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Sahara India : फिर भी राजनीति से लेकर बॉलीवुड तक रुतबा रहा है सुब्रत राय का! 

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Sahara India : 1992 में बाबा-ए-रोजगार अवार्ड, 1994 में उद्यम श्री और 2004 में ग्लोबल लीडरशिप अवार्ड प्राप्त कर चुके हैं सहारा के सहारा श्री, सन 2004 में टाइम पत्रिका ने सहारा समूह को भारतीय रेलवे के बाद दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता बताया था।  

Sahara India : समय क्या करा दे कुछ कहा नहीं जा सकता है। कौन फर्स से अर्स पर पहुंच जाये और कौन अर्स से फर्स पर आ गिरे। वजह कुछ भी रही हो पर सहारा ग्रुप में सहारा श्री के नाम से जाने जाने वाले सुब्रत राय की कहानी कुछ ऐसी ही है। देश में सुब्रत राय एक ऐसा नाम है जिन्होंने बहुत कम समय में न केवल बड़ा रुतबा हासिल किया बल्कि बुलंदी भी छूई। बुलंदी भी ऐसी कि राजनीति, खेल और बालीवुड तक अपने नाम का सिक्का चलाया। अब जब समय खराब आया तो वे ही कर्मचारी सामने आकर खड़े हो गये जो कभी लंबी कतारों में पैर छूने के लिए बेताब रहते थे। आज की तारीख में सहारा इंडिया के निवेशक और एजेंट सुब्रत राय पर दो लाख करोड़ से अधिक की देनदारी बताकर देशभर में आंदोलन कर रहे हैं। देशभर में विभिन्न राज्यों के विभिन्न जिलों में सुब्रत राय और दूसरे निदेशकों समेत सहारा के अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज कराई जा रही हैं।

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भले ही देश और विदेश में सुब्रत राय की छीछालेदर हो रही है पर Subrata Roy की कहानी अपने आप में एक अजूबा है। सुब्रत राय देश में एक ऐसा नाम है जिनकी कहानी हर कोई जानना चाहता है। हर किसी की जानने की यह कोशिश होती है कि सुब्रत राय ने आखिर ऐसा क्या किया कि बिना किसी प्रॉफिट के धंधे के वह कुछ ही दिन में बुलंदी पर पहुंच गये। कुछ लोग तो सहारा इंडिया को भारत का स्विस बैंक भी बताते रहे हैं। सुब्रत राय पर नेताओं, ब्यूरोक्रेट्स की ब्लैकमनी को व्हाइट मनी करने का आरोप भी लगता रहा है।  भुगतान को लेकर लड़ाई लड़ रहे निवेशक तो खुलेआम कहते हैं कि सुब्रत राय पर तमाम FIR दर्ज होने के बावजूद उनकी गिरफ्तारी न होने के पीछे भी उनकी शासनिक और प्रशासनिक पकड़ बताते हैं।

 

2016 से अपनी माता के निधन पर पैराल पर जेल से बाहर आये Subrata Roy’s parole 6 साल बाद भी समाप्त न होने की पीछे भी निवेशकों का सुब्रत रॉय की रसूखदार लोगों से पैठ बताई जाती है। न्यूज 15 सहारा इंडिया के खिलाफ होने वाले निवेशकों के प्रोटेस्ट को तो प्रमुखता से दिखा ही रहा है अब सुब्रत राय की कहानी को भी प्रमुखता से दिखाएगा। कैसे सुब्रत राय ने सहारा इंडिया की स्थापना की। कैसे वह पैराबैंकिंग कंपनी से लेकर मीडिया, एयरलाइंस, रीयल एस्टेट, क्यू शॉप और क्रिकेट टीम के स्पॉन्सर बने। कैसे शारजहां में सहारा कप कराया। कैसे बुलंदी पर पहुंचे और कैसे अर्स से फर्स आ गिरे। द न्यूज 15 अपने दर्शकों की जिज्ञासा को देखते हुए सुब्रत राय की कहानी को क्रमवार से दिखाएगा।

दरअसल 10 जून 1948  को बिहार के अररिया जिले में जन्मे सुब्रत राय ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर से 1978 में सहारा इंडिया नाम की कंपनी की शुरुआत की। शुरुआत में सुब्रत राय छोटे-मोटे सामान बेचा करते थे। सुब्रत राय खुद इस Parabanking Company की शुरुआत दो हजार से शुरू करने की बात विभिन्न मंचों से बताते रहे हैं। बताया जाता है कि सुब्रत राय पहले साइकिल से और फिर लंब्रेटा स्कूटर से कलेक्शन करते थे। शुरुआती दिनों में भी सुब्रत राय पर छोटे-मोटे कुछ आरोप लगे थे। बाद में जब उन्होंने कलक्शन के लिए एजेंट रख लिये तो कंपनी आगे बढ़ने लगी।

