गौरतलब है कि रूसी सैनिकों ने चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र पर कब्जा कर लिया। इसको लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के सलाहकार मायहेलो पोडोयक ने एक बयान जारी कर इसकी पुष्टि की
द न्यूज 15
नई दिल्ली । रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग में रूस काफी आक्रामक नजर आ रहा है। बता दें कि यूक्रेन में अबतक 137 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं इस हमले में 316 लोग घायल बताए जा रहे हैं। इन मौतों में यूक्रेनी सैनिक और नागरिक दोनों शामिल हैं। इस पूरे मामले में भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने कहा है कि भारत का रूख निराश करने वाला रहा।
बता दें कि राजदूत ने कहा कि रूसी आक्रमण पर भारत की स्थिति से कीव “काफी असंतुष्ट” है। भारत के समर्थन को लेकर उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि इस मुद्दे पर दुनिया के कितने देश रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात कर रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी की स्थिति मुझे आशावादी बनाती है।”
उन्होंने कहा, “भारतीय विदेश मंत्री का कहना था कि भारत यूक्रेन में हो रही घटनाओं का बारीकी से अनुसरण कर रहा है। लेकिन हम ताजा स्थिति से बेहद असंतुष्ट हैं। इसका क्या मतलब है? लोगों मारे जा रहे हैं, इसकी संख्या बढ़ सकती है। जब सैकड़ों हजारों मारे जाएंगे, तो क्या होगा? हम इंतजार कर रहे हैं। हम भारत की तरफ से मजबूत आवाज उठाने के लिए गुहार लगा रहे हैं।
यूक्रेन के मेडिकल कॉलेजों में बड़ी संख्या में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों का जिक्र करते हुए पोलिखा ने कहा कि इन भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए भी भारतीय हस्तक्षेप की जरूरत है।
पोलिखा ने कहा, “यूक्रेन 20,000 से अधिक भारतीय छात्र हैं। आपके नागरिकों की भलाई और उनकी सुरक्षा करना हमारा भी काम है। भारत के अनुरोध के तुरंत बाद हमने मदद भारतीयों की सहायता करने का प्रयास किया। अब दुर्भाग्य से यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद कर दिया गया है। मैंने यूक्रेन में रहने वाले बहुत से भारतीयों से सीधे बात की।
उन्होंने कहा, “वे कोई शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। और इस मामले में न केवल यूक्रेन के लिए बल्कि आपके नागरिकों के लिए भी, शक्तिशाली विश्व नेता मोदी जी सहित हम सभी को इस आक्रामकता को रोकने के लिए हर दबाव, हर संभव प्रयास करना चाहिए।”
पोलिखा ने कहा कि मेरा मानना है कि रूस के साथ भारत के रिश्ते और प्रधानमंत्री मोदी की छवि से इस मामले में भारत सार्थक हस्तक्षेप कर सकता है। हम इस संकट की स्थिति में भारत सरकार के अधिक अनुकूल रवैये की उम्मीद कर रहे हैं।
रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले को लेकर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बृहस्पतिवार को कहा था कि डोनबास क्षेत्र के लोगों की रक्षा के लिए यह सैन्य अभियान शुरू किया गया था। हमारे पास और कोई विकल्प नहीं बचा था। वहीं दूसरे देशों को साफ शब्दों आगाह किया कि अगर कोई देश रूस की कार्रवाई में हस्तक्षेप करेगा तो इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे।