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Sahara India : राजस्थान बायतु के पनावड़ा में सहारा एजेंट ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में सहारा इंडिया को ठहराया जिम्मेदार

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सहारा-सेबी केस का हवाला देकर निवेशकों का पैसा नहीं दे रहा है सहारा प्रबंधन, निवेशकों ने एजेंटों पर कर रखा है तगादा

नई दिल्ली/जयपुर/बाड़मेर। सहारा इंडिया में एजेंट के रूप में काम कर रहे राजस्थान के बाड़मेर जिले के बायतु पनावड़ा गांव के हेमंत कुमार मेघवाल (35 वर्ष) ने आत्महत्या कर ली है। मेघवाल ने सुसाइड नोट में अपनी मौत का जिम्मेदार सहारा इंडिया कंपनी को बताया है। सुसाइड नोट में मेघवाल ने लिखा है कि वह निवेशकों के पैसा मांगने पर जवाब देता-देता थक गया था। सुसाइड नोट के अनुसार सहारा इंडिया में वह निवेशकों के अटके लाखों रुपये नहीं लौटा पा रहे थे। मेघवाल के आत्महत्या करने की खबर सुनकर सहारा निवेशकों के साथ ही स्थानीय लोगों में गुस्सा देखा जा रहा है। सैकड़ों लोग बायतु सीएचसी के बाहर धरने पर बैठ गये हैं।

मामले को लेकर ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नागेंद्र कुशवाहा ने एक वीडियो जारी कर कार्यकर्ताओं से हिम्मत रखकर परिस्थितियों से लड़ने की बात करते हुए आत्महत्या जैसा कदम न उठाने की अपील की है। जारी वीडियों में नागेंद्र कुशवाहा ने सहारा इंडिया के चेयरमैन सुब्रत राय के साथ ही दूसरे निदेशकों और अधिकारियों पर भड़ास निकालते हुए भुगतान के लिए बड़ी लड़ाई लड़ने की बात कही है।
दरअसल सहारा इंडिया में निवेशकों के करोड़ों रुपये सालों से अटके हैं। सहारा में काम करने वाले लाखों लोग मुसीबत में हैं। मामले से जूझते-जूझते कई कार्यकर्ता आत्महत्या कर चुके हैं। आत्महत्या करने का कारण सहारा इंडिया द्वारा उनका पैसा न न देना बताया जा रहा है । सहारा इंडिया में जो लोग एजेंट बनकर अल्प कमीशन के लिए कंपनी में काम कर रहे थे, वे लोग रुपये नहीं मिलने से निवेशकों के टॉचर से परेशान होकर आत्महत्या कर ले रहे हैं। दरअसल सहारा इंडिया के चेयरमैन सहारा-सेबी विवाद का हवाला देकर एम्बागार्ेे लगने की बात कर रहे हैं। सहारा-सेबी खाते में जमा पैसा मिलने पर निवेशकों के भुगतान की बात कर रहे हैं।

सहारा इंडिया के निवेशकों के प्रति उदासीन रवैये को देखते हुए भुगतान की मांग करते हुए ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष मोर्चा देशभर में सहारा इंडिया के साथ ही सरकारों के खिलाफ भी आंदोलन कर रहा है। अब संगठन ने केंद्र सरकार को टारगेट किया है। 6 फरवरी को देशभर के जिला मुख्यालयों पर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा गया था। इस ज्ञापन में मुख्य रूप से ३ लाख करोड़ राहत पैकेज की मांग केंद्र सरकार से की गई है। उधर ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष मदन लाल आजाद की अगुआई में देशभर की सभी ठगी कंपनियों के खिलाफ आंदोलन चल रहा है। मामला लोकसभा के साथ ही विभिन्न विधानसभाओं में भी उठ चुका है पर निवेशकों का पैसा नहीं मिल पा रहा है।