Sahara Protest : बिहार में जन आंदोलन का रूप ले रही सहारा निवेशकों और जमाकर्ताओं की लड़ाई !

ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के बिहार अध्यक्ष मोहित कुमार और राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल सिंह एडवोकेट ने सहारा इंडिया के साथ ही सरकारों को भी दिया है ललकार 

चरण सिंह राजपूत 

वैसे तो देशभर में भुगतान को लेकर निवेशकों और जमाकर्ताओं ने सहारा इंडिया के खिलाफ भी मोर्चा खोल रखा है पर बिहार में यह आंदोलन जनांदोलन का रूप ले रहा है। जिस तरह से भुगतान को लेकर सहारा इंडिया के ऑफिसों के साथ ही जनप्रतिनिधियों को घेरा जा रहा है। जगह-जगह सड़कों पर सहारा के साथ ही शासन और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी हो रही है।  बिहार की राजधानी पटना से लेकर विभिन्न जिलों में युद्ध स्तर पर निवेशकों की लड़ाई लड़ी जा रही है, जिस तरह से ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के पदाधिकारी आग उगल रहे हैं, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि बिहार में निवेशकों और जमाकर्ताओं का यह आंदोलन बड़ी क्रांति करने की ओर है।

भले ही कई संगठन अपने-अपने हिसाब से सहारा इंडिया के खिलाफ आंदोलन कर रहे हों पर गत 15 नवम्बर को जोनल ऑफिस पटना पर जो प्रोटेस्ट हुआ था, उसमें ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा और अखिल भारतीय जन कल्याण मंच के साथ ही दूसरे संगठनों ने जिस तरह से मिलकर एकजुटता का परिचय दिया था उससे सहारा प्रबंधन में हड़कंप है। यही वजह रही कि सहारा प्रबंधन ने एडीएम शशिभूषण कुमार को सेट कर उल्टे आंदोलनकारियों पर ही मामला दर्ज करवा दिया। हालांकि देखावे के रूप में सहारा प्रबंधन के लोगों को भी इस मामले में घसीटा गया। बिहार की स्थिति यह है कि भले ही सहारा इंडिया के दबाव में पुलिस प्रशासन आ जा रहा हो पर आंदोलनकारियों के तेवर लगातार कड़े ही हो रहे हैं। जहां जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के बिहार अध्यक्ष मोहित कुमार पटना के गांधी मैदान में बड़ी रैली करने का दम भर रहे हैं वहीं राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल सिंह भगत सिंह ने सहारा इंडिया  साथ ही राज्य और केंद्र सरकार को भी ललकार दिया है। यह आंदोलन का आत्मविश्वास ही है कि सहारा निवेशक इस आंदोलन को जेपी आंदोलन का रूप देने की बात करने लगे हैं।

दरअसल देश में जितने बड़े आंदोलन हुए हैं उनमें से अधिकतर बिहार में ही हुए हैं। चाहे महात्मा गांधी का सत्याग्रह आंदोलन हो या जेपी आंदोलन या फिर देश की कोई भी बड़ी रैली सभी बिहार से ही हुए हैं। बिहार में पटना के गांधी मैदान का आंदोलनों के मामलों में अपना एक इतिहास है। दरअसल बिहार की धरती आंदोलन के लिए बड़ी उपजाऊ मानी जाती है। यह माना जाता है कि राजनीति और पत्रकारिता दोनों के लिए बिहार का अनुभव अपने आप में बड़ा मायने रखता है। ऐसे ही आंदोलनकारियों के लिए भी यह धरती बड़ी उपजाऊ है। यही वह धरती है जिस पर एक गरीब ब्राह्मण चाणक्य ने नंद वंश को समाप्त करने का संकल्प लिया और उसे समाप्त करके ही दम लिया। सम्राट अशोक भी बिहार की धरती पर ही जन्मे। महात्मा बुद्ध ने भी बिहार की धरती पर ही ज्ञान प्राप्त किया। यह बिहार की ही धरती रही है जिसने एक से बढ़कर एक क्रांतिकारी  और नेता देश को दिये।

अब जब देशभर में सहारा इंडिया ने लोगों से ठगी की है तो ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय देव शुक्ला और जप तप के राष्ट्रीय संयोजक मदन लाल आजाद साथ ही अखिल भारतीय जनकल्याण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमन श्रीवास्तव की अगुआई में  निवेशकों की बड़ी लड़ाई देश में लड़ी जा रही है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, पश्चिमी बंगाल के साथ ही बिहार में तो निवेशक और जमाकर्ता सड़कों पर उतरे हुए ही हैं पर बिहार में इस आंदोलन ने जन आंदोलन का रूप ले लिया है। बिहार में निवेशकों और जमाकर्ताओं ने करो या मरो का नारा दे दिया है। अब देखना यह है कि बिहार में निवेशकों और जमाकर्ताओं का यह आंदोलन क्या गुल खिलाता है।

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *