पीड़ितों से बात करने और अपनी रिपोर्ट भाजपा पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपने का निर्देश दिया गया है। अधिसूचना में नड्डा ने कहा कि कथित घटनाएं दिल दहला देने वाली हैं।
लाठीचार्ज में प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार हुए घायल
संदेशखाली हुई हिंसा को लेकर, हंगामा लगातार जारी है। संदेशखाली हिंसा के विरोध में वहां जा रहे भाजपा की बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार भी चोटिल हो गए थे। वह पुलिस के साथ हुई झड़प में चोटिल हो गए। संदेशखाली मामले को लेकर पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी। आरोप है कि मामले को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। सुकांत मजूमदार को बशीरहाट मल्टी-फैसिलिटी हॉस्पिटल ले जाया गया था।