चली हवा संग तिरंगा, गूँजे रण का शोर,
सरहद पर बैठे सपूत, आँखों में है जोर।
धरती माँ का व्रत लिया, रखेंगे सम्मान,
नमन तुम्हें हे वीर सपूतों, भारत की पहचान।
गर्म रेत हो या बर्फीला, हो चाहे तूफान,
सीना ताने बढ़ते हैं, मिटने को बलिदान।
हाथों में है बंदूक, दिल में है अरमान,
शांति की खातिर लड़ रहे, करते नहीं गुमान।
चोट लगे तो मुस्काएँ, दर्द कभी न रोयें,
माँ के चरणों में अपने जीवन को वे खोयें।
रक्त से सींचे जो धरा, उसका करें गान,
वीर जवानों के चरणों में, सारा हिंदुस्तान।
सूरज भी शरमाए जब, देखे उनका तेज,
चंदा भी मुस्काए जब, लहराए उनका ध्वज।
वीर जवानों की जय हो, गूँजे आसमान,
उनकी रक्षा में अटल रहे, सारा हिंदुस्तान।
प्रियंका सौरभ