सुब्रत राय ने एजेंटों से दो रुपये प्रति जमा करवाकर कर्मचारियों से ही कमाने की योजना की शुरुआत गोरखपुर से ही शुरू कर दी थी। आज की तारीख में भुगतान के लिए कर्मचारियों और निवेशकों का आक्रोश झेल रहे सुब्रत राय को किसी समय इंडिया टुडे ने भारत के दस सर्वाधिक शक्ति सम्पन्न लोगों में शामिल किया था। इसे सेटिंग कहें या फिर सुब्रत राय की लोकप्रियता कि 1992 में Baba-e-Rozgar Award, 1994 में उद्यम श्री और 2004 में ग्लोबल लीडरशिप अवार्ड मिला। सन 2004 में टाइम पत्रिका ने सहारा समूह को भारतीय रेलवे के बाद दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता बताया था।

भले ही उनके दुर्दिन होने की बात कही जा रही हो पर सुब्रत राय पुणे वॉरियर्स इंडिया, ग्रॉसवेनर हाउस, MB Valley City, प्लाजा होटल, ड्रीम डाउनटाउन होटल के मालिक होने का गौरव प्राप्त कर चुके हैं। सुब्रत राय एक बंगाली परिवार से संबंध रखते हैं। सुब्रत राय के पिताजी का नाम सुधीर चंद्र राय और माता का नाम छवि राय है । पश्चिमी बंगाल में उनका मूल निवास माना जाता है। उन्होंने कोलकाता के होली चाइल्ड स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद राजकीय तकनीकी संस्थान गोरखपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया था।

व्यवसाय रूप से उनका निवास स्थान लखनऊ रहा है। सुब्रत राय सहारा इंडिया के प्रबंध कार्यकर्ता मतलब Managing Director और चेयरमैन हैं। हालांकि वह अपने को सहारा कर्मियों का अभिभावक बताते रहे हैं। आज भले ही स्थिति कितनी डांवाडोल हो पर सहारा इंडिया भारत की एक बहु व्यापारिक कंपनी मानी जाती है, जिसके कार्य वित्तीय सेवाओं, गृह निर्माण वित्त (हाउसिंग फाइनेंस), म्युचुअल फंडों, जीवन बीमा, नगर विकास, रीयल इस्टेट, अखबार एवं टेलीविजन, फिल्म निर्माण, खेल, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, पर्यटन, उपभोक्ता सामग्री समेत अनेकों क्षेत्रों में फैला हुआ रहा है।  सुब्रत राज्य को लंदन के ग्रॉसनेवर हाउस, मुंबई के लोनावाला में स्थित एमबी वैली सिटी तथा न्यूयार्क के प्लाजा होटल, ड्रीम डाउनटाउन होटल के मालिक होने का भी गौरव प्राप्त है।

राजनीति के क्षेत्र में वैसे तो उनके लगभग सभी नेताओं से संबंध रहे हैं पर Mulayam Singh, Amar Singh से और राजनाथ सिंह तो पारिवारिक संबंध रहे हैं। बॉलीवुड में अमिताभ बच्चन से भी उनके पारिवारिक संबंध रहे हैं। किसी समय अमर सिंह, जया बच्चन, राज बब्बर और कपिल देव सहारा इंडिया के डायरेक्टर थे। सुब्रत राय इन राष्ट्रीय स्तर पर सहारा स्पोर्ट्स मीट भी कराया करते थे। इस मीट में सहारा के कर्मचारी और एजेंट ही हुआ करते थे। खेलों को बढ़ावा देने में सहारा के विशेष योगदान माना जाता है।

क्रिकेट टीम के साथ ही हॉकी, फुटबॉल, कुश्ती बॉक्सिंग को भी सहारा ने बढ़ावा दिया है। Sahara India के Managing Director सुब्रत राय को दोस्ती निभाने वाला व्यक्ति माना जाता है। बताया जाता है कि अभिनय के क्षेत्र में सदी के महानायक माने जाने वाले Amitabh Bachchan को जब एबीसीएल में ज्यादा घाटा हो गया तो अमिताभ बच्चन की आर्थिक स्थिति बड़ी दयनीय हो गई थी। तब सुब्रत राय ने तत्कालीन सपा नेता अमर सिंह के कहने पर अमिताभ बच्चन की 100 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद की थी। तब अमिताभ बच्चन ने सुब्रत राय के बारे में बोला था कि सहारा श्री के उनके घर में आने से उनका घर जगमगा उठा। निवेशकों का सुब्रत राय पर यही आरोप है कि उन्होंने उनकी खून पसीने की कमाई को अपने संबंध बनाने और अय्याशी करने और नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स को कराने में लगा दी